JEE Main NEET 2020 परीक्षा को लेकर उच्चतम न्यायालय आज करेगा विचार
छह गैर-भाजपा शासित राज्यों की पुनर्विचार याचिका पर आज सुनवाई
धर्म नगरी / DN News (W.app-6261868110)
नीट और जेईई की प्रत्यक्ष परीक्षाओं के आयोजन की अनुमति देने संबंधी 17 अगस्त के आदेश पर पुनर्विचार के लिये छह गैर-भाजपा शासित राज्यों के मंत्रियों की याचिका पर उच्चतम न्यायालय आज विचार करेगा। इन मंत्रियों का दावा था, उच्चतम न्यायालय छात्रों के जीने के अधिकार को सुरक्षित करने में विफल रही है और उसने कोविड-19 महामारी के दौरान परीक्षाओं के आयोजन में आने वाली समस्याओं को अनदेखा किया है।
राष्ट्रीय परीक्षा एजेन्सी (NTA), जो दोनों परीक्षाओं का आयोजन करती है, JEE मुख्य परीक्षा एक से छह सितंबर तक आयोजित कर रही है, जबकि NEET की परीक्षाओं का आयोजन 13 सितंबर को होगा।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की तीन सदस्यीय पीठ चैंबर में पुनर्विचार याचिका पर विचार करेगी। पुनर्विचार याचिकाओं पर सामान्यतया पीठ के सदस्यों द्वारा न्यायाधीश चैंबर में ही सर्कुलेशन के माध्यम से विचार होता है, जिसमे निर्णय होता है कि क्या यह विचार योग्य है या नहीं ? शीर्ष अदालत का 17 अगस्त यह आदेश अब एक राजनीतिक मुद्दा बन गया है और छह गैर भाजपा शासित राज्यों के मंत्रियों ने इस पर पुनर्विचार के लिए याचिका दायर की है।
पश्चिम बंगाल के मलय घटक, झारखंड के रामेश्वर ओरांव, राजस्थान के रघु शर्मा, छत्तीसगढ़ के अमरजीत भगत, पंजाब के बी एस सिद्धू और महाराष्ट्र के उदय रवीन्द्र सावंत याचिका दायर करने वालों में सम्मिलित हैं।
---------------- -----------------------------------
धर्म नगरी / DN News (W.app-6261868110)
नीट और जेईई की प्रत्यक्ष परीक्षाओं के आयोजन की अनुमति देने संबंधी 17 अगस्त के आदेश पर पुनर्विचार के लिये छह गैर-भाजपा शासित राज्यों के मंत्रियों की याचिका पर उच्चतम न्यायालय आज विचार करेगा। इन मंत्रियों का दावा था, उच्चतम न्यायालय छात्रों के जीने के अधिकार को सुरक्षित करने में विफल रही है और उसने कोविड-19 महामारी के दौरान परीक्षाओं के आयोजन में आने वाली समस्याओं को अनदेखा किया है।
राष्ट्रीय परीक्षा एजेन्सी (NTA), जो दोनों परीक्षाओं का आयोजन करती है, JEE मुख्य परीक्षा एक से छह सितंबर तक आयोजित कर रही है, जबकि NEET की परीक्षाओं का आयोजन 13 सितंबर को होगा।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की तीन सदस्यीय पीठ चैंबर में पुनर्विचार याचिका पर विचार करेगी। पुनर्विचार याचिकाओं पर सामान्यतया पीठ के सदस्यों द्वारा न्यायाधीश चैंबर में ही सर्कुलेशन के माध्यम से विचार होता है, जिसमे निर्णय होता है कि क्या यह विचार योग्य है या नहीं ? शीर्ष अदालत का 17 अगस्त यह आदेश अब एक राजनीतिक मुद्दा बन गया है और छह गैर भाजपा शासित राज्यों के मंत्रियों ने इस पर पुनर्विचार के लिए याचिका दायर की है।
पश्चिम बंगाल के मलय घटक, झारखंड के रामेश्वर ओरांव, राजस्थान के रघु शर्मा, छत्तीसगढ़ के अमरजीत भगत, पंजाब के बी एस सिद्धू और महाराष्ट्र के उदय रवीन्द्र सावंत याचिका दायर करने वालों में सम्मिलित हैं।
----------------
☞ अपील-
"धर्म नगरी" को मिलने वाले शुभकामना या किसी प्रकार के सहयोग / विज्ञापन से हम संबंधित व्यक्ति, आश्रम, संस्था के नाम से प्रतियां भेजते हैं, क्योंकि धर्म नगरी का प्रकाशन पूर्णतः अव्यावसायिक है।
☞ प्रकाशन में आर्थिक समस्या हो रही है, क्योकि किसी भी सरकार से हमे कोई सहयोग नहीं मिल रहा है, इसलिए हमें राष्ट्रवादी व सनातन-प्रेमियों से आर्थिक सहयोग की अपेक्षा है। "धर्मं नगरी" तथा "DN News" के विस्तार एवं अयोध्या, वृन्दावन, हरिद्वार में स्थाई कार्यालय खोलना एवं स्थानीय रिपोर्टर / प्रतिनिधि नियुक्त करना है।
☞ निर्बाध प्रकाशन व आर्थिक संरक्षण हेतु हमे एक "संपादक" की आवश्यकता है। कृपया अपना सहयोग (दान) केवल "धर्म नगरी" के चालू खाते नंबर- 325397 99922, स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया (SBI) IFS Code- CBIN0007932, भोपाल के माध्यम से भेजें।



Post a Comment