‘मामा’ अपने भांजे-भांजियों, बहनों का राशन खा गए : पूर्व सांसद मुंजारे
"केवल 8 जिलों में जांच हुई, जिसमें 110 करोड़ 83 लाख रु घोटाला हुआ"
भोपाल। मध्य प्रदेश में ‘टेकहोम राशन योजना’ को लेकर केवल 8 जिलों में हुई जांच में 110 करोड़ 83 लाख रु के घोटाले का पर्दाफास हुआ है। इसमें जांच केवल 25 प्रतिशत की हुई है। अगर पूरे प्रदेश में जांच हो, तो हजारों करोड़ का घोटाला सामने आ जाएगा। एक ऐसा घोटाला हुआ, ये बड़ा मामला है जिसमें ‘मामा’ ही अपने भांजे-भांजियों, बहनों का राशन खा गए। ऑडिटर जनरल की रिपोर्ट में मप्र महिला एवं बाल विकास मंत्रालय विभाग, जिसके मंत्री स्वयं मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान हैं, सीधे तौर से दोषी हैं।
ये आरोप बालाघाट (मप्र) के पूर्व लोकसभा सांसद कंकर मुंजारे ने आज (14 सितंबर) एक प्रेसवार्ता में लगाया। उन्होंने कहा, मामले की गंभीरता को देखते हुए मैंने सीबीआई की मांग की है। सीबीआई या ईडी से मामले की जाँच हो, सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में जांच हो। शिवराजसिंह चौहान को बर्खास्त किया जाए, ताकि निष्पक्ष जांच हो सके। मामले को निर्णायक मोड़ तक ले जाने हम इसे मामले को लोकसभा में भी उठवाएंगे।
उन्होंने कहा, रिपोर्ट में सामने आया, कि कई मीट्रिक टन पोषण आहार कागजों में ट0क में परिवहन बताया गया, लेकिन जांच में मोटरसाइकिल, ऑटो रिक्शा, कार, टेंकर मं परिवहन करना पाया गया। रिपोर्ट के अनुसार, बेस लाईन सर्वे अप्रैल 2018 तक होना था, लेकिन फरवरी 2021 में भी पूरा नहीं किया गया। स्कूली बच्चों के लिए महत्वाकांक्षी मुफ्त भोजन योजना के उत्पादन, परिवहन, वितरण और गुणवत्ता नियंत्रद्धण में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी और भ्रष्टाचार किया गया।
क्या कहा पूर्व सांसद ने, सुनें-
सांसद मुंजारे ने कहा, मुख्यमंत्री पद से शिवराजसिंह को इस्तीफा दे देना चाहिए, अगर उनमें जरा भी नैतिकता हो। उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री के इस्तीफा देने के बाद ही इसमें निष्पक्ष जांच हो सकती है। इसलिए हम इस मामले को लेकर राष्ट्रपतिजी से भी मिलेंगे। मध्य प्रदेश में लगातार घोटाले हो रहे हैं, जो शिवराजसिंह के कार्यकाल में ही ज्यादा हो रहे हैं।
उन्होंने कहा, रिपोर्ट में सामने आया, कि कई मीट्रिक टन पोषण आहार कागजों में ट0क में परिवहन बताया गया, लेकिन जांच में मोटरसाइकिल, ऑटो रिक्शा, कार, टेंकर मं परिवहन करना पाया गया। रिपोर्ट के अनुसार, बेस लाईन सर्वे अप्रैल 2018 तक होना था, लेकिन फरवरी 2021 में भी पूरा नहीं किया गया। स्कूली बच्चों के लिए महत्वाकांक्षी मुफ्त भोजन योजना के उत्पादन, परिवहन, वितरण और गुणवत्ता नियंत्रद्धण में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी और भ्रष्टाचार किया गया।
क्या कहा पूर्व सांसद ने, सुनें-
सांसद मुंजारे ने कहा, मुख्यमंत्री पद से शिवराजसिंह को इस्तीफा दे देना चाहिए, अगर उनमें जरा भी नैतिकता हो। उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री के इस्तीफा देने के बाद ही इसमें निष्पक्ष जांच हो सकती है। इसलिए हम इस मामले को लेकर राष्ट्रपतिजी से भी मिलेंगे। मध्य प्रदेश में लगातार घोटाले हो रहे हैं, जो शिवराजसिंह के कार्यकाल में ही ज्यादा हो रहे हैं।
उन्होंने कहा, पोषण आहार को लेकर कहा, मध्य प्रदेश में आज हालत बहुत गंभीर है, क्योंकि मप्र में शिशु मृत्यु-दर, महिलाओं की प्रसूता दर सबसे अधिक है। उन्होंने कहा, बीते दिनों वह पन्ना गए, जहां चार आदिवासी बच्चे कुपोषण से मर गए। मैं खुद गया था वहां। पन्ना कलेक्टर के बंगले के बिल्कुल पीछे चादमारी करके गांव है, वहां की ये हालत है। सतना में वहीं हालत है, बालाघाट, मंडला में भी वही हालत है।
रेत माफिओं को खिलाफ कार्यवाही के प्रश्न पर पूर्व सांसद मुंजारे ने कहा, कार्यवाही तो नहीं हो पाई जितना होना चाहिए था, क्योंकि भोपाल से ही रेत माफियाओं को संरक्षण मिला हुआ है।
रेत माफिओं को खिलाफ कार्यवाही के प्रश्न पर पूर्व सांसद मुंजारे ने कहा, कार्यवाही तो नहीं हो पाई जितना होना चाहिए था, क्योंकि भोपाल से ही रेत माफियाओं को संरक्षण मिला हुआ है।
नर्सिंग कालेजों की मान्यता क्यों दी, फिर रद्द क्यों किया ?
स्वास्थ्य शिक्षा विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार पर गंभीर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा, लगभग 99 नर्सिंग कालेजों की मान्यता रद्द की गई। सरकार को बताना चाहिए, कि इन कालेजों ने किस आधार पर पहले मान्यता दी और अब जाँच टीम ने क्या पाया, इसको भी सार्वजनिक करना चाहिए। विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार पर आलोचना करते हुए उन्होंने कहा, रजिस्ट्रार नर्सिग के पद पर महिला एवं निशांत बरवड़े की क्या भूमिका रही, मामले में मंत्री कितना लिप्त है, मामला उजागर होते ही निशांत बरवड़े स्टडी लीव पर विदेश कैसे चले गए ? इन बिन्दुओं की भी गंभीरता से जांच होनी चाहिए अन्यथा हमारे पर कोर्ट के दरवाजे खुले हुए हैं।
डंपर घोटाले से शुरू राजनीति पोषण आहार घोटाले तक जारी है
सांसद ने कहा, मुझे ऐसी सूचना मिली है, कि नर्मदा तट पर एक करोड़ वृक्षारोपड़ के तहत एक बड़ा घोटाला हुआ है। मेरी सूचना के अनुसार, देश का गृह मंत्रालय उसकी जांच करा रहा है। तो लगातार घोटालों में घिरी सरकार भ्रष्टाचारों पर लीपा-पोती करने के बजाय मुख्यमंत्री अपने पद से इस्तीफा दें, क्योंकि डंपर घोटाले से शुरू हुई राजनीति पोषण आहार के घोटाले तक सतत जारी है।
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