#नवरात्रि : ग्रह शांति के लिए करें उपाय


माता के स्वरूप में छिपा है रहस्य...  
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वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्‌। 
वृषारूढां  शूलधरां  शैलपुत्रीं  यशस्विनीम्‌ ।।  
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शारदीय नवरात्र सोमवार (26 सितंबर) से आरंभ होगा। माता गज पर सवार होकर स्वर्गलोक से पृथ्वी लोक आएंगी। भक्तों का कल्याण करने घर में विराजमान होंगी। सनातन धर्मावलंबी घरों में घट की स्थापना करके विधि-विधान से पूजन करेंगे। पहले दिन मां के शैलपुत्री स्वरूप का पूजन किया जाएगा। वहीं, देवी मंदिरों में अखंड ज्योति जलाकर नौ दिनों तक राष्ट्र एवं सनातन कल्याण के लिए शतचंडी यज्ञ किया जाएगा। 

नौ दिनों में देवी दुर्गा के स्वरूपों की पूजा की जाती है। माता के नौ स्वरूपों का अलग-अलग महत्व, श्रृंगार, विशेषताएं होती हैं। ज्योतिषाचार्य के अनुसार, माता के प्रत्येक स्वरूप में ग्रह का नियंत्रण होता है। अतः उनके अलग-अलग स्वरूपों की पूजा से संबंधित ग्रह के दोष दूर होते हैं-
मां शैलपुत्री-
माँ शैलपुत्री दुर्गा जी के नौ स्वरूपों का पहला स्वरूप है। शैलपुत्री का स्वरुप चंद्रमा को दर्शाता है। इसलिए इनकी पूजा से जातक के चंद्रमा से संबंधित दोष दूर हो जाते हैं।
माँ ब्रह्मचारिणी-
माता दुर्गा के द्वितीय स्वरूप- मां ब्रह्मचारिणी को मंगल ग्रह को नियंत्रित करने वाला माना जाता है। अतः इस स्वरूप की पूजा करने से व्यक्ति के मंगल ग्रह के बुरे प्रभाव कम हो जाते हैं।
माँ चंद्रघंटा-
आदिशक्ति दुर्गा जी के तीसरे स्वरूप माँ चंद्रघंटा शुक्र ग्रह को नियंत्रित करती हैं। शुक्र से पीड़ित जातकों को देवी के इस स्वरूप की पूजा करना शुभ होता है।
माँ कूष्माण्डा
चौथा स्वरूप देवी कुष्मांडा सूर्य से संबंधित होता है। किसी जातक को सूर्य से संबंधित परेशानियां या सूर्य दोषों से मुक्त होना है तो मां कुष्मांडा की पूजा फलदायी होती है।
माँ स्कंदमाता
नवरात्रि के पांचवें दिन का स्वरूप देवी स्कंदमाता बुध ग्रह को नियंत्रित करती हैं। इसलिए इस दिन पूजा करने से व्यक्ति के बुध ग्रह के बुरे प्रभावों से मुक्ति मिलती है।
माँ कात्यायनी
छठे दिन देवी दुर्गा के माँ कात्यायनी स्वरुप वृहस्पति से संबंधित है, अतः उनको पूजने से वृहस्पति के बुरे प्रभावों से मुक्ति मिलती है।
माँ कालरात्रि
सातवें दिन माँ कालरात्रि के स्वरूप की पूजा करने से शनि के दुष्प्रभावों से मुक्ति मिलती है।
माँ महागौरी
आठवें स्वरूप माता महागौरी की पूजा से राहु से संबंधित बुरे प्रभावों को कम करते हैं, क्योंकि माँ का यह स्वरूप राहु को नियंत्रित करता है।
माँ सिद्धिदात्री
माता का नौवा स्वरूप देवी सिद्धिदात्री का है, जो केतु को नियंत्रित करती हैं। देवी सिद्धिदात्री की पूजा से केतु के बुरे प्रभावों से मुक्ति मिलती है।

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नवरात्रि में व्रत रखने वालों को, साधकों को क्रोध या लोभ नहीं करना चाहिए। कन्या, माता-पिता और ब्राह्मणों का सम्मान करते हुए दीन-दुखियों की सेवा करना चाहिए। माँ को अर्पित होने सामग्री का चयन सावधानीपूर्वक करना चाहिए। मनोकामना (यदि कोई है तो) के अनुरूप अर्पित सामग्री भक्तों की मनोकामना पूरी करने में सहायक होती है। साधकों को भगवती की उपासना के साथ नवग्रहों की पूजा कर उनके दोष से मुक्ति मिलती है। पूजन के लिए वेदी बनाकर, उस पर श्वेत रंग का वस्त्र बिछाकर उस पर चावल से ही ग्रहों का प्रतीक बनाएं। इसके बाद पान, सुपाड़ी, लौंग, इलायची, सिंदूर अर्पित कर ग्रहों के बीज मंत्रों का 108 बार जाप करें। ऐसा करने से कष्ट से मुक्ति मिलेगी।

मंत्र (जाप करने हेतु)-
मंगल के लिए ॐ हूं श्रीं भौमाय नम:

राहु के लिए ॐ ऐं ह्नीं राहुवे नम:

गुरु के लिए ॐ ह्नीं क्लीं हूं वृहस्पतये नम:

शनि के लिए ॐ ऐं ह्नीं श्रीं शनैश्चराय नम:

बुध के लिए 
ॐ ऐं ह्नीं श्रीं बुधाय नम:

केतु के लिए 
ॐ ह्नीं ऐं केतवे नम:

शुक्र के लिए 
ॐ ह्नीं श्रीं शुक्राय नम:

सूर्य के लिए 
ॐ ह्नीं ह्नौं सूर्याय नम:

चंद्रमा : 
ॐ ऐं क्लीं सोमाय नम:
Disclaimer : उक्त जानकारियां ज्योतिर्विदों, कर्मकांडी विद्वानों, धार्मिक आस्था एवं लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। 

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प्रयागराज का दशहरा विश्व-प्रसिद्ध है अपनी श्रृंगार, लाइट व जड़ाऊ चौकियों एवं "रामदल" के कारण 
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सोशल_मीडिया में प्रतिक्रिया... 
#नवरात्रि #दुर्गा_पूजा
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वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्‌।
वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्‌ ।।
देवी शैलपुत्री की आराधना के साथ आज से नवरात्रि का शुभारंभ हो रहा है। मेरी कामना है कि उनकी कृपा से हर किसी का जीवन सुख, सौभाग्य और आरोग्य से परिपूर्ण हो। -@narendramodi Prime Minister (8:03 AM · Sep 26, 2022)
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शक्ति की उपासना के पावन पर्व 'शारदीय नवरात्रि' की समस्त प्रदेश वासियों एवं श्रद्धालुओं को हार्दिक शुभकामनाएं। जगज्जननी माँ भगवती सभी का जीवन सुख-शांति, समृद्धि व आरोग्यता से अभिसिंचित करें। माँ की कृपा से लोक-मंगल का मार्ग प्रशस्त हो।
जय माता दी!
माँ भगवती की आराधना के पावन पर्व 'शारदीय नवरात्रि' के प्रथम दिवस पर माँ शैलपुत्री से प्रार्थना है कि हम सभी को दृढ़ता, आरोग्यता व सुखमय जीवन प्रदान करें।
जय माँ शैलपुत्री ! -@myogiadityanath CM, Uttar Pradesh (6:27 AM · Sep 26, 2022)  
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शिवरूपा  वृष  वहिनी  हिमकन्या  शुभंगिनी,
पद्म त्रिशूल हस्त धारिणी, रत्नयुक्त कल्याण कारीनी।
#Navratri के प्रथम दिन मां अम्बे के प्रथम रूप मां शैलपुत्री के चरणों में यही प्रार्थना कि हे मैया सबका मंगल और कल्याण करो। रोग, शोक, भय, दु:ख से मुक्त करो।
जय मां अम्बे !! -@ChouhanShivraj CM, Madhya Pradesh (9:07 AM · Sep 26, 2022)
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