Loan Moratorium यानी EMI में छूट केस में SC ने कहा-

"आम जनता की दिवाली आपके हाथ"


(धर्म नगरी / डीएन न्यूज) वाट्सएप- 6261868110  

"...सरकार को जनता की तकलीफ समझनी चाहिए। लोग जानते हैं कि सरकार ने उनके पक्ष में निर्णय लिया है, लेकिन उन्हें कुछ ठोस कदम की दरकार है। सरकार की ओर से देरी सही नहीं है। ...आम जनता की दिवाली सरकार के हाथ में है। इस संबंध में अपने निर्णय को जल्द लागू करते हुए सरकार लोगों को राहत दे..." -न्यायमूर्ति गण, सुनवाई में 

लोन मोरेटोरियम (Loan Moratorium) के अंतर्गत लोगों को कोरोना महामारी और लॉकडाउन काल में आम नागरिक को सुविधा देने सरकार की ओर से लोगों को ईएमआई भरने से छूट दी गई थी, लेकिन ब्याज पूरा वसूला गया था। इसी लोन मोरेटोरियम या EMI में छूट को लेकर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को अहम सुनवाई हुई। सुनवाई जस्टिस अशोक भूषण के अध्‍यक्षता वाली तीन सदस्‍यों की पीठ कर रही है। अगली सुनवाई दो नवंबर को तय की गई है। 

लोन मोरेटोरियम केस में सरकार की ओर से ब्याज पर ब्याज से छूट का निर्णय लागू करने में हो रही देरी पर सुप्रीम कोर्ट ने असंतोष जताया है। बुधवार को पीठ ने कहा, दो करोड़ रुपए तक के लोन के मामले में ब्याज पर ब्याज में छूट का सरकार का फैसला स्वागतयोग्य है, लेकिन अधिकारियों ने इस संबंध में कोई आदेश जारी नहीं किया है। अपना निर्णय सरकार जल्द से जल्द लागू करे। 

निर्णय अच्छा, लेकिन कोई आदेश नहीं- 

केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पीठ ने कहा, आपका निर्णय अच्छा है, लेकिन आपने इस संबंध में कोई आदेश जारी नहीं किया है। केवल कोर्ट को शपथ-पत्र दिया है। अब हमारी चिंता यह है कि इस छूट का लाभ लोगों को कैसे मिलेगा।

इस पर मेहता ने कहा, जब सरकार किसी शपथ-पत्र में कहती है कि यह किया जाएगा, तो उसमें कोई संदेह नहीं रह जाता है। लोन अलग-अलग तरह के हैं, इसलिए उनके लिए कुछ प्रक्रियाएं जरूरी हैं।" उन्होंने कहा कि बैंक ब्याज पर ब्याज में यह छूट देंगे और सरकार उसकी भरपाई करेगी। बैंकों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि सरकार का जो भी फैसला होगा, बैंक उसे लागू करेंगे। 

उल्लेखनीय है, Loan Moratorium की अवधि 31 अगस्त को समाप्त हो चुकी है। अभी ब्याज पर ब्याज का मामला सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रखा गया है। प्रश्न यही है कि क्या लोगों को ब्याज पर ब्याज से राहत मिलेगी ?

पिछली सुनवाई में कहा था ब्याज माफी पर-

पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने 12 अक्टूबर तक केंद्र सरकार को अपना पक्ष रखने को कहा था। तब केंद्र की ओर से कहा था, कि 2 करोड़ रुपए तक के लोन पर ब्याज पर ब्याज माफ किया जाए। इस पर सर्वोच्च अदालत ने कहा था कि केंद्र सरकार ब्याज में जो राहत देने की बात कर रही है, उसमें आरबीआई की ओर से किसी प्रकार का दिशा-निर्देश नहीं दिया गया था। वहीं आरबीआई ने अपने जवाब में कहा था कि आगे और राहत देना संभव नहीं है। इस बीच सरकार ने केंद्र सरकार ने ब्याज माफी के प्रभाव का आकलन करने के लिए पूर्व नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) राजीव मेहरिशी की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था।

Loan Moratorium न लेने वालों को कैश बैक !

केंद्र सरकार Loan Moratorium यानी EMI में छूट का लाभ नहीं उठाने वालों को गिफ्ट देने का मन बना रही है, ऐसा समाचार भी आया, कि सरकार ऐसे लोगों को कैशबैक देने पर विचार कर रही है।  Loan Moratorium की अवधि के लिए ब्याज पर छूट का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। सरकार का मानना है, यदि सुप्रीम कोर्ट ब्याज में छूट का फैसला सुनाता है तो जिन लोगों ने Loan Moratorium का फायदा नहीं उठाया, उनके लिए गिफ्ट का विचार करेगी।

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