पाकिस्तान की क्या जरूरत, महबूबा और फारुख हैं न !
सरकार से मिले बंगले में, सरकारी खाने को खाकर, सरकारी लॉन में बैठकर, सरकार और संविधान को पानी पी-पीकर कोसने वाले नेताओं को अब सबक सिखाना चाहिए
(धर्म नगरी / डीएन न्यूज) वाट्सएप- 6261868110
भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुरुपयोग इस कदर बढ़ गया है, कि लोग अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ में अब जिम्मेदार संवैधानिक पदों पर रहे लोग भी खुल्लम खुल्ला देश तोडऩे की बात करने लगे हैं। भारत का शत्रु देश है पाकिस्तान, जिसकी करतूतें दुनियाभर में किसी से छिपी नहीं हैं। दिक्कत तब आती है, जब देश के नागरिकों के टैक्स के पैसे से, सरकारी संसाधानों के सुख-सुविधा से और देश में ही रहते हुए ये पाकिस्तान की भाषा बोलने वाले लोग देश तोडऩे की बात करते हैं। आम नागरिक स्तब्ध होकर देश की सरकार की ओर देखता है और सोचता है, कि ये अभिव्यक्ति की कैसी आजादी है ?
चन्द सेकुलर जमात के लोग जब इनके सुर में सुर मिलाते हैं, तथाकथित मीडिया के लोग उनके साथ शामिल हो जाते हैं, तब निश्चित ही इस देश के आम नागरिक का खून खौल उठता है। वह अपेक्षा करता है, कि सरकार उनके खिलाफ कड़े कदम जरूर उठाएगी। भारत के संविधान में देशद्रोह के लिए या देशद्रोही भाषा बोले जाने पर आम नागरिक भी उन देशद्रोहियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा सकता है। धारा-370 हटने के बाद महबूबा मुफ्ती और फारुख अब्दुल्ला के बयानों को लेकर देश में भारी गुस्सा है। देश के अलग-अलग हिस्सों में लोग उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा रहे हैं।
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कश्मीरी हिन्दू हर साल 19 जनवरी को करते हैं विरोध |
वहीं, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा था, कि भारत सरकार द्वारा अनुच्छेद-370 को हटाना जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ धोखा है। जम्मू-कश्मीर का भरोसा टूट गया है। भारत सरकार के इस फैसले से भयानक दुष्परिणाम सामने आएंगे। फारुख अब्दुला ने पिछले दिनों बेहद विवादास्पद बयान दिया, कि हमने 370 हटाने को कभी स्वीकार नहीं किया। उन्होंने उम्मीद जताई, कि चीन की कोशिशों से 370 फिर से बहाल होगी। फारुख ने आगे कहा, चीन लद्दाख में जो कुछ भी कर रहा है, वो 370 हटाने के कारण है। हम चीन की मदद से ही धारा-370 और धारा 35-ए दोबारा बहाल कराएंगे। उन्होंने कहा, हमें ये कबूल नहीं है, जबतक आप 370 को हटाएंगे नहीं, हम तक तब रुकने वाले नहीं हैं। इसको लेकर सोशल मीडिया में घमासान मच गया।
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उमर , महबूबा, फारुख सरकारी बंगले में |
कल रात उमर अब्दुल्ला, फारुख अब्दुल्ला, जो कि एक-दूसरे के धुर और कड़े विरोधी हैं, एक-दूसरे से गले मिले और 370 हटाने की मांग करते हुए भारत के खिलाफ बयान दिया। देश की जनता इनके बयानों से बहुत ज्यादा आहत है। तथाकथित जन्नत से आने वाले जहरीले बयान न केवल देश में गुस्सा भर रहे हैं, बल्कि सरकार को भी सीधी चुनौती देते हुए आड़े हाथों ले रहे हैं। ये तीनों सियासी चेहरे और इनके साथ तमाम विरोधी दल के नेता बैठक करना शुरू कर चुके हैं और लगातार भारत विरोधी बयान जारी कर रहे हैं। ये समय है, जब देशद्रोहियों को सबक सिखाया जाना देश की मांग हो गई है।
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