कृषि कानून पर लोकसभा में विपक्ष का फिर हंगामा, राज्यसभा में कृषि ने कहा...
"किसान यूनियनों ने ऐसा कोई प्रावधान नहीं बताया, जो उन्हें लगता है कि विवादास्पद"
लोकसभा की कार्यवाही कृषि कानूनों को लेकर विपक्ष के हंगामे के बीच शाम छह बजे तक स्थगित कर दी गई है। आज जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई, कांग्रेस, डीएमके पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, वामदल, समाजवादी पार्टी और अन्य विपक्षी दलों के सदस्य अध्यक्ष के आसन के सामने आ गए और सरकार विरोधी नारेबाजी करने लगे। जिस पर अध्यक्ष ओम बिड़ला ने नारेबाजी कर रहे सदस्यों से शांत होने को कहा। अध्यक्ष ने देश के वैज्ञानिकों को कोविड-19 वैक्सीन बनाने के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि वैज्ञानिकों ने कम समय में इसे विकसित कर देश का नाम रोशन किया है।
सदन में हंगामे के बीच ही अध्यक्ष ने प्रश्नकाल के संचालन की कोशिश की। इस दौरान सदस्यों ने स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़े प्रश्न किए, जिनका उत्तर स्वास्थ्यमंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने दिया। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि देश में विकसित वैक्सीन की आपूर्ति के लिए 22 देशों से आग्रह प्राप्त हुआ है, जिनमें से 15 देशों को इसकी सप्लाई भेजी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि इस साल के बजट में टीकाकरण अभियान के लिए 35 हजार करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा गया है। हालांकि इस दौरान सदन में शोर-शराबा जारी रहा, जिसके कारण सभा अध्यक्ष ने छह बजे तक के लिए कार्यवाही स्थगित करने की घोषणा की।
राज्यसभा में आज (5 फरवरी)...
सदन में हंगामे के बीच ही अध्यक्ष ने प्रश्नकाल के संचालन की कोशिश की। इस दौरान सदस्यों ने स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़े प्रश्न किए, जिनका उत्तर स्वास्थ्यमंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने दिया। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि देश में विकसित वैक्सीन की आपूर्ति के लिए 22 देशों से आग्रह प्राप्त हुआ है, जिनमें से 15 देशों को इसकी सप्लाई भेजी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि इस साल के बजट में टीकाकरण अभियान के लिए 35 हजार करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा गया है। हालांकि इस दौरान सदन में शोर-शराबा जारी रहा, जिसके कारण सभा अध्यक्ष ने छह बजे तक के लिए कार्यवाही स्थगित करने की घोषणा की।
![]() |
संसद (राज्यसभा) |
राज्यसभा में आज (5 फरवरी) राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर आगे चर्चा शुरू हुई। चर्चा में भाग लेते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, किसान यूनियनों के साथ कई बार की वार्ता के बावजूद किसी भी यूनियन ने ऐसा कोई प्रावधान नहीं बताया, जो उन्हें लगता है कि विवादास्पद है। उन्होंने कहा, कृषि कानून किसानों को एपीएमसी मंडियों के बाहर भी अपनी उपज बेचने की अनुमति देते हैं। खुले बाजार में किसानों को मंडियों के करों का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है।
"...किसान वेयर हाउस का उपयोग कर सकें, किसान कोल्ड स्टोरेज का उपयोग कर सके, इस दृष्टि से ये इन्फ्रास्ट्रक्चर नीचे तक पहुंचे और इस गैप को भरा जा सके सरकार पूरी कोशिश कर रही है कि किसानों के जीवन में बहुत अच्छा बदलाव आए। हम सब जानते हैं कि फल हो, तरकारी हो, ये कुछ फसलें ऐसी हैं जल्द ही नष्ट हो जाती हैं और इनको उपयुक्त बाजार नहीं मिल पाता। सौ किसान रेल प्रारंभ की गई हैं जो एक तौर से चलता-फिरता कोल्ड स्टोरज है, रोज जा रही हैं, आ रही हैं, किसान का जो उत्पादन है, वो एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाकर किसान को उचित मूल्य दिलाने में मदद कर रहा है।"
"...भारत सरकार नरेन्द्र मोदी जी का नेतृत्व पूरी तरह किसानों के प्रति प्रतिबद्ध है। किसानों के प्रति समर्पित है। हम लोगों ने लगातार उन लोगों को सम्मान देने की कोशिश की है। 12 बार ससम्मान बुलाकर बातचीत की है। हमने जो उनकी भावना के अंतर्गत जिन बिन्दुओं को चिन्हित किया जा सकता था, उनको भी चिन्हित करके बताया गया है। आपको यह शंका है कि एपीएमसी खत्म हो जाएगी, तो हम इस पर विचार करते हैं एपीएमसी खत्म नहीं होगी। हमने एक के बाद एक उनको प्रस्ताव देने का भी प्रयत्न किया, लेकिन मैंने साथ में यह भी कहा कि अगर भारत सरकार किसी भी संशोधन के लिए तैयार है, इसके मायने यह नहीं लगाना चाहिए कि किसान कानून में कोई गलती है, लेकिन किसान आंदोलन पर है। पूरे एक राज्य में गलत फहमी का शिकार हैं लोग।"
कृषि मंत्री ने कहा, देशव्यापी कोविड लॉकडाउन के दौरान देश ने अनुकरणीय अनुशासन दिखाया। प्रधानमंत्रीद्वारा लिए गए निर्णय और नागरिकों द्वारा उनका कड़ाई से पालन करना सराहनीय है जिसके कारण रोगियों की स्वस्थ होने की दर काफी अच्छी रही है। देश ने पीपीई किट बनाने की अपनी क्षमता में बहुत बड़ा बदलाव देखा। इन किटों को अन्य देशों को भी निर्यात करने की क्षमता विकसित की। भारत में कोविड के खिलाफ टीकाकरण की शुरूआत की गई और दूसरे देशों को भी टीकाकरण में मदद करने की पहल की।
उन्होंने कहा, देश में ग्राम पंचायतों के माध्यम से लगभग 2 लाख 80 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। स्वामित्व योजना, जिसे 6 राज्यों में अग्रिम आधार पर शुरू किया गया, का अब सभी राज्यों में विस्तार किया गया है। एनडीए सरकार के अंतर्गत महात्मा गांधी नरेगा योजना को फिर से शुरू करने पर जोर देते हुए श्री तोमर ने कहा, यूपीए शासन के विपरीत सरकार ने सुनिश्चित किया है कि मगनरेगा के तहत किए गए कार्य देश में व्यावहारिक बुनियादी ढांचे विकसित करें। पीएम-किसान योजना के तहत देश में लगभग 1 लाख 15 हजार करोड़ रुपये सीधे किसानों के खातों में भेजे गए। देश में लगभग 86 प्रतिशत छोटे और सीमांत किसान हैं। केंद्र ने 6 हजार करोड़ से अधिक की वित्तीय सहायता के साथ 10 हजार नए एफपीओ बनाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा-
शिवसेना सांसद संजय राउत ने प्रमुख नेताओं और पत्रकारों पर देशद्रोह के आरोपों का मुद्दा उठाया। कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र वर्तमान गतिरोध दूर के लिए एक सौहार्दपूर्ण रास्ता अपनाए। बहुजन समाज पार्टी के सतीश चंद्र मिश्रा ने प्रस्ताव दिया कि केंद्र को तीन साल के लिए कृषि कानूनों को स्थगित करना चाहिए। इस बीच, उन्होंने कहा कि व्यापक चर्चा के माध्यम से गतिरोध का समाधान किया जा सकता है। श्री मिश्रा ने लाल किले में हुई हिंसा की निंदा की। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के बिनॉय विश्वम ने मांग की कि तीनों कृषि कानूनों को निरस्त किया जाए। शिरोमणि अकाली दल के सरदार सुखदेव सिंह ढींडसा ने एम.एस.पी की गणना के लिए वैज्ञानिक आधार की मांग की। उन्होंने सरकार से कृषि कानूनों को वापस लेने को कहा। सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी है।
"...किसान वेयर हाउस का उपयोग कर सकें, किसान कोल्ड स्टोरेज का उपयोग कर सके, इस दृष्टि से ये इन्फ्रास्ट्रक्चर नीचे तक पहुंचे और इस गैप को भरा जा सके सरकार पूरी कोशिश कर रही है कि किसानों के जीवन में बहुत अच्छा बदलाव आए। हम सब जानते हैं कि फल हो, तरकारी हो, ये कुछ फसलें ऐसी हैं जल्द ही नष्ट हो जाती हैं और इनको उपयुक्त बाजार नहीं मिल पाता। सौ किसान रेल प्रारंभ की गई हैं जो एक तौर से चलता-फिरता कोल्ड स्टोरज है, रोज जा रही हैं, आ रही हैं, किसान का जो उत्पादन है, वो एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाकर किसान को उचित मूल्य दिलाने में मदद कर रहा है।"
"...भारत सरकार नरेन्द्र मोदी जी का नेतृत्व पूरी तरह किसानों के प्रति प्रतिबद्ध है। किसानों के प्रति समर्पित है। हम लोगों ने लगातार उन लोगों को सम्मान देने की कोशिश की है। 12 बार ससम्मान बुलाकर बातचीत की है। हमने जो उनकी भावना के अंतर्गत जिन बिन्दुओं को चिन्हित किया जा सकता था, उनको भी चिन्हित करके बताया गया है। आपको यह शंका है कि एपीएमसी खत्म हो जाएगी, तो हम इस पर विचार करते हैं एपीएमसी खत्म नहीं होगी। हमने एक के बाद एक उनको प्रस्ताव देने का भी प्रयत्न किया, लेकिन मैंने साथ में यह भी कहा कि अगर भारत सरकार किसी भी संशोधन के लिए तैयार है, इसके मायने यह नहीं लगाना चाहिए कि किसान कानून में कोई गलती है, लेकिन किसान आंदोलन पर है। पूरे एक राज्य में गलत फहमी का शिकार हैं लोग।"
कृषि मंत्री ने कहा, देशव्यापी कोविड लॉकडाउन के दौरान देश ने अनुकरणीय अनुशासन दिखाया। प्रधानमंत्रीद्वारा लिए गए निर्णय और नागरिकों द्वारा उनका कड़ाई से पालन करना सराहनीय है जिसके कारण रोगियों की स्वस्थ होने की दर काफी अच्छी रही है। देश ने पीपीई किट बनाने की अपनी क्षमता में बहुत बड़ा बदलाव देखा। इन किटों को अन्य देशों को भी निर्यात करने की क्षमता विकसित की। भारत में कोविड के खिलाफ टीकाकरण की शुरूआत की गई और दूसरे देशों को भी टीकाकरण में मदद करने की पहल की।
------------------------------------------------
"धर्म नगरी" व DN News का विस्तार प्रत्येक जिले (ग्रामीण व शहरी क्षेत्र) में हो रहा है. इसके साथ हमें ऐसे बिजनेस पार्टनर की खोज है, जो हिन्दुत्व व राष्ट्रवाद के समर्थक हों। Business Partner बनकर (10 से 40 हजार या अधिक का) सुरक्षित निवेश करके न्यूनतम ब्याज, समाचार पत्र व मैगजीन में निःशुल्क निर्धारित स्पेस व अन्य सुविधा ले सकते हैं. संपर्क- 6261868110
------------------------------------------------
"...प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की सरकार गांव, गरीब और किसान के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और आने वाले कल में भी प्रतिबद्ध रहेगी। 15 वित्त आयोग ने दो लाख 36 हजार आठ सौ 50 करोड़ रुपया ग्राम पंचायतों को देने का रिकमेंडशन किया है। उसको मंत्री परिषद ने स्वीकार कर लिया है। 70 हजार करोड़ रुपया नगरीय और ग्रामीण क्षेत्र के निकायों के लिए, स्वास्थ्य के लिए देना उन्होंने रिकमेंड किया है। उसमें ग्रामीण निकाय के लिए 43 हजार करोड़ रुपया लगभग है। ग्रामीण क्षेत्र में अब इन पांच सालों में ग्राम पंचायतों के माध्यम से दो लाख 80 हजार करोड़ रुपया व्यय होगा। जिसका परिणाम ग्रामीण विकास के रूप में आएगा।"
"...सबको साथ लेकर विश्व समुदाय का पूरा दिल जीतते हुए भारत उसका नेतृत्व करे, इस भूमिका में आगे बढ़ रहे हैं और इसलिए वैक्सीन डिप्लोमेसी की बात हो, सोफ्ट... को बढ़ाने की बात हो। मैं मानता हूं कि इन सारे विषयों की ओर इस देश ने बहुत अच्छे तरीके से ध्यान देने की दिशा में अग्रसर होने का प्रण किया है।"
------------------------------------------------
"धर्म नगरी" व DN News का विस्तार प्रत्येक जिले (ग्रामीण व शहरी क्षेत्र) में हो रहा है. इसके साथ हमें ऐसे बिजनेस पार्टनर की खोज है, जो हिन्दुत्व व राष्ट्रवाद के समर्थक हों। Business Partner बनकर (10 से 40 हजार या अधिक का) सुरक्षित निवेश करके न्यूनतम ब्याज, समाचार पत्र व मैगजीन में निःशुल्क निर्धारित स्पेस व अन्य सुविधा ले सकते हैं. संपर्क- 6261868110
------------------------------------------------
विपक्षी नेताओं ने राष्ट्रपति के अभिभाषण के प्रस्ताव पर चर्चा के तीसरे दिन (5 फरवरी) भी कृषि कानून वापस लेने की अपनी मांग जारी रखी। सदन में विधेयकों के पारित होने को असंवैधानिक बताते हुए कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने कृषि कानूनों को तत्काल वापस लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि विधेयक को व्यापक चर्चा के लिए स्थायी समिति के पास कभी नहीं भेजा गया। श्री शर्मा ने सरकार से किसानों के विरोध स्थलों पर खड़ी की गई सड़क बाधाओं को दूर करने के लिए कहा। उन्होंने सरकार से इस मामले को प्रतिष्ठा का मुद्दा न बनाने को भी कहा। कांग्रेस के एक अन्य सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने सवाल किया कि कृषि विधेयकों को अध्यादेश के माध्यम क्यों लाया गया। श्री बाजवा ने उच्चतम न्यायालय के एक न्यायाधीश की अध्यक्षता में पिछले महीने की 26 तारीख को लाल किले में हुए हिंसक प्रकरण की जांच की मांग की। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी इस मुद्दे पर अपनी पार्टी के विचारों को रखा। चर्चा में भाग लेते हुए एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने कोविड महामारी के खिलाफ लड़ाई में केंद्र और राज्यों के संयुक्त प्रयासों की सराहना की। उन्होंने हालांकि केंद्र से तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की।
शिवसेना सांसद संजय राउत ने प्रमुख नेताओं और पत्रकारों पर देशद्रोह के आरोपों का मुद्दा उठाया। कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र वर्तमान गतिरोध दूर के लिए एक सौहार्दपूर्ण रास्ता अपनाए। बहुजन समाज पार्टी के सतीश चंद्र मिश्रा ने प्रस्ताव दिया कि केंद्र को तीन साल के लिए कृषि कानूनों को स्थगित करना चाहिए। इस बीच, उन्होंने कहा कि व्यापक चर्चा के माध्यम से गतिरोध का समाधान किया जा सकता है। श्री मिश्रा ने लाल किले में हुई हिंसा की निंदा की। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के बिनॉय विश्वम ने मांग की कि तीनों कृषि कानूनों को निरस्त किया जाए। शिरोमणि अकाली दल के सरदार सुखदेव सिंह ढींडसा ने एम.एस.पी की गणना के लिए वैज्ञानिक आधार की मांग की। उन्होंने सरकार से कृषि कानूनों को वापस लेने को कहा। सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी है।
------------------------------------------------
इसे भी पढ़ें-
संसद में आज (4 फरवरी) हुई कार्यवाही की समीक्षा...
☟
http://www.dharmnagari.com/2021/02/Parliament-session-Loksabha-Rajysabha-today-working-www.dharmnagari.com-4-Feb-2021.html
संसद में आज (2 फरवरी) हुई कार्यवाही की समीक्षा...
☟
http://www.dharmnagari.com/2021/02/Parliament-session-Loksabha-Rajysabha-today-working-www.dharmnagari.com-2-Feb-2021.html
------------------------------------------------
Require- "Dharm Nagari" is being expanded in urban as well as rural area along with appointment of local "part time representative." We have also planned result-oriented, phase-wise religious/spiritual seminars, symposiums, discourse etc at district level in order to make active & unite Hindus at local level. For all these, we are searching for "Patrons" (NRI, Saint, Spiritual person, Hindutva-loving people) who may support all the activities (after knowing the plan). Please contact use +91-6261868110 email- dharm. nagari@gmail.com Twitter- @DharmNagari.
Post a Comment