वसीम रिज़वी ने किया माँ काली की पूजा Shia Waqf Board's ex-chairman Wasim Rizvi converts to Hinduism
"सनातन धर्म दुनिया का सबसे पहला धर्म है और उसमें इतनी अच्छाइयां हैं, इंसानियत है कि हम समझते हैं कि इतनी किसी और धर्म में नहीं हैं।" -जितेंद्र नारायण (वसीम रिज़वी )
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माँ काली की प्रतिमा के सामने हाथ में फूल लिए, माथे पर चंदन लगाए वसीम रिजवी बैठे थे। वैदिक ब्राह्मण सस्वर पाठ कर रहे थे। मंदिर परिसर वैदिक मंत्रोंच्चार से गूँज रहा था। गाजियाबाद स्थिति श्री शिव शक्ति-धाम डासना देवी मंदिर में विधिवत पूजन-अनुष्ठान की प्रक्रिया के बाद शिया वक्फ़ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने आज (6 दिसंबर) सनातन धर्म ग्रहण कर लिया।
पूरा धार्मिक अनुष्ठान मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। वसीम रिज़वी ने सबसे पहले वैदिक मंत्रों के साथ माँ काली की पूजा किया। इसके बाद उनका शुद्धिकरण हुआ। उन्हें ब्राह्मण समाज में जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी नाम दिया गया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा- धर्म परिवर्तन की यहां कोई बात नहीं है। जब मुझे इस्लाम से निकाल दिया गया, तब यह मेरी मर्जी है, कि मैं किस धर्म को स्वीकार करूं। सनातन धर्म दुनिया का सबसे पहला धर्म है और उसमें इतनी अच्छाइयां हैं, इंसानियत है कि हम समझते हैं कि इतनी किसी और धर्म में नहीं हैं।
वसीम रिजवी ने कहा, इस्लाम को हम धर्म समझते ही नहीं हैं। इतना पढ़ लेने के बाद इस्लाम के बारे में मोहम्मद के बनाए मजहब और जो उनका आतंकवादी चेहरा है, उसको पढ़ने के बाद हम यह समझते हैं, कि इस्लाम कोई धर्म नहीं है। यह मोहम्मद द्वारा बनाया गया हुआ एक आतंकी गुट है, जो 1,400 साल पहले अरब में तैयार किया गया था। उन्होंने कहा, जब हमें इस्लाम से निकाल दिया गया, तो हर जुम्मे के बाद हमारा सर काटने के लिए कहा जाता है।
जीवन शैली है हिंदू-
यहां विशेष उल्लेखनीय है, कि हिंदू एक जीवन शैली है इसलिए इसके दर्शन और अध्यात्म को समझने की भी ज़रूरत है। किसी मंदिर में जाकर किसी विशेष संस्कार या प्रक्रिया के अंतर्गत एक ओर पूरी तरह से हिंदू एक लंबी और मुश्किल प्रक्रिया है, वहीं, दूसरी तरफ यह बहुत आसान भी है।मुख्य रूप से धर्म बदलने के दो तरीके हैं- कानूनी तौर पर धर्म बदलना और धार्मिक स्थल पर जाकर धर्म बदलना।
Shia Waqf Board's ex-chairman Wasim Rizvi converts to HinduismFormer chairman of Uttar Pradesh Shia Waqf Board, Wasim Rizvi, converted to Hinduism, also known as Sanatan Dharma on Monday. He offered milk on the Shiva Linga installed at Dasna Devi temple as part of the ritual.
The ceremony took place at 10.30 am, in the presence of the chief priest of Dasna Devi temple Yati Narsinghanand Saraswati. Vedic hymns were chanted as Rizvi quit Islam and entered Hinduism after a yagna. After the "Shuddhikaran", he will be associated with the Tyagi community. His new name will be Jitendra Narayan Singh Tyagi. Wasim Rizvi will be associated with the Tyagi community after being converted to Hinduism. His new name will be Jitendra Narayan Singh Tyagi. He had courted controversy last month after releasing a book on the Prophet Muhammad.
After performing the ritual, Homa, Rizvi said the Sanatan Dharma as world’s purest religion. He said, "I choose the holy day of December 6 to convert to Hinduism as on this day, the Babari mosque was demolished in 1992. I will work for Hinduism from today. The votes of Muslims never go to any party. They only cast their votes to defeat Hindus.”
Rizvi was in the eye of the storm after releasing a book title ‘Muhammad’ last month. Many clerics in Uttar Pradesh condemned the cover of the book that portrays a man with a semi-naked woman. They also accused Rizvi of making objectionable comments against Prophet Muhammad. The book was released on November 4 at Dasna Devi temple, Ghaziabad in the presence of Narsinghanand Saraswati, but the issue snowballed on November 15, after Rizvi posted the cover page image and buy link of the book on his Facebook page.
Some of the religious organisations, including the All-India Shia Personal Law Board (AISPLB), served notices on him, while a few approached the UP government seeking an FIR in the matter. Apart from Shia Muslims, Sunni Muslims too opposed the book. Wasim Rizvi later issued a statement, saying he was receiving life threats for writing the book and challenging 26 verses from the Quran.----------------------------------------------इसे भी पढ़ें, देखें-
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सनातन में स्वागत कीजिए वसीम रिजवी का .... जिन्होंने ओढ़ लिया भगवा और जय श्रीराम के उद्घोष के साथ स्वीकार किया हिंदुत्व
आज एक तरफ संपूर्ण विश्व में रहने वाले सनातनी शौर्य दिवस मना रहे हैं, तो दूसरी तरफ सनातन के लिए एक और बड़ी खबर सामने आई है। शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने सोमवार को इस्लाम त्याग सनातन धर्म अपना लिया। इसके साथ ही उन्होंने अपना नाम रखा है जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी. सोमवार सुबह गाजियाबाद में यति नरसिंहानंद सरस्वती ने सनातन धर्म में उनकी वापसी करवाई।
इस अवसर पर वसीम रिजवी ने कहा, मुझे इस्लाम से बाहर कर दिया गया है, हमारे सिर पर हर शुक्रवार को इनाम बढ़ा दिया जाता है, ऐसे में मैं सनातन धर्म अपना रहा हूं। इस दौरान के मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वति के सानिध्य में विधिवत अनुष्ठान किया गया। धर्म परिवर्तन करने के बाद वसीम रिजवी ने कहा कि आज से वह सिर्फ हिंदुत्व के लिए काम करेंगे।
सनातन अपनाने के बाद उन्होंने कहा, कि मुसलमानों का वोट किसी भी सियासी पार्टी को नहीं जाता है। मुसलमान केवल हिंदुत्व के खिलाफ और हिंदुओं को हराने के लिए वोट करता है। वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी ने कहा कि मुगलों ने हमेशा परंपरा दी हिंदुओं को हराओ। जो पार्टी हिंदुओं को हराती है, मुसलमान एकजुट होकर उसे वोट करते हैं। मुसलमान सिर्फ और सिर्फ हिंदुओं को हराने के लिए वोट करता है।
उल्लेखनीय है, कि पिछले कई सालों से अपनी बेबाकी के चलते वसीम रिजवी लगातार चर्चा में रहे हैं।सर्वाधिक चर्चा में तब आए, जब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में कुरान की आयतों को हटाने के लिए अर्जी दी थी। इसके बाद से इस्लामिक कट्टरपंथी विचार रखने वाले लोगों से लगातार वसीम रिजवी को धमकी मिल रही थी।
पिछले दिनों उन्होंने अपनी वसीयत में भी लिख दिया था- "मरने के बाद उन्हें दफनाने की बजाय हिंदू रीति रिवाज से उनका अंतिम संस्कार किया जाए।" वसीम रिजवी ने पिछले दिनों एक वीडियो जारी कर कहा था, कि उनकी हत्या की साजिश रची जा रही है। कट्टरपंथी उनकी गर्दन काटना चाहते हैं। ऐसा सुप्रीम कोर्ट में कुरान की 26 आयतों के खिलाफ याचिका दायर के बाद हुआ था।
- www.sudarshannews.in
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#वसीम_रिज़वी relinquish islam after deep introspection.
Islam emphasis on believe system and consider any questions on islamic faith as heretic.Such faith can only make one bigot, myopic & radical
Hindus consider Jain,Sikh &Buddhists as derivatives of Hinduism without animosity - @Sandeep82057119 -
स्वागत है आपका महान संस्कृति मैं
आपके पूर्वज जंहा भी होंगे बहुत प्रसन्न होंगे सदियों पहले जिन्हें जबरदस्ती,अत्याचार के बल धर्म परिवर्तन करना पड़ा होगा
उन्हें बहन बेटियों जी इज्जत बचाने के लिए अपना सनातन धर्म छोड़ना पड़ा
आपको आज आपना आशीष दे रहे होंगे
"आ अब अपने घर लौट चले" -@Ka7f8ptMzhXHkY2
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वसीम रिजवी ने अपनी वसीयत में लिखा है कि मरने के बाद उन्हें कब्रिस्तान में नहीं दफनाया जाए बल्कि हिंदू रीति-रिवाजों से उनका अंतिम संस्कार किया जाए.... Zee News Desk
शिया वक्फ बोर्ड (Shia Waqf Board) के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी (Wasim Rizvi) आज (सोमवार को) इस्लाम (Islam) धर्म छोड़कर हिंदू (Hindu) बन गए. कुरान की आयतों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी देने वाले वसीम रिजवी ने हिंदू धर्म स्वीकार कर लिया है. उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर शिव शक्ति धाम के महंत यति नरसिंहानंद गिरि महाराज ने वसीम रिजवी को सनातन धर्म ग्रहण करवाया. हिंदू धर्म स्वीकार करने के बाद वसीम रिजवी का नाम जितेन्द्र नारायण सिंह त्यागी हो गया है.
वसीम रिजवी ने स्वीकार किया हिंदू धर्म
बता दें कि वसीम रिजवी उस समय चर्चा में आए थे जब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में कुरान की आयतों को हटाने के लिए अर्जी दी थी. जिसके बाद कई अल्पसंख्यक संगठनों ने उनका विरोध किया था. इसके बाद वसीम रिजवी की किताब को लेकर भी काफी विवाद हुआ था. बड़ी संख्या में हिंदू धर्मगुरुओं ने वसीम रिजवी के हिंदू बनने का स्वागत किया है.
वसीम रिजवी की वसीयत
कुछ समय पहले वसीम रिजवी ने अपनी वसीयत में भी लिख दिया था कि मरने के बाद उन्हें दफनाने की बजाय हिंदू रीति रिवाज से उनका अंतिम संस्कार किया जाए. हालांकि मुस्लिम समुदाय का कहना है कि इस्लाम और शियाओं से इसका कुछ लेना-देना नहीं है.
कट्टरपंथी वसीम रिजवी को दे चुके हैं धमकी
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले वसीम रिजवी ने एक वीडियो भी जारी किया था, जिसमें उन्होंने बताया था कि उनकी हत्या की साजिश रची जा रही है. कट्टरपंथी उनकी गर्दन काटना चाहते हैं. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में कुरान की 26 आयतों के खिलाफ याचिका दायर की है इसीलिए ऐसा किया जा रहा है. उन्हें मारने का ऐलान किया गया है. वो लोग कहते हैं कि कब्रिस्तान में उन्हें दफन करने की जगह नहीं देंगे. इसीलिए उन्होंने कहा है कि मरने के बाद उनका अंतिम संस्कार किया जाए. उनकी चिता को आग महंत यति नरसिंहानंद गिरि महाराज ही दें. #साभार- www.zeenews.india.com
न्यूज़ का Link - https://zeenews.india.com/hindi/india/wasim-rizvi-former-chairman-of-shia-waqf-board-accept-hindu-religion-and-leave-islam-today-yati-narsinghanand/1041528
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#वसीम_रिज़वी के सर की कीमत 50 लाख!
मुन्नवर फारुकी के लिये दिन रात छातियाँ कूटने वाली राणा, अरफा और जावेद ये प्यार का तराना जरुर सुन रहे होंगे। क्या राहुल-प्रियंका इस वहशी दरिंदे के लिये भी कोई ट्वीट करेंगे जो कभी इनके टिकट पर MLA-MP का चुनाव लड चुका है। -@NagarJitendra
#wasimrizvi साहब ने अपनी किताब मोहम्मद में इन सबके लिए आगाह कर दिया है #Govts फिर भी सो रही है तो इसमें हम सबका दोष है -@epigene_kushwah
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