#माघ_मेला : किन्नर अखाड़े के शिविर में देर रात लगी आग में छह टेंट जलकर राख, तीन लोग झुलसे


ओल्ड जीटी रोड व संगम लोअर मार्ग चौराहे के निकट है अखाड़े का शिविर
(धर्म नगरी / DN News)
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प्रयागराज माघ मेला क्षेत्र में ओल्ड जीटी रोड व संगम लोअर मार्ग चौराहे के पास ही किन्नर अखाड़े का शिविर में मौनी अमावस्या का स्नान आरम्भ होने से ठीक पहले गुरुवार (8-9 फरवरी) रात बड़ी दुर्घटना हो गई। किन्नर के शिविर में देर रात आग लगने से आधा दर्जन टेंट जल गए। तीन लोग भी झुलस गए हैं। घायलों का उपचार स्वरूपरानी हॉस्पिटल में चल रहा है। आग लगने के कारणों का पता नहीं चल सका है।

थाना प्रयागवाल क्षेत्र में स्थित अखाड़ा के शिविर में भीषण आग लगने से पांच टेंट जलकर राख हो गए। तीन झुलसे लोगों में दो की हालत गंभीर है। दुर्घटना में जर्मनी से आई महिला का सामान भी जल गया। घटना का कारण शॉर्ट सर्किट माना जा रहा है। मिली सूचना के अनुसार, प्रतिदिन की भांति गुरुवार रात में सभी खाना खाने के बाद सो गए। रात 2:20 बजे अचानक शिविर में बने एक टेंट में आग लग गई। इस टेंट में बदरपुर (दिल्ली) के सतवीर (60) व उनकी पत्नी रमेश (57) थीं। दोनों चीखते हुए बाहर भागे, तब उनकी आवाज सुनकर आसपास के टेंटों में सो रहे श्रद्धालु भी नींद से जाग गए। शिविर में उपस्थित लाेगाें ने आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन वह असफल रहे। वहीं, तेजी से फैलती आग ने अगल-बगल के चार और टेंटों को भी चपेट में ले लिया, जिससे चारों तरफ आग की लपटें उठने लगीं।

दुर्घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और फायर ब्रिगेड पहुंच गई। लगभग आधे घंटे के प्रयास के बाद आग पर नियंत्रण हो सका। तब तक खाने, कपड़े समेत कई अन्य सामान जलकर राख हो गए। मुख्य अग्निशमन अधिकारी माघ मेला सुभाष कुमार के अनुसार, आग की चपेट में आने से कुल तीन लोग घायल हुए, जिनमें दिल्ली से आए दंपती सतवीर व रमेश और करेंहदा निवासी बेचन (55) भी हैं। इनमें रमेश व बेचन ज्यादा झुलसे हैं। घायलों एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका उपचार कराया जा रहा है। कुल पांच टेंट जले हैं।
 
क्या शॉर्ट सर्किट से लगी आग ! 
आग लगने का कारण अग्निशमन विभाग शॉर्ट सर्किट को मान रहा है। मुख्य अग्निशमन अधिकारी सुभाष कुमार का कहना है, घटना ढाई बजे के आसपास की है। उस समय लगभग सभी लोग सो रहे थे। खाना बनाने या पूजा का दीपक जलाने जैसी बात भी सामने नहीं आई है। ऐसे में आशंका यही है, शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी, जिसने देखते-देखते आसपास के टेंटों को भी चपेट में ले लिया। जिस तेजी से आग फैल रही थी, उसे देखते हुए घटनास्थल पर कुल छह फायर टेंडर मंगवाए गए। हालांकि, दो फायर टेंडर से ही आग पर नियंत्रण पा लिया गया। किन्नर अखाड़े के शिविर में स्थित टेंटों में बहुत से श्रद्धालु व अखाड़े के सदस्य सो रहे थे, ऐसे में उन्हें बाहर निकलना भी बड़ी चुनौती थी। फायर ब्रिगेड के जवानों ने तत्परता दिखाते हुए ऐसे लोगों को शिविर से बाहर निकाला।

जर्मन एंबेसी से गुहार
किन्नर अखाड़ा में जिस समय आग लगी, वहां जर्मनी से आई मार्टिना डावो भी थीं। उन्होंने बताया, शिविर में सभी लोग सो रहे थे, उस बीच अचानक लोगों के चीखने की आवाजें आने लगीं। जब वह टेंट से बाहर निकलीं, तो बगल के टेंटों में लगी आग को देखा। फिर उन्होंने शिविर से बाहर भागकर अपनी जान बचाई। इस दौरान उनका सामान, जिनमें जर्मन करेंसी व अन्य चीजें शामिल थीं, टेंट में ही रह गई, जो आग की चपेट में आ गई। मार्टिना के अनुसार, उनके पैसे, कपड़े समेत अन्य सभी सामान जल गए।

षड्यंत्र तो नहीं !  
शिविर में महामंडलेश्वर भवानी मां के टेंट में ओढ़ने-बिछाने और पहनने के कपड़े सहित मोबाइल भी जल गया। भवानी मां के अनुसार, नौ बजे तक पूजा पाठ चला के बाद 10.30 बजे तक नाच-गाने के कार्यक्रम हुआ। फिर खाना खाने के बाद सभी सो गए। रात दो बजे के करीब शोर होने पर पता लगा, कि आग लग गई। यह नहीं पता कि आग लगी या लगाई गई। आग महिला टेंटों में लगी, इसलिए भी सवाल खड़े हो रहे हैं। दुर्घटना में झुलसने वाले सतवीर व रमेश उनके भाई व भाभी हैं। दोनों को दोपहर बाद परिजन दिल्ली लेकर चले गए। उल्लेखनीय है, इस वर्ष माघ मेले में अभी तक कोई घटना शॉर्ट सर्किट के कारण नहीं हुई है। किन्नर अखाड़ा ने स्वयं इस बात का खंडन किया है। पिछली बार बैकुंठ धाम शिविर में लगी आग सिलेंडर से गैस लीकेज के कारण हुई थी। 



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