#Mahakumbh_2025_ शास्त्री ब्रिज से संगम नोज तक मूल स्वरूप से भटक गई थीं मां गंगा, अब...
...तकनीक और विशेषज्ञों की सहायता से लौटा मां गंगा का वास्तविक स्वरूप
- संगम पर होगी गंगा की एक धारा, पहले भी एक ही धारा में बहती थीं मां गंगा
- गंगाजी की तीन धारा को एक धारा में प्रवाहित कर "भगीरथ" बना सिंचाई विभाग
- स्नान के लिए मिलेगा 22 हेक्टेयर अतिरिक्त जगह, समतलीकरण शुरू
धर्म नगरी / DNNews
(वा.एप 8109107075 न्यूज़, महाकुंभ-2025 की कवरेज, सदस्यता, कॉपी बटवाने हेतु)
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-राजेश पाठक (अवैतनिक संपादक)
तीर्थराज प्रयाग में महाकुंभ मेला क्षेत्र में शास्त्री ब्रिज से संगम नोज तक विभिन्न कारणों से मां गंगा अपने मूल स्वरूप से भटक गई थीं। छह महीने पहले शाखी ब्रिज से संगम तक लगभग दो किमी क्षेत्र में गंगाजी की तीन धारा समस्या खड़ी कर रही थी। इससे गंगा मैया की तीन धारा हो गई थी। जबकि संगम के निकट दो धाराएं हो गई थी। परन्तु सिंचाई विभाग के "भगीरथ" प्रयास से महाकुंभ-2025 में संगम पर गंगा की एक धारा होगी। इसे लिए विभाग ने तकनीक व विशेषज्ञों का प्रयास सफल हो रहा है। गंगाजी की धारा को एक धारा करने हेतु ड्रेजिंग का कार्य अंतिम चरण में है।
शास्त्री ब्रिज के नीचे ड्रेजिंग का काम लगभग पूरा हो गया है और समतलीकरण भी चल रहा है। हालांकि, महाकुंभ-2025 आरंभ होने से 25 दिन पहले आज (18 दिसंबर) को संगम के पास गंगा की दो तेज धाराएं है, जिससे ड्रेजिंग (नदी या सागर में खुदाई का कार्य ) में चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। गंगाजी की प्रबल धारा के कारण ड्रेजिंग मशीनें बार-बार अस्थिर हो रही थीं। डिस्चार्ज पाइप मुड़ जाते और मशीनों को नियंत्रित करना कठिन हो जाता।
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गंगाजी में अधिक समय तक पानी टिके रहने एवं तीन धाराएं होने के कारण संगम पर स्थान कम हो गया। इससे स्नान को लेकर चुनौती बनी हुई है। इस चुनौती के समाधान के लिए नदी की एक धारा बनाकर सर्कुलेटिंग एरिया बढ़ाने की योजना बनाई गई। इसके लिए आईआईटी गुवाहाटी की सहायता लिया गया है।
गंगाजी पहले भी एक ही धारा में बहती थीं। संगम नोज से शास्त्री ब्रिज के बीच गंगा की एक धारा होने पर संगम पर स्नान के लिए 22 हेक्टेयर अतिरिक्त जगह मिलेगी, जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु एक साथ एक जगह पर स्नान कर सकेंगे। विशेषज्ञों के अनुसार, इस जगह को समतल करने के लिए पांच लाख मीट्रिक टन बालू की आवश्यकता होगी।
एक मशीन का पिन क्षतिग्रस्त हो, तो दूसरे किनारे लग गया। फिर भी काम जारी रहा। टीम ने इन चुनौतियों का सामना करने के लिए बड़े एंकरों और पॉटून पुल का सहारा लिया। मोटे रस्सों का उपयोग कर ड्रेजरों को नदी के किनारों से स्थिर रखा गया।
दिव्य और भव्य महाकुम्भ को आयोजित कराने के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संकल्प को धरातल पर उतारने के लिए सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने कड़ी मेहनत से जो सफलता पाई है, वह वास्तव में 'भगीरथ प्रयास' का स्मरण कराती है। अपने पूर्वजों के उद्धार के लिए घोर तपस्या करके भगीरथ मां गंगा को धरती पर लेकर आए थे। वहीं, वर्तमान में विभिन्न कारणों से अपने प्राकृतिक स्वरूप से तीन धाराओं में बँटी मां गंगा को एक धारा में प्रवाहित करके सिंचाई विभाग ने 'भगीरथ' की भूमिका निभायी है।
शास्त्री ब्रिज से संगम नोज तक मां गंगा तीन धाराओं में विभाजित होने से न केवल पवित्रता प्रभावित हो रही थी, बल्कि महाकुम्भ के आयोजन में भी कठिनाइयां आ रही थीं। ऐसे में दोबारा एक धारा में प्रवाहित कर मां गंगा को वास्तविक स्वरूप प्रदान किया गया है। संगम नोज पर तीन धाराओं में बह रहीं मां गंगा को एक धारा में प्रवाहित करने की रणनीति तैयार एवं उसमे सफलता मिलने के पश्चात गंगाजी के तट पर अधिक से अधिक श्रद्धालुओं-तीर्थयात्रियों को एक साथ स्नान की सुविधा मिलेगी। अर्थात, तीन अलग-अलग जगह स्नान की जगह एक ही स्थान पर स्नान की सुविधा मिलेगी।
मेले की सुचारू व्यवस्था के लिए गंगा नदी के प्रवाह को एकरूप करना बहुत आवश्यक था। गंगाजी के तीन धाराओं में बटने से मेला क्षेत्र सीमित और अव्यवस्थित होता जा रहा था। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर इस चुनौती से निपटने के लिए गंगा के प्रवाहों का अध्ययन करने के बाद आईआईटी के विशेषज्ञों ने गंगा का तीन प्रवाह एक करने योजना बनाकर सिंचाई विभाग को दी। विशेषज्ञों की योजना पर शास्त्री ब्रिज से संगम नोज तक गंगा की बीच वाली धारा की ड्रेजिंग कर गहराई बढ़ाई गई। दाहिनी और बाएं तरफ निकली धारा को गंगा से निकली बालू से पाट दिया गया। महीने भर के प्रयास के बाद सफलता मिली। गंगा का तीन के स्थान पर एक प्रवाह हो गया।
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सर्वेक्षण रिपोर्ट के आधार पर संगम क्षेत्र के मां गंगा प्रवाह के विस्तार के लिए तीन विशाल ड्रेजिंग मशीनों को लगाया गया है। प्रारंभ में मां गंगा का तेज प्रवाह और ऊंचा जल स्तर इस कार्य में सबसे बड़ी बाधा हो रही थी। ड्रेजिंग मशीनों को तेज धारा में स्थिर रखना और नदी की दोनों धाराओं को बीच की धारा में मिलाना कठिन हो रहा था। इस पर शास्त्री ब्रिज के पास तीनों ड्रेजरों को अलग-अलग बिंदुओं पर लगाया गया। इसके साथ ही मेला क्षेत्र को विस्तार देने के लिए बालू की आवश्यकता थी। काम के दौरान भी गंगाजी की प्रबल धारा से भारी-भरकम ड्रेजिंग मशीनें बार-बार अस्थिर हो रही थीं। डिस्चार्ज पाइप मुड़ जाते और मशीनों को नियंत्रित करना कठिन हो जाता।
टीम ने इन चुनौतियों का सामना करने के लिए बड़े एंकरों और पॉटून ब्रिज का सहारा लिया। मोटे रस्सों का उपयोग कर ड्रेजरों को नदी के किनारों से स्थिर रखा गया। ड्रेजिंग कार्य तीन शिफ्टों में युद्धस्तर पर किया गया। जब तेज प्रवाह के कारण एक ड्रेजर का स्पड (समर्थन पिन) क्षतिग्रस्त हो गया और दूसरा किनारे की ओर धकेल दिया गया, तब भी टीम ने धैर्य नहीं खोया। उच्च अधिकारियों के मार्गदर्शन और टीम के दृढ़ संकल्प से कार्य लगातार प्रगति करता रहा।
फिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सलाह पर चौथे ड्रेजर को तैनात किया गया, जिससे कार्य की गति और गुणवत्ता में सुधार हुआ। अंततः अथक परिश्रम और समर्पण से गंगा की तीन धाराओं को एक प्रवाह में समाहित कर दिया गया। संगम क्षेत्र का सर्कुलेशन एरिया अब पहले से कहीं अधिक विस्तृत और सुव्यवस्थित है। वर्तमान में मां गंगा के एक धारा में प्रवाहित होने से मेला क्षेत्र को करीब 22 हेक्टेयर अतिरिक्त जगह मिली है, जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु एक साथ एक जगह पर स्नान कर सकेंगे। इस जगह को समतल करने के लिए पांच लाख मीट्रिक टन बालू की व्यवस्था की गयी।
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