स्वास्थ्यवर्धक आँवला, सर्दियों सहित सभी ऋतुओं में गुणकारी...
हर मौसम में स्वास्थ्य के लिए गुणकारी है आंवला
(धर्म नगरी / DN News ) वाट्सएप- 6261868110
आंवला (Gooseberry) आयुर्वेद में सर्वाधिक स्वास्थ्यवर्धक माना गया है. इसमें प्राकृतिक तौर पर सबसे ज्यादा विटामिन सी होती है. सर्दी हो या गर्मी हर मौसम में आंवले का सेवन स्वास्थ्य के लिए गुणकारी है। आंवला दाह, पांडु, रक्तपित्त, अरूचि, त्रिदोष, दमा, खांसी, श्वांस रोग, कब्ज, क्षय, छाती के रोग, हृदय रोग, मूत्र विकार आदि अनेक रोगों को नष्ट करने की शक्ति रखता है। इतना ही नहीं, आंवला पौरूष को भी बढ़ाता है। सिर के बालों को काला, घना और लंबा बनाने में आंवले को किया जाता है। यही कारण है, अनेक प्रकार के आयुर्वेदिक केश तेलों में इसका उपयोग किया जाता है।
आँवले के मीठे लच्छे-
सामग्री- 500 ग्राम आँवला, 5 ग्राम काला नमक, चुटकीभर सादा नमक, चुटकीभर हींग, 500 ग्राम मिश्री, आधा चम्मच नींबू का रस, 150 ग्राम तेल।
विधि- आँवलों को धोकर कद्दूकश कर लें। गुलाबी होने तक इनको तेल में सेंके फिर कागज पर निकालकर रखें ताकि कागज सारा तेल सोख लें। इनमे काला नमक व नींबू का रस मिलाकर अलग रख दें। मिश्री की चाशनी बनाके इनको उसमें थोड़ी देर पका लें। बस, हो गए आँवले के मीठे लच्छे तैयार। इन्हें काँच के बर्तन में भरकर रख लें।
स्वास्थ्यवर्धक आँवला-
आँवला एक ऐसा श्रेष्ठ फल है जो वात, पित्त व कफ तीनों दोषों का शमन करता है तथा मधुर, अम्ल, कड़वा, तीखा व कसैला इन पाँच रसों की शरीर में पूर्ति करता हैं। आँवले के सेवन से आयु, स्मृति, कांति एवं बल बढ़ता है |ह्रदय एवं मस्तिष्क को शक्ति मिलती है। आँखों के तेज में वृद्धि, बालों की जड़ें मजबूत होकर बाल काले होना आदि अनेक लाभ होते हैं। शास्त्रों में आँवले का सेवन पुण्यदायी माना गया हैं। अत: अस्वस्थ एवं निरोगी सभी को आँवले का किसी-न-किसी रूप में सेवन करना ही चाहिए।आँवले के मीठे लच्छे-
सामग्री- 500 ग्राम आँवला, 5 ग्राम काला नमक, चुटकीभर सादा नमक, चुटकीभर हींग, 500 ग्राम मिश्री, आधा चम्मच नींबू का रस, 150 ग्राम तेल।
विधि- आँवलों को धोकर कद्दूकश कर लें। गुलाबी होने तक इनको तेल में सेंके फिर कागज पर निकालकर रखें ताकि कागज सारा तेल सोख लें। इनमे काला नमक व नींबू का रस मिलाकर अलग रख दें। मिश्री की चाशनी बनाके इनको उसमें थोड़ी देर पका लें। बस, हो गए आँवले के मीठे लच्छे तैयार। इन्हें काँच के बर्तन में भरकर रख लें।
------------------------------------------------
आवश्यकता है-
"धर्म नगरी" के हर जिले में विस्तार के लिए आर्थिक रूप से सम्पन्न राष्ट्रवादी विचारधारा के व्यक्ति की। विस्तार के अंतर्गत शहरी (वार्ड, कालोनी तक) व ग्रामीण (पंचायत, ब्लॉक स्तर तक) क्षेत्रों में स्थानीय प्रतिनिधि, अंशकालीन रिपोर्टर की नियुक्ति के साथ प्रत्येक जिले में वर्षभर में एक से तीन सेमिनार/गोष्ठी/सार्वजनिक आयोजन आयोजित किए जाने हैं।सम्पर्क- वाट्सएप- 8261868110 ईमेल- dharm.nagari@gmail.com
------------------------------------------------
आंवले के लाभकारी गुण और प्रयोग विधि-
(beneficial properties and method of use of Aonla )
आंखों के लिए आंवला अमृत समान है। इसका सेवन आंखों की रोशनी को बढ़ाता है. इसके लिए रोजाना एक चम्मच आंवला के पाउडर को शहद के साथ लेने से लाभ मिलता है और मोतियाबिंद की समस्या भी खत्म हो जाती है।
आंवला (Amla) शारीरिक क्रियाशीलता को बढ़ाकर भोजन को पचाने में बहुत सहायक है. इससे कब्ज की शिकायत दूर होती है और पेट हल्का रहता है. इसके लिए भोजन में प्रतिदिन आंवले की चटनी, मुरब्बा, अचार, रस चूर्ण आदि को शामिल किया जाना चाहिए।
सर्दी के मौसम में आंवले का सेवन जरूर करना चाहिए. इसका जूस पीने से पेट की अधिकतर तकलीफ़े दूर हो जाती हैं।
amla रक्त में हीमोग्लोबिन की कमी होने पर प्रतिदिन आंवले के रस का सेवन करना लाभदायक है. यह शरीर में लाल रक्त कणिकाओं के निर्माण को बढ़ाकर रक्त की मात्रा में वृद्धि करता है।
एसिडिटी या खटापन की समस्या से आंवला फायदेमंद होता है. एसिडिटी दूर करने के लिए आंवले का पाउडर और चीनी मिलाकर पानी के साथ पीने से एसिडिटी से राहत मिलती है।
यह खून में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करता है. डायबिटीज के मरीजों के लिए आंवला बहुत काम की चीज है. पीड़ित व्यक्ति अगर आंवले के रस का प्रतिदिन शहद के साथ सेवन करे तो डायबिटीज की बीमारी से राहत मिलती है।
चेहरे के दाग-धब्बे हटाकर चमक और झुर्रियां कम करने में आंवला उपयोगी है. इसका पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाएं।
फेस पैक को बनाने के लिए दो चम्मच आंवला का रस लेकर उसमें एक चम्मच शहद और पपीते को मैश करके उसे मिक्स करें. इसका एक बारीक पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाएं।
ऑयली स्किन से चेहरे पर पिंपल्स आदि को बढ़ावा मिलता है अतः एक बाउल में दो बडे़ चम्मच आंवला पाउडर लेकर उसमें गुलाब जल मिलाकर तैयार पेस्ट को सप्ताह में दो बार लगा सकते हैं. यह पेस्ट त्वचा में तेल बनाने वाले पोर्स को कम करने में मदद करेगा और निखरी त्वचा प्रदान करेगा।
चेहरे पर डेड सेल्स जमा हो जाने पर दो बड़े चम्मच आंवला का पाउडर लेकर एक बड़ा चम्मच नींबू का रस और एक चम्मच चीनी मिला लें और इस स्क्रब को चहरे पर हल्के हाथों से रगड़ें. इससे चेहरे की सारी डेड सेल्स और अशुद्धियां दूर हो जाती हैं. सप्ताह में दो बार इस स्क्रब का का इस्तेमाल जरूर करें.
हिचकी तथा उल्टी होने की पर आंवले के रस को मिश्री के साथ दिन में दो-तीन बार सेवन करने से उल्टियां और हिचकी बंद हो जाती है।
हड्डियों को मजबूत करने के लिए आंवले का सेवन किया जाता है।
आंवले के सेवन से नींद अच्छी आती है, तनाव (टेंसन) को कम करता है।
आंवला के रस में मौजूद विटामिन सी और ऐंटीओक्सिडेंट शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने और पाचन तंत्र को मजबूत बनाने का काम करता है।
बालों को काला और चमकदार बनाने के लिए आंवले के पाउडर से बाल धोया जाता है।
दांतों में दर्द और कैविटी होने पर आंवले के रस में थोड़ा सा कपूर मिला कर मसूड़ों पर रगड़ने से दर्द कम होता है।
सुबह खाली पेट आंवला का जूस पीने के बाद एक घंटे तक चाय या कॉफी का सेवन वर्जित है।
आंवले का सेवन करने पर यह शरीर को ठंडक प्रदान करता है. शरीर में गर्मी बढ़ जाने पर आंवला सबसे बेहतर विकल्प है।
आंवले के रस का सेवन करने से वजन कम करने में सहायता मिलती है।
अगर किसी को नकसीर की समस्या है तो आंवले का सेवन लाभकारी है।
आंवला हमारे हृदय की मांसपेशियों के लिये उत्तम होता है. यह नलिकाओं में होने वाली रूकावट यानी ब्लॉकेज की समस्या को दूर करता है।
आंवले के रस से बवासीर ठीक हो जाता है और कुष्ठ रोग में भी आंवले का रस फायदेमंद होता है।
मूत्र विकारों में आंवले का चूर्ण फायदेमंद है। पथरी की समस्या में भी आंवला बेहद फायदेमंद साबित होता है. इसके लिए आंवले के पाउडर को प्रतिदिन मूली के रस में मिलाकर खाने से कुछ ही दिनों में पथरी गल जाएगी।
आँवला चूर्ण, घी तथा शहद समान मात्रा में मिलाकर रख लें | रोज सुबह एक चम्मच खाने से शरीर का बल, नेत्र ज्योति, वीर्य तथा कांति में वृद्धि होती है | हड्डियाँ मजबूत बनती हैं।
आंवले से निर्मित उत्पाद (Products made with Aonla)-
आंवले से आंवला स्क्वैश, कैंडी (Candy), मुरब्बा (Jam/ Marmalade), आंवला पाउडर, रेडी टू सर्व (RTS) आदि मूल्य संवर्धन (Value addition) उत्पाद निर्मित किए जा सकते सकते है जिनकी मांग और मूल्य बाजार में अधिक रहता है।
आंवले से आंवला स्क्वैश, कैंडी (Candy), मुरब्बा (Jam/ Marmalade), आंवला पाउडर, रेडी टू सर्व (RTS) आदि मूल्य संवर्धन (Value addition) उत्पाद निर्मित किए जा सकते सकते है जिनकी मांग और मूल्य बाजार में अधिक रहता है।
------------------------------------------------
"धर्म नगरी" की सदस्यता, अपनी शुभकामना के साथ अपनों को "अपने नाम से" धर्म नगरी भिजवाने के लिए मो. 6261868110 पर सम्पर्क करें। ईमेल- dharm.nagari@gmail.com
------------------------------------------------
दूध के साथ शतावरी का 2-3 ग्राम चूर्ण लेने से दुबले-पतले व्यक्ति, विशेषत: महिलाएँ कुछ ही दिनों में पुष्ट जो जाती हैं | यह चूर्ण स्नायु संस्थान को भी शक्ति देता हैं।
"धर्म नगरी" की सदस्यता, अपनी शुभकामना के साथ अपनों को "अपने नाम से" धर्म नगरी भिजवाने के लिए मो. 6261868110 पर सम्पर्क करें। ईमेल- dharm.nagari@gmail.com
------------------------------------------------
सर्दियों के लिए बल व पुष्टि का खजाना-
रात को भिगोयी हुई 1 चम्मच उड़द की दाल सुबह महीन पीसकर उसमें 2 चम्मच शुद्ध शहद मिला के चाटें। 1-1.30 घंटे बाद मिश्रीयुक्त दूध पियें। पूरी सर्दी यह प्रयोग करने से शरीर बलिष्ठ और सुडौल बनता है तथा वीर्य की वृद्धि होती है।
रात को भिगोयी हुई 1 चम्मच उड़द की दाल सुबह महीन पीसकर उसमें 2 चम्मच शुद्ध शहद मिला के चाटें। 1-1.30 घंटे बाद मिश्रीयुक्त दूध पियें। पूरी सर्दी यह प्रयोग करने से शरीर बलिष्ठ और सुडौल बनता है तथा वीर्य की वृद्धि होती है।
रात को भिगोयी हुई 5-7 खजूर सुबह खाकर दूध पीना या सिंघाड़े का देशी घी में बना हलवा खाना शरीर के लिए पुष्टिकारक है।
रोज रात को सोते समय भुनी हुई सौंफ खाकर पानी पीने से दिमाग तथा आँखों की कमजोरी में लाभ होता है।
100 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण को 20 ग्राम घी में मिलाकर मिट्टी के पात्र में रख दें। सुबह ३ ग्राम चूर्ण दूध के साथ नियमित लेने से कुछ ही दिनों में बल-वीर्य की वृद्धि होकर शरीर हृष्ट-पुष्ट बनता है।
रोज रात को सोते समय भुनी हुई सौंफ खाकर पानी पीने से दिमाग तथा आँखों की कमजोरी में लाभ होता है।
100 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण को 20 ग्राम घी में मिलाकर मिट्टी के पात्र में रख दें। सुबह ३ ग्राम चूर्ण दूध के साथ नियमित लेने से कुछ ही दिनों में बल-वीर्य की वृद्धि होकर शरीर हृष्ट-पुष्ट बनता है।
शक्तिवर्धक खीर- 3 चम्मच गेहूँ का दलिया व 2 चम्मच खसखस रात को पानी में भिगो दें। प्रात: इसमें दूध और मिश्री डालकर पकायें। आवश्यकता अनुसार मात्रा घटा-बढ़ा सकते हैं। यह खीर शक्तिवर्धक है।
हड्डी जोडने वाला हलवा- गेहूँ के आटे में गुड व 5 ग्राम बला चूर्ण डाल के बनाया गया हलवा (शीरा) खाने से टूटी हुई हड्डी शीघ्र जुड़ जाति है। दर्द में भी आराम होता है।
सर्दियों में हरी अथवा सूखी मेथी का सेवन करने से शरीर के 80 प्रकार के वायु-रोगों में लाभ होता है।
सब प्रकार के उदर-रोगों में मठ्ठे और देशी गाय के मूत्र का सेवन अति लाभदायक है। (गोमूत्र न मिल पाये तो गोझरण अर्क का उपयोग कर सकते हैं।)



Post a Comment