संसद में आज हुई कार्यवाही की...


संसद में आज 18 मार्च की कार्यवाही की समीक्षा... 
धर्म नगरी / DN News ( www.twitter.com/DharmNagari )
लोकसभा में कार्यवाही-

"व्‍हीकल स्‍क्रैपिंग नीति" से देश में तीन करोड़ 70 लाख से अधिक रोजगार सृजित होंगे-

सडक परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आज (18 मार्च) लोकसभा में व्‍हीकल स्‍क्रैपिंग नीति की घोषणा की। इसका उद्देश्‍य प्रदूषण फैलाने और खराब गुणवत्‍ता वाले वाहनों को चरणबद्ध तरीके से इस्‍तेमाल से हटाने की व्‍यवस्‍था तैयार करनी है।

इस नीति पर सदन में बयान देते हुए उन्होंने कहा, प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को कम करने से ऑटो-मोबाइल क्षेत्र में बडा परिवर्तन आएगा। इससे वाहनों की ईंधन खपत कम होगी, उद्योगों के लिए कम कीमत में कच्‍चे माल की उपलब्‍धता बढ़ेगी और केन्‍द्र तथा राज्‍य सरकारों के जीएसटी में वृद्धि होगी। व्‍हीकल स्‍क्रैपिंग नीति के लागू होने से देश में तीन करोड़ 70 लाख से अधिक रोजगार सृजित होंगे।


"मैं आप सब सांसदों आव्‍हान करता हूं कि हमारे देश में पीपीटी मोड में ड्राइविंग ट्रेनिंग इन्‍स्टीट्यूट और फिटनेस और पॉल्‍यूशन सर्टिफिकेट देने वाले इन्‍स्टीट्यूट हमको खोलना है। भावी स्‍लॉट ड्राइवरों की कमी है। लोगों को रोजगार चाहिएतो आपके क्षेत्र में ये ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर्सफिटनेस सेंटर्स और पॉल्‍यूशन सर्टिफिकेट सेंटर्स आप खोलिए। भारत सरकार से हम इसके लिए अनुदान भी देंगे और आपको मदद भी करेंगे। बैंक भी इसके लिए आपके लोन देने के लिए तैयार है। इससे इम्प्‍लॉयमेंट भी क्रिएट हुआ एलाइट सर्विस सेक्‍टर्स और आरएनडी के क्षेत्र में भी इसके कारण बहुत रोजगार मिलेगा..." -सडक परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी में, 18 मार्च 2021) 


श्री गड़करी ने कहा, भारत अगले पांच वर्षों में ऑटो-मोबाइल क्षेत्र में विश्‍व का नेतृत्‍व करेगा और अगले एक साल में सौ प्रतिशत लीथियम आयन बैटरी का स्‍वदेश में उत्‍पादन होने लगेगा। उन्‍होंने सांसदों से उनके निर्वाचन क्षेत्रों में वाहनों के लिए फिटनैस केन्‍द्र, प्रदूषण केन्‍द्र और ड्राइविंग केन्‍द्र बनाने में सहयोग मांगा। व्‍हीकल स्‍क्रैपिंग नीति की विशेषताओं को बताते हुए श्री गड़करी ने कहा कि खराब गुणवत्‍ता वाले या पंजीकरण का नवीनीकरण न कराने वाले निजी वाहनों की वैधता बीस साल के बाद खत्‍म कर दी जाएगी। फिटनैस प्रमाणपत्र न लेने वाले व्‍यवसायिक वाहनों का पंजीकरण भी 15 साल के बाद समाप्त कर दिया जाएगा। प्रारंभिक पंजीकरण की तारीख से 15 साल तक व्‍यवसायिक वाहनों पर फिटनैस प्रमाणपत्र के लिए बढ़ी हुई फीस और फिटनैस जांच संबधी नियम लागू होंगे। 


श्री गडकरी ने कहा कि फिटनैस जांच और स्‍क्रैपिंग केन्‍द्रों के लिए नियम इस वर्ष पहली अक्‍टूबर तक अधिसूचित कर दिये जाएंगे। सरकारी विभागों और सार्वजनिक उपक्रमों के 15 साल पुराने वाहनों को स्‍क्रैप करने की समय सीमा एक अप्रैल 2022 रखी गई है। भारी व्‍यवसायिक वाहनों के लिए फिटनेस संबंधी अनिवार्य जांच एक अप्रैल 2023 से शुरू होगी। इसी तरह अन्‍य श्रेणी के वाहनों के लिए भी चरणबद्ध तरीके से फिटनेस जांच पहली जून 2024 से शुरू होगी।

 

उन्होंने कहा, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण अगले पांच वर्षों में सडकों के किनारे 600 से अधिक स्थानों पर विश्व स्तर की सुविधाएं विकसित करेगा। राजमार्गों पर प्रति पचास किलोमीटर की दूरी पर इस प्रकार की सुविधाएं विकसित की जायेंगी जिसमें निजी क्षेत्रों की भागीदारी होगी। इन स्थानों पर रेस्तरां, फूड कोर्ट, ढाबे, फ्यूल स्टेशन, मरम्मत करने वाली दुकानें, मेडिकल क्लिनिक, यात्रियों के लिए विश्राम गृह, चालकों के लिए छोटे छोटे कमरे और इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जायेंगे। इन सुविधाओं से उन यात्रियों को लाभ पहंचेगा जो इन मार्गों से गुजरेंगे। श्री गडकरी ने एक ट्वीट में कहा है कि इन सुविधाओं में लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा और ट्रक चालकों तथा यात्रियों को विभिन्न प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध हो जायेंगी।


राज्‍यसभा में कार्यवाही (18 मार्चकी समीक्षा... 


बीमा संशोधन विधेयक-2021 राज्‍यसभा में पारित
बीमा क्षेत्र में प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश 49% से 74% का प्रावधान
राज्यसभा ने आज (18 मार्च) बीमा संसोधन विधेयक-2021 को विचार के बाद पारित कर दिया। विधेयक में 1938 के बीमा विधेयक को संशोधित करने की व्यवस्था है जिससे भारतीय बीमा कंपनियों में विदेशी निवेश की सीमा बढ़ जाएगी। विधेयक के अनुसार विदेशी प्रत्यक्ष निवेश की सीमा वर्तमान 49 से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने का प्रावधान किया गया है।

राज्यसभा ने जब इस विधेयक पर चर्चा शुरू की तो कांग्रेस सहित अनेक विपक्षी सदस्यों ने विधेयक के प्रावधानों को लेकर भारी शोर-शराबा किया, जिससे सदन की बैठक कई बार स्थगित करनी पड़ी। विपक्षी सदस्यों की मांग थी कि विधेयकों को विचार-विमर्श के लिए स्थायी समिति के पास भेजा जाना चाहिए।

बहस शुरू करते हुए भाजपा के अरूण सिंह ने कहा कि इस विधेयक का एलआईसी के निजीकरण से कुछ भी लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि बीमा क्षेत्र को 1991 में निजी कंपनियों के लिए खोला जा चुका है। जिससे बड़े पैमाने पर बीमा सुविधाएं उपलब्ध कराने में सहायता मिली है।

बहस में हिस्सा लेते हुए कांग्रेस के आनंद शर्मा ने प्रश्न किया, कि अगर सरकार देश की बीमा कंपनियों का स्वामित्व विदेशी कंपनियों को सौंप देती है, तो भारत किस तरह आत्मनिर्भर हो पाएगा? उन्होंने विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि सरकार बीमा क्षेत्र के इतने बड़े पैमाने पर निजीकरण की जल्दबाजी क्यों कर रही है?

डीएमके पार्टी के तिरूचिशिवा ने कहा कि यह बात समझ में आती है कि सरकार को धन की जरूरत है लेकिन ऐसा सामान्य बीमा कंपनियों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम के हितों की कीमत पर नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, इस तरह के विधेयक के पारित हो जाने से आम आदमी के लिए बीमा कराना बड़ा महंगा हो जाएगा। समाजवादी पार्टी के विशंभर प्रसाद निशाद ने विधेयक को प्रवर समिति को सौंपने की मांग की।

राष्ट्रीय जनता दल के मनोज सिन्हा ने भी उनका समर्थन किया। उन्होंने यह भी जानना चाहा कि क्या निजी कंपनिया कर्मचारियों के हितों की रक्षा कर पाएंगी और आरक्षण की व्यवस्था बनी रहेगी। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रफुल्ल पटेल ने भी विधेयक को लेकर सवाल किए। टीआरएस के बांडा प्रसाद शिव सेना के अनिल देसाई सहित अनेक चर्चो में हिस्सा लिया।

बहस के उत्तर में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने कहा, कि प्रत्येक बीमा कंपनी के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा 74 प्रतिशत होना अनिवार्य नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया, कि सीमा बढ़ाने मतलब स्वत: विदेशी निवेश नहीं है और प्रत्ये

क कंपनी के लिए निवेश की सीमा तय की जाएगी। बाद में सदन ने विधेयक को पारित कर दिया। 
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भारतीय खाद्य निगम (FCI) जारी रखेगा अनाज की खरीद- 
सार्वजनिक वितरण प्रणाली को बनाए रखेगी सरकार 
वर्ष 2020-21 की पूरक अनुदान मांगों के दूसरे चरण को लेकर सदन में हुई बहस का जवाब देते हुए वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर  ने कहा कि सीमावर्ती इलाकों में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के साथ-साथ रक्षाकर्मियों को बुलेट प्रूफ जेकैट, राफाल जैसे अत्याधुनिक लडाकू जेट विमान उपलब्ध करा कर सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की गई। सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत भी कई कल्याणकारी कदम उठाए। कोविड महामारी से निपटने के लिए 35 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए गए। नौ करोड़ से अधिक किसानों को कोविड महामारी के दौरान 18 हजार करोड़ रूपये दिए गए।

वित्त राज्यमंत्री ने विश्वास दिलाया कि भारतीय खाद्य निगम अनाज (FCI) की खरीद जारी रखेगा और सरकार जरूरतमदों की आवश्यकताओं को पूरा करने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) को बनाए रखेगी। उन्होंने कहा, कि सरकार ने रक्षा पूंजी खर्च में 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक की बढ़ोतरी की है। देश में कोविड महामारी से निपटने के लिए स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढ़ांचे को मजबूत किया गया है।

सरकार बहुत जल्द विदेशों में महिला हेल्पलाइन सेंटर स्थापित करेगी जिसका उद्देश्य विदेशों में रह रहे भारतीय मूल के लोगों की परेशानियों के बारे में सहायता उपलब्ध कराना है। विदेश मंत्रालय की सहायता से हेल्पलाइन केन्द्र स्थापित किए जा रहे हैं। आज राज्यसभा में पूरक प्रश्न के उत्तर में केन्द्रीय महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने बताया कि सरकार भारतीय महिलाओं की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
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