शनैश्चरी अमावस्या : नौकरी की समस्या को दूर करने करें ये उपाय

शनिदेव को प्रसन्न करने व नौकरी संबंधी समस्या को दूर करें  


(धर्म नगरी / DN News) वाट्सएप- 6261868110

फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को शनिवार होने से शनैश्चरी अमावस्या है. अमावस्या शुक्रवार दोपहर 3:02 से शनिवार (13 मार्च) दोपहर 3 बजकर 50 मिनट तक है। शनैश्चरी अमावस्या या दर्श अमावस्या का दिन अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इस दिन व्रत किया जाता है और चंद्रमा की पूजा की जाती है। इस दिन चंद्रमा की पूजा करने से व्यक्ति पर चंद्र देवता की कृपा बरसाती है। साथ ही सौभाग्य व समृद्धि का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। शास्त्रओं के अनुसार, चंद्र देव भावनाओं और दिव्य अनुग्रह के स्वामी हैं। इस दिन को श्राद्ध की अमावस्या भी कहा जाता है। इस दिन लोग अपने पूर्वजों को याद करते हैं। साथ ही उनके लिए प्रार्थना भी करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन पूर्वज धरती पर आकर अपने परिवार को आशीर्वाद देते हैं।

शनैश्चरी अमावस्या का महत्व व शुभ मुहूर्त-
शनैश्चरी अमावस्या को दर्श अमावस्या भी कहा जाता है, क्योंकि इस दिन अमावस्या शनिवार को पड़ रही है। इस दिन सुख-समृद्धि और परिवार के कल्याण की कामना करते हैं एवं सनातन हिंदू धर्म के अनुसार, इस अमावस्या पर पूर्वजों की भी पूजा की जाती है। इस दिन का धर्म में विशेष महत्व  है।  
शनैश्चरी अमावस्या "दर्श अमावस्या" की श्रेणी में आ रही है। इस दिन पंचक का नक्षत्र पूर्वाभाद्रपद रहेगा। पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के स्वामी अजेकपाद हैं तथा ग्रह गणना से स्वामित्व देव गुरु बृहस्पति का है। पूर्वाभाद्रपद उग्र काण लोचन की संज्ञा में आता है। यह नक्षत्र कुंडली में विपरीत ग्रहों की वैदिक शांति कराने पर विशेष लाभ पहुंचाता है। पंचक के नक्षत्रों में से तीसरी श्रेणी में इसका प्रभाव दर्शाया जाता है इसलिए यह त्रिगुणी सकारात्मक लाभकारी बताया गया है।  
------------------------------------------------
इसे भी पढ़ें-
आज 13 मार्च : प्रमुख समाचार पत्रों की "हेड लाइन्स"
☟ 
http://www.dharmnagari.com/2021/03/Todays-13-March-Saturday-Newspapers-Head-Lines.html
------------------------------------------------
ऐसे जातक जो शनि दोष, शनि साढ़ेसाती, शनि की ढैय्या या शनि संबन्धी किसी अन्य परेशानी से पीड़ित हैं, उन लोगों के लिए शनैश्चरी अमावस्या के दिन कुछ उपाय करने चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और शनि के अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है. शनैश्चरी अमावस्या को करने योग्य विशेष उपाय-

-पीपल के वृक्ष की पूजा करने से शनिदेव अत्यंत प्रसन्न होते हैं. पीपल में सभी देवताओं का वास माना जाता है. इसलिए शनि के दुष्प्रभाव से बचने के लिए शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं


-शनिवार के दिन सिन्दूर और चमेली के तेल का दीपक जलाकर हनुमान जी को लाल लंगोट अर्पित करें
 हनुमान जी को शनिदेव का परम मित्र  है एवं जो व्यक्ति हनुमानजी की पूजा-उपासना करते हैं, उनपर शनिदेव की अनुकूलता या कृपा बनी रहती है

-शमी का पेड़ भी शनिदेव को बहुत प्रिय है. शनैश्चरी अमावस्या के दिन शमी के वृक्ष की पूजा करने व उसके पास दीपक रखने से भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं और शनि संबन्धी कष्टों से राहत मिलती है. शनि अमावस्या वाले दिन शमी वृक्ष की जड़ को काले कपड़े में बांधकर अपनी दाईं भुजा में बांधने से भी लाभ होगा


-शनिवार को यथासम्भव ब्रह्ममुहूर्त में किसी पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं और सात बार परिक्रमा करें इसके बाद हनुमान जी के समक्ष चौमुखी दीपक जलाएं और पीपल के नीचे बैठ कर हनुमान चालीसा का पाठ करें


-शनिवार के दिन काले पशुओं जैसे काली गाय और काले कुत्ते को सरसों के तेल से बना परांठा खिलाएं. आप चाहें तो रोटी में सरसों का तेल लगाकर भी खिला सकते हैं इस दिन गौ-सेवा अत्यंत प्रभावी होती है
 

-शनैश्चरी अमावस्या वाले दिन गुड़ में कूट कर काले तिल (
800 ग्राम काले तिल पानी में शुक्रवार को भिंगोया हुआ) का लड्डू बनाएं और काले घोड़े को खिला दें ये उपाय लगातार आठ शनिवार तक करने से शनि पीड़ा से मुक्ति मिलती है
  
पीपल के 11 पत्ते लेकर साफ जल से धोकर इन पत्तों पर चंदन से श्री राम का नाम लिखें, इसके बाद हनुमान जी को अर्पित करें. लेकिन ये पत्ते उनके चरणों में न रखें क्योंकि हनुमान जी भगवान राम के बड़े भक्त हैं. संभव हो तो इन पत्तों की माला बनाकर पहनाएं
------------------------------------------------
"धर्म नगरी" सूचना केंद्र हेल्प-लाइन- हरिद्वार कुम्भ में "धर्म नगरी" द्वारा "सूचना केंद्र हेल्प-लाइन" लगाया जा रहा है, जिसका मुख्य कार्यालय दक्ष मन्दिर के निकट कनखल में है। श्रद्धालुओं एवं तीर्थयात्रियों की सुविधा हेतु शिविर की सेवा में आप भी "धर्म नगरी" के बैंक खाते में सीधे आर्थिक सहयोग दें (चाहें तो अपके सहयोग की जानकारी भी हमसे लें ? सम्पर्क करें- मो. / वाट्सएप- 6261868110, मो.9752404020 ईमेल- dharm.nagari@gmail.com हेल्प-लाइन नंबर- 8109107075 (पूर्ववत ही है)।
----------------------------------------------- 
सूर्य को करें प्रसन्न-
भगवान सूर्य को कुंडली में लग्न और आरोग्यता का कारक माना जाता है। अमावस्या के दिन सूर्य देव की पूजा-आराधना  करके बीमारियों से मुक्ति पा सकते हैं। फाल्गुन अमावस्या के दिन सुबह सूर्य चालीसा का पाठ करें।सूर्य के 12 नामों का जाप सुबह के समय घी का दीपक जलाकर करें। इस दिन लाल मीठी चीजों का दान करना शुभ माना जाता है।

शनिदेव को प्रसन्न करने के उपाय-
हनुमान जी की पूजा- शनि देव को हनुमान जी का परममित्र कहा जाता है। शनिवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने से भी शनि देव प्रसन्न होते हैं। इस दिन शनि दोष से छुटकारा पाने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।

पीपल की पूजा- शनि देव को प्रसन्न करने के लिए पीपल के वृक्ष को सर्वाधिक फलदायी माना जाता है। मान्यता है, पीपल के पेड़ में सभी देवताओं का वास होता है। शनि के दुष्प्रभाव से बचने के लिए शनिवार को ब्रह्ममुहूर्त में जल चढ़ाने एवं सायंकाल पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए।

शमी की पूजा- शनि देव को शमी का वृक्ष प्रिय है। शनि दोष से छुटकारा पाने अथवा शनि देव की कृपा पाने के लिए शमी के वृक्ष की पूजा करनी चाहिए। शनिवार के दिन शाम को शमी के पेड़ के पास दीपक जलाने से लाभ मिलता है।

गौ पूजन- शनिवार के दिन काली गाय की सेवा करने शनि देव के प्रकोप में शनैः शनैः मुक्ति मिलती है। गाय को चारा व रोटी खिलाएं। कहते हैं कि ऐसा करने से शनि पीड़ा से छुटकारा मिलता है।
------------------------------------------------
"धर्म नगरी" व DN News का विस्तार प्रत्येक जिले (ग्रामीण व शहरी क्षेत्र) में हो रहा है. इसके साथ हमें ऐसे बिजनेस पार्टनर की खोज है, जो हिन्दुत्व व राष्ट्रवाद के समर्थक हों। Business Partner बनकर (10 से 40 हजार या अधिक का) सुरक्षित निवेश करके न्यूनतम ब्याज, समाचार पत्र व मैगजीन में निःशुल्क निर्धारित स्पेस व अन्य सुविधा ले सकते हैं. संपर्क- 6261868110 
------------------------------------------------
Require- "Dharm Nagari" is being expanded in urban & rural area along with appointment of local "part time representative." We have also planned result-oriented, phase-wise religious/spiritual seminars, symposiums, discourse etc at district level in order to make active & unite Hindus at local level. For all these, we are searching for "Patrons" (NRI, Saint, Spiritual person) who may support all the activities (after knowing the plan). Please contact us +91-6261868110 email- dharm.nagari@gmail.com Twitter- @DharmNagari




No comments