अयोध्या को त्रेतायुगीन वैभव के अनुरूप सजाएं, जगह-जगह तोरण द्वार लगे, स्थान-स्थान पर भजन बजता रहे, PM मोदी 30 दिसंबर को...
...श्रीराम अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन का करेंगे लोकार्पण
- PM के आगमन की तैयारी का CM योगी ने ली जानकारी, दिए निर्देश
- अयोध्या को त्रेतायुगीन वैभव के अनुरूप सजाया जाए- 30 दिसंबर के कार्यक्रम को 22 जनवरी का रिहर्सल : योगी
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निर्माणाधीन नवनिर्मित मंदिर के गर्भगृह का निरीक्षण करते CM योगी आदित्यनाथ |
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अयोध्या के मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अंतर्राट्रीय एयरपोर्ट एवं रेलवे स्टेशन का लोकार्पण करने के साथ हजारों करोड़ रुपये की विकास योजनाओं की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 30 दिसंबर को करेंगे। एयरपोर्ट के बगल में पीएम मोदी विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे। साथ ही अयोध्या से दिल्ली जाने वाली वंदे भारत सहित दो ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे।
PM के अयोध्या भ्रमण की तैयारियां को लेकर आज (21 दिसंबर) पूर्वाह्न सरयू तट स्थित हेलीपैड पर उतरने के बाद CM योगी आदित्यनाथ सक्रिय रहे। दिन भर रामनगरी में रहे। रामलला व बजरंगबली के दर्शन-पूजन के साथ ही उनका जोर प्रधानमंत्री के आगमन की तैयारियों पर रहा। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर दिशा-निर्देश दिए। जनसभा स्थल का निरीक्षण भी किया। कमिश्नर गौरव दयाल ने बताया, पीएम मोदी 30 दिसंबर को अयोध्या पहुंच रहे हैं और वह यहां उद्घाटन के साथ-साथ जनसभा को संबोधित करेंगे।
अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर का उद्घाटन समारोह होगा. पूरे अयोध्या को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है। लोगों के आने जाने के लिए भी रेल मार्ग से लेकर रोड मार्ग को चमकाया जा रहा है।
PM के 30 दिसंबर को अयोध्या भ्रमण : CM योगी ने कहा-
- अयोध्या को त्रेतायुगीन वैभव के अनुरूप सजाया जाए। पूरी अयोध्या राममय हो
- स्थानीय मठ-मंदिरों को सजाएं, जगह-जगह तोरण-द्वार लगवाएं
- स्थानीय मठ-मंदिरों को सजाएं, जगह-जगह तोरण-द्वार लगवाएं
- साधु-संत गणों का मार्गदर्शन लें, स्वागत के लिए उत्सुक अयोध्यावासी का भी सहयोग लें
- स्थान-स्थान पर भजन बजता रहे, लखनऊ-गोरखपुर हाइवे को सजाया जाए
- सुरक्षा व्यवस्था अभेद्य हो, ट्रैफिक प्रबंधन श्रेष्ठ हो।
- हाईवे से नयाघाट की तरफ आ रहे धर्मपथ की सजावट आकर्षक हो
- राम-पथ, भक्ति-पथ, जन्मभूमि-पथ एवं धर्म-पथ तथा अयोध्या एयरपोर्ट से बाईपास से नयाघाट जोड़ने वाले मार्ग के कार्यों को गुणवता के साथ शीघ्रता से पूरा कराया जाए
- सुरक्षा व्यवस्था अभेद्य हो, ट्रैफिक प्रबंधन श्रेष्ठ हो।
- हाईवे से नयाघाट की तरफ आ रहे धर्मपथ की सजावट आकर्षक हो
- राम-पथ, भक्ति-पथ, जन्मभूमि-पथ एवं धर्म-पथ तथा अयोध्या एयरपोर्ट से बाईपास से नयाघाट जोड़ने वाले मार्ग के कार्यों को गुणवता के साथ शीघ्रता से पूरा कराया जाए
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"श्रीराम मंदिर निर्माण विशेषांक" में दें अपनी शुभकामना
अयोध्या में 493 वर्षों तक संघर्षों एवं युद्धों के पश्चात नवनिर्मित भव्य मंदिर में "रामलला" की प्राण-प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को होगी। इस पर "धर्म नगरी" का विशेषांक प्रकाशित हो रहा है। इसमें आप भी अपनी फोटो के साथ शुभकामना या प्रतिक्रिया देते हुए अपने नाम/ संस्था/ आश्रम / पार्टी आदि के नाम से देशभर में जहाँ चाहें, प्रतियाँ भिजवा सकते हैं। प्रतियों को सर्वाधिक अयोध्या, प्रयागराज माघ मेला-2024 तथा वृन्दावन व हरिद्वार में भेजा/सौजन्य प्रति के रूप में बाटा जाएगा। आप भी "सौजन्य प्रति" के स्थान पर अपने नाम, फोटो, शुभकामना या गतिविधि / उपलब्धि आदि प्रतियाँ भिजवा या बटवा सकते हैं। कृपया सम्पर्क करें- मो. / वाट्सएप- 6261868110, मो. 9752404020 ईमेल- dharm.nagari@gmail.com माघ हेल्प-लाइन नंबर- 8109107075 पूर्ववत ही है।
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PM की जनसभा
प्रधानमंत्री की जनसभा में दो लाख लोगों के आने की संभावना को देखते हुए पर्याप्त तैयारी की जा रही हैं। अयोध्या का एक डिजिटल टूरिस्ट मैप बने। उसमें अयोध्या में मौजूद सभी आधारभूत सुविधाओं एवं प्रमुख स्थलों की जानकारी सभी भारतीय भाषाओं एवं भगवान श्रीराम से जुड़ने वाले प्रमुख देशों की भाषाओं और संयुक्त राष्ट्र की भाषाओं में हों।
प्राण-प्रतिष्टा कार्यक्रम पर रहा CM का फोकस
सीएम ने निर्माणाधीन मंदिर सहित गर्भगृह का अवलोकन किया, जहां 22 जनवरी को प्रधानमंत्री को उपस्थिति में रामलला के विग्रह की प्रतिष्ठा होनी है। राममंदिर के साथ रामनगरी भी 30 हजार करोड़ रुपये से अधिक की लागत से श्रेष्ठतम सांस्कृतिक नगरी के रूप में संवर रही है। आज सीएम का फोकस प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में पीएम समेत अन्य वीवीआइपी की सुरक्षा व इससे संबंधित अन्य व्यवस्थाओं पर रहा। उन्होंने 30 दिसंबर के कार्यक्रम को 22 जनवरी का रिहर्सल बताया। प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम की तैयारी में रात-दिन जुटने को कहा। अयोध्या से वापसी की उड़ान से पूर्व मुख्यमंत्री ने स्थानीय संतों के साथ बैठक भी किया और 30 दिसंबर को प्रधानमंत्री के स्वागत तथा उनकी सभा के साथ 22 जनवरी के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की ऐतिहासिक बनाने का आह्वान किया।
सीएम योगी ने कहा, 22 जनवरी को आमंत्रितजन की सुविधा को देखते हुए यह आवश्यक है, कि 22 जनवरी को अयोध्या के होटलो व धर्मशालाओं में सामान्य लोगों की पूर्व बुकिंग को उनकी सुविधा में ध्यान रखकर यथासंभव निरस्त किया जाए। होटलों में निवास के लिए आमंत्रित विशिष्टजन को वरीयता दी जाए। बड़ी संख्या में आ रहे वीवीआइपी के लिए लखनऊ, प्रयागराज व वाराणसी में पहले से होटल की व्यवस्था में भी प्रशासन लगा है।
22 जनवरी को रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा दिन-
- वही लोग अयोध्या में आ सकेंगे, जिनके पास निमंत्रण-पत्र हैं या सरकारी ड्यूटी में तैनात होंगे
- उस दिन स्थानीय होटल और धर्मशालाओं की बुकिंग कैंसिल हो
- अयोध्या एयरपोर्ट पर 100 प्लेन आने की संभावना है, उसके डायवर्जन की भी व्यवस्था की जाए
- उस दिन स्थानीय होटल और धर्मशालाओं की बुकिंग कैंसिल हो
- अयोध्या एयरपोर्ट पर 100 प्लेन आने की संभावना है, उसके डायवर्जन की भी व्यवस्था की जाए
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http://www.dharmnagari.com/2023/12/Parliament-winter-session-33-MPs-suspended-from-Loksabha.html"धर्म नगरी" सूचना केंद्र एवं हेल्प-लाइन सेवा शिविर
प्रयागराज माघ मेले में विगत वर्षों की भाँति "सूचना केंद्र हेल्प-लाइन सेवा" माघ मेला-2024 लगाया जाएगा। श्रद्धालुओं एवं तीर्थयात्रियों की सुविधा हेतु शिविर की सेवा में आप भी "धर्म नगरी" का या शिविर के आयोजन में स्वेच्छापूर्वक किसी प्रकार का सहयोग कर सकते हैं। अपना सहयोग देकर हमसे निःसंकोच पूंछे- मेरा सहयोग कहाँ लगा ? कृपया सम्पर्क करें- मो. / वाट्सएप- 6261868110, मो. 9752404020 ईमेल- dharm.nagari@gmail.com हेल्प-लाइन नंबर- 8109107075 पूर्ववत ही है।----------------------------------------------
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इन लाइनों को आप भी पढ़ें, इनमे छींटे तथ्यों पर विचार करें, फिर कोई बात हो, तो नीचे कमेंट बॉक्स में अवश्य लिखें...
मुस्लिम देशों में कोई मदर टेरेसा क्यों नहीं बनती ?
क्या सारी सेवा की आवश्यकता भारत को ही है ?
क्या सूडान, लीबिया, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, इराक, सऊदी अरब और सीरिया में गरीब नहीं हैं ?
टेरेसा ने वहाँ पर "सेवा" क्यों नहीं की ?
वहाँ वेटिकन वाले क्याें नहीं जाते ?
भारत में ही मदर टेरेसा क्यों ?
हम हिंदू ही आखिर क्यों मजारों पर जाते हैं ?
ये हिंदू धर्म की कमजोरी की निशानी नहीं तो और क्या है ?
हिंदुओं ने सदैव सबको गले लगाया, किंतु दु:ख मात्र इस बात का है कि जिन्हें हमने गले लगाया वही आज हमारे गले में छुरी फेरने को तैयार बैठे है...
हमारे जयचंद स्वयं इसमें उनकी सहायता कर रहे है...
क्या सारी सेवा की आवश्यकता भारत को ही है ?
क्या सूडान, लीबिया, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, इराक, सऊदी अरब और सीरिया में गरीब नहीं हैं ?
टेरेसा ने वहाँ पर "सेवा" क्यों नहीं की ?
वहाँ वेटिकन वाले क्याें नहीं जाते ?
भारत में ही मदर टेरेसा क्यों ?
हम हिंदू ही आखिर क्यों मजारों पर जाते हैं ?
ये हिंदू धर्म की कमजोरी की निशानी नहीं तो और क्या है ?
हिंदुओं ने सदैव सबको गले लगाया, किंतु दु:ख मात्र इस बात का है कि जिन्हें हमने गले लगाया वही आज हमारे गले में छुरी फेरने को तैयार बैठे है...
हमारे जयचंद स्वयं इसमें उनकी सहायता कर रहे है...
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