रथयात्रा : पुरी में गुंडिचा मंदिर के सामने भगदड़, 3 की मृत्यु 50 घायल, दुर्घटना तब हुई जब भारी संख्या में...
...मंदिर के सामने एकत्र श्रद्धालुओं में धक्का-मुक्की हुई
(W.app- 8109107075 -न्यूज़, कवरेज, शुभकामना, फ्री कॉपी पाने हेतु)पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा में रविवार सुबह लगभग 4:30 बजे दुर्घटना (भगदड़) हो गई, जब भारी संख्या श्रद्धालु शरधाबली के निकट श्रीगुंडिचा मंदिर के भगवान के दर्शन के लिए में एकत्र थे। श्रद्धालुओं में काफी धक्का-मुक्की के पश्चात भगदड़ मच गई। इससे तीन लोगों की मृत्यु हो गई, जबकि लगभग 50 घायल हो गए, जिनमें 6 की स्थिति चिंताजनक है।
प्राप्त समाचार के अनुसार, भगवन जगन्नाथ मंदिर से लगभग 3 किमी. दूर श्रीगुंडिचा मंदिर के सामने जब रथ पर विराजमान भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए भारी भीड़ जमा थी, भीड़ को नियंत्रित करना कठिन हो गया और लोगों में धक्का-मुक्की शुरू हो गई। इससे लोग जमीन पर गिर पड़े और भगदड़ मच गई। घटना के बारे एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, कि घटना सुबह करीब 4 बजे के आसपास हुई है, जब सैकड़ों श्रद्धालु मंदिर के पास एकत्र हुए थे।
उल्लेखनीय है, पुरी की रथयात्रा में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के रथों को उनकी मौसी के घर गुंडिचा मंदिर के सामने 9 दिन के लिए खड़ा कर दिया जाता है। यहां बलभद्र और सुभद्रा के रथ पहले पहुंच चुके थे। जगन्नाथ रथ बाद में पहुंचा, जिससे लोगों में उसके दर्शन करने की होड़ लग गई, जब आज (29 जून) भदगड़ मची।
देखें-
घटना में घायल लोगों को तत्काल 108 एम्बुलेंस से जिला अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों की टीम लगातार इलाज कर रही है। घायलों में कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।
पुरी के जिला कलेक्टर सिद्धार्थ एस स्वैन ने कहा कि घायलों को निकट के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घायलों में 6 लोगों की हालत गंभीर है। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और मामले की जांच चल रही है। मृतकों की पहचान बोलागढ़ की बसंती साहू और बालीपटना के प्रेमकांत मोहंती और प्रवती दास के रूप में हुई है।
उल्लेखनीय है, दुनिया में सबसे बड़ी धार्मिक यात्राओं में जगन्नाथ रथयात्रा है, जिसका शुभारम्भ शुक्रवार 27 जून सायं 4 बजे होकर एवं रविवार 29 को पूरी हुई। सबसे पहले भगवान बलभद्र का रथ खींचा गया। इसके बाद सुभद्रा और जगन्नाथ के रथ खींचे गए। पहले दिन बलभद्र का रथ 200 मीटर तक खींचा गया, सुभद्रा-भगवान जगन्नाथ के रथ भी कुछ दूरी तक खींचे गए।
शनिवार (28 जून) सुबह 10 बजे पुनः रथयात्रा आरंभ हुई। भक्तों ने तीनों रथों को खींचना प्रारंभ किया एवं सुबह 11.20 बजे भगवान बलभद्र का रथ तालध्वज और दोपहर 12.20 बजे देवी सुभद्रा का दर्पदलन रथ और इनके बाद भगवान जगन्नाथ का नंदीघोष रथ 1.11 बजे गुंडिचा मंदिर पहुंच गया।
----------------------------------------------
---------------------------------------------
रथयात्रा में पहले हुए दुर्घटना
भगवान जगन्नाथ रथयात्रा-2024 का आयोजन 7-8 जुलाई को किया गया। रथयात्रा के पहले दिन 7 जुलाई को 10 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पंहुचे थे, इस कारण भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। भगदड़ के दौरान घबराहट के कारण से दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई और कई लोग घायल भी हुए।
छः श्रद्धालुओं की मृत्यु
श्री जगन्नाथ यात्रा-2008 का आयोजन 4-5 जुलाई को किया गया। यात्रा के पहले दिन 4 जुलाई को भगवान जगन्नाथ मंदिर के बाहर सिंहद्वार के सामने भगदड़ मच गई, जिसमें 6 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 12 से अधिक लोग घायल हो गए। मरने वालों में 3 महिलाएं भी शामिल थीं। यह दुर्घटना उस समय हुई, जब भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा को रथयात्रा के लिए मंदिर से बाहर लाया जा रहा था।
रथयात्रा के पहले DGP की उच्च स्तरीय क्या हुआ !
रथयात्रा-2025 के आयोजन को लेकर पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) वाई. बी. खुरानिया ने (21 जून) को खुफिया, कानून व्यवस्था, रेल एवं तटीय सुरक्षा से जुड़े शीर्ष पुलिस अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की।DGP ने उन्हें संभावित भगदड़ की स्थिति, अपराधियों के खिलाफ अभियान और श्रद्धालुओं की सुविधाओं जैसे मुद्दों पर विशेष ध्यान देने का आदेश देने के साथ "के9" दस्ते या ‘डॉग स्क्वॉड’ (श्वान दस्ते) की तैनाती पर भी जोर दिया।
यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाने, अवरोधकों की व्यवस्था करने तथा जिला प्रशासन के साथ मिलकर विभिन्न समस्याओं का त्वरित समाधान करने के निर्देश देते हुए DGP ने बैठक में आपातकालीन स्थितियों से निपटने के बिंदुओं पर निर्देश दिया था। इसके बैठक में शहर के विभिन्न महत्वपूर्ण स्थानों पर सीसीटीवी लगाने, सड़क पर ‘डिवाइडर’ लगाने, यातायात प्रबंधन के लिए ‘ट्रैफिक जोन’ बनाने, शहर के विभिन्न स्थानों पर पर्याप्त पार्किंग व्यवस्था करने, यातायात व्यवस्था को व्यवस्थित बनाए रखने आदि पर भी विचार-विमर्श हुआ था। इतनी तैयारियों के पश्चात रविवार (29 जून) के सुबह पुरी में हुई भगदड़ के लिए कहाँ, किससे और कैसे चूक या लापरवाही हुई ?
---------------------------------------------
In view of the Rath Yatra, extensive renovation work has been completed at the Gundicha Temple. Due to the administration's efforts, the temple and its premises have now taken on a new look. Through painting, lighting, and other decorative arrangements, the temple has been made attractive.#RathYatra2025 #GundichaTemple #Puri #OdishaLinks
Post a Comment