पाँच दिवसीय श्री दुर्गा पूजा का शुभारम्भ आज से
माँ दुर्गा के साथ माता लक्ष्मी व सरस्वती, भगवान गणपति व कार्तिकेय की पूजा
(धर्म नगरी / DN News वा.एप- 6261868110)
राजेश पाठक
पश्चिम बंगाल, बिहार समेत देश के कई हिस्सों में आज आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि (21 अक्टूबर) से दुर्गा पूजा का शुभारंभ हो रहा है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, शारदीय नवरात्रि के समय में ही दुर्गा पूजा का उत्सव भी मनाया जाता है। श्री दुर्गा पूजा का आयोजन षष्ठी तिथि से दशमी (मूर्ति विर्सजन) तक होता है।
श्रीदुर्गा पूजा 5 दिन- षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी और दशमी तक मनाया जाता है। श्री दुर्गा पूजा विशेषरूप से बिहार, पश्चिम बंगाल, ओड़िशा, त्रिपुरा, पूर्वी उत्तर प्रदेश समेत देश के अन्य भागों में मनाया जाता है। नवरात्रि के समय में मां दुर्गा के ही नवस्वरुपों की पूजा की जाती है। उसी में षष्ठी तिथि से दुर्गा पूजा के प्रारंभ से मां दुर्गा के साथ माता लक्ष्मी, माता सरस्वती, भगवान गणेश और भगवान कार्तिकेय की पूजा की जाती है। दुर्गा पूजा के प्रथम दिन मां की मूर्ति स्थापित की जाती है, प्राण प्रतिष्ठा होती है और 5वें दिन उनका विसर्जन किया जाता है।
दुर्गा पूजा-2020 की तिथियां-
21 अक्टूबर: पहला दिन- मां दुर्गा को आमंत्रण एवं अधिवास, पंचमी तिथि
22 अक्टूबर: दूसरा दिन- नवपत्रिका पूजा, षष्ठी तिथि।
23 अक्टूबर: तीसरा दिन- सप्तमी तिथि।
24 अक्टूबर: चौथा दिन- दुर्गा अष्टमी, कन्या-पूजा, सन्धि-पूजा तथा महानवमी।
25 अक्टूबर: पांचवा दिन- बंगाल महानवमी, दुर्गा बलिदान, नवमी हवन, विजयदशमी या दशहरा।
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श्री दुर्गा पूजा पंडाल, कोलकाता (फाइल फोटो 2019) |
राजेश पाठक
पश्चिम बंगाल, बिहार समेत देश के कई हिस्सों में आज आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि (21 अक्टूबर) से दुर्गा पूजा का शुभारंभ हो रहा है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, शारदीय नवरात्रि के समय में ही दुर्गा पूजा का उत्सव भी मनाया जाता है। श्री दुर्गा पूजा का आयोजन षष्ठी तिथि से दशमी (मूर्ति विर्सजन) तक होता है।
श्रीदुर्गा पूजा 5 दिन- षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी और दशमी तक मनाया जाता है। श्री दुर्गा पूजा विशेषरूप से बिहार, पश्चिम बंगाल, ओड़िशा, त्रिपुरा, पूर्वी उत्तर प्रदेश समेत देश के अन्य भागों में मनाया जाता है। नवरात्रि के समय में मां दुर्गा के ही नवस्वरुपों की पूजा की जाती है। उसी में षष्ठी तिथि से दुर्गा पूजा के प्रारंभ से मां दुर्गा के साथ माता लक्ष्मी, माता सरस्वती, भगवान गणेश और भगवान कार्तिकेय की पूजा की जाती है। दुर्गा पूजा के प्रथम दिन मां की मूर्ति स्थापित की जाती है, प्राण प्रतिष्ठा होती है और 5वें दिन उनका विसर्जन किया जाता है।
दुर्गा पूजा-2020 की तिथियां-
21 अक्टूबर: पहला दिन- मां दुर्गा को आमंत्रण एवं अधिवास, पंचमी तिथि
22 अक्टूबर: दूसरा दिन- नवपत्रिका पूजा, षष्ठी तिथि।
23 अक्टूबर: तीसरा दिन- सप्तमी तिथि।
24 अक्टूबर: चौथा दिन- दुर्गा अष्टमी, कन्या-पूजा, सन्धि-पूजा तथा महानवमी।
25 अक्टूबर: पांचवा दिन- बंगाल महानवमी, दुर्गा बलिदान, नवमी हवन, विजयदशमी या दशहरा।
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