सभी सेक्युलर पार्टियां अब खेल रहीं हैं हिन्दुत्व कार्ड
"अगर 2019 में देश का प्रधानमंत्री बना तो देश के हर जिले में शरिया अदालत बनाने की मांग पूरी कर दूंगा"
कांग्रेस मुसलमानों की पार्टी है : राहुल गाँधी
आजतक कोई भी हिन्दू आतंकवादी पकड़ा नहीं गया फिर भी कांग्रेस ने हिन्दू आतंकवाद शब्द से दुनियाभर में हिन्दुओं को बदनाम किया
- दुर्गा आरती और विसर्जन पर प्रतिबंध लगाने वाली ममता बनर्जी अब हिन्दुत्व का कार्ड खेल रही है
- केजरीवाल 2016 में मुसलमानों को आकर्षित करने के मुस्लिमों के बीच जाकर स्कल-कैप लगाकर फोटो खिंचवा रहे थे
-अनुराधा त्रिवेदी*मुस्लिम तुष्टीकरण के नाम पर कांग्रेस हमेशा से हिन्दू-विरोधी मानसिकता से ग्रसित रही है। अभी दो दिन पहले कांग्रेस के सांसद उदित राज ने भारतीय हिन्दू आस्था के प्रतीक कुंभ पर्व को फिजूलखर्ची बताते हुए इसका आयोजन बंद करने की बात कही। मजे की बात है, कि जब ये बीजेपी में थे तो कुंभ स्नान के लिए कतार में खड़े रहते थे। धारा-370, तीन तलाक और राम मन्दिर जैसे मुद्दों पर कांग्रेस का स्टैंड हिन्दुओं के विरुद्ध रहा है। आज चोला बदलकर कांग्रेस अपने आपको कर्मकांडी पार्टी के रूप में प्रस्तुत करना चाह रही है। कांग्रेस को ये याद रखना चाहिए, कि बहुसंख्यकों के हितों पर चोट करके उसे बहुसंख्यकों की धार्मिक आस्थाओं पर चोट पहुंचाकर यदि वो सत्ता के शिखर पर पहुंचना चाहती है, तो इतना ही कहा जा सकता है, दिल बहलाने को गालिब खयाल अच्छा है।
कांग्रेस मुसलमानों की पार्टी है, ऐसा राहुल गांधी के बयान जम्मू-कश्मीर से छपने वाले उर्दू दैनिक अखबार- इंकलाब में 12 जुलाई 2018 को खुलासा किया। फ्रंट पेज पर खबर छपी, कि 11 जुलाई 2018 को राहुल गांधी ने मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ सीके्रट मीटिंग की और कहा, कि कांग्रेस मुसलमानों की पार्टी है। इसके साथ ये खबर भी छपी थी, कि राहुल ने कहा कि उनका और उनकी मां का कमिटमेंट है, कि मुसलमानों को उनका हक मिलना चाहिए और इससे वो कोई समझौता नहीं कर सकते। 12 तुलगक लेन दिल्ली स्थिति अपने निवास पर दो घंटे तक मुसलमानों से बात भी की। इस दौरान मुस्लिम नेताओं ने राहुल गांधी से आपत्ति दर्ज कराई, कि आप तो सिर्फ मंदिर मंदिर घूम रहे हैं। कांग्रेस पार्टी ने मुसलमानों को भुला दिया। जवाब में राहुल ने कहा, मैं कर्नाटक में कई मस्जिदों में भी गया हूं और अब मस्जिदों में लगातार जा रहा हूं।
राहुल गांधी जब कहते हैं, मंदिर जाने वाले लोग लड़कियां छेडऩे जाते हैं, हिन्दू धर्म के मन्दिरों में जाने वाले लोग लफंगे होते हैं, कपिल सिब्बल भी पीछे नहीं रहे। उन्होंने इस्लाम की कुरीतियों की तुलना भगवान राम से की थी। आजतक कोई हिन्दू आतंकवादी पकड़ा नहीं गया। इसके बावजूद देश में कांग्रेस ने हिन्दू आतंकवाद शब्द का गठन किया। जर्मनी में भी राहुल ने हिन्दू धर्म और भारतीय संस्कृति को महिलाओं के खिलाफ अत्याचार बताया।
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की शरिया अदालत लागू करने की मांग रही है। राहुल ने उनसे वायदा किया था, कि अगर वो 2019 में देश के प्रधानमंत्री बनें, तो देश के हर जिले में शरिया अदालत बनाने की मांग पूरी कर देंगे। कांग्रेस के ही शशि थरूर, जिनकी पत्नी की विगत वर्ष में रहस्यमय ढंग से मृत्यु हुई थी, उन्होंने हिन्दुओं को कट्टरपंथी बताते हुए कहा था, कि हिन्दू कट्टरपंथी भारत को हिन्दू पाकिस्तान बना रहे हैं। ये बयान 11 जुलाई 2019 को शशि थरूर ने दिया था। इन्हीं की ताल में ताल मिलाकर 13 जुलाई को दिग्विजय सिंह ने भी हिन्दुओं को कट्टरपंथी कहा और शशि थरूर की बात को दोहराया। जाहिर है, कि ये सब राहुल गांधी के इशारे पर हुआ।
याद करिए 17 दिसंबर 2010 को विकीलिक्स ने राहुल गांधी की अमेरिकी राजदूत टिमोथी रोमर से 20 जुलाई 2009 को हुई बातचीत का ब्यौरा दिया। राहुल ने अमेरिकी राजदूत से कहा था, कि भारत विरोधी मुस्लिम आतंकवादियों और वामपंथी आतंकवादियों से बड़ा खतरा देश के हिन्दुओं से है। कांग्रेस हमेशा से ही देश की 20 करोड़ आबादी को खुश करने के लिए 100 करोड़ हिन्दुओं की भावना से खिलवाड़ करती रही है। उनसे दो कदम आगे बढ़कर मणिशंकर अय्यर ने भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाए। भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाते हुए उन्होंने भगवान राम को काल्पनिक बताया था। दिल्ली में राष्ट्रविरोधी संगठन सोशल डेमोके्रटिक पार्टी ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित एक शाम बाबरी मस्जिद के नाम कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने भगवान राम एवं अयोध्या स्थित रामजन्मभूमि स्थल को कटघरे में खड़ा कर दिया था।
मस्जिद और मुसलमानों के पे्रम में डूबे अय्यर ने कहा था, कि राजा दशरथ बहुत बड़े राजा थे। उनके महल में 10 हजार कमरे थे, लेकिन भगवान राम किस कमरे में पैदा हुए थे, ये बताना मुस्किल है। अंग्रेजी अखबार द हिन्दू के तत्कालीन संपादक एम. रामकेपिता कस्तूरी ने तब के (नेहरू के जमाने में) द हिन्दू का संपादक रहते हुए लेख छापा था, जिसमें नेहरू की हिन्दू विरोधी नीतियां और मुस्लिम समर्थक नीतियों का ब्यौरा था। मौजूदा तेलंगाना के सिकंदराबाद के केके सुब्रमह्यण के लेख ने आजाद भारत में हिन्दू और उनकी आस्था से हो रहे खिलवाड़ और सरकार की अल्पसंख्यक-परस्त नीतियों का खुलासा किया था।
आजादी के बाद जब सरदार बल्लभ भाई पटेल ने सोमनाथ मंदिर के दोबारा निर्माण की कोशिश की, तो महात्मा गांधी ने उसका स्वागत किया था, लेकिन जवाहर लाल नेहरू इसका लगातार विरोध करते रहे। कांग्रेस ने ही दुनियाभर में हिन्दू आतंकवाद शब्द को गढ़ा। रामसेतु से लेकर राम के अस्तित्व तक हिन्दू आराध्यों, देवी-देवताओं को त्यौहारों को बकवास बताने वाली कांग्रेस मोदी सरकार के आने के बाद हिन्दुत्व के प्रति कोमल भाव दिखा रही है। जनेऊ भी पहने जा रहे हैं, मन्दिरों के चक्कर भी लगाए जा रहे हैं, वो तमाम कर्मकांड किए जा रहे हैं, जो पूर्व में कांग्रेस ने कभी नहीं किए। 2014 के बाद का भारत एकदम नए स्वरूप में है। सर्वाधिक युवाशक्ति वाला भारत नेताओं के कार्यपद्धति, निष्ठाएं, आचरण और धर्म पर पैनी नजर रख रहा है। युवाओं में देशभक्ति का जोश है।
अब गिले-शिकवे करें भी तो क्या एक-दूजे से हम,
दोनों को निभाने भी तो अपने-अपने जो धर्म हैं
ये जमाने की बेतुकी सी रिवायतों से तंग आकर,
☞ आवश्यकता है-
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