हिजाब से आगे क्या ? ये कैसा षड़यंत्र ? इस साजिश के पीछे कौन हैं ? ये अन्तिम लड़ाई है अगर इसमे तुम...
Why are require #Hijab in India, Why are not require Hijab in Pakistan.? #HijabPlot -@Current_Azenda |
- ...सतही स्तर पर बात कर समय बर्बाद कर रहे है
- पांच सेक्युलर सवाल आपसे...
- किशन भरवाड के बाद 26 हिन्दू नेताओं को मरवाना चाहता था मौलाना !
- सांसद साध्वी प्रज्ञा का तार्किक बयान
- 4 सवाल एडवोकेट सुबुही खान के मुसलमानों से, कुरान व संविधान के संदर्भ में
- ये अन्तिम लड़ाई है, अगर तुम हार गए तो- तुम अपना...
- ये अन्तिम लड़ाई है, अगर तुम हार गए तो- तुम अपना...
- गजवा-ए-हिंद का सपना तो कयामत तक भी पूरा नहीं होगा -योगी
- #सोशल में प्रतिक्रिया...
धर्म नगरी / DN News
(W.app- 8109107075 -न्यूज़, कवरेज, विज्ञापन व सदस्यता हेतु)
हिन्दू समाज के बच्चे तिलक लगाने में शर्मा रहे हैं और वो...हिजाब के लिए लड़ने मरने को तैयार हैं
अंतर स्पष्ट है, अपने बच्चो को धर्म सिखाइये, ताकि वो भविष्य में अपना सम्मान, संपत्ति व देश की रक्षा कर सकें। कश्मीरी हिन्दुओं जैसी दुर्गति न हों, इज्जत, धन-दौलत लुटने से बच सकें।
आज जो लोग हिजाब के पक्ष-विपक्ष में लड़ रहे हैं, वो सतही स्तर पर बात कर समय बर्बाद कर रहे है। ये कैंपस फ्रंट आफ इंडिया की शैक्षणिक संस्थानों में इस्लामिक आंदोलन की शुरुआत है। वो छह लड़कियां इसकी सदस्य हैं।
बात मजहबी पहचान की नहीं, बल्कि विद्यार्थियों को मोहरा बना कर शैक्षणिक संस्थानों में मजहबी राजनीति की है। कुछ दिन पहले तक किसी लड़की को यूनिफॉर्म पहनने से समस्या नहीं थी। अब क्यों है ? कैंपस फ्रंट आफ इंडिया पीपुल्स फ्रंट आफ इंडिया (PFI) का एक विंग है। सिमी के प्रतिबंधित होने की कमी को पूरा कर रहा है। वही माडल, बस नाम नया है।
2015-16 में #CBSE द्वारा संचालित #AIPMT की परीक्षा के समय भी बुरका और हिजाब के बहाने इस संगठन ने आंदोलन और रेडिकलाइजेशन की थी। इस संगठन का #SFI के एक कार्यकर्ता अभिमन्यु की हत्या में भी हाथ रहा है।
आज जो लोग हिजाब के पक्ष-विपक्ष में लड़ रहे हैं, वो सतही स्तर पर बात कर समय बर्बाद कर रहे है। ये कैंपस फ्रंट आफ इंडिया की शैक्षणिक संस्थानों में इस्लामिक आंदोलन की शुरुआत है। वो छह लड़कियां इसकी सदस्य हैं।
बात मजहबी पहचान की नहीं, बल्कि विद्यार्थियों को मोहरा बना कर शैक्षणिक संस्थानों में मजहबी राजनीति की है। कुछ दिन पहले तक किसी लड़की को यूनिफॉर्म पहनने से समस्या नहीं थी। अब क्यों है ? कैंपस फ्रंट आफ इंडिया पीपुल्स फ्रंट आफ इंडिया (PFI) का एक विंग है। सिमी के प्रतिबंधित होने की कमी को पूरा कर रहा है। वही माडल, बस नाम नया है।
2015-16 में #CBSE द्वारा संचालित #AIPMT की परीक्षा के समय भी बुरका और हिजाब के बहाने इस संगठन ने आंदोलन और रेडिकलाइजेशन की थी। इस संगठन का #SFI के एक कार्यकर्ता अभिमन्यु की हत्या में भी हाथ रहा है।
CAA प्रोटेस्ट, जामिया मिल्लिया इस्लामिया में आंदोलन, यहां तक की म्यांमार में तबाही मचाने वाले रोहिंग्याओं के पक्ष में भी आंदोलन कर चुका है यह कैंपस फ्रंट आफ इंडिया (CFI) नामक संगठन।
ऐसे संगठन के सदस्यों द्वारा संचालित एक आराजक आंदोलन, विद्यार्थियों के द्वारा या उनके हितों से प्रेरित अथवा उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए संचालित आंदोलन नहीं है। यह मूलतः मजहबी कट्टरता को शैक्षणिक संस्थानों में फैलाने और अराजक तत्वों को इस्लाम के नाम पर अपने से जोड़ने की मुहिम है। पढ़ने वाली स्कूल कालेज के लड़के-लड़कियां इतनी छोटी बातों पर हाईकोर्ट चले जाएंगे ? इतनी जल्दी खर्चे का इंतजाम भी कर लेंगे ? आप सोचें और नीचे [COMMENT BOX] में अपने विचार दें...
अपने पक्ष में बात न हुई, तो आगे क्या करना है ? इसका भी इंतजाम है, इतनी तैयारी छह छात्राओं के बस की बात है क्या ? जिनको भी छात्र आंदोलन की समझ और थोड़ा अनुभव होगा, वो मामले को आसानी से समझेंगे। इको सिस्टम यहां भी मुंह की खाएगा। सो प्रतिक्रियाएं तो होंगी ही, और होनी भी चाहिए। आखिर संविधान सबका है, सबके लिए है।
कर्नाटक में SDPI नेता शफीर के साथ सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ हुआ, जिसमें 10 गिरफ्तार भी हुए. हिजाब मुद्दे में SDPI का हाथ था. पकड़ी गई बुर्के वालियो को इसलिए चाहिए था हिजाब ! #Social_Media से
सिमी माडल को इस देश में फिर से विकसित होने देने की और ब्लास्ट की क्षति को बर्दाश्त करने के लिए यह राष्ट्र अब तैयार नहीं है। सही समय पर सतर्कता आवश्यक है। तो, हिजाब के पक्ष-विपक्ष की विवेचना से उपर उठकर इस पूरे माडल को समझने की आवश्यकता है और तदनुरूप व्यवहार करने की जरूरत है।
ऐसे संगठन के सदस्यों द्वारा संचालित एक आराजक आंदोलन, विद्यार्थियों के द्वारा या उनके हितों से प्रेरित अथवा उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए संचालित आंदोलन नहीं है। यह मूलतः मजहबी कट्टरता को शैक्षणिक संस्थानों में फैलाने और अराजक तत्वों को इस्लाम के नाम पर अपने से जोड़ने की मुहिम है। पढ़ने वाली स्कूल कालेज के लड़के-लड़कियां इतनी छोटी बातों पर हाईकोर्ट चले जाएंगे ? इतनी जल्दी खर्चे का इंतजाम भी कर लेंगे ? आप सोचें और नीचे [COMMENT BOX] में अपने विचार दें...
अपने पक्ष में बात न हुई, तो आगे क्या करना है ? इसका भी इंतजाम है, इतनी तैयारी छह छात्राओं के बस की बात है क्या ? जिनको भी छात्र आंदोलन की समझ और थोड़ा अनुभव होगा, वो मामले को आसानी से समझेंगे। इको सिस्टम यहां भी मुंह की खाएगा। सो प्रतिक्रियाएं तो होंगी ही, और होनी भी चाहिए। आखिर संविधान सबका है, सबके लिए है।
कर्नाटक में SDPI नेता शफीर के साथ सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ हुआ, जिसमें 10 गिरफ्तार भी हुए. हिजाब मुद्दे में SDPI का हाथ था. पकड़ी गई बुर्के वालियो को इसलिए चाहिए था हिजाब ! #Social_Media से
सिमी माडल को इस देश में फिर से विकसित होने देने की और ब्लास्ट की क्षति को बर्दाश्त करने के लिए यह राष्ट्र अब तैयार नहीं है। सही समय पर सतर्कता आवश्यक है। तो, हिजाब के पक्ष-विपक्ष की विवेचना से उपर उठकर इस पूरे माडल को समझने की आवश्यकता है और तदनुरूप व्यवहार करने की जरूरत है।
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--------धार्मिक आधार पर नरसंहार कब शुरू हुआ ?
चचेरे ममेरे फुफेरे मौसेरे भाई से निकाह कब शुरू हुआ ?
तलाक हलाला मुताह मिस्यार तहर्रुश खतना कब शुरु हुआ ?
बालविवाह रात्रिविवाह घूँघट जौहर बुर्का हिजाब कब शुरु हुआ ?
चाचा मामा मौसा फूफा चाची मामी मौसी बुआ से निकाह कब शुरु हुआ ?
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सावधान ! FREE में चुनावी वादे करने वालों से
देश में हिजाब (Hijab) को लेकर जगह-जगह विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। इसके साथ इस विरोध-प्रदर्शन में देश विरोधी साजिशों एवं उसके पीछे अंतर्राष्ट्रीय फंडिंग होने के बात भी आ रही हैं। देश में हो रहे पाँच राज्यों में महत्वपूर्ण विधानसभा चुनाव (विशेषकर उत्तर प्रदेश में) के मध्य ऐसा पूर्व सुनियोजित या Pre-planned conspiracy विरोध-प्रदर्शन, उसको देश के अन्य राज्यों में फैलाने के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय स्टार पर तूल देना, षड्यंत्र के सभी बिंदु सब कुछ अब बिलकुल साफ़ दिख रहे हैं. यही कारण हैं, कि देशहित में इसका विरोध भी राष्ट्रवादी लोग कर रहे हैं।
हथियारों सहित दबोचा, बड़ी साजिश का भंड़फोड़
"Police caught Abdul and Razzab with weapons from the college insisting on hijab- big conspiracy." हिंदुओं के बहिष्कार की घोषणा के बाद अब हथियार बरामद
-अश्विनी शर्मा*
-अश्विनी शर्मा*
देश के भविष्य का आधार- शिक्षण संस्थान जब मजहब के नाम पर कटता दिखाई देने लगे और प्रतिकार में प्रतिक्रिया दें, धार्मिकता भी सामने आने लगे तो यह देश का है के लिए शुभ संकेत नहीं है कर्नाटक के यूपी में उडुपी गौ-हत्या के विरोध के बाद शुरू हुआ मामला अब हथियारों की बरामदगी की तक जा पहुंचा है। दरअसल, उडुपी के जिस कॉलेज के अंदर हिजाब को लेकर बवाल चल रहा है, वहाँ से अब पुलिस ने दो संदिग्धों को हथियारो के साथ गिरफ्तार किया है। जिसके चलते अब ये अनुमान लगाए जा रहे हैं की अवश्य ही कर्नाटक के उडुपी में शुरू हुआ हिजाब का मामले के तार कही ना कहीं किसी बड़े षड्यंत्र से जुड़े हुए हैं।
सोशल मीडिया के लोगों द्वारा की जा रही बातें अब सच होती लग रही हैं, क्योंकि सोशल मीडिया पर लोग इसी प्रकार की बातें कर रहे थे की हिजाब के नाम पर बवाल अवश्य ही कर्नाटक में बड़े दंगों को करवाने की साजिश है। पुलिस ने हथियारों सहित जिन दो लोगों को गिरफ्तार किया है उनके नाम रज्जाब और हाजी अब्दुल मजीद बताया जा रहा है। इन दोनों के पास से पुलिस ने हथियार बरामद किए हैं। इसके साथ ही पुलिस तीन अन्य संदिग्धों को भी तलाश रही है। हालाँकि इस बारे में पुलिस का कोई आधिकारिक बयान अभी तक नहीं आया है और ना ही अभी तक ये पता चल पाया है ये लोग कौन हैं, कहाँ से आए हैं और इनके पीछे वो कौन लोग हैं जो कर्नाटक में हिंसा का वातावरण बनाना चाहते हैं।
वास्तव में, एक अक्टूबर 2021 को हिंदू जागरण मंच के द्वारा तालुक के गंगोली में मवेशी चोरी और गोहत्या के मामले का विरोध करते हुए बड़े स्तर पर एक विरोध प्रदर्शन किया गया। इस बड़े विरोध प्रदर्शन में मछुआरे, मछली विक्रेता और महिलाओं सहित हजारों लोगों ने हिस्सा लिया। तभी से तनातनी का माहौल बना हुआ है। बता दें, हिजाब पहनने के विवाद से दो महीने पहले ही उडुपी के मुसलमानो ने हिंदुओं के बहिष्कार का ऐलान कर दिया था। इसके बाद से क्षेत्र में रहने वाले मुसलमानों ने गंगोली बाजार से मछली खरीद का बहिष्कार कर दिया था तथा योजनाबद्ध तरीके से मुस्लिमो को हिंदू मछली विक्रेताओं से मछली नहीं खरीदने के लिए उकसाया भी जा रहा था। इस सबके पीछे हिंदुओं द्वारा गोहत्या का विरोध करना ही मुख्य कारण है।
इसी कड़ी में अब ये मजहबी उन्माद शिक्षण संस्थानों में भी पहुंच गया है। सबसे पहले 2 जनवरी 2022 को हिजाब का मामला तब सामने आया था, जब 6 मुस्लिम छात्राएँ क्लासरूम के भीतर हिजाब पहनने पर अड़ गई थीं। इसी बीच एक मुस्लिम छात्रा ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी, जिसमे कॉलेज पर उसके साथ मजहब के आधार पर भेदभाव किए जाने का आरोप लगाया था। अभी अदालत वो मामला चला ही था, कि उन्माद के चलते कर्नाटक के उडुपी के स्कूल से शुरू हुआ हिजाब विवाद अब पूरे कर्नाटक में फैल गया है। 3 फरवरी की सुबह कर्नाटक के उडुपी जिले के कुंडापुर के भंडारकर कॉलेज में हिजाब पहनी 20 से अधिक छात्राओं को कॉलेज में प्रवेश करने से रोक दिया गया था।
कॉलेज के प्रिंसिपल रूद्र गौड़ा ने कहा था कि छात्राएँ कॉलेज परिसर में हिजाब पहन सकती हैं, लेकिन क्लासरूम में इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती। प्रिंसिपल के अनुसार कक्षा में एकरूपता बनाए रखने के लिए ऐसा किया गया है। बतादें कि मुस्लिमो द्वारा हिंदुओं के बहिष्कार की घोषणा के बाद इस्लामीकरण के प्रतीक हिजाब की प्रतिक्रिया में 2 फरवरी को उडुपी के कुंडापुर सरकारी कॉलेज के 100 से अधिक छात्र हिंदुत्व का प्रतीक भगवा वस्त्र ओढ़ कर कॉलेज पहुँच गए थे। जो भी हो स्कूलों कालजों में ये मजहबी उन्माद देश के लिए एक भयंकर संकेत है और अब विवादित कालेज में हथियारों सहित गिरफ्तारियां किसी बड़े षड्यंत्र की ओर संकेत कर रही हैं।
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आज क्रिस्चियन व इस्लाम को भारत में (विदेशों से) अनेक प्रकार से फंडिंग हो रही है, उनको बड़े-बड़े मजहबी / रिलीजियस ट्रस्ट डोनेट कर रहे हैं, बड़ी-बड़ी धार्मिक संस्थानों के अलावा बहुराष्ट्रीय कंपनियों एवं व्यक्तिगत रूप से भी आर्थिक सहयोग लगातार मिल रहा हैं, लेकिन हम जैसे राष्ट्रवादी मीडिया को सरकार या अन्य किसी माध्यम से कोई सहयोग कर रहा है। वहीं हिन्दूद्रोही मीडिया के पास बहुत फंडिंग है। यदि आप चाहें तो सहयोग / Donate करें-
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Foreign countries banning Hijab... Why not India ?
-@taranathpoojary
Listen-
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किशन भरवाड की हत्या के बाद...
यति नरसिंहानंद सरस्वती, जितेंद्र त्यागी, पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ सहित 26 लोगों को मरवाना चाहता था मौलाना अय्यूब !
"After Kishan Bharwad, Maulana Ayyub wanted to get 26 people killed including Yati Narsinghanand, Jitendra Tyagi, Pushpendra Kulshrestha !"
जांच में हो रहे हैं देश में दंगे करवाने की मंशा के खुलासे
किशन बरवाड हत्याकांड मामले में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, पकड़े गए मौलाना अयूब के मोबाइल से 26 लोगों के प्रोफाइल मिले हैं। इन 26 लोगों में से एक नाम देश के एक प्रसिद्ध न्यूज़ चैनल सुदर्शन न्यूज़ के संपादक सुरेश चव्हाणके का भी है। इस केस में सीबीआई, एनआईए तथा सेंट्रल आईबी सहित कई और एजंसियाँ पहले ही किशन की हत्या के आरोपियों से पूछताछ कर रही हैं। ऐसे में अब गुजरात एटीएस के ऑफिस में उत्तरप्रदेश एटीएस भी पहुंच गई है। इससे पहले गुजरात एटीएस ने दिल्ली के एक मौलाना कमर गनी को गिरफ्तार किया था तथा एटीएस को उसके कार्यालय से कई तरह के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी मिले थे।
अब उसके बैंक खातों की भी जांच पड़ताल की जा रही है। मौलाना अयूब से बरामद हुए मोबाइल में से जिन 26 लोगों के प्रोफाइल मिले हैं उनमें से राहुल आर्य, पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ, महेंद्र पाल आर्य, पंकज आर्य, बी एस पटेल, उपदेश राणा, राधेश्याम आचार्य, साजन को दे जरा उपासना आर्य और आर एस एन सिंह भी शामिल हैं। इसके साथ ही एक और मिली जानकारी के अनुसार पुलिस ने कुछ और लोगों को भी गिरफ्तार किया है। दरअसल पुलिस को जानकारी मिली थी कि यदि किशन भरवाड की हत्या के बाद इन संदिग्धों को ना पकड़ा जाता तो यह लोग और भी हत्याएं करने वाले थे।
इन लोगों ने 11 लोगों के नामों की एक सूची बनाई थी और उनके घरों के आसपास इन लोगों ने कई दिनों तक रेकी भी की थी तथा यह लोग आपने भयानक इरादों में सफल होने ही वाले थे। अब पुलिस एक साथ कई थ्यूरियों पर काम कर रही है। जांच में पुलिस को कई संदिग्ध सोशल मीडिया साइट से भी मिले हैं। पुलिस के अनुसार मौलाना कमर गनी का फोन और अन्य चीजें जांच के लिए काफी महत्वपूर्ण हो सकती हैं। उधर मौलाना अयूब के मोबाइल से जो प्रोफाइल बरामद हुई हैं उनमें गाजियाबाद के डासना स्थित मंदिर के यती नरसिंहानंद गिरी और जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी (जो अब हिंदू बन चुके हैं) के नाम भी हैं।
बता दें, कि मौलाना अयूब को अहमदाबाद के जमालपुर इलाका से गिरफ्तार किया गया था और उस पार भरवाड के कातिलों को हथियार उपलब्ध करवाने का आरोप है। इससे पहले गत शनिवार को धंधुका की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने तीन मुख्य आरोपियों को 10 दिन के लिए पुलिस रिमांड पर भेज दिया था। यह सारा सिलसिला शुरू हुआ किशन भरवाड की हत्या के बाद। 25 जनवरी 2022 को धंधुका के एक युवक किशन भरवाड की दो बाइक सवार हत्यारों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
इस हत्या के बाद से सारे देश में कम से कम 6 मौलवियों को गिरफ्तार किया गया तथा अब तक कुल 8 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। इस मामले में पकड़े गए मौलाना अयूब से हो रहे खुलासों के बाद पूरी आशंका जताई जा रही है, कि इस सारे मामले में कुछ लोग कोई बड़ा षड्यंत्र रच रहे हैं जिससे सारे देश में दंगे हो जाएं, क्योंकि इन्हीं दिनों कर्नाटक में भी हिजाब के नाम पर खूब बवाल हो रहा है।
-*सनातन न्यूज़
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Disclaimer : अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अंतर्गत हमारा संविधान हमे अपनी बात या पक्ष कहने की अनुमति देता है. इस कॉलम (आज के चुनिंदा पोस्ट्स, ट्वीट्स, कमेंट्स...) में अधिकांश कमेंट व पोस्ट SOCIAL MEDIA से ली गई है, यह जरूरी नहीं की सभी पोस्ट अक्षरशः सत्य हों, हम यथासम्भव हर पोस्ट की सत्यता परख कर इस कॉलम में लेते हैं, फिर भी हम सभी पोस्ट एवं उनकी सभी तथ्यों से पूर्ण सहमत नहीं हैं -सम्पादक
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सांसद साध्वी प्रज्ञा का तार्किक बयान
हिजाब को लेकर विरोध और समर्थन के बीच भोपाल से बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने हिजाब पर बहुत ही तार्किक बयान दिया हैं। संकुचित सोच वाले लोगों को ये कड़वा भी लग सकता है. साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा, देश में किसी को हिजाब पहनने की जरूर नहीं है। उन्होंने कहा, कि हिजाब उनको पहनना है, जिनको अपने घर में ही परेशानी है और उनके घर में ही वह संकट में हैं। कर्नाटक समेत देश के कुछ हिस्सों में हिजाब पहनने के पक्ष में और उसके खिलाफ प्रदर्शन तेज हो गए हैं।
(यहाँ विशेष उल्लेखनीय है, कि मुस्लिम घरों में रिश्ते और निकाह को लेकर जो हकीकत है, वो धीरे-धीरे दुनिया जानने लगी है। दरअसल, हिन्दुओं में जहां सगोत्र एवं रिश्तों को लेकर वैवाहिक संबंधों पर प्रतिबंध हैं। (जिसका कारण गुण-धर्म से होने वाले दोष, जेनेटिक बीमारियां प्रमुख है), इसके लिए हिन्दुओं में विवाह से पूर्व नाड़ी (पूर्व, मध्य, आदि) एवं गोत्र देखा जाता है। एक सी नाड़ी या गोत्र होने पर विवाह संबंध नहीं बनते, तो निकट के रिश्तों (चाचा, मामा, चचेरी बहन आदि की बेटी/बेटे से विवाह कदापि सम्भव नहीं होता।) वहीं मुस्लिमों में ऐसा कुछ भी नहीं है, सिवाय निकाह को लेकर ऊँची-नीची जाति के सिवाय। शिक्षित मुस्लिमों के अनुसार, चाचू, मामू, खाला के बच्चों से निकाह होना आम है। अब इन कड़वी सच्चाई को भारत का कोई भी चैनल कभी नहीं दिखाएगा, न ही तुष्टिकरण की राजनीती करने वाले इसपर कभी कोई बयान देंगे। जबकि, इसका भयानक परिणाम हो रहा है- भारत में तेजी से बढ़ती आबादी के रूप में। इसके साथ हर बार विधानसभा, लोकसभा या अन्य किसी चुनाव में मजहब और धर्म के आधार पर वोटर्स की संख्या या प्रतिशत बताया जाता है, उससे जुड़े तमाम ग्राफ़िक्स बताए, दिखाए, छापे जाते हैं न्यूज़ चैनल्स, समाचार पत्रों, वेब चैनल्स, वेबसाइट आदि के माध्यम से। अनियंत्रित और तेजी बढ़ती आबादी के कारण मजहबी आबादी की अन्य धर्मों वाली आबादी में संतुलन अब भारत खत्म हो गया है। भारत के 9 राज्यों में 2021 में हिन्दू अल्ससंख्यक हो गए थे, देश की 19 संसदीय सीटों पर पूर्ण कब्जा हो गया, 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा 403 सीटों में 70 सीटों पर 20 प्रतिशत या अधिक मुस्लिम वोटर्स हो गए. लोकसभा चुनाव-2024 में वोटर्स की स्थिति कैसी होगी, इसी कोई अक्ल वाला व्यक्ति अच्छी तरह समझ सकता है. बावजूद इसके, देश को आबादी देने वाले ही सर्वाधिक चिल्ला रहे हैं -रोजगार, शिक्षा, चिकित्सा, बिजली, पानी आदि सभी समस्याएं बढ़ती जा रही है, या इसका कोई हल नहीं निकल रहा। क्या विडंबना है बहुसंख्यक हिन्दुओं की उनके अपने ही देश में (जो बटवारे में 1947 में उनको मिला). इसके साथ शासन प्रशासन की तमाम सुविधा देने सरकार को अधिकांशतः टैक्स का लगातार सहारा लेना पड़ रहा हैं। जिसका बोझ मुख्यतः एक या दो बच्चे वाले हिन्दू परिवारों को देना पद रहा है। इस कड़वे अभी भी बहुत कम हिन्दू समझते हुए मुखर हो रहे हैं, जिसका संबंध उनकी आने वाली पीढ़ियों से सीधा जुड़ा है... #राष्ट्रवादी पत्रकार 9752404020)
सुनें- (#साभार ANI)
वायरल हो रहा है साध्वी का वीडियो
भोपाल में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए साध्वी प्रज्ञा ने कहा, ''किसी के साथ कोई बंधन नहीं है। हिंदू इतना श्रेष्ठ, इतना उच्च विचारधारा का और इतना संस्कारी होता है कि हमें कहीं भी हिजाब पहनने की जरूरत नहीं है. हिजाब उनको पहनना है, जिनको अपने घर में ही परेशानी है, उनके घर में ही वह संकट में हैं, उनके घर में ही वो खतरे में हैं और उनके घर में ही उनकी मर्यादा खतरे में है, इसलिए उनको घर में भी हिजाब पहनना चाहिए। बाहर जहां हिंदू समाज निकलता है, वहां उन्हें हिजाब पहनने की जरूरत नहीं और जहां हम ज्ञान प्राप्त करते हैं, जहां अध्ययन होता है, वहां तो बिल्कुल ही नहीं है।''
वायरल हो रहा है साध्वी का वीडियो
भोपाल में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए साध्वी प्रज्ञा ने कहा, ''किसी के साथ कोई बंधन नहीं है। हिंदू इतना श्रेष्ठ, इतना उच्च विचारधारा का और इतना संस्कारी होता है कि हमें कहीं भी हिजाब पहनने की जरूरत नहीं है. हिजाब उनको पहनना है, जिनको अपने घर में ही परेशानी है, उनके घर में ही वह संकट में हैं, उनके घर में ही वो खतरे में हैं और उनके घर में ही उनकी मर्यादा खतरे में है, इसलिए उनको घर में भी हिजाब पहनना चाहिए। बाहर जहां हिंदू समाज निकलता है, वहां उन्हें हिजाब पहनने की जरूरत नहीं और जहां हम ज्ञान प्राप्त करते हैं, जहां अध्ययन होता है, वहां तो बिल्कुल ही नहीं है।''
कैसे शुरू हुआ हिजाब विवाद ?
कर्नाटक के उडुपी के एक सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज की कक्षा में हिजाब पहनकर आई छात्राओं को कॉलेज परिसर से बाहर चले जाने को कहा गया था. इसके बाद इस मुद्दे ने तूल पकड़ लिया. हालात ये हैं कि यह मुद्दा अब देश के विभिन्न हिस्सों में भी फैल गया है। दक्षिणपंथी संगठनों की ओर से समर्थित युवा हिन्दू भगवा गमछा डालकर इस मामले में कूद पड़े। कई जगह हिंसा की घटना भी सामने आई हैं।
चार सवाल एडवोकेट सुबुही खान के मुसलमानों से, कुरान और संविधान के संदर्भ में
सुनें, समझें- कितना व्यवहारिक और तार्किक सवाल है-
ये अन्तिम लड़ाई है, अगर तुम हार गए तो-
तुम अपना धर्म और अपनी बहन बेटियों को...
ये अन्तिम लड़ाई है अगर इसमे तुम हार गए तो फिर तुम अपना धर्म और अपनी बहन बेटियो को उन जिहादियो से नही बचा सकते आचार्य रजनीश से उनके एक अनुयायी ने प्रश्न किया।
प्रश्न- कृपया बतायें जेहादियों द्वारा जब मकान और संपत्ति जलाई जा रही हों, हत्याएं की जा रही हों, तब हमें क्या करना चाहिए बशीर ? हिन्दू मुस्लिम भाई-भाई का प्रचार करना चाहिए या सुरक्षा के लिए कोई कदम उठाना चाहिए , कृपया मार्गदर्शन करें।
उत्तर- तुम्हारा प्रश्न ही तुम्हारी मूर्खता को बता रहा है, इतिहास से तुमने कुछ सीखा हो ऐसा मालूम नहीं पड़ता।
महमूद गजनबी ने जब सोमनाथ के मंदिर पर आक्रमण किया तो सोमनाथ उस समय का भारत का सबसे बड़ा और धनी मंदिर था। उस मंदिर में पूजा करने वाले 1200 हिन्दू पुजारियों का ख़याल था कि हम तो रात-दिन ध्यान, भक्ति, पूजा-पाठ में लगे रहते हैं। इसलिए भगवान हमारी रक्षा करेगा।
उन्होंने रक्षा का कोई इंतज़ाम नहीं किया। उल्टे जो क्षत्रिय अपनी रक्षा कर सकते थे, उन्हें भी मना कर दिया।
इसका परिणाम ये हुआ, कि उन हज़ारों निहत्थे हिन्दू पुरोहितो की हत्या की, मूर्तियों ओर मंदिर को तोड़ा और अकूत धन संपत्ति हीरे जवाहरात सोना-चाँदी लूट कर ले गया। उनका ध्यान, भक्ति, पूजा-पाठ उनकी रक्षा न कर सका।
आज सैकड़ों साल बाद भी वही मूर्खता जारी है। तुमने अपने महापुरूषों के जीवन से भी कुछ सीखा हो ऐसा मालूम नही पड़ता है। यदि ध्यान में इतनी शक्ति होती, कि वो दुष्टों का ह्रदय परिवर्तन कर सके, तो रामचंद्रजी को हमेशा अपने साथ धनुष बाण रखने की जरूरत क्यों होती ? ध्यान की शक्ति से ही वो राक्षस और रावण का हदय परिवर्तन कर देते उन्हें सुर-असुर भाई-भाई समझा देते और झगड़ा ख़त्म हो जाता, लेकिन राम भी किसी को समझा न पाए और राम रावण युद्ध का निर्णय भी अस्र शस्त्र से ही हुआ।
ध्यान में यदि इतनी शक्ति होती, कि वो दुसरो के मन को परिवतिर्त कर सके, तो पूर्णावतार श्रीकृष्ण को कंस ओर जरासंघ का वध करने की जरूरत क्यों पड़ती ? ध्यान से ही उन्हें बदल देते !
ध्यान में यदि दूसरे के मन को बदलने की शक्ति होती, तो महभारत का युद्ध ही नहीं होता, कृष्ण अपनी ध्यान की शक्ति से दुर्योधन को बदल देते ओर युद्ध टल जाता। लेकिन, कृष्ण ने अर्जुन को जो कि ध्यान में जाना चाहता था, रोका और उसे युद्ध में लगाया।
महाभारत का युद्ध इतिहास का सबसे बड़ा युद्ध है, जिसमें करोड़ों लोगों का नरसंहार हुआ। पिछले 1200 सालों में भारत मे कितने महर्षि संत हुए। गोरखनाथ से लेकर रैदास और कबीर तक। गुरुनानक से लेकर गुरु गोविंदसिंह तक इन सबकी ध्यान की शक्ति भी मुस्लिम आक्रान्ताओं और अंग्रेज़ों को न रोक सकी। इस दौरान करोड़ों हिन्दुओं का नरसंहार हुआ। ज़बरदस्ती तलवार की नोक पर उनका धर्म परिवर्त्तन करवाया गया।
मार मार कर उन्हें मुसलमान बनाया गया। उन संतों की शिक्षा आक्रान्ताओं को बदल न सकी। गुरुनानक ने तो अपना धर्म दर्शन ही इस प्रकार दिया, कि मुस्लमान उसे आसानी से समझ सकें, आत्मसात कर सकें। लेकिन उसी गुरु परंपरा में गुरु गोविंद सिह को हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए, मुसलमानों के खिलाफ़ तलवार उठानी पड़ी, निहत्थे सिक्खों को शस्त्र उठाने पड़े।
इससे स्पष्ट हो जाता है कि ध्यान से स्वयं की ही चेतना का रूपांतरण हो सकता है, लेकिन पदार्थ (भौतिक शरीर ) की रक्षा हमें ख़ुद करनी होगी उसके लिए विज्ञान और टेक्नॉलॉजी का सहारा लेना होगा।
देश की 70% से अधिक समस्याओं का समाधान
भगवान श्रीकृष्ण ने 5 गाँव मांगे थे !
हम देशहित में 5 कानून मांग रहे हैं-
समान शिक्षा
समान नागरिक संहिता
धर्मातंरण नियंत्रण
घुसपैठ नियंत्रण
जनसंख्या नियंत्रण
ये पांच कानून नही आए तो पूरी दुनिया और भारत के नौ राज्यों की तरह सनातन पूरी तरह मिट जाएगा।
भारत बचाओं आंदोलन
अपने देश और अपनी बहन-बेटियो को बचाने के एक आदोंलन।
मुझे पता है आप इसे आगे नही भेजेंगें, इसे पढकर छोड देंगे। आपसे इतना निवेदन है कि आप Messege को केवल एक व्यक्ति को भेज दिजीए। यदि उसमे भी आपको शर्म आ रही है तो मुझे वापिस भेज दीजिए, बस कडी नही टूटनी चाहिए... #साभार
समान नागरिक संहिता
धर्मातंरण नियंत्रण
घुसपैठ नियंत्रण
जनसंख्या नियंत्रण
ये पांच कानून नही आए तो पूरी दुनिया और भारत के नौ राज्यों की तरह सनातन पूरी तरह मिट जाएगा।
भारत बचाओं आंदोलन
अपने देश और अपनी बहन-बेटियो को बचाने के एक आदोंलन।
मुझे पता है आप इसे आगे नही भेजेंगें, इसे पढकर छोड देंगे। आपसे इतना निवेदन है कि आप Messege को केवल एक व्यक्ति को भेज दिजीए। यदि उसमे भी आपको शर्म आ रही है तो मुझे वापिस भेज दीजिए, बस कडी नही टूटनी चाहिए... #साभार
देखें, सुनें, समझें- (अपना वोट अवश्य देने जाए, अपने सभी परिचितों से भी कहें- पहले वोट डालो, फिर बात करो )-
गजवा-ए-हिंद का सपना कयामत तक भी पूरा नहीं होगा - योगी
कर्नाटक बुर्का मामले में ओवैसी की बयानबाजी के बाद अब यूपी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पर जवाब दिया है। उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में स्पष्ट कहा, इस देश का तंत्र भारतीय संविधान से चलता है न कि शरीयत या इस्लामी कानून से। उन्होंने हिजाब विवाद को लेकर कहा कि किसी को भी अपनी मजहबी आस्था इस देश पर और इसके संस्थानों पर थोपनी नहीं चाहिए। कट्टरपंथी बयानों को लेकर सीएम योगी ने कहा गजवा-ए-हिंद का सपना तो किसी का कयामत तक भी पूरा नहीं होगा।
🔰उन्होंने स्कूल में हिजाब पहनने वाले सवाल को लेकर कहा, “हम इस देश और इसके संस्थान पर अपनी धार्मिक मान्यताएँ या चुनाव नहीं थोप सकते। क्या मैं यूपी के हर नागरिक और कर्मचारी से भगवा पहनने को बोलता हूँ? वो जो पहनते हैं ये उनकी मर्जी है। लेकिन स्कूलों में ड्रेस कोड को लागू किया जाना चाहिए। ये स्कूल और वहाँ के अनुशासन की बातें हैं।”
🔰इस दौरान सीएम योगी ने गजवा-ए-हिंद का सपना देखने वालों को भी संदेश दिया। उन्होंने कहा, “ये लोग जान लें ये नया भारत है। दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता नरेंद्र मोदी का भारत है। इस नए भारत में विकास सबका होगा, मगर तुष्टिकरण किसी का नहीं होगा। ये नया भारत संविधान के हिसाब से चलेगा। शरीयत के हिसाब से नहीं। गजवा-ए-हिंद का सपना कयामत के दिन तक भी साकार नहीं होगा।”
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#HijabPlot Real successors of Prophet Mohammad has nothing to do with Burqa or Hijab but converted clan is looking more desperate to prove themselves real one all know that it's a propaganda to create unrest in India & to provoke mu$lims for Sharia law nothing else. #HijabBan -@K_tyaagii
So the people who are asking me to know difference b/w hijab and burqa:
Let me tell you I have uploaded the pic of niqab,not burqa.Bcz you jahils are demanding hijab,but wearing niqab during protest and even going college with niqab.
So you need to know difference.
#HijabPlot -@PriyaAg099
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Hijab is just a minor demand actually they are fighting for shariyat..
After so called hijab they will demand a separate school, college, University etc.
I think they have prepared for a long time...
#HijabPlot -@nandani____
Foreign countries banning hijab...... Why not India...?
-@taranathpoojary
Listen-
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#HijabPlot Exposed
isn't she the karate champion
Was she wearing burqa when she was fighting for championship -@itsVSU
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Coloum to be updated
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