सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूरे देश में एक जनवरी, 2022 से प्रतिबंध


120 माइक्रोन तक प्लास्टिक बैग, 240 माइक्रोन तक बिना बुने बैग बंद होंगे 



(धर्म नगरी / DN News) वाट्सएप- 9752404020 
देशभर में सिंगल यूज प्लास्टिक पर एक जनवरी, 2022 से प्रतिबंध लग जाएगा। 120 माइक्रोन तक की मोटाई वाले प्लास्टिक बैग और 240 माइक्रोन तक की मोटाई वाले बिना बुने हुए बैग का उपयोग भी बंद हो जाएगा। इससे पूर्व 50 माइक्रोन तक के प्लास्टिक बैग और आइटमों पर ही प्रतिबंध लगाने का नियम था। देशभर में समान रूप से लागू होने वाले इन नए नियमों को प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (संशोधन) नियम-2021 कहा जाएगा।

प्लास्टिक कचरे के दुष्प्रभावों को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने इस संबंध में अधिसूचना का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है, जिसे 12 मार्च (गुरुवार) 2021 को 60 दिनों के लिए जनता की आपत्तियों एवं सुझाव के लिए पब्लिक डोमेन में डाला गया है। इसके बाद इसका गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा। उल्लेखनीय है, विगत फरवरी में प्रधानमंत्री कार्यालय ने प्लास्टिक के प्रयोग को सीमित करने को लेकर बैठक की। इसमें माइक्रो प्लास्टिक अर्थात सिंगल यूज प्लास्टिक से बने आइटमों के उपयोग जनवरी, 2022 तक पूर्णतया बंद करने का निर्णय लिया गया। 

दिल्ली में पर्यावरण विभाग के विशेष सचिव के एस जयचंद्रन ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध को लेकर दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) व दिल्ली पार्क एंड गार्डन सोसायटी के नाम आदेश भी जारी कर दिया है।
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16 लाख टन प्लास्टिक कचरा वर्षभर में- 
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की एक सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक देशभर में सालाना करीब 16 लाख टन प्लास्टिक कचरा उत्पन्न होता है, जबकि दिल्ली में यह आंकड़ा लगभग 800 टन सालाना है। माइक्रोन तक की मोटाई वाले प्लास्टिक बैग और 240 माइक्रोन तक की मोटाई वाले बिना बुने हुए बैग का प्रयोग भी बंद होगा। 
सीएनजी प्लेटफार्म के पास मौजूद पारंपरिक प्लेटफार्म से जो भी धुआं निकलेगा, वह शोधित होकर ही निकलेगा।

सूची में ये चीजें सम्मिलित- डिस्पोजेबल क्राकरी, पीने के पानी वाले पैक्ड गिलास, थर्मोकोल और प्लास्टिक से बने सभी सजावटी आइटम, प्लास्टिक की थैलियां, 50 मिलीमीटर या 50 ग्राम सामान वाले प्लास्टिक पाउच, गुब्बारे, झंडे, टेट्रा पैक वाले पाइप, पैकिंग के काम आने वाली प्लास्टिक शीट, 500 मिलीमीटर तक के तरल पदार्थों वाली हल्की प्लास्टिक की बोतलें इत्यादि।

...फिर तो खत्म नहीं होता प्लास्टिक कचरा !
न सड़ने वाला प्लास्टिक भूजल को प्रदूषित कर रहा है। पर्यावरण विशेषज्ञों के अनुसार, प्लास्टिक की बोतलें और डिस्पोजेबल प्लास्टिक से बने उत्पाद 450 साल तक भी खत्म नहीं होते। प्लास्टिक के ढक्कन चार सौ साल और मछली पकड़ने वालेप्लास्टिक के जाल को तो पूर्णतया खत्म होने में 650 साल तक लग जाते हैं।


सिंगल यूज़  
प्‍लास्टिक ऐसी चीज है जो वातावरण के लिए बहुत घातक है। पहले तो ये आसानी से नष्ट नहीं होते, जिससे हमारे पर्यावरण को बहुत हानि हो रही है। पूरा विश्व इससे पीड़ित  है। प्रत्येक साल कई लाख टन प्लास्टिक उत्पादन (produce) हो रहा है, जो कि मिट्टी में नहीं घुलते-मिलते। 

सिंगल यूज प्‍लास्टिक लगभग 7.5%  ही रीसाइक्लिंग होते है। शेष प्लास्टिक मिट्टी में मिल जाती है, जो पानी की सहायता से समुद्र में पहुंचता है और वहां के जीवों को बहुत हानि पहुंचाते है। अधिकांश प्लास्टिक कुछ समय में टूटकर जहरीले रसायन भी छोड़ते हैं। ये रसायन पानी और खाद्य सामग्रियों के द्वारा हमारे शरीर में पहुंचते हैं और बहुत हानि पहुंचाते हैं।


सिंगल यूज प्‍लास्टिक क्या है ? बैन क्यों  ?
सिंगल यूज़ प्लास्टिक -नाम से ही पता चल रहा है की ऐसी प्लास्टिक जो केवल एक बार यूज़ होती है और फिर लोग इसे फेक देते है। हम लोग इसे डिस्पोजेबल प्‍लास्टिक भी कहते हैं। ये बहुत मुश्किल से रीसाइक्लिंग होती है। सिंगल यूज प्‍लास्टिक करीब 7.5 प्रतिशत की ही रीसाइक्लिंग हो पाती है। बाकी प्लास्टिक मिट्टी में मिल जाती है, जो पानी की सहायता से समुद्र में पहुंचता है और वहां के जीवों को काफी नुकसान पहुंचाता है हममें से अधिकतर इस प्लास्टिक का यूज़ अपने दैनिक कार्य में करते है।

2022 तक भारत को प्लास्टिक मुक्त बनाना है योजना –
प्रधानमंत्री नरेंंद्र मोदी की योजना 2022 तक भारत को प्लास्टिक मुक्त बनाना की योजना है। इस बैन से प्लास्टिक बैग, कप, प्लेट्स, छोटे बोतल और प्लास्टिक से बने दूसरे सामान का प्रयोग बंद हो जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से भी लोगों से प्लास्टिक का कम से कम यूज़ करने का आह्वान किया था। 
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