#Vaccination: पहले दिन 15-18 वर्ष के 42 लाख बच्चों को लगी वैक्सीन
सर्वाधिक वैक्सीनेशन MP में, दिल्ली-पंजाब में नहीं दिखा उत्साह
धर्म नगरी / DN News
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देश के बच्चों को कोरोना संक्रमण से बचाने के प्रयास के क्रम में 15 से 18 साल तक के बच्चों के लिए तीन जनवरी से टीकाकरण अभियान शुरू किया गया। टीकाकरण के पहले दिन बच्चों में बहुत उत्साह दिखा। राज्य सरकारों ने भी वैक्सीनेशन ड्राइव की पूरी तैयारी की थी। पहले दिन लगभग 42 लाख बच्चों को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज दी गई। वहीं, कल (3 जनवरी) 37,000 से अधिक लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई और देश में ओमीक्रॉन संक्रमितों की संख्या 1,892 हो गई। इनमें महाराष्ट्र में 568, दिल्ली में 382, केरल में 185 और राजस्थान में 174 मामले हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इनमें से 766 लोग संक्रमण से ठीक भी हो चुके हैं। जबकि कोविड टीकाकरण अभियान में अब तक (4 जनवरी शाम) 146 करोड 70 लाख से अधिक टीके लगाए गए।
55 लाख से अधिक रजिस्ट्रेशन-
कोविन वेबसाइट के अनुसार, वैक्सीन के लिए अब तक इस आयु वर्ग (age group)के 55 लाख से अधिक बच्चे रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। टीकाकरण के दूसरे दिन यानि आज लगभग 6 हजार बच्चों का टीकाकरण किया जा चुका है।
सर्वाधिका टीकाकरण मध्य प्रदेश में-
बच्चों के टीकाकरण के मामले में मध्य प्रदेश अन्य राज्यों की तुलना में टाप पर रहा। मध्य प्रदेश के मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने दावा किया कि प्रदेश में पहले दिन 10 लाख से ज्यादा किशोरों को वैक्सीन लगाई गई।
पीएम ने प्रसन्नता जताई-
पीएम नरेंद्र मोदी ने बच्चों के लिए टीकाकरण अभियान आरंभ होने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने ट्वीट कर बच्चों का उत्साह बढ़ाते हुए लिखा-
Today we have taken an important step forward in protecting our youth against COVID-19. Congrats to all my young friends between the age group of 15-18 who got vaccinated. Congrats to their parents as well. I would urge more youngsters to get vaccinated in the coming days ! ('आज हमने अपने युवाओं को कोरोना संक्रमण से बचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। 15-18 आयु वर्ग के मेरे सभी युवा मित्रों को टीका लगवाने के लिए बधाई। उनके माता-पिता को भी बधाई। मैं आने वाले दिनों में और अधिक युवाओं से टीकाकरण कराने का आग्रह करता हूं।') -@narendramodi (8:30 अपराह्न · 3 जन॰ 2022)
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कुछ विशेषज्ञों के अनुसार, बच्चों में भले ही संक्रमण के गंभीर लक्षण न दिखें, लेकिन वे वायरस के संवाहक के रूप में अहम भूमिका निभा सकते हैं। आरंभ में माना गया, कि बच्चे बिना वैक्सीन के ही कोरोना को हरा सकते हैं और उनके लक्षणों को घर पर ही ठीक किया जा सकता है, लेकिन बाद में बच्चों में भी संक्रमण के मामले देखे गए। पूरी दुनिया में विशेषज्ञ और डॉक्टर बच्चों को वैक्सीन लगाने की अपील कर रहे हैं।
कुछ देशों में न्यूनतम 12 साल तक के बच्चों को वैक्सीन लगाई जा रही है, भारत में यह उम्र 15 साल है। WHO की चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन के अनुसार, बिना वैक्सीन वाले बच्चों को संक्रमण से उतना ही खतरा है जितना कि बाकी लोगों को।
कौन-कौन से देश लगा रहे टीका ?
ऐसे में भारत में 15 से 18 साल तक के बच्चों को वैक्सीन अनिवार्य रूप से लगवानी चाहिए और 15 साल से कम उम्र के बच्चों को अत्यंत सावधान रहना होगा। भारत से पहले कई देशों में बच्चों का टीकाकरण शुरू हो चुका है जहां टीकाकरण की आयु सीमा भी भारत से अलग है।
बच्चों के लिए अलग-अलग देश अलग-अलग वैक्सीन का उपयोग कर रहे हैं। इनमें- ब्रिटेन 12-15 साल, डेनमार्क 12-15 साल, स्पेन 12 से 19 साल, फ्रांस 12-17 साल, स्वीडन 12-15 साल, नॉर्वे 12-15 साल, अमेरिका और कनाडा में 12-17 साल, चीन 3-17 साल, चिली न्यूमतम छह साल तक के बच्चों को वैक्सीन लगा रहे हैं।
दुनिया के 40 देश अपने यहां के बच्चों (अलग-अलग आयुसीमा वर्ग के) को वैक्सीन लगा रहे हैं। क्यूबा में तो दो साल तक के बच्चों को भी वैक्सीन लगाई जा रही है। हल्के लक्षणों को छोड़ दें तो अभी कहीं भी बच्चों में वैक्सीन के गंभीर साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिले हैं। अमेरिका और इजरायल में बच्चों को mRNA वैक्सीन लगाई जा रही है। वहीं भारत में DNA वैक्सीन जायकोव-डी को अप्रूवल मिला है।
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