यूक्रेन-रूस युद्ध : कुछ भारतीयों का शर्मनाक घटियापन... और पश्चिमी मीडिया के इंफॉर्मेशन प्रोपेगेंडा का शिकार भारतीय मीडिया !


- मोदी विरोधियों को भरपूर मौका मिला कोसने का 
- राष्ट्रवादी और दरबारी, सभी पश्चिमी मीडिया के प्रोपेगेंडा के शिकार
- काले दुपट्टे धारी जग्गी वासुदेव की पीर-फकीर बनने की तैयारी...! 
- युद्ध की खबरों के बीच केजरीवाल की एक खतरनाक खबर दब गई ! 
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आज के चुनिंदा पोस्ट्स, ट्वीट्स, वीडियो, कमेंट्स, वायरल...2020302 
- #सोशल_मीडिया में अपडेट्स...
एक स्वतंत्र और आत्मनिर्भर राष्ट्र #यूक्रेन क्यों अमेरिका के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर रहा है ? रशिया ने कब और क्या नहीं दिया यूक्रेन को ? @DharmNagari 
 
धर्म नगरी / DN News 
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घटियापन की पराकाष्ठा। समस्या गम्भीर है, सभी चिंतित हैं कि यूक्रेन से हमारे बच्चे कैसे वापस आयेंगे ? भारत में चूंकि चुनाव चल रहे हैं, तो मोदी विरोधियों को भरपूर मौका मिल गया है कोसने का। खूब कोसो... लेकिन कुछ तो सच्चाई भी लिख दो ! पहले कुछ उन बातों को बता दूँ जो इन रुदालियों को बतानी चाहिये थी, नहीं बतायी।

1- भारतीय एंबेसी की गाइडलाइंस 14 फरवरी को आई थी पहली बार , जब उसने 16,17,18 फरवरी को कीव से भारत की सीधी फ्लाइट की व्यवस्था की थी । बता भी दूँ कि सामान्य दिनों में यूक्रेन से भारत की कोई सीधी फ्लाइट नही है। यह फ्लाइट भारतीय छात्रों की निकासी के लिये चलायी गयी थीं । किंतु अधिकांश छात्रों ने यह कहते हुये मना कर दिया कि उनके इम्तिहान चल रहे हैं और वो नहीं जायेंगे। जितने छात्र जा सकते थे वो चले गये। ( इस तथ्य को आधिकारिक विवरण सहित काटें )

2- 22, 24, 26 फरवरी को एयर इंडिया की फ्लाइट फिर शेड्यूल की गयी। 22 ता. को करीब 219 छात्र इस फ्लाइट से 23 ता. की सुबह 11.30 बजे दिल्ली एयरपोर्ट पर उतर गये । तब तक यूक्रेन ने अपना एयर स्पेस बंद करने की घोषणा कर दी । ( इस तथ्य को भी जरा किसी प्रमाणिक लिंक से काटकर दिखाइये )

3- एयर इंडिया का किराया 65,000/- लिये जाने की बात उठायी जा रही है। कुछ रुदाली इसे 80 हजार भी बता दे रहे हैं, जो झूठ है। यह ज्यादा था वो इस वजह से कि यह एयर इंडिया का ऑफ रुट था । 15-16 तक तो कतर, एमिरेट्स, मलेशिया, लुफतांसा सभी की फ्लाइट दुबई तक का सामान्य किराया ले रही थीं , बाद में उन्होंने भी बढ़ा दिया । इस रूट से भारत क्यों नहीं आये छात्र ? हमेशा तो ऐसे ही आते हैं , एयर इंडिया तो इस रूट पर आती भी नहीं थी । ( किसी प्रमाणिक लिंक से काट सकें तो काटें इस तथ्य को )

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भारत का विरोधी यूक्रेन Vs पारंपरिक व विश्वसनीय मित्र रूस में युद्ध, क्यों कैसे... 
 
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यूक्रेन ने कभी नही दिया भारत का साथ ! "स्थिति अत्यधिक तनावपूर्ण और बहुत अनिश्चित है"  
 
http://www.dharmnagari.com/2022/02/Russia-Ukraine-crisis-Trade-with-India-and-import-export-impact-on-economics.html
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4- भारत सरकार को तो चलो नकारा मान लिया, हमने । 8,000 से ज्यादा अमेरिकी नागरिक भी वहाँ फँसे हुये हैं। अमेरिका ने कितनों को इवेक्यूलेट करा लिया ? कल की एडवायजरी में उसने कहा कि पोलैंड बॉर्डर मत जाना, रूमानिया, हंगरी या स्लोवेनिया बॉर्डर तक आ जाओ । वो तो विश्वदादा है । यूक्रेन उसके भरोसे ही युद्ध लड़ रहा है, उसको तो अमेरिकी नागरिकों के लिये वाहनों की भीड़ लगा देनी थी या अमेरिका खुद भी वाहनों की कतार लगा सकता था लेकिन उसको किसने रोक लिया था ? एडवायजरी में आगे लिखा है- बॉर्डर पर 30 घण्टे का समय लगेगा और अब यह वेटिंग पीरियड बढ़ता ही चला जायेगा । अमेरिका को तो बॉर्डर्स पर हवाई जहाजों की लाइन लगा देनी थी कि बस नागरिक खड़ा हो औऱ उसे तुरंत बैठा दिया जाये। खासकर तब जब वहाँ का राष्ट्रपति मोदी का दोस्त राष्ट्रपति नहीं है । ( काटकर दिखाओ किसी प्रमाणित और अधिकारिक लिंक से )

5- पाकिस्तान की वाहवाही कर रहे हैं कि उसने 3000 हजार छात्रों को इवेक्यूलेट करा लिया । नवभारत टाइम्स का लिंक भी दिखा रहे हैं । पाकिस्तानी एंबेसी लिख रही है कि 27 फरवरी की रात तक कुल 411 छात्रों को वापस लाये हैं। वो भी किराये सहित। ( काटो किसी अधिकारिक लिंक से )

6- 16000 अफ्रीकी छात्रों सहित लगभग 55,000 और देशों के नागरिक और छात्र जो यूक्रेन में हैं उनकी एम्बेसीज़ ने तीनों बॉर्डर्स पर इकट्ठा तो कर लिया, जिनमें महान चीन भी शामिल है लेकिन उनके इवेक्यूलेशन के लिये कोई व्यवस्था ही नहीं की है। क्या यह सच रुदालियों को नहीं बताना चाहिये या वो सिर्फ मातमी काम के लिये ही पैदा हुई हैं।

7- अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा, कि भारत का रुख अप्रत्याशित नहीं था। अमेरिका का रुख उसके साथ एकपक्षीय रहा है, जबकि रूस के साथ उसके बहुत अच्छे सम्बंध हैं। फिर भी उसने निष्पक्षता दिखायी। ( गलत हो तो दिखाओ )

Why are #Russians invading #Ukraine? Here is one main reason.  #NaturalGas - @TWEETMYCOMMENT Pls See this & understand the reality -
 
अगर किसी तथ्य को काटने की सोच रहे हैं, तो आधिकारिक और प्रमाणित लिंक से काटियेगा। ज्ञान बिखरने वालों से इरीटेट होकर यह पोस्ट लिखी है। #साभार 

राष्ट्रवादी और दरबारी, सभी पश्चिमी मीडिया के प्रोपेगेंडा के शिकार
इन दिनों, जब यूक्रेन-रूस में युद्ध चल रहा है, राष्ट्रवादी मीडिया और दरबारी मीडिया में भेद खत्म हो गया है। सभी पश्चिमी मीडिया के इंफॉर्मेशन प्रोपेगेंडा के शिकार हैं। रूस जैसे शक्तिशाली देश लगातार छह दिनों से अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया है, अपनी मजबूत सामरिक शक्ति से लेकर अर्थव्यवस्था तक।

इस सबके बावजूद, रूस की स्नेह पर लगातार तरक्की करने वाला यूक्रेन खंडहर हो जाने के पश्चात भी अड़ा हुआ है। एक स्वतंत्र और आत्मनिर्भर राष्ट्र क्यों अमेरिका के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर रहा है ? रशिया ने कब और क्या नहीं दिया यूक्रेन को ? बड़े भाई की तरह हर बात मानता रहा। केवल गैस पाइपलाइन के लिए अरबों डॉलर ब्लैकमेल मूल्य सलाना चुकाता रहा।

यूक्रेन का आवाम तो पूरी तरह से तबाह हो चुका है, इसके बावजूद जेलेंस्की यूरोपियन यूनियन में यूक्रेन को शामिल करवाकर किसका भला करवाना चाहता है ? अमेरिका का या यूक्रेन का ? बेचारा अबोध जेलेंस्की का शिकार करके अमेरिका आज हर प्रकार से जीता हुआ जंग लड़ रहा है। मर रही है तो बस यूक्रेन की जनता।

- पहली बार शिकार यूक्रेन की अबोध जनता तब बनी जब उसने जेलेंस्की को अपना नेता चुना।
- दूसरी बार शिकार जब उन सबों ने स्वयं हथियार उठा लिया और रूस के खिलाफ लड़ने लगे। यही अमेरिका भी चाहता था कि यूक्रेन की लड़ाई आम जनता की लड़ाई बन जाए, अन्यथा विद्रोह हो जाने की स्थिति में शायद ही अमेरिका का मंसूबा पूरा हो पाता।
- तीसरी बार शिकार यूक्रेन की जनता तब शिकार बनेगी जब भविष्य में कभी उसके ही जमीन पर टैंक लगाकर अमेरिका उसके ही रूसी रिस्तेदारों के ऊपर बम बरसाएगा। क्योंकि स्वयं यूक्रेन में ही अच्छी खासी संख्या रशियनों की है और सीमा पार दोनों देशों में नातेदारी चलती है।

आज भले पूरा विश्व इन यूक्रेनियनों के राष्ट्रभक्ति की वाहवाही कर जंग की आग में झोंक रहा है, लेकिन जिस दिशा को यूक्रेन चल दिया है इसका खामियाजा यूक्रेन की जनता को बार-बार भुगतना पड़ेगा। उसे बार-बार मरना पड़ेगा। राष्ट्रवाद नाम का आत्म-सम्मान भी उसके पास किसी मोल का नहीं रह जाएगा।

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कालनेमि
काले दुपट्टे धारी जग्गी वासुदेव उर्फ "सद्गुरु" की पीर-फकीर बनने की तैयारी...!
अभी हाल ही में सद्गुरु ने अन्य मजहब, रिलिजन के गुरुओं के साथ सद्भावना, भाईचारे का सन्देश  दिया और अब महाशिवरात्रि के महापर्व पर बाबा फरीद को जीवनी सुनाकर, "मस्त कलंदर" के गीत सुनाकर और अलि-मौला पर कमर ठुमकाकर हिन्दुओं को सचेत किया कि सावधान रहो मुझमें भी मुरारी पापी की तरह अली मौला की लहर दौड़ रही है....
👉तमिलनाडु के कोयंबटूर स्थित ‘ईशा योग सेंटर’ में ‘आदियोगी’ की प्रतिमा के पास पिछले कुछ वर्षों की तरह इस बार भी महाशिवरात्रि के अवसर पर रात भर भव्य कार्यक्रम चला। ‘सद्गुरु’ नाम से पुकारे जाने वाले जग्गी वासुदेव के इस कार्यक्रम में न सिर्फ हजारों लोगों ने हिस्सा लिया, बल्कि ऑनलाइन भी लाखों लोग इससे जुड़े रहे। इस अवसर पर कई बड़े गायकों ने भक्ति गानों पर परफॉर्मेंस दिया। लेकिन, एक वीडियो में ‘अली मौला’ पर नाचते सद्गुरु को देखकर लोग खुश नहीं हैं।

👉सद्गुरु जग्गी वासुदेव के महाशिवरात्रि के कार्यक्रम में गायक को देखा जा सकता है कि वो ‘इक विरद है दम दम अली अली’ गाना गा रहा है और साथ ही ‘जय शम्भू’ का उद्घोष भी कर रहा है। इसके बाद वो गाता है, “सखी लाल कलंदर मस्त-मस्त, झूलेलाल कलंदर मस्त-मस्त”। हालाँकि, लोगों का कहना है कि हिन्दुओं के त्योहार में ‘दम मस्त कलंदर मस्त-मस्त’ का क्या काम? एक ट्विटर यूजर ने इसे ‘नॉनसेंस’ करार दिया। फिर लोग ये भी पूछ रहे हैं कि महाशिवरात्रि में ‘बाबा फरीद’ कहाँ से आ गए?

👉इस वीडियो में एक गायक गाना गाते-गाते बीच में समझता है कि कैसे ‘बाबा फरीद’ के शरीर को नोच-नोच के कौवे खा रहे थे। गायक बताता है, “बाबा फरीद कह रहे हैं कि सारा शरीर खा लो, लेकिन ये दोनों आँखें मत खाना। क्यों?” इसके बाद वो गाना के माध्यम से ही इसका जवाब देता है। ‘हीर आर’ नाम के ट्विटर यूजर ने इसे साझा करते हुए पूछा, “ये महाशिवरात्रि है या कॉन्सर्ट? एक अन्य वीडियो में लोग सद्गुरु को ‘अली मौला-अली मौला अली-अली’ पर खुल कर नाचते देख कर नाराज़ हैं।

👉 वहीं ‘इंडिक टुडे’ के कंसल्टिंग एडिटर ‘मनीष (Shrimaan)’ ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, “सदगुरु बाबा पीर फकीर बुल्लेशाह निज़ाम शाह बनने की तैयारी में।” वहीं कुछ लोगों ने कहा कि सद्गुरु जग्गी वासुदेव अब सेक्युलर होने की राह पर निकल गए हैं। आकाश जायसवाल नाम के ट्विटर यूजर ने दावा किया कि सद्गुरु अब ‘अर्बन नक्सल सेक्युलर गुरु’ बनते जा रहे हैं। वहीं एक अन्य यूजर ने याद दिलाया कि पिछले साल उन्होंने चप्पल पहन कर धार्मिक प्रक्रियाएँ की थीं। #सोशल_मीडिया से 

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आज 2 मार्च बुधवार : प्रमुख समाचार पत्रों की "हेड लाइन्स" व महत्वपूर्ण संक्षिप्त समाचार
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युद्ध की खबरों के बीच केजरीवाल की एक खतरनाक खबर दब गई !  
दिल्ली सरकार ने ज्यादा से ज्यादा लोगों को शराब का आदी बनाने के लिए फ्रूटी जैसे छोटे-छोटे टेट्रा पैक में शराब लॉन्च कर दिया है और यह टेट्रा पैक के शराब दूसरी की दुकानों पर यानी किराना वाले के यहां भी मिलेंगे

केजरीवाल की नई शराब पॉलिसी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है खुद सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की नई शराब पॉलिसी पर बहुत चिंता जाहिर किया है, बल्कि पहली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यहां तक कहा, कि आप तो शराब के खिलाफ थे
 आप तो नशे के विरुद्ध बड़ी-बड़ी बातें करते थे फिर आप ज्यादा से ज्यादा ज्यादा शराब बेचने के लिए दिल्ली में ऐसी पॉलिसी क्यों लाए ? क्यों आप ने दिल्ली के हर वार्ड में कम से कम 4 शराब ठेके खुलने के आदेश दिए

और आप यह जानकर आश्चर्य हो जाएंगे की सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई के लिए केजरीवाल ने कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी को अपना दिल्ली सरकार का वकील नियुक्त किया है और उसे दिल्ली के खजाने से प्रति पेशी 32 लाख रुपए दिए जा रहे है

इसे भी पढ़ें, सुनें, देखें- 
हिन्दू को बाटने, हिंदुत्व पर चोट पहुंचाने का कुप्रयास जारी है...
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जब चंद्रशेखर आजाद की शव यात्रा निकली... लोग नंगे पैर, सिर से पगड़ी, टोपी, गमछा जो सिर पर बाँधा था उतारकर चल रहे थे. कल्पना करें, तब... कांग्रेस ने क्या किया ?
http://www.dharmnagari.com/2021/11/Aaj-ke-selected-Posts-Tweets-Comments-Monday.html
मेंगलुरु की बहकी हिन्दू डॉक्टर युवती को जब एक संत ने समझाया... देश के लाखों साधु-संत धर्माचार्यों के लिए भी है ये प्रेरणा  
http://www.dharmnagari.com/2021/11/Aaj-ke-selected-Posts-Tweets-Comments-Tuesday-20211123.html
अब रात को मोबाइल की रोशनी में अपनो को जलाया, तब घर में घर के फर्नीचर से अपनों को जलाया...
http://www.dharmnagari.com/2021/10/Aaj-ke-selected-Posts-Tweets-Comments-Sunday-20211017.html
भारत में बांग्लादेशी लूटते ही नहीं, रेप और मर्डर भी करते हैं...  
http://www.dharmnagari.com/2021/10/Aaj-ke-selected-Posts-Tweets-Comments-Monday-20211018.html
देश-दुनिया । अनोखे शासक राजा रवि वर्मा, जिन्होंने बनाई हिंदू महाकाव्यों व धर्मग्रन्थों पर कालजयी कलाकृतियाँ
http://www.dharmnagari.com/2021/10/Todays-Special-2-October-www.DharmNagari.com-Dharm-Nagari.html 
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कथा आयोजन करवाने हेतु सम्पर्क करें-
व्यासपीठ की गरिमा एवं मर्यादा के अनुसार श्रीराम कथा, वाल्मीकि रामायण, श्रीमद भागवत कथा, शिव महापुराण या अन्य पौराणिक कथा करवाने हेतु संपर्क करें। कथा आप अपने बजट या आर्थिक क्षमता के अनुसार शहरी या ग्रामीण क्षेत्र में अथवा विदेश में करवाएं, हमारा कथा के आयोजन की योजना (मीडिया आदि) में पूर्ण सहयोग रहेगा। 
-प्रसार प्रबंधक आरके द्धिवेदी "धर्म नगरी / DN News" मो.9752404020, 8109107075-वाट्सएप ट्वीटर / Koo / इंस्टाग्राम- @DharmNagari ईमेल- dharm.nagari@gmail.com यूट्यूब- #DharmNagari_News   

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