काशी में दिखा "देवलोक", गोधूलि वेला में सूर्यास्त के साथ ही उत्तरवाहिनी गंगा के तट पर लाखों दीपों ने बिखेरा अद्भुत छटा, CM योगी बोले-
यह देश और दुनिया का स्प्रिचुअल इवेंट बन गया
- दीप जलाकर किया विश्वविख्यात देव दीपावली CM योगी ने उद्घाटन - काशी के अर्ध-चंद्राकार घाटों पर जलाए गए 12 लाख से अधिक दीप
- घाटों पर जलाए दीपों में एक लाख दीप गाय के गोबर से बने थे
वाराणसी ब्यूरो / धर्म नगरी / DN News
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काशी नगरी में देव दीपावली / कार्तिक पूर्णिमा पर लगभग 20 लाख दीप प्रज्ज्वलित किए गए। इनमें काशी के अर्ध-चंद्राकार घाटों पर ही 12 लाख से अधिक जलाए गए दीपों में एक लाख दीप गाय के गोबर से बने थे। दीप पश्चिमी तट घाटों पर और पूर्वी तट की रेत पर जलाए गए थे। काशी के कुंडों, सरोवरों, गंगा-गोमती तट पर स्थित मार्कण्डेय महादेव, वरुणा नदी के शास्त्री घाट आदि स्थानों को लाखों दीयों से जगमग किया गया। देव दीपावली पर सरकार की ओर से 12 लाख ( एक लाख गोबर के दीप), स्वयंसेवी संस्था और जन सहभागिता से कुल 21 लाख से अधिक दीपों से काशी प्रकाशित हुई।
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महादेव शिव की नगरी काशी में देव दीपावली पर गोधूलि-वेला में सूर्यास्त के साथ ही उत्तरवाहिनी गंगा के तट पर लाखों दीपों ने अद्भुत और अलौकिक छटा बिखेरी। काशी के धनुषाकार 85 घाटों पर मानो आकाशगंगा के सितारे उतर आए। पूरी काशी दीपों स्वर्णिम प्रकाश से नहा रहा था। सभी घाटों पर शंखनाद, भव्य महाआरती और घंट-घड़ियालों की ध्वनि से काशी की धरती पर देवताओं का स्वागत हुआ। इस अवसर पर गंगाजी के 60 घाटों पर विशेष आरती की गई। काशी के चेत सिंह घाट पर "लेजर-शो" और गंगा पार "क्रैकर्स-शो" का अद्भुत दृश्य दिखा। CM योगी ने विदेशी अतिथियों के साथ क्रूज़ पर सवार होकर देव दीपावली की अद्भुत छटा भी देखी।
"नमो घाट" पर जलाकर किया उद्घाटन
काशी अविनाशी है। यह देवाधिदेव महादेव बाबा विश्वनाथ का धाम है। मनुष्य अमावस्या को दीपावली मनाते हैं, तो पूर्णिमा की तिथि देवताओं की दीपावली है। यह बात CM योगी आदित्यनाथ ने आज (27 नवंबर) वाराणसी में देव दीपावली के अवसर पर कही। "नमो घाट" पर दिया जलाकर विश्वविख्यात काशी की देव दीपावली का CM योगी ने उद्घाटन किया और प्रधानमंत्री के प्रति आभार जताते हुए बाबा विश्वनाथ के पावन धाम में मां गंगा के सानिध्य में सभी राजनयिकों का स्वागत किया।
काशी अविनाशी है। यह देवाधिदेव महादेव बाबा विश्वनाथ का धाम है। मनुष्य अमावस्या को दीपावली मनाते हैं, तो पूर्णिमा की तिथि देवताओं की दीपावली है। यह बात CM योगी आदित्यनाथ ने आज (27 नवंबर) वाराणसी में देव दीपावली के अवसर पर कही। "नमो घाट" पर दिया जलाकर विश्वविख्यात काशी की देव दीपावली का CM योगी ने उद्घाटन किया और प्रधानमंत्री के प्रति आभार जताते हुए बाबा विश्वनाथ के पावन धाम में मां गंगा के सानिध्य में सभी राजनयिकों का स्वागत किया।
CM योगी ने कहा- काशी के लोकप्रिय सांसद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कारण देव दीपावली का कार्यक्रम न केवल काशी, बल्कि देश व दुनिया का स्पिरिचुअल इवेंट बन गया है। दो वर्ष पहले काशी की देव दीपावली में प्रधानमंत्री स्वयं सहभागी बने थे। आज देव दीपावली में लाखों दीप जल रहे हैं। इस कार्यक्रम के साक्षी दुनिया के 70 देशों के राजनयिक बने हैं यानी प्रधानमंत्री के कारण 70 देशों की उपस्थिति एक साथ काशी में हुई है।
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विदेशी अतिथियों में 70 देशों के राजदूत सहित 150 प्रतिनिथियों ने गंगा तट से देव दीपावली का आनंद लिया। राजदूत और राजनयिक नमो घाट से गंगा आरती एवं सांस्कृतिक प्रदर्शन देखा। देख रहे हैं। फिर उन्हें विवेकानंद क्रूज से गंगापार ग्रीन आतिशबाजी दिखाई गई। इससे पहले बाबतपुर एयरपोर्ट पर पहुंचने पर सभी अतिथियों एवं विदेशियों का परम्परानुसार टीका लगाकर व अंग वस्त्र भेंटकर स्वागत किया गया। एयरपोर्ट सहित विभिन्न स्थानों पर उनके स्वागत में लोक कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। सभी मार्गों एवं चौराहों को सजाया गया। नमो घाट पर भी पहुंचने पर सभी का सांस्कृति कार्यक्रम की प्रस्तुति द्वारा अभिवादन किया गया। सभी विशेष अतिथियों के उत्साहित एवं आनंदित दिखें।
महाआरती का अद्भुत दृश्य
देव दीपावली के पावन अवसर पर माँ गंगा की महाआरती में नारी शक्ति की एक अद्भुत दृश्य दिखाई दिया। अयोध्या में नव-निर्माणाधीन भव्य रामलला के विराजने से पहले 51-देव कन्याओं द्वारा आरती उतारकर काशी की विश्व प्रसिद्ध देव दीपावली महोत्सव के आयोजन का प्रारम्भ हुआ।
काशी के घाटों की श्रृंखला अलग-अलग रंग बिखेरती दिखी। कहीं लेज़र शो का आयोजन हुआ, तो गंगा पार रेत पर ग्रीन एरियल फायर क्रैकर्स शो का देशी और विदेशी पर्यटकों ने आनंद लिया। दशाश्वमेध घाट की महाआरती में राम भक्ति और राष्ट्रवाद के साथ आध्यात्मिकता व सामाजिकता की भी झलक दिखी।
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महाआरती का अद्भुत दृश्य
देव दीपावली के पावन अवसर पर माँ गंगा की महाआरती में नारी शक्ति की एक अद्भुत दृश्य दिखाई दिया। अयोध्या में नव-निर्माणाधीन भव्य रामलला के विराजने से पहले 51-देव कन्याओं द्वारा आरती उतारकर काशी की विश्व प्रसिद्ध देव दीपावली महोत्सव के आयोजन का प्रारम्भ हुआ।
दशाश्वमेध घाट की महाआरती रामलला को समर्पित रही। भक्तों को यहां रामलला व राम मंदिर की झलक देखने को मिली। दशाश्वमेध घाट पर अमर जवान ज्योति की अनुकृति बनाकर देश के वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। भारत के अमर वीर योद्धाओं को 'भगीरथ शौर्य सम्मान' से सम्मानित भी किया गया। 21 अर्चक व 51 देव कन्याएं ऋधि सिद्धि के रूप में दशाश्वमेध घाट पर मां गंगा की पूजा और आरती की, यह नारी शक्ति का संदेश भी देती रही।
वाराणसी शहर से लेकर गंगा पार का निर्जन क्षेत्र भी देव दीपावली पर दीपों की रोशनी से जगमगाता रहा। जहां रात आठ बजे के बाद लोग नहीं पहुँचते थे, वही देव दीपावली के कारण आधी रात तक रेती पर लोगों का आवागमन बना रहा। झालरों की रंग-बिरंगी लाइट अलग ही छटा बिखेर रही थी, तो पंक्तिबद्ध सजे दीपों के साथ ही लाखों दीपोत्सव अपने आप में अनोखा रहा।
अभेद्य सुरक्षा व्यवस्था
पर्यटकों के अलावा स्पेशल गेस्ट भी देव दीपावली देखने वाराणसी पहुंचे, जिसमें 70 देश के राजदूत और लगभग 150 विदेशी डेलिगेट्स वाराणसी पहुंचे। देव दीपावली पर पर्यटकों और श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए घाटों को 8 जोन, 11 सेक्टर और 32 सब-सेक्टर में बांटा गया था। कई चक्र / स्तर की सुरक्षा की व्यवस्था जल, थल और नभ में रही अभेद्य रही। घाटों, नदियों और सड़क पर सुरक्षा, यातायात व्यवस्था, पार्किंग, इमरजेंसी प्रबंधन, क्यूआरटी, इंट्री एंड एग्जिट को लेकर पूरी तैयारी का खाका पहले से ही तैयार किया गया था।
लेजर शो से दिखाया कॉरिडोर निर्माण
काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर को जिस तरह उद्घाटन के समय सजाया गया था, उसी प्रकार देव दीपावली पर 11 क्विंटल फूलों से सजाया गया। शहर के घाटों व मंदिरों की फूलों से सजाया गया। इसके लिए विदेशों से भी फूल मंगाए गए। स्थानीय जानकारों के अनुसार, दो करोड़ रुपये से अधिक के देशी-विदेशी फूलों से मंदिरों व घाटों को सजाया गया। फूल मंडी के व्यापारियों के अनुसार, इस वर्ष देव दीपावली पर बीते साल से 30% ऑर्डर अधिक मिले।
पर्यटकों के अलावा स्पेशल गेस्ट भी देव दीपावली देखने वाराणसी पहुंचे, जिसमें 70 देश के राजदूत और लगभग 150 विदेशी डेलिगेट्स वाराणसी पहुंचे। देव दीपावली पर पर्यटकों और श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए घाटों को 8 जोन, 11 सेक्टर और 32 सब-सेक्टर में बांटा गया था। कई चक्र / स्तर की सुरक्षा की व्यवस्था जल, थल और नभ में रही अभेद्य रही। घाटों, नदियों और सड़क पर सुरक्षा, यातायात व्यवस्था, पार्किंग, इमरजेंसी प्रबंधन, क्यूआरटी, इंट्री एंड एग्जिट को लेकर पूरी तैयारी का खाका पहले से ही तैयार किया गया था।
लेजर शो से दिखाया कॉरिडोर निर्माण
काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर को जिस तरह उद्घाटन के समय सजाया गया था, उसी प्रकार देव दीपावली पर 11 क्विंटल फूलों से सजाया गया। शहर के घाटों व मंदिरों की फूलों से सजाया गया। इसके लिए विदेशों से भी फूल मंगाए गए। स्थानीय जानकारों के अनुसार, दो करोड़ रुपये से अधिक के देशी-विदेशी फूलों से मंदिरों व घाटों को सजाया गया। फूल मंडी के व्यापारियों के अनुसार, इस वर्ष देव दीपावली पर बीते साल से 30% ऑर्डर अधिक मिले।
काशी विश्वनाथ धाम के गंगा द्वार पर लेजर शो के माध्यम से श्री काशी विश्वनाथ धाम पर आधरित काशी का महत्व और कॉरिडोर के निर्माण संबंधी जानकारी लेजर शो के माध्यम से दिखाई गई।उल्लेखनीय है, प्राचीन मान्यतानुसार सृष्टि में आतंक मचाने वाले त्रिपुरासुर का महादेव द्वारा वध करने के पश्चात उनके प्रति इस दिन कृतज्ञता प्रकट की गई। काशी में देव दीपावली मनाना परंपरा का हिस्सा रहा है।
मानो, देवता पहले ही धरती पर अवतरित हो चुके हों, इस #देवदीपावली पर #काशी पूरी सुंदरता के साथ जगमगा रही हो। As if, the Gods have already descended on Earth, as #Kashi lights in full beauty, this #DevDeepawali. -UP Tourism
डोमरी से रामनगर तक जगमगाता रहावाराणसी शहर से लेकर गंगा पार का निर्जन क्षेत्र भी देव दीपावली पर दीपों की रोशनी से जगमगाता रहा। जहां रात आठ बजे के बाद लोग नहीं पहुँचते थे, वही देव दीपावली के कारण आधी रात तक रेती पर लोगों का आवागमन बना रहा। झालरों की रंग-बिरंगी लाइट अलग ही छटा बिखेर रही थी, तो पंक्तिबद्ध सजे दीपों के साथ ही लाखों दीपोत्सव अपने आप में अनोखा रहा।
देव दीपावली पर श्रद्धालुओं के लिए रियल टाइम आरती देखने के लिए घाट पर हाई रेजुलेशन कैमरे लगाए गए। श्रद्धालु-भक्तों की भीड़ एवं आवागमन की दृष्टि से 6 प्रमुख स्थानों पर एलईडी स्क्रीन लगाई गई, जो- अस्सी घाट, दशाश्वमेध घाट, राजेंद्र प्रसाद घाट, राजघाट, गोदौलिया मल्टी लेवल पार्किंग व वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन रहे। स्मार्ट सिटी के महाप्रबंधक डॉ. डी.वासुदेवन के अनुसार, इस लाइव प्रसारण के साथ रेत पर होने वाली ग्रीन आतिशबाजी दिखाई गई।
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Fireworks at the ghats of Varanasi, Uttar Pradesh light up the sky, on the occasion of 'Dev Deepawali’.
Dev Deepawali is being celebrated in Varanasi today on the occasion of Kartik Purnima. -@DDNational
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