#Mathura : श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर में पूजा-अर्चना करने वाले पहले PM मोदी ने मीराबाई जन्मोत्सव पर "ब्रज रज उत्सव" में...
- देश अब गुलामी की मानसिकता से मुक्त हो गया है
- भारत पंच प्रण अपनाकर गौरव के साथ अपनी विरासत की ओर आगे बढ़ रहा है
महान कृष्ण भक्त मीराबाई की 525वीं जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में मथुरा में मनाए जा रहे "ब्रज रज उत्सव" में सम्मिलित हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (23 नवंबर) ने मीराबाई के सम्मान में एक स्मारक टिकट एवं 525 रुपये का सिक्का जारी किया। मीराबाई पर आधारित बनी लगभग पाँच मिनट की डॉक्यूमेंट्री देखा। भाजपा सांसद व अभिनेत्री हेमा मालिनी द्वारा प्रस्तुत मीराबाई के जीवन पर आधारित "नृत्य नाटिका" भी देखा। इससे पहले प्रधानमंत्री ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर में पूजा-अर्चना की। पूजा-अर्चना के बाद PM मोदी ने सोशल मीडिया "एक्स" पर लिखा-
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श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर में पूजा-अर्चना |
उप्र पर्यटन मंत्रालय द्वारा आयोजित महोत्सव में राधे-राधे और जय श्रीकृष्ण कहकर अपना संबोधन शुरू करते हुए प्रधानमंत्री ने लोगों से विलंब से आने के लिए क्षमा मांगते हुए कहा, राजस्थान के चुनावी मैदान में था। वहां से भक्ति के माहौल में आया हूं।
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PM मोदी ने ये भी कहा-
➯ मीराबाई का 525वां जन्मोत्सव केवल एक संत का जन्मोत्सव नहीं है। ये भारत की एक सम्पूर्ण संस्कृति का उत्सव है। मीराबाई ने भक्ति और आध्यात्मिकता के सिद्धांतों को सरल भाषा में जन-जन तक पहुंचाया। आध्यात्म की अमृतधारा बहाकर भारत की चेतना को सींचा। मीराबाई ने भक्ति, समर्पण और श्रद्धा को बहुत ही आसान भाषा, सहज रूप से समझाया था। मीराबाई जैसी संत ने दिखाया, कि एक महिला का आत्मविश्वास पूरे विश्व को दिशा देने की सामर्थ्य रखता है।
➯ हमारे देश में महिलाओं ने हमेशा जिम्मेदारियां भी उठाई हैं और समाज का लगातार मार्ग दर्शन भी किया है।मीराबाई जी इसका भी एक प्रखर उदाहरण रही है। संत मीराबाईजी ने उस कालखंड में समाज को वो राह भी दिखाई, जिसकी उस समय सबसे ज्यादा जरूरत थी। भारत कैसे मुश्किल समयमें मीराबाई जैसी संत ने दिखाया कि नारी का आत्म बल पूरे संसार को दिशा देने कासामर्थ्य रखता है।
➯ ब्रज का गुजरात से एक अलग रिश्ता रहा है। मथुरा के कान्हा गुजरात जाकर ही द्वारकाधीश बने थे. मीरा की भक्ति बिना वृंदावन के पूरी नहीं होती है। उनका अंतिम समय भी गुजरात में ही बीता था। भगवान श्री कृष्ण की अनन्य भक्त संत मीराबाई का जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा शक्ति है। मथुरा की पावन धरा पर संत मीराबाई की 525वीं जन्म-जयंती के उत्सव में शामिल होना मेरे लिए सौभाग्य की बात है।
➯ ब्रज का गुजरात से एक अलग रिश्ता रहा है। मथुरा के कान्हा गुजरात जाकर ही द्वारकाधीश बने थे. मीरा की भक्ति बिना वृंदावन के पूरी नहीं होती है। उनका अंतिम समय भी गुजरात में ही बीता था। भगवान श्री कृष्ण की अनन्य भक्त संत मीराबाई का जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा शक्ति है। मथुरा की पावन धरा पर संत मीराबाई की 525वीं जन्म-जयंती के उत्सव में शामिल होना मेरे लिए सौभाग्य की बात है।
भारत सदैव नारीशक्ति की पूजा करने वाला देश रहा है, इसे ब्रजवासियों से बेहतर और कौन समझ सकता है। सुनें-
➯ ब्रज के कण -कण में श्रीकृष्ण समाए। यहां पर ब्रज और ब्रजवासियों का दर्शन मिला है। यहां (ब्रज में) वही आता है, जिसे श्रीकृष्ण बुलाते हैं। यह कोई साधारण धरती नहीं है। ब्रज लालजी और लाडली जी के प्रेम का साक्षात अवतार हैं। ब्रज की रज रज में राधा रानी रमी हुई हैं। कण कण में श्रीकृष्ण समाए हुए हैं।
ये भारतभूमि की अद्भुत क्षमता है कि जब-जब इसकी चेतना पर प्रहार हुआ, तब-तब इसे सही दिशा दिखाने के पुण्य कार्य के लिए कहीं योद्धा सामने आए, तो कहीं संत। सुनें-
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आज 23 नवंबर बुधवार : प्रमुख समाचार पत्रों की "हेड लाइन्स" व महत्वपूर्ण संक्षिप्त समाचार☟
http://www.dharmnagari.com/2023/11/Todays-23-November-2023-Thursday-Newspapers-Head-Lines-and-Informative-News.html
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सांसद व अभिनेत्री हेमा मालिनी व अन्य मीराबाई के जीवन पर आधारित "नृत्य नाटिका" प्रस्तुत करते नृत्य नाटिका हेतु कृपया देखें- ☟ Link-
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प्रधानमंत्री ने देश भर केविभिन्न धार्मिक स्थलों के पुनर्विकास कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा-
➯ आज काशी में विश्वनाथ धाम भव्य रूप में हमारे सामने है। लाखों लोग केदारनाथ के दर्शन कर स्वयं को धन्य महसूस कर रहे हैं और अब अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर के उद्घाटन की तिथि भी निकट है।➯ (आजाद भारत की पहली नेहरू सरकार पर तीखा वार किया। ब्रज के विकास को केंद्र में रख बोले) ...देश की आजादी के बाद जो पवित्र महत्व ब्रज को मिलना चाहिए था, दुर्भाग्य से वह नहीं मिला। जो लोग भारत को उसके अतीत से काटने चाहते थे, भारत की संस्कृति, उसकी आध्यात्मिक पहचान से अनजान थे, वो आजादी के बाद भी गुलामी की मानसिकता नहीं त्याग पाए। उन्होंने ब्रज भूमि को विकास से वंचित रखा। आजादी के अमृतकाल में पहली बार देश गुलामी की मानसिकता से बाहर आया है। भाजपा सरकार लाल किले से पंच प्राणों का संकल्प लेकर अपनी विरासत पर गर्व की भावना के साथ आगे बढ़ रही है।
➯ 84 कोस में फैले ब्रज के मथुरा, वृंदावन, फिरोजाबाद, कासगंज, राजस्थान के करौली, भरतपुर और हरियाणा के पलवल में भी विकास होगा। इन तीनों प्रदेशों की सरकार के साथ विकास पर वार्ता की जाएगी। (कान्हा की धरती से मीरा की प्रशंसा करते हुए राजस्थान विधानसभा चुनाव को भी साधा) ...मीराबाई के परिवार व राजस्थान की अन्य जनता ने आस्था के केंद्रों व भारत की आत्मा-चेतना की रक्षा की। ब्रज कान्हा की तो राजस्थान वीरों की भूमि है। सुनें-
➯ ब्रज के कण-कण में श्रीकृष्ण समाए हैं। यहां पर ब्रज और ब्रजवासियों का दर्शन मिला है। यहां वही आता है, जिसे श्रीकृष्ण बुलाते हैं। यह कोई साधारण धरती नहीं है। ब्रज लालजी और लाडली जी के प्रेम का साक्षात अवतार हैं। ब्रज की रज रज में राधा रानी रमी हुई हैं। कण कण में श्रीकृष्ण समाए हुए हैं।
मोदी ने देश को नए भारत के दर्शन कराए- योगी
सीएम योगी ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में पिछले साढ़े नौ सालों में देश ने एक नए भारत का दर्शन किया है। इस नए भारत का वैश्विक मंच पर सम्मान बढ़ा है। आज दुनिया पलक पावड़े बिछाकर स्वागत करती है। इस नए भारत के रूप में एक विकसित भारत का नक्शा दुनिया के सामने पेश करता है। एक भारत है और श्रेष्ठ भारत है। यह नया भारत अपनी विरासत पर गौरव की अनुभूति भी करता है और आने वाली पीढ़ी के लिए नई प्रेरणा भी देता है।
सीएम योगी ने ये भी कहा-
✔ ब्रजभूमि पर ब्रजरज महोत्सव और संत मीराबाई की स्मृतियों को ताजा करने, डाक टिकट और सिक्का जारी करने को प्रधानमंत्री का आगमन हुआ है। इस अवसर पर ब्रजवासियों की तरफ से प्रधानमंत्री का अभिनंदन करता हूं। पिछले साढ़े नौ वर्ष से इस देश ने और भारत की 142 करोड़ की आबादी ने नए भारत का दर्शन किया है। यह नया भारत, जिसका वैश्विक मंच पर सम्मान बढ़ा है। आप पूरी दुनिया में कहीं जाते हैं, दुनिया पलक-पांवड़े बिछाकर स्वागत करती है, तो 142 करोड़ का भारत अपने आप को गौरांवित महसूस करता है। आज विरासत में नया भारत गौरवांवित हो रहा है।
✔ प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत की सीमाएं सुरक्षित हुई हैं। पिछले साढ़े नौ वर्ष में देश की हर समस्या के समाधान को मार्ग दिखाकर समाधान के नक्शे तक पहुंचाया है। भारत के सर्वांगीण विकास की कार्य योजना पिछले साढ़े नौ वर्ष से बनाना और क्रियान्वयन किया है। नए भारत के रूप में विकसित भारत की रूपरेखा दुनिया के सामने प्रस्तुत हुई है।
✔ मथुरा, वृंदावन यहां के सभी तीर्थ इस अभियान का हिस्सा बने हैं। अयोध्या में सभी व्यक्ति जान रहे हैं जो कभी नहीं हो सकता था, वह आपके नेतृत्व में हुआ। 22 जनवरी का इंतजार कर रहे हैं। इस अवसर पर आपके द्वारा संत मीराबाई की 525 वें जन्मोत्सव की स्मृतियों को आगे बढ़ाने के लिए स्वयं प्रधानमंत्री आए हैं। संत मीराबाई की भगवान श्रीकृष्ण की भक्त थीं। मेवाड़ की रानी थीं। संत रविदास की शिष्या थीं। ममता की प्रतीक हैं और भगवान कृष्ण की भक्ति में डूबी हैं।
कार्यक्रम से पहले ब्रजरज महोत्सव में सम्मिलित होने मथुरा पहुँचने पर CM योगी आदित्यनाथ ने PM मोदी की आगवानी की। प्रधानमंत्री सीधे श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर पहुँचे और वहाँ गर्भगृह में पूजा-अर्चना की। उनके साथ सीएम योगी और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी रहे। इस तरह, पीएम मोदी मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर जाने वाले पहले प्रधानमंत्री बन गए हैं। गर्भगृह में पूजा-अर्चना और दर्शन करने के बाद प्रधानमंत्री भागवत भवन के लिए ऊपरी तल पर गए।
525 मूल्य के पहले सिक्का की विशेषता
मीराबाई की स्मृति में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में PM ने एक डाक टिकट और 525 रुपए का एक विशेष स्मारक सिक्का भी जारी किया। 525 रुपए मूल्य का यह पहला सिक्का है, जिसका कुल वजन 35 ग्राम है। इसमें 50% चाँदी, 40% ताँबा और 10% जस्ता का मिश्रण है। इस सिक्के के एक तरफ अशोक स्तम्भ बना है, जिसके नीचे ₹ 525 लिखा है।
सिक्के के दूसरी तरफ मीराबाई का चित्र है। चित्र के ऊपर हिंदी में और नीचे अंग्रेजी में ‘संत मीराबाई की 525वीं जयंती’ लिखा है। मीराबाई चित्र के दाईं ओर 1498 और बाईं ओर 2023 लिखा है। मीराबाई को भगवान कृष्ण की अनन्य भक्ति के लिए जाना जाता है, जिन्होंने अनेक भजनों, छंदों और ग्रंथों की रचना की है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार उनका जन्म आश्विन पूर्णिमा को माना जाता है।
उल्लेखनीय है, प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को देखते हुए श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर के आसपास सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी रही। जगह-जगह पुलिस फोर्स की तैनाती के साथ सादे कपड़ों में खुफिया तंत्र निगाह बनाए हुए थे। आने-जाने वालों पर कड़ी नजर रखी गई। परिसर में चारों तरफ एवं शाही ईदगाह मस्जिद क्षेत्र में भी पुलिस अलर्ट रही। वहीं, दोपहर के बाद सुरक्षा सुरक्षा एजेंसियों ने इलाके के दुकानों को बंद करा दिया।
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