धारा-370 अस्थाई व्यवस्था थी :सुप्रीम कोर्ट, धारा-370 हटाने पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई मुहर
धारा-370 को खत्म करने का अधिकार राष्ट्रपति को है : SC
- सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थीं 22 याचिकाएं, लगातार 16 दिन तक हुई मैराथन सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश आर्टिकल-370 पर पाँच-सदस्यीय संविधान पीठ के निर्णय पढ़ते हुए-
जम्मू-कश्मीर में धारा-370 एक अस्थाई व्यवस्था थी। यह अस्थाई व्यवस्था युद्ध की वजह से थी। 5 अगस्त, 2019 को केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से 370 हटाए जाने का फैसला बरकरार रहेगा। राष्ट्रपति के पास जम्मू-कश्मीर से 370 हटाने का अधिकार है और ये अधिकार विधानसभा भंग होने के बाद कायम रहेगा। इसके अलावा सीजेआई ने कहा कि युद्ध के हालात में 370 हटाने का फैसला अंतरिम फैसला था और जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है।
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सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) के नेतृत्व वाली पाँच-सदस्यीय संविधान पीठ धारा-370 निर्णय सुनाती हुई @DharmNagari |
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश आर्टिकल-370 पर पाँच-सदस्यीय संविधान पीठ के निर्णय पढ़ते हुए-
सुनें-
दिल्ली ब्यूरो (धर्म नगरी / DN News)
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ये निर्णय सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) के नेतृत्व वाली पाँच-सदस्यीय संविधान पीठ ने धारा-370 के सभी तकनीकि पक्षों को विस्तार से सुनवाई करने के बाद आज (11 दिसंबर) कही।
मुख्य न्यायाधीश सहित पाँच जजों की बेंच ने धारा-370सुना। सुप्रीम कोर्ट के अति संवेदनशील निर्णय आने से पहले जम्मू-कश्मीर में अल्र्ट जारी कर दिया गया। उल्लेखनीय है, इससे पहले 5 दिसंबर को निर्णय को सुरक्षित रखा था।
CJI ने यह भी कहा, सितंबर 2024 तक सुप्रीम कोर्ट में चुनाव कराया जाए। उल्लेखनीय है, कि सुप्रीम कोर्ट में कुल 22 याचिकाएं दायर की गई थीं, जिसपर लगातार 16 दिन तक मैराथन सुनवाई हुई थी। वहीं, आज फैसले को लेकर जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। सुरक्षाबलों को सख्त निर्देश दिए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट के संविधान पीठ ने सुनवाई करने के बाद फैसला बहुत पहले ही सुरक्षित रख लिया था। सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड की गई 11 दिसंबर की कॉज लिस्ट में कहा गया था, कि चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ फैसला सुनाएगी।
SC ने 5 सितंबर को 16 दिन तक चली सुनवाई के बाद मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। वहीं, आज राज्यसभा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) बिल-2023 और जम्मू-कश्मीर आरक्षण अधिनियम (संशोधन) बिल-2023 पेश करेंगे, ये दोनों बिल लोकसभा में पहले ही पास हो चुके हैं।
कांग्रेस व अन्य बनाम केंद्र सरकार (मोदी सरकार) के बीच धारा-370 को लेकर 16 दिनों तक चली बहस में सभी को अपना पक्ष रखने का पूरा अवसर दिया।
मुख्य न्यायाधीश सहित पाँच जजों की बेंच ने धारा-370सुना। सुप्रीम कोर्ट के अति संवेदनशील निर्णय आने से पहले जम्मू-कश्मीर में अल्र्ट जारी कर दिया गया। उल्लेखनीय है, इससे पहले 5 दिसंबर को निर्णय को सुरक्षित रखा था।
सुनें- (आज निर्णय आने से कुछ दिन पहले 370 की सुनवाई में बहस में क्या बोले थे कांग्रेसी नेता और वकील कपिल सिब्बल #सोशल_मीडिया से)
CJI ने यह भी कहा, सितंबर 2024 तक सुप्रीम कोर्ट में चुनाव कराया जाए। उल्लेखनीय है, कि सुप्रीम कोर्ट में कुल 22 याचिकाएं दायर की गई थीं, जिसपर लगातार 16 दिन तक मैराथन सुनवाई हुई थी। वहीं, आज फैसले को लेकर जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। सुरक्षाबलों को सख्त निर्देश दिए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट के संविधान पीठ ने सुनवाई करने के बाद फैसला बहुत पहले ही सुरक्षित रख लिया था। सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड की गई 11 दिसंबर की कॉज लिस्ट में कहा गया था, कि चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ फैसला सुनाएगी।
SC ने 5 सितंबर को 16 दिन तक चली सुनवाई के बाद मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। वहीं, आज राज्यसभा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) बिल-2023 और जम्मू-कश्मीर आरक्षण अधिनियम (संशोधन) बिल-2023 पेश करेंगे, ये दोनों बिल लोकसभा में पहले ही पास हो चुके हैं।
सुप्रीम कोर्ट की पाँच सदस्यीय सविधान पीठ ने एकमत होकर ये भी कहा-
- अनुच्छेद-1 के अनुसार, जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है,
- अनुच्छेद-1 के अनुसार, भारत में शामिल होने के बाद जम्मू-कश्मीर की आंतरिक संप्रभुता नहीं,
- जम्मू-कश्मीर में धारा-370 एक अस्थाई व्यवस्था थी। यह अस्थाई व्यवस्था युद्ध की वजह से थी,
संविधान के अनुच्छेद-21 में
- केंद्र सरकार (मोदी सरकार) का 370 हटाने का फैसला वैध है
- जल्द से जल्द जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का जम्मू-कश्मीर को दर्जा दिया जाए
- 30 सितंबर तक चुनाव की प्रक्रिया पूरी कर ले
- 5 दिसंबर 2019 को (मोदी सरकार का) #Article370 हटाने का फैसला सही
- आदेश (धारा-370 पर सुनवाई पर) की न्यायिक समीक्षा का दायरा सीमित
- 16 दिन चली सुनवाई में #Congress व अन्य पार्टियों Vs केंद्र सरकार ने अपने सभी पक्षों को रखा
- जम्मू कश्मीर मे लागू "शिक्षा अधिकार" सहित सभी योजनाएं लागू रहेंगे
- अनुच्छेद-1 के अनुसार, भारत में शामिल होने के बाद जम्मू-कश्मीर की आंतरिक संप्रभुता नहीं,
- जम्मू-कश्मीर में धारा-370 एक अस्थाई व्यवस्था थी। यह अस्थाई व्यवस्था युद्ध की वजह से थी,
संविधान के अनुच्छेद-21 में
- केंद्र सरकार (मोदी सरकार) का 370 हटाने का फैसला वैध है
- जल्द से जल्द जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का जम्मू-कश्मीर को दर्जा दिया जाए
- 30 सितंबर तक चुनाव की प्रक्रिया पूरी कर ले
- 5 दिसंबर 2019 को (मोदी सरकार का) #Article370 हटाने का फैसला सही
- आदेश (धारा-370 पर सुनवाई पर) की न्यायिक समीक्षा का दायरा सीमित
- 16 दिन चली सुनवाई में #Congress व अन्य पार्टियों Vs केंद्र सरकार ने अपने सभी पक्षों को रखा
- जम्मू कश्मीर मे लागू "शिक्षा अधिकार" सहित सभी योजनाएं लागू रहेंगे
इतिहास हो गई 370
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ष्ठ एडवोकेट एवं "PIL मैन ऑफ इंडिया" अश्विनी उपाध्याय ने कहा- "आज से #Article370 और 35-ए इतिहास हो गया। वैसे ये इतिहास तो उसी दिन बन गए थे, जब संसद में इसको खत्म करने की घोषणा की गई। आज सबसे बड़ी बात ये रही, कि 5 के पांचों जजों ने एकमत से निर्णय दिया।
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ष्ठ एडवोकेट एवं "PIL मैन ऑफ इंडिया" अश्विनी उपाध्याय ने कहा- "आज से #Article370 और 35-ए इतिहास हो गया। वैसे ये इतिहास तो उसी दिन बन गए थे, जब संसद में इसको खत्म करने की घोषणा की गई। आज सबसे बड़ी बात ये रही, कि 5 के पांचों जजों ने एकमत से निर्णय दिया।
धारा-370 पर आज सुप्रीम कोर्ट के निर्णय आने से पहले और आने के बाद किसने क्या कहा (टिप्पणी) की था ?
निर्णय आने से पहले
- कुछ लड़ाइयां हारने के लिए लड़ते हैं। इतिहास ही अंतिम निर्णायक है। -कपिल सिब्बल, सीनियर एडवोकेट / कांग्रेस नेता
- कुछ लड़ाइयां हारने के लिए लड़ते हैं। इतिहास ही अंतिम निर्णायक है। -कपिल सिब्बल, सीनियर एडवोकेट / कांग्रेस नेता
तुष्टीकरण के किस सीमा तक जाएगी कांग्रेस पार्टी? कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में असम को बताया म्यांमार का हिस्सा, वीडियो में देखिए क्या है पूरा मामला ? -@DDNewsHindi (Dec 8) सुनें-
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- हमें सुप्रीम कोर्ट से न्याय की उम्मीद है। आज ही के दिन का इंतजार था। -पूर्व CM उमर अब्दुल्ला
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आर्टिकल-370 को लेकर सुप्रीम कोर्ट में खंडपीठ एवं पूर्व में संसद में गृहमंत्री अमित शाह
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सोशल_मीडिया से कुछ चुनिंदा पोस्ट#Rashtravad: 'वक्फ ने तो इलाहाबाद हाईकोर्ट की जमीन को अपनी संपत्ति घोषित कर दिया था, HC को सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा'- एडवोकेट @Vishnu_Jain1 -@TNNavbharat
Congratulations Rahul Baba, Liberals and Islamists.
#SupremeCourt upholds the validity of Constitutional Order abrogating #Article370. -@BattaKashmiri
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Coloum to be updated later
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