वर्ष 2025 के अंतिम प्रदोष को करें उपाय, महादेव शिव की कृपा से मनोकामना होगी पूरी


प्रदोष को अत्यंत उदार होते हैं भगवान शिव 
(धर्म नगरी / 
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प्रत्येक माह की कृष्ण एवं शुक्ल पक्ष को जिस तरह एकादशी होती है, उसी तरह दो प्रदोष (पहला कृष्ण एवं दूसरा शुक्ल पक्ष में) होते हैं। त्रयोदशी या तेरस को प्रदोष कहते हैं। सनातन धर्म में एकादशी को विष्णु से, तो प्रदोष को शिव से जोड़ा गया है। इन दोनों ही व्रतों से चंद्र का दोष दूर होता है।

त्रयोदशी तिथि को महादेव शिव को समर्पित प्रदोष व्रत करते हैं। मान्यता है, प्रदोष के दिन भगवान शिव की पूजा करना अत्यंत शुभदायक होता है, क्योंकि इस समय भगवान शिव अत्यंत उदार होते हैं और अपने भक्तों को अपार सुख प्रदान करते हैं। इस दिन प्रदोष काल अर्थात संध्या के समय में पूजा अर्चना की जाती है। वर्ष 2025 का अंतिम प्रदोष 17 दिसंबर (बुधवार) को होगा। इस दिन इन विशेष उपायों को करने से जीवन की परेशानियों से छुटकारा मिलता है। बुधवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष को बुध-प्रदोष के नाम से जाना जाता है।

प्रदोष व्रत की पूजा विधि-

प्रदोष व्रत के दिन स्नान कर साफ वस्त्र पहने।
घर के मंदिर या शिवालय में बेलपत्र, गंगाजल, दही, दूध, शहद आदि से अभिषेक करें।
शिवलिंग पर चंदन, अक्षत, फूल, धूप–दीप, नैवेद्य अर्पित करें।
शाम के समय स्नान कर या स्वच्छ होकर शिवलिंग पर जल चढ़ाएं।
इसके बाद “ॐ नमः शिवाय” या महामृत्युंजय मंत्र का जप करें।
प्रदोष काल में भगवान शिव और माता पार्वती पूजा और आरती करें।
पूजा संपन्न होने पर भगवान को भोग लगाएं और प्रसाद खुद भी ग्रहण करें।

प्रदोष व्रत की धार्मिक मान्यता
धार्मिक मान्यता के अनुसार, प्रदोष व्रत रखने से व्यक्ति के जीवन में आने वाले संकट और दोष धीरे-धीरे कम होने लगते हैं। इस दौरान शिवलिंग पर जल, दूध, बेल पत्र, फूल और धूप-दीप अर्पित कर पूजा करने से विशेष फल प्राप्त होता है। मान्यता है, कि लगातार 11 प्रदोष व्रत रखने से सभी कष्ट, पाप और दुख दूर होते हैं और भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। विवाह की इच्छा रखने वाली कन्याओं को इस दिन माता पार्वती को लाल चुनरी अर्पित करनी चाहिए।

प्रदोष व्रत के दिन करें... 
प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठें।  
साफ वस्त्र धारण करें।  
सात्विक चीजों का सेवन करें।  
महादेव का विशेष चीजों से अभिषेक करें।
व्रत के नियम का पालन करें।
श्रद्धा अनुसार अन्न, धन और वस्त्र का दान करें।
घर और मंदिर में गंगाजल का छिड़काव कर घर को शुद्ध करें।
शिव चालीसा और मंत्रों का जप करें।
जीवन में सुख-शांति की प्राप्त के लिए कामना करें।  
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प्रदोष के दिन ये न करें...
प्रदोष व्रत के दिन किसी से लड़ाई-झगड़ा भूलकर भी न करें।  
पूजा के दौरान किसी के बारे में गलत न सोचे।
पूजा थाली में केतकी के फूल और हल्दी को शामिल न करें।
शिवलिंग पर टूटे हुए चावल चढ़ाने से बचना चाहिए।
इसके अलावा प्याज, लहसुन और तामसिक चीजों के सेवन से दूर रहें।
महिलाओं का अपमान करें।

पुराणों के अनुसार, त्रयोदशी की रात के पहले प्रहर में जो व्यक्ति किसी भेंट के साथ शिव प्रतिमा के दर्शन करता है- उसके समस्त समस्याओं का हल निकलता है। प्रदोष की तिथि को निम्न विशेष उपाय करने से जीवन की अनेक समस्याओं में कमी आती है, शुभ फलों की प्राप्ति होती है उनसे शिव-कृपा से छुटकारा मिलता है-

- अपने बिजनेस की दिन-दुगनी, रात-चौगुनी उन्नति के लिए प्रदोष की शाम के समय रंगोली वाले पांच अलग-अलग रंग लेकर, शिव मंदिर में जाएं और उन रंगों से एक गोल फूल की आकृति वाली रंगोली बनाएं। अब इस रंगोली में बीचो-बीच घी का दीपक जलाएं और हाथ जोड़कर शिवजी का आशीर्वाद देते हुए मुद्रा का ध्यान करें।

- यदि शत्रुओं से परेशान हैं और उनसे छुटकारा पाना चाहते हैं, तो प्रदोष के दिन शमी पत्र को साफ पानी से धोकर शिवलिंग पर अर्पित करें और 'ऊँ नमः शिवाय' मंत्र का 11 बार जप करें।

- किसी मुकदमे में फंसे हैं और उसके चलते आपकी परेशानियां घटने के बजाय बढ़ती जा रही हैं, तो प्रदोष के दिन धतूरे के पत्ते को पहले साफ पानी से धो लें, फिर उन्हें दूध से धोकर शिवलिंग पर अर्पित करें।

- अच्छे स्वास्थ्य को बनाये रखने के लिए प्रदोष के दिन शिव मंदिर में जाकर भगवान को सूखा नारियल अर्पित करें और अपने अच्छे स्वास्थ्य के लिए शिवजी से प्रार्थना करें। अगर नारियल अर्पित करने के लिए आप प्रदोष काल में, यानि शाम के समय शिव मंदिर जाएं तो और भी श्रेष्ठ होगा।

- दांपत्य जीवन में मिठास घोलने के लिए प्रदोष के दिन शिवजी को दही में शहद मिलाकर, उसका भोग लगाएं। साथ ही शिव चालीसा का पाठ करें।

- अपनी धन-सम्पत्ति में वृद्धि के लिए प्रदोष के दिन सवा किलो साबुत चावल और कुछ मात्रा में दूध लेकर शिव मंदिर में दान करें।

- यदि किसी बात को लेकर आप मानसिक रूप से समस्याग्रस्त हैं, तो प्रदोष की शाम शिव मंदिर में जाकर या घर पर ही भगवान शंकर की मूर्ति या चित्र के आगे आसन बिछाकर बैठ जायें और गहरी सांस लेते हुए 'ऊँ' शब्द का सस्वर 5 बार उच्चारण करें। देखिये इस प्रकार उच्चारण करना है- ओ...ओ...ओ....ओ......म., यानि ओ... की ध्वनि को लंबा खींचना है और... 'म'अपने आप ही सांस छोड़ते हुए मुंह से निकल जाएगा।

- दांपत्य जीवन में आ रही परेशानियों को दूर करने के लिए प्रदोष के दिन शिव मंदिर में जाकर, शिवजी और माता पार्वती पर एक साथ मौली यानि कलावे को सात बार लपेटे। ध्यान रहे कि सात बार धागा लपेटते हुए उसे बीच में तोड़ना नहीं है, जब पूरा सात बार लपेट दें, तभी हाथ से धागे को तोड़ें। धागा तोड़ने के बाद उसमें गांठ न लगाएं, उसे ऐसे ही वहां लपेटकर छोड़ दें।

- परिवार की सुख-शांति के लिए प्रदोष की शाम के समय शिव मंदिर में जाकर घी का एक दीपक और तेल का एक दीपक जलाएं। ध्यान रखें, घी का दीपक देवताओं को प्रसन्न करने के लिए होता है जबकि तेल का दीपक अपनी कामनाओं की पूर्ति के लिए होता है। घी के दीपक में रूई की खड़ी सफेद बत्ती लगाएं और तेल के दीपक में पड़ी हुई बत्ती, यानि लेटी हुई लाल बत्ती लगाएं।

- अपने बच्चों के साथ अपने रिश्ते बेहतर करने प्रदोष के दिन एक कटोरी में थोड़ा शहद लें और उसमें से उंगली की मदद से शहद निकालकर शिवजी को भोग लगाएं। भोग लगाने के बाद उस कटोरी में बचे हुए शहद को अपने हाथों से अपने बच्चों को खिला दें।

- किसी विशेष कार्य की सफलता के लिए प्रदोष के दिन दूध में थोड़ा-सा केसर मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ाएं और दूध चढ़ाते समय मन ही मन 'ऊँ नमः शिवाय' मंत्र का जप करें।

- आपको बिजनेस इंवेस्टमेंट करने में किसी प्रकार की परेशानी आ रही है, तो प्रदोष के दिन भगवान शंकर को 11 बेलपत्र अर्पित करें और अपनी परेशानी से छुटकारा पाने के लिए भगवान शिव से प्रार्थना करें।

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