"संचार साथी" ऐप पर यूजर डेटा चोरी पर उठे सवाल का DoT ने दिया जवाब, "संचार साथी" एप क्या है ?


सरकार आपके स्मार्टफोन में क्यों इंस्टॉल करना चाहती है इसे ?
(धर्म नगरी / DN News)
वा.एप- 8109107075 "धर्म नगरी" फ्री मंगवाने या अपने नाम से देशभर में भिजवाने हेतु 

"संचार साथी" पोर्टल के रूप में वर्ष 2023 में "संचार साथी" एप शुरू किया गया। इस पोर्टल की सहायता से आप-
➯ स्कैम कॉल की रिपोर्ट कर सकते हैं, 
➯ यूजर्स अपने नाम पर रजिस्टर्ड सिम कार्ड की पहचान कर सकते हैं, 
➯ फोन चोरी होने पर उसको ब्लॉक कर सकते हैं,
➯ इस एप का उपयोग व्यापक स्पैम को रोकने के लिए किया जा रहा है।

सरकार इस एप्लिकेशन को आपके स्मार्टफोन में इंस्टॉल करना चाहती है। दूरसंचार विभाग ने मोबाइल फोन की असलियत की जांच करने के लिए फोन में "संचार साथी" एप को इंस्टॉल करने का निर्देश दिया है। इसके बाद अब नए मोबाइल फोन में "संचार साथी" एप्लिकेशन पहले से इंस्टॉल होकर आएगा। फोन कंपनियों को इस एप्लिकेशन को नए फोन में 90 दिनों के अंदर इंस्टॉल करना होगा। 

अगर कंपनियां इसका पालन नहीं करती हैं, तो उन पर दूरसंचार अधिनियम-2023 और दूरसंचार साइबर सुरक्षा नियम-2024 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी। वहीं, विपक्षी दल सरकार के इस निर्णय को असंवैधानिक बताते हुए सरकार से इस निर्णय को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। विपक्षी दल द्वारा कहा जा रहा है- सरकार इससे लोगों पर नजर रखेगी।

"संचार साथी" ऐप पर कई एक्सपर्ट्स ने यूजर डेटा को लेकर सवाल उठाए थे। ऐप के यूजर डेटा स्टोर को लेकर उठे सवाल का दूरसंचार विभाग (DoT) ने जवाब दिया है। सरकार ने हाल ही में ऐप को हर स्मार्टफोन के लिए अनिवार्य करने का फैसला किया था। हालांकि, बाद में सरकार ने स्पष्ट किया- इस ऐप को फोन में देना वैकल्पिक है। यानी OEM चाहे तो इस ऐप को अपने फोन में दे सकते हैं।
-----------------------------------------------  
प्रयागराज माघ मेला-2026 विशेषांक   
शिविर का आयोजन एवं माघ मेले पर केंद्रित "धर्म नगरी माघ मेला-2026" के चार विशेषांक निकाले जाएंगे। विशेषांकों का वितरण मेले में शिविरों में (सन्तों धर्माचार्यों आदि को), मेला क्षेत्र में स्थित विभिन्न कार्यालयों, सरकारी एवं निजी प्रदर्शनियों आदि को फ्री या "सौजन्य से..." होगा। इसके साथ मेला क्षेत्र में कार, बस आदि निजी वाहनों से आने वाले तीर्थयात्रियों, श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को दिया जाएगा, जिस प्रकार प्रयागराज महाकुंभ-2025 पर "धर्म नगरी" के तीन विशेषांकों को बांटा या सम्मान के साथ दिया गया।
प्रयागराज माघ मेला-2026 के विशेषांको में आप भी संगम क्षेत्र के आयोजित 
अपने शिविर (कैम्प) की जानकारी, शिविर में होने वाले कार्यक्रम (यदि कोई हो), सारगर्भित लेख, अपने आश्रम मठ की गतिविधियां आदि प्रकाशित करवा सकते हैं। अथवा अपनी शुभकामना आदि के साथ अपने नाम से विशेषांक बटवा सकते हैं (देखें ऊपर बायीं कोने में)। यदि आप इच्छुक हों, तो संपर्क करें +91 8109107075 वाट्सएप ईमेल- dharm.nagari@gmail.com 
----------------------------------------------- 

ऐप पर उठे सवाल
ऐप की अनिवार्यता पर एक्सपर्ट्स ने सवाल उठाए थे। एक्सपर्ट्स का कहना था- यह ऐप किस काम आएगा ? ऐप का डेटा कहां स्टोर होगा ? क्या यूजर्स इसे हटा सकेंगे ? एक्सपर्ट्स ने यूजर डेटा स्टोरेज को लेकर चिंता जताई थी। इंडस्ट्री का मानना था, दूरसंचार विभाग का यह आदेश रेगुलेटर ओवररीच है, जिसका आशय है दूरसंचार विभाग जरूरत से ज्यादा कंट्रोल करने का प्रयास कर रहा है।

इन सवालों पर DoT ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए अपने "X हैंडल से तथ्यों को साफ किया, जिसके अनुसार "संचार साथी" के उपयोग से-
 आपका फोन सुरक्षित रहेगा और आपका डेटा आपका ही रहेगा,
 संचार साथी यूजर के डेटा को ट्रैक नहीं करता है और न ही कलेक्ट करता है, 
 ऐप का इस्तेमाल केवल फ्रॉड करने वालों को ब्लॉक करने, 
 फर्जी सिम कार्ड को बंद करने और मोबाइल चोरी को रोकने के लिए किया जाता है, क्योंकि ऐप हमेशा से यूजर की प्राइवेसी के बारे में सोचता है।

दूरसंचार विभाग ने संचार साथी ऐप के सही उपयोग और यूजर्स को इसके माध्यम से होने वाली मदद के बारे में बताया है। उल्लेखनीय है, सरकार ने इस ऐप को साल की शुरुआत में लॉन्च किया था। इस ऐप के जरिए यूजर्स अपने फोन पर आने वाले किसी भी फर्जी कम्युनिकेशन, जैसे- कॉल और मैसेज को रिपोर्ट कर सकते हैं। इसके अलावा यूजर्स इस ऐप के जरिए ये पता लगा सकते हैं, कि उनके नाम पर कितने सिम कार्ड जारी किए गए हैं और फर्जी फोन की पहचान करने के लिए किया जा सकता है। यूजर्स चाहे तो ऐप की जगह "संचार साथी" वेबसाइट के माध्यम से भी ये सुविधाएं ले सकते हैं।
-----------------------------------------------  
प्रयागराज महाकुंभ-2025 के बाद मार्च 2025 से "धर्म नगरी" के सदस्य नहीं बनाए जाते। धर्म नगरी फ्री या "सौजन्य से..." पाने हेतु अपना पूरा पता भेजें। नियमित कॉपी पाने हेतु वर्ष में केवल एकबार अपने सामर्थ्य के अनुसार स्वेच्छा से "धर्म नगरी" के नाम सहयोग करें। आपके दिए सहयोग से हम आपकी शुभकामना आदि प्रकाशित कर आपको एवं आपके परिचितों को (आपके नाम की सील लगाकर) प्रतियां भेजते हैं। सहयोग केवल "धर्म नगरी" के नाम से इसके बैंक खाते या ऑनलाइन 8109107075 पर दें और तुरंत उसका स्क्रीन शॉट भी।  
देखें- महाकुंभ प्रयागराज-2025 का विशेषांक-  
-----------------------------------------------
 
 

No comments