#Social_Media से : किसान आंदोलन का किससे है कनेक्शन ?
#Social_Media
ये कैसा किसान आंदोलन !
ये कैसा किसान आंदोलन !
कैसे-कैसे लोग हैं आंदोलन में !
(धर्म नगरी / DN News)
पंजाब में चल रहे किसान आंदोलन का मुख्य कर्ताधर्ता है केवल दो साल पहले अस्तित्व में आया एक नया किसान संगठन- "भारतीय किसान यूनियन -एकता उग्राह"....मात्र दो सालों में ये पंजाब का सबसे बड़ा संगठन बन गया....इसका पीले रंग का झंडा है....जिस पर बैलो से हल जोतते हुए किसान की तस्वीर है...
पर जब इस संगठन के बारे में पढ़ा, पता किया तो सबकुछ उल्टा-पुल्टा नज़र आया....दरअसल ये संगठन NRC-CAA विरोध में शाहीनबाग में हुए प्रदर्शनों में बढ़ चढ़ कर शामिल हुए था......नागरिकता कानून में किसानों का क्या काम ? जबकि किसी NRC/CAA के किसी फॉर्मेट में आपका नाम तक नही....शाहीन बाग में लंगर चलाते हुए जिन सिंखो की तस्वीरें वायरल हुई थीं, वे सब इसी किसान संगठन से जुड़े हुए थे.... भारतीय किसान यूनियन एकता उग्राह ने पंजाब में भी अनेक जगह CAA, NRC के खिलाफ प्रदर्शन किए थे......पुरुषो में पीली पगड़ी और महिलाओं में पीली चुन्नी इनकी पहचान है.....सुनने में आता है कि ये बेहद धनवान संगठन है जिसमे पंजाब के लगभग सभी बड़े जमीदार शामिल है.....
शाहीनबाग में इस संगठन की उपस्थिति, मात्र दो सालों में पूरे पंजाब का सबसे बड़ा किसान संगठन बन जाना......ये मुझे कुछ ठीक नही लगा.....हम सब जानते है कि हमारे दुष्ट पड़ोसी के भी पंजाब में अपने स्वार्थ है.....और देश के भीतर बैठी एक पूरी जमात तो चाहती है कि ये आंदोलन हिंसक हो जाये, सरकार कुछ गोली वोली चलवा दे.......ऐसे में इस नाजुक मामले को देखते हुए सरकार को बातचीत में इन्हें एंगेज करना चाहिए.....बलप्रयोग पंजाब में हालात को और खराब ही कर देगा.....यंहा किसान आंदोलन के साथ साथ मामला राष्ट्रीय सुरक्षा का भी है....
विकास बालियान के FB से कुछ फ़ोटो ले कर यंहा अटेच की है.....इनमें ज्यादातर भारतीय किसान यूनियन-एकता उग्राह के शाहीनबाग में शामिल होने की है...
पर जब इस संगठन के बारे में पढ़ा, पता किया तो सबकुछ उल्टा-पुल्टा नज़र आया....दरअसल ये संगठन NRC-CAA विरोध में शाहीनबाग में हुए प्रदर्शनों में बढ़ चढ़ कर शामिल हुए था......नागरिकता कानून में किसानों का क्या काम ? जबकि किसी NRC/CAA के किसी फॉर्मेट में आपका नाम तक नही....शाहीन बाग में लंगर चलाते हुए जिन सिंखो की तस्वीरें वायरल हुई थीं, वे सब इसी किसान संगठन से जुड़े हुए थे.... भारतीय किसान यूनियन एकता उग्राह ने पंजाब में भी अनेक जगह CAA, NRC के खिलाफ प्रदर्शन किए थे......पुरुषो में पीली पगड़ी और महिलाओं में पीली चुन्नी इनकी पहचान है.....सुनने में आता है कि ये बेहद धनवान संगठन है जिसमे पंजाब के लगभग सभी बड़े जमीदार शामिल है.....
शाहीनबाग में इस संगठन की उपस्थिति, मात्र दो सालों में पूरे पंजाब का सबसे बड़ा किसान संगठन बन जाना......ये मुझे कुछ ठीक नही लगा.....हम सब जानते है कि हमारे दुष्ट पड़ोसी के भी पंजाब में अपने स्वार्थ है.....और देश के भीतर बैठी एक पूरी जमात तो चाहती है कि ये आंदोलन हिंसक हो जाये, सरकार कुछ गोली वोली चलवा दे.......ऐसे में इस नाजुक मामले को देखते हुए सरकार को बातचीत में इन्हें एंगेज करना चाहिए.....बलप्रयोग पंजाब में हालात को और खराब ही कर देगा.....यंहा किसान आंदोलन के साथ साथ मामला राष्ट्रीय सुरक्षा का भी है....
विकास बालियान के FB से कुछ फ़ोटो ले कर यंहा अटेच की है.....इनमें ज्यादातर भारतीय किसान यूनियन-एकता उग्राह के शाहीनबाग में शामिल होने की है...
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| किसानों कि लीडर दिल्ली आती किसानों का हक दिलाने या शाहिन बाग का नकल उतारने |
पहचाना आपने ये लाल जैकेट में कौन है ? क्या ये वहीं हैं, जो शाहीन बाग में धरना देते-देते प्रेग्नेंट हो गई, जिसका पता तब चला, जब ये तिहाड़ जेल में बंद थी....
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सिखों ने, सिख गुरुओं ने सर्वाधिक मुगलों, मुसलमानों के अत्याचार सहे हैं, सिख गुरु के बच्चों जिन्दा दीवार में चुनवाकर मार दिए गए, तो एक गुरु को तड़पाने के बाद अंत में सिर काट दिया गया. वो सिख गुरु, वो स्थान दिल्ली का गुरुद्वारा शीशगंज है... क्या आप इस गुरूद्वारे व उस स्थान का सच्चा इतिहास जानते हैं ? बताएं हमें ... 6261868110 इतिहास से सीख न लेने वाले लोग और देश सुरक्षित नहीं रहें, समाप्त हो जाते हैं....
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मोमिन नज़ीर मुहम्मद पगड़ी पहन सिख बनने का ढोंग कर इस फर्जी किसान आंदोलन में उत्पात मचाने हेतु सम्मिलित हुआ है
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...वहीं, दूसरी ओर 500/- दिहाड़ी लेकर शाहीन बाग में बैठने वाली वृद्ध मोमिना इस बार किसान बनने की नौटंकी कर इस आंदोलन में पंजाब से आई एक सिख वृद्धा बनने का स्वांग रच रही हैदेखें
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क्रोनोलॉजी समझिए, इन लोगों का किसी भी बिल, किसी भी कानून और किसानों से कोई लेना देना नहीं है-
इनके हथकंडे वही शाहीन बाग वाले हैं,
इनका आचरण भी शाहीन बाग वाला है,
इनकी हरकतें भी वही शाहीन बाग वाली है,
इनके मूवमेंट भी शाहीन बाग वाले हैं,
इनके स्पॉन्सर भी शाहीन बाग वाले हैं और
इनका उद्देश्य भी वही शाहीन बाग वाला है।

क्रोनोलॉजी समझिए, इन लोगों का किसी भी बिल, किसी भी कानून और किसानों से कोई लेना देना नहीं है-
इनके हथकंडे वही शाहीन बाग वाले हैं,
इनका आचरण भी शाहीन बाग वाला है,
इनकी हरकतें भी वही शाहीन बाग वाली है,
इनके मूवमेंट भी शाहीन बाग वाले हैं,
इनके स्पॉन्सर भी शाहीन बाग वाले हैं और
इनका उद्देश्य भी वही शाहीन बाग वाला है।
(Disclaimer : पोस्ट व तथ्य सोशल मीडिया से #साभार)
सोशल मीडिया में प्रतिक्रिया-
चलो मान लिया नया “किसान बिल-2020” खराब है, तो इसका मतलब पहले वाला अच्छा रहा होगा ! अगर पहले वाला अच्छा था तो किसानों की हालत आज तक बुरी स्थिति क्यों है ?
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आवश्यकता है-
आर्थिक रूप से सम्पन्न राष्ट्रवादी विचारधारा के व्यक्ति की "धर्म नगरी" के हर जिले में विस्तार के लिए तुरंत आवश्यकता है। विस्तार के अंतर्गत शहरी (वार्ड, कालोनी तक) व ग्रामीण (पंचायत, ब्लॉक स्तर तक) क्षेत्रों में स्थानीय प्रतिनिधि, अंशकालीन रिपोर्टर की नियुक्ति के साथ प्रत्येक जिले में वर्षभर में एक से तीन सेमिनार/गोष्ठी/सार्वजनिक आयोजन आयोजित किए जाने हैं। सम्पर्क- वाट्सएप- 6261868110 ईमेल- dharm.nagari@gmail.com
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