देवस्थानम बोर्ड के खिलाफ संघ मुख्यालय पहुंचे तीर्थ पुरोहित

 

(धर्म नगरी / DN News) वाट्सएप- 9752404020
देहरादून। चार धाम तीर्थ पुरोहित हक-हकूकधारी महापंचायत ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रांत प्रचारक युद्धवीर से मिल कर देवस्थानम बोर्ड पर विरोध जताया। इसके साथ ही कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल और हरक सिंह रावत से भी मुलाकात की। महापंचायत के संयोजक सुरेश सेमवाल के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने पहले आरएसएस मुख्यालय पहुंच प्रांत प्रचारक से मिल कर देवस्थान बोर्ड को भंग करने की मांग की। तीर्थ पुरोहितों ने इस मामले में सहयोग का आग्रह किया।

उन्हें देवस्थानम बोर्ड के विपरीत प्रभावों के बारे में बताया। महापंचायत के संयोजक सुरेश सेमवाल ने कहा, कि देवस्थानम बोर्ड को शीघ्र भंग करने की मांग तेज की जाएगी। जल्द ही तीर्थ पुरोहितों का एक प्रतिनिधि मंडल भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और विश्व हिंदू परिषद के उच्च पदस्थ पदाधिकारियों से भेंट करेगा। प्रतिनिधिमंडल में डा बृजेश सती, अनिरुद्ध, रमेश सेमवाल, विनोद प्रसाद, उमेश सती, रजनीकांत सेमवाल आदि शामिल रहे।

केदारनाथ पैदल मार्ग खोलने के लिए SOP जारी-
केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि घोषित होने के बाद सरकार ने केदारनाथ धाम के पैदल मार्ग से बर्फ हटाने एवं मार्ग को ठीक करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। पैदल मार्ग को खोलने के लिए एसओपी जारी की गई है। लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव आरके सुधांशु की ओर से मंगलवार को पैदल मार्ग को खोलने और बर्फ हटाने का काम शुरू करने के लिए दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। मार्ग पर गिरी बर्फ का आंगठन लोनिवि के गुप्तकाशी खंड द्वारा किया जाएगा। इसके बाद विभाग की ओर से ई निविदा निकाली जाएगी।

मार्च के महीने में मौसम के अनुसार बर्फ हटाने का काम शुरू किया जाएगा। एसओपी में लिखा गया है कि मार्च दूसरे सप्ताह के बाद यह काम शुरू किया जाएगा। मार्ग खोलने के लिए चयनित फर्म के लिए श्रमिकों की सुरक्षा, स्वास्थ्य सहित कई बिंदुओं के लिए मानक तय किए गए हैं। इस क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों के लिए पीपीई किट की व्यवस्था की जाएगी। इसके साथ ही श्रमिकों के लिए सुरक्षित ठिकानों की व्यवस्था भी की जाएगी। श्रमिकों की स्वास्थ्य संबंधी जिम्मेदारी ठेकेदार की होगी।

बर्फ हटाने के उपकरण भी ठेकेदार द्वारा उपलब्ध कराए जाएंगे। लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता को इस दिशा में आवश्यक कार्यवाही करने को कहा गया है। प्रमुख सचिव लोनिवि आरके सुधांशु ने बताया कि केदारनाथ धाम की यात्रा के लिए पैदल मार्ग से बर्फ हटाने और मार्ग को ठीक करने के लिए एसओपी जारी की गई है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ यात्रा शुरू होने से पहले पैदल मार्ग को पूरी तरह खोलने के साथ ठीक भी किया जाएगा। विभागीय अधिकारियों को इसकी कार्यवाही शुरू करने को कहा गया है।
 
बदरीनाथ धाम के विकास को 12 करोड़ का MoU- 
बद्रीनाथ धाम को “स्मार्ट स्प्रिरिचुअल हिलटाउन” के रूप में विकसित करने  उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद व सतलुज जल विद्युत निगम लि0 (एसजेवीएनएल) के बीच कारपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के तहत 12 करोड़ के एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। एमओयू के अवसर पर पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा, “श्री बद्रीनाथ धाम नर और नारायण पर्वत के बीच स्थित भारतवर्ष के प्रमुख चार धामों में से एक है। श्रद्धालुओं का परम प्रिय धार्मिक गंतव्य है। श्रद्धालुओं की बढ़ती हुई संख्या, सीमित संसाधनों तथा भौगोलिक प्रतिबंधों के कारण यह आवश्यक हो गया है कि अब इस पवित्र धाम की क्षमता को बढ़ाने को इसे एक “स्मार्ट स्प्रिचुअल हिलटाउन” के तहत विकसित किया जाए। कहा कि श्री बद्रीनाथ धाम के विकास को एक कदम आगे बढ़ाने को हम एसजेवीएनएल का आभार प्रकट करते हैं।
धाम        -     दिनाँक  
श्री गंगोत्री         14 मई
श्री यमुनोत्री      14 मई
श्री केदारनाथ    17 मई
श्री बदरीनाथ     18 मई

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उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम-
बीते माह (फरवरी 2021) चारधाम और उनके आसपास के 51 मंदिरों में अवस्थापना सुविधाओं का विकास, समुचित यात्रा संचालन एवं प्रबंधन के लिए उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम को राजभवन की स्वीकृति मिल गई, जिसके पश्चात चारधाम देवस्थानम बोर्ड अस्तित्व में आ गया है। अधिनियम के अंतर्गत बोर्ड के गठन को राज्यपाल से स्वीकृति मिलने के बाद शासन ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी। बोर्ड के सीईओ पद पर मंडलायुक्त रविनाथ रमन को जिम्मेदारी सौंपने के पश्चात सदस्यों के संबंध में अधिसूचना जारी की गई। 


चारधाम देवस्थानम बोर्ड के गठन की प्रक्रिया-
सरकार ने विधानसभा में गत वर्ष (2020) चारधाम देवस्थानम विधेयक पारित कराया था। राजभवन की स्वीकृति के बाद यह अधिनियम बनने के साथ अधिनियम के अंतर्गत चारधाम देवस्थानम बोर्ड के गठन की प्रक्रिया शुरू की गई। राज्यपाल से इसकी स्वीकृति मिलने के बाद सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर की ओर से बोर्ड के गठन की अधिसूचना जारी कर दिया गया।

अधिसूचना के अनुसार, बोर्ड के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे। संस्कृति मामलों के मंत्री को बोर्ड का उपाध्यक्ष बनाया गया है। मुख्य सचिव, सचिव पर्यटन, सचिव वित्त व संस्कृति विभाग भारत सरकार के संयुक्त सचिव स्तर तक के अधिकारी पदेन सदस्य होंगे। इसके अलावा टिहरी रियासत के राजपरिवार के एक सदस्य, हिंदू धर्म का अनुसरण करने वाले तीन सांसद, हिंदू धर्म का अनुसरण करने वाले छह विधायक, राज्य सरकार द्वारा चार दानदाता, हिंदू धर्म के धार्मिक मामलों का अनुभव रखने वाले व्यक्ति, पुजारियों, वंशानुगत पुजारियों के तीन प्रतिनिधि इसमें शामिल होंगे। 

व्यवस्था में सुधार के लिए है बोर्ड 
तत्कालीन सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा था, कि चारधाम देवस्थानम अधिनियम चारधाम और उनके आसपास के मंदिरों की व्यवस्था में सुधार के लिए है। उद्देश्य ये है, कि यहां आने वाले यात्रियों का ठीक से स्वागत हो और उन्हें अच्छी सुविधाएं मिलें एवं बोर्ड भविष्य की आवश्यकताओं को भी पूरा करे। 
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