भोजन करते-करते गृहमंत्री ने बरखा को दिखाई उसकी असली औकात !


लगातार उपेक्षा करते हुए भोजन करते रहे, पर प्रश्नों को भी बहुत ध्यान सुनते भी रहे  
आज-कल के चुनिंदा पोस्ट्स, ट्वीट्स, वीडियो, कमेंट्स, वायरल...20220418 
  
धर्म नगरी / DN News 
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मध्य प्रदेश में श्रीराम नवमी के पावन अवसर पर हिन्दुओं द्वारा निकाले जा रहे शोभा-यात्रा पर हिंसा हुई। इस हिंसा को लेकर जिस प्रकार अपनी मानसिकत रूप से "पूर्वाग्रही होकर" पत्रकार बरखा ने एक इंटरव्यू में गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा से प्रश्न पूछें, उसने अपने शब्द ठूंसने चाहे, झूठा और एकतरफा पक्ष लेना चाहा मुसलमानों का। इसके लिए उसने ‘एक वर्जन’ और ‘कहा जाता है’ जैसे शब्दों का सहारा लिया। जैसे- बरखा ने कहा, "दो वर्जन्स आ रही है। एक वर्जन आ रही है, कि जो डीजे चला रहे थे, वो अजान से क्लैश हो रहे थे...।" 
बरखा ने मजहबी उन्मादियों द्वारा कभी किसी भी निर्दोष हिन्दू की निर्मम या अकारण हत्या के बारे में सम्भवतः नहीं बोला। इसलिए सोशल मीडिया में भी समय-समय पर तमाम फोटो और बाइट्स की प्रतिक्रिया (comment) में बरखा दत्त जैसे सभी पत्रकारों का भारतीय नागरिकों विरोध करते रहते हैं, क्योंकि उसने आतंकियों, देशद्रोहियों, हिन्दू-विरोधियों, मुस्लिमपरस्तों, वामपंथियों, फर्जी सेक्यूलरवादियों का भरसक पक्ष लिया। ऐसे मीडिया में लोग एक तरफा रिपोर्ट दिखाते हैं, तथ्य रखते हैं और कभी भी निष्पक्ष नहीं रहते। 
उसी क्रम में बरखा ने भी पत्रकारिता में उपयोग होने वाले ‘बचाव वाले शब्द’ का दुरुपयोग किया, जैसे- सूत्र बताते हैं, कहा जाता है, लोगों का कहना है, स्थानीय लोगों का मानना है, चर्चा और दबी जुबान लोग कह रहे हैं... आदि आदि।
चेहरे के सभी भाव (बरखा के) देखें-
अब सुने इंटरव्यू का एक भाग- (नीचे अपनी प्रतिक्रिया या विचार अवश्य लिखें)-
सुने इंटरव्यू-  

बरखा जब अपने 'फ्रेम' किए हुए बेबुनियाँ सवाल पूंछ रही थी, उस समय गृहमंत्री खाने के कौर बनाते, उसे मुँह में डालते, चबाते दिख रहे है, लेकिन साथ ही साथ, बरखा के प्रश्नों को गंभीरता से सुन रहे हैं
प्रश्न पूछने में अपनी स्वभावतन या मजबूरन (जो भी हो वही जानती हैं) "डीजे म्यूजिक से क्लैश होना" भी बोल दिया। यही कारण है, कि प्रश्न पूरा होने के बाद डॉ. मिश्र बहुत सटीक, स्पष्ट उत्तर (व्यंग्यात्मक भाव के साथ) देते जा रहे हैं। आज तक मेरी संज्ञान में इस बरखा नाम की तथाकथित पत्त*कार ने जम्मू-कश्मीर सहित देश में कहीं भी हुए मजहबी उन्मादियों या साजिश के तहत दंगे (19 जनवरी 1990 कश्मीरी पंडितों, कैराना, शाहीनबाग से लेकर करोली आदि) और उसमें मारे गए निर्दाेष हिन्दुओं की चर्चा नहीं की या हिन्दुओं के पक्ष को निष्पक्षता से नहीं उठाया या बोली। 

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इसे भी पढ़ें / देखें / सुनें-
#Social_Media : बहुत ठंडा करके खाने की प्रवृत्ति है इस नेता की जोड़ी की...
http://www.dharmnagari.com/2022/04/Aaj-ke-selected-Posts-Tweets-Comments-Sunday-17-April-2022.html

2 से 300+ सांसद होने की '42 वर्षीय यात्रा' : PM मोदी ने कहा... 
http://www.dharmnagari.com/2022/04/BJP-Foundation-day-Modi-Nadda-Yogi-live-speech-42-years-journey-from-2-to-300-plus.html
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हाँ, अगर किसी / कुछ लोगों या भीड़ में रहते हुए मजहबी कट्टर उन्मादियों ने किसी या कई हिन्दू की हत्या कर दिये, लूटपाट किया, आगजनी और तोडफ़ोड़ की, तो भी ये बरखा और इस जैसे देश में कुछेक दर्जन पत्रकार ‘विधवा विलाप’ करने, सरकार को झूठा दोषी ठहराने, पीड़ित व सहनशील हिन्दुओं को ही उल्टा फंसाने या उन्हें कटघरे में लाने की पूरी कोशिश करती / करते हैं। इससे पत्रकारिता जैसा पवित्र पेशा और मीडिया में शायद हम जैसे बचे 2-3 प्रतिशत पत्रकार बदनाम होते हैं। इस वीडियो को देखने, सुनने के बाद अब हम भी अपनी लेखनी (कंम्यूटर की बोर्ड) का पूरा-पूरा सदुपयोग राष्ट्रहित में और देशद्रोहियों के खिलाफ लगातार करुंगा, क्योंकि जिस प्रकार लोहे को लोहा काटता है, उसी प्रकार दलाल पत्तलकार को राष्ट्रवादी पत्रकार के शब्द, लेख काट सकते हैं...

यहां विशेष उल्लेखनीय है, कि गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र निडर, निर्भीक, न्यायप्रिय, विद्वान, विवेकशील, धर्मपरायण, राष्ट्रवादी एवं शत्रुहंता मां बगलामुखी देवी के परम् भक्त हैं। बीते दिनों भोपाल के सूखी सेवनियां में भूमि से प्रकट हुए हनुमानजी महाराज के दर्शन करने गए थे, जहां उनसे भेंट हुई। डॉ. मिश्र को मध्य प्रदेश के अगला मुख्यमंत्री के रूप में देखा जा रहा है। आध्यात्मिक क्षेत्र में, महाकाल के एक सिद्ध-सात्विक साधक ने भी हमने यही कहा है।
बाबा महाकाल और उनके एकादश अवतार हनुमानजी, शत्रुहंता माँ बगलामुखी (दतिया, नलखेला वाल) की डॉ. नरोत्तम मिश्र पर सदैव कृपा बनी रहे, यही प्रार्थना करता हूँ... वंदे मातरम, -राष्ट्रवादी पत्रकार, भोपाल (#साभार) 
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बहुत से लोग सोशल मीडिया को बहुत हल्के में लेते हैं,  लेकिन हम आपको परिणाम बता दें। 
एक मिनट निकाल कर पढ़ें-

  1: हिंदुओं की एकता के कारण पूरा बॉलीवुड दबाव में है।

  2: आपकी एकता की वजह से सीतामाता का किरदार निभाने वाली करीना को डंप कर दिया गया है।

  3: हिंदू एकता ने ईसाई धर्म अपनाने की साजिश का खुलासा किया और सरकार ने 4 प्रमुख ईसाई संगठनों पर प्रतिबंध लगाया

  4: हिंदुओं की एकता के कारण लव जिहाद 50% तक कम हो गया, और कई राज्यों में इसके खिलाफ कानून है।

  5: हिंदुओं की एकता के कारण विपक्ष भी हिंदू बनने के लिए संघर्ष कर रहा है।

  6: हिंदुओं की एकता के कारण कई जगहों पर जिहादी कारोबार दबाव में आ गया है।

  7: हिंदू एकता के कारण व्हाट्सएप और फेसबुक पर आपके त्योहारों और संस्कृति के बारे में चुटकुले 80% बंद हो गए हैं।

  8: हिंदू एकता के कारण हिंदू धर्म के खिलाफ बोलने वालों की संख्या में 70% की कमी आई है।

  9: अधिकांश हिंदू अब खुले तौर पर कहते हैं कि वे हिंदू हैं और हिंदू होने पर गर्व करते हैं।

 10: हिंदू उतने शांत नहीं हैं जितने पहले हुआ करते थे, वे विरोध कर रहे हैं।

व्हाट्सएप पर भले ही हर हिंदू के कम से कम 2000 हिंदू दोस्त हों, लेकिन हम अपने विचारों को 1.3 करोड़ से ज्यादा लोगों तक पहुंचा रहे हैं।
ध्यान दें, कि अनजाने में आपने जो लिखा/साझा किया वह लाखों हिंदुओं तक पहुंच रहा है
आपके सोशल मीडिया पर हिंदू धर्म के प्रति जागरूकता दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है।  इसलिए धर्मनिरपेक्ष हिंदू भी अपने धर्म के बारे में सोच रहे हैं। विरोधियों ने भी हिंदुओं की ताकत पर ध्यान दिया है।

सोशल मीडिया पर अच्छा काम करते रहें। आपकी ताकत बढ़ रही है।  इससे हिन्दू जाग रहे हैं।
अपने लोगों से जुड़ते रहें और सनातनी भावना का प्रसार करें।  जाति भेद भूलकर एक दूसरे की मदद करें_🙏🙏
इसलिए सनातन धर्म से जुड़े अपनी मर्यादा और संस्कृति को पहचाने।।
इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें। आप आश्चर्य में हो जाएंगे 🥺
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जानिए भारत के ईसाई नेताओं को (हिंदू नाम की आड़ में छिपे)
ग्रीक में 'क्रिप्टो' शब्द का अर्थ है छिपा हुआ या गुप्त। "क्रिप्टो क्रिश्चियन" का अर्थ है गुप्त-ईसाई ! इसमें महत्वपूर्ण पहलू हैं-
क्रिप्टो-क्रिश्चियन एक छिपा हुआ ईसाई है, जो एक हिंदू नाम के वेश में है। क्रिप्टो-ईसाई धर्म उस देश में ईसाई धर्म की एक संस्थागत प्रथा है जिसमें ईसाई क्रिप्टो-ईसाई धर्म के मूल सिद्धांत के तहत रहते हैं। वहां वे उस देश के भगवान को दिखावे के रूप में पूजते हैं, उस देश के धर्म का पालन करते हैं, जो उनका छलावरण है। लेकिन वास्तव में, वे अंदर से ईसाई हैं और लगातार ईसाई धर्म का प्रचार करते रहते हैं।

क्रिप्टो ईसाइयों के शुरुआती उदाहरण रोमन साम्राज्य में पाए जाते हैं, जब ईसाई धर्म ने प्रारंभिक अवस्था में रोम में अपने पैर जमा लिए थे। महान रोमन सम्राट ट्रोजन ने तुरंत ईसाई धर्म को रोमन संस्कृति के लिए एक खतरे के रूप में देखा, क्योंकि कई रोमन ईसाई बन गए थे। उसने उन्हें प्रस्ताव दिया, "या तो ईसाई धर्म छोड़ दो या मौत की सजा भुगतो"। रोमन ईसाइयों ने मृत्युदंड से बचने के लिए ईसाई धर्म छोड़ने का नाटक किया। और उसके बाद वे सतही तौर पर रोमन देवी-देवताओं की पूजा करते रहे। लेकिन वे अंदर से ईसाई धर्म में विश्वास करते थे।

यह मुसलमानों के अल-तकिया के समान है, जब वे 5-10 प्रतिशत होते हैं। फिर उस देश के कानूनों का पालन करें। लेकिन जब ये 20-30 फीसदी होते हैं तो शरीयत की मांग शुरू हो जाती है। दंगे होते हैं। गैर-मुसलमानों की जातीय सफाई शुरू हो जाती है क्योंकि जनसंख्या और बढ़ जाती है।

क्रिप्टो ईसाई, मुसलमानों की तरह हिंसा नहीं करते हैं। जब क्रिप्टो क्रिश्चियन 1 प्रतिशत से कम होता है तो वह उस देश के भगवान को अपनाकर अपना काम करता रहता है। जब वे संख्या में अधिक हो जाते हैं, तो वे उन्हीं देवताओं का अपमान करने लगते हैं। हॉलीवुड की मशहूर फिल्म अगोरा (2009) हर हिंदू को जरूर देखनी चाहिए। इससे पता चलता है कि जब रोम में क्रिप्टो ईसाइयों की संख्या अधिक हो गई, तो उन्होंने रोमन देवी-देवताओं का अपमान करना शुरू कर दिया।

वर्तमान में, भारत में भी क्रिप्टो ईसाइयों ने पकड़ बना ली है। तो यहाँ भी हिन्दू देवी-देवताओं, ब्राह्मणों को गाली देने का काम शुरू हो गया है। यानी 2000 साल पहले यूरोप में जो काम हुआ वह आज भारत में हो रहा है।

हाल ही में प्रोफेसर केदार मंडल ने देवी दुर्गा को वेश्या कहा था।

भारत में ऐसे कई क्रिप्टो-ईसाई हैं। वे हमारे बीच हैं, धर्मनिरपेक्षता, वामपंथ और बौद्ध धर्म का मुखौटा पहने हुए। * भारत में ईसाई आबादी आधिकारिक तौर पर दो करोड़ है। और अगर भारत में 10 करोड़ ईसाई निकले तो कोई आश्चर्य नहीं होगा। अकेले पंजाब में अनुमानित ईसाई आबादी 10 प्रतिशत से ऊपर है। पंजाब के कई ईसाई, सिख धर्म की आड़ में पगड़ी पहनते हैं। वे दाढ़ी, कृपाण, कड़ा भी पहनते हैं और सिख धर्म का पालन करते हैं। लेकिन वे सभी गुप्त-ईसाई हैं।

कई क्रिप्टो-ईसाइयों के पास आरक्षण लेने के लिए हिंदू नाम हैं। इनमें राम, कृष्ण, शिव, दुर्गा आदि देवताओं पर कई नाम हैं, जिन्हें संघ के लोग सपने में भी गैर-हिंदू के रूप में नहीं समझ सकते हैं।
 
पूर्व राष्ट्रपति के आर नारायणन एक क्रिप्टो-ईसाई थे, जो आरक्षण के सभी लाभों को प्राप्त करने के लिए जीवन भर दलित थे और जब उनकी मृत्यु हुई, तो हमने ईसाई धर्म के अनुसार दफनाने की प्रक्रिया देखी।

तो समझ गया, कि यह क्रिप्टो-क्रिश्चियन है। देश में ऐसे कई क्रिप्टो-क्रिश्चियन हैं। जो हिंदू नामों पर हिंदू धर्म पर हमला करके वेटिकन के एजेंडे को ही बढ़ा रहे हैं। हम रोज़मर्रा की ज़िंदगी में हर दिन ऐसे क्रिप्टो-क्रिश्चियन देखते हैं,  लेकिन उन्हें समझा नहीं जा सकता, क्योंकि वे हिंदू नामों के छलावरण में छिप जाते हैं।

कांग्रेस नेता अंबिका सोनी, जिन्होंने श्री राम को काल्पनिक बताया, एक क्रिप्टो ईसाई हैं। एनडीटीवी के अधिकांश कर्मचारी क्रिप्टो-ईसाई हैं।

स्वामी लक्ष्मणानंद की हत्या करने वाले हिंदू नामों वाले नक्सली क्रिप्टो ईसाई हैं। गौरी लंकेश, जिन्होंने अपने फेसबुक प्रोफाइल पर ब्राह्मणों को केरल से बाहर निकाले जाने की तस्वीरें पोस्ट की थीं, एक क्रिप्टो ईसाई थीं।

जिन्होंने जेएनयू में 'बिडिंग इंडिया' के नारे लगाए और फिर उनके खिलाफ भारत सरकार की कार्रवाई को ब्राह्मणवादी अत्याचार करार दिया, वे वामपंथी नहीं, बल्कि क्रिप्टो-ईसाई हैं

खालिस्तानी सिख जो फेसबुक पर ब्राह्मणों को गाली देते हैं, हनुमान को बंदर कहते हैं, गणेश को हाथी कहते हैं, वो क्रिप्टो-ईसाई हैं।

तमिलनाडु में क्रिप्टो ईसाई हैं जिन्होंने अपनी द्रविड़ पहचान छुपाकर उत्तर भारतीयों पर हमला किया है।

सबसे ज्यादा हिंदी गायक देने वाले राज्य बंगाल में हिन्दी का विरोध करने वाले क्रिप्टो ईसाई हैं।

नरेंद्र दाभोलकर एक क्रिप्टो-ईसाई थे, जो अंधविश्वास के नाम पर हिंदू त्योहारों के खिलाफ एक एजेंडा चला रहे थे, लेकिन बकरीद पर निर्दोष जानवरों की बलि दे रहे थे और मृत व्यक्ति जीसस ईस्टर पर जीवित थे।

दिलीप सी मंडल, जो फेसबुक पर ब्राह्मणों के खिलाफ दिन-रात बोलते हैं, वामन मेश्राम क्रिप्टो-ईसाई हैं।

जितेंद्र यादव और सुनील जनार्दन यादव जैसे कई यादव, जो महिषासुर को अपना पूर्वज बताते हैं, उपनामों में छिपे क्रिप्टो-ईसाई हैं।

तमिल अभिनेता विजय एक क्रिप्टो-क्रिश्चियन हैं जिनका पूरा नाम जोसेफ विजय चंद्रशेखर है।
प्रसिद्ध अभिनेता कमल हसन एक क्रिप्टो-क्रिश्चियन हैं

आम आदमी पार्टी के नेता आशीष खेतान एक क्रिप्टो-ईसाई हैं। उनकी पत्नी का नाम क्रिस्टीनिया लिडिया फर्नांडीस है और उनके बच्चे ईसाई हैं।
वामपंथी नेता डी राजा एक क्रिप्टो-ईसाई हैं। उसका असली नाम डेनियल किंग है।

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी एक क्रिप्टो ईसाई हैं। वह ईसाई धर्म में विश्वास करता है।

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ईसाई थे। उनका पूरा परिवार ईसाई है।
 
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी एक क्रिप्टो ईसाई हैं। (कांग्रेस प्रवक्ता शोभा ओझा एक क्रिप्टो ईसाई हैं।) लोगों को इसके बारे में तब पता चला जब उनकी मां को पूरे ईसाई रीति-रिवाजों के साथ दफनाया गया था। उसका नाम सरमा थॉमस था।

इसी तरह, हमारे आसपास हजारों हिंदू नामधारी हैं। जो वास्तव में क्रिप्टो ईसाई है। *अरविंद केजरीवाल ने एक बार ईसाई धर्म का वर्णन करते हुए कहा था कि वे पूर्ण ईसाई रीति-रिवाजों से जीसस के आदर्शों पर दिल्ली सरकार चला रहे हैं। क्योंकि वह उन पर विश्वास करता है।

जब दिल्ली सरकार ने सरकारी खर्चे पर एक कुटिल ईसाई पुजारी को बुलाकर फर्जी चिकित्सा कार्यक्रम आयोजित किया था, तब अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया खुद मंच पर गए थे, जहां ईसाई पुजारी कथित तौर पर बहरेपन और कैंसर जैसी बीमारियों से पीड़ित लोगों को केवल छूकर ठीक कर रहे थे। 
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हिन्दू घरों में घुसने को बेचैन ये कौन हैं ?

जिन लोगों को लगता है कश्मीर फाइल्स एक सच्ची घटना नहीं है, यह कश्मीर की घटना की ही तरह खरगोन (मध्य प्रदेश) का स्पष्ट वीडियो है. किस प्रकार जिहादी हिन्दू घरों में घुसने को आतुर हैं यदि समय पर पुलिस नहीं आती तो पूरा घर लूट लिया जाता
यह एक और महामारी है जो धीरे-धीरे हमारे देश को अपनी चपेट में ले रही है।

खरगोन (मध्य प्रदेश) का वीडियो- सुनें महिला को- 
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ऐसे भारत में ही चिल्ला रहे हैं न ? लेकिन क्यों, क्या हैं उनकी मंशा जो जुबान से निकल रही है... 
गंभीरता से आप भी सोचें... 
क्या इतनी भीड़ जुटाकर कभी हिन्दू बोलते हैं अपने देश भारत (जो 1947 में बटवारे में मिला) में...   
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वर्दी को चुनौती !
कौन दे रहा है ? किसके दम पर दे रहा है... जागो सरकार, जागो पुलिस..   

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आर्य समाज मंदिर में ऐसे विवाह करवाने को भी क्यों न हो वर्षों की जेल  
क्या आर्य समाज में होने आने वाले विवाह पर कठोर दंडात्मक कार्यवाही होनी चाहिए ? विवाह करने वाले को नॉन-बेलेबल वारंट के साथ तत्काल 7 या अधिक साल के लिए जेल होनी चाहिए ? ऐसा क्यों... काफिर की लड़कियों के लिए आर्य समाज मंदिर में शादी करने वाले, हिन्दू जैन और मूर्ति-पूजक के विरोधियों को  हो ? 
यह मानने में हम सबको लज्जा नहीं होना चाहिए, कि हम अपने बच्चों को धर्म-शिक्षा संस्कार के साथ कट्टर नहीं बनाते, जिसके गैर-काफिर सदियों से, आज भी अनैतिक लाभ या नाजायज फायदा लेते जा रहे हैं... जैन समाज भी केवल धंधे करने और "जय जिनेन्द्र" बोलने तक सीमित न रहे... 
एक गंभीर प्रश्न आपसे (उत्तर हो तो नीचे कमेंट में अवश्य लिखें)-
क्या इस साहिल ने 12 अप्रैल 2022 के पहले कभी माथे पर टीका लगाया होगा या 13 अप्रैल 2022 के बाद कभी लगाएगा ?
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Coloum to be updated later 
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#सोशल_मीडिया से... कुछ चुनिंदा प्रतिक्रियाएँ 
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भाजपा इतने आतंकी संगठन कैसे चला रही है पूरे विश्व मे और दंगे करवा रही है
मै यह सोच रहा हु :🧐 -@staunch__Boi
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संरक्षक / NRI चाहिए- "धर्म नगरी" के विस्तार, डिजिटल DN News के प्रसार के साथ तथ्य व उपयोगी सूचना से पूर्ण व रोचक (factual & informative & interesting), राष्ट्रवादी समसामयिक मैगजीन हेतु "संरक्षक" या इंवेस्टर चाहिए। उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड सहित अन्य राज्यों में स्थानीय रिपोर्टर या स्थानीय प्रतिनिधि (जहाँ रिपोर्टर/प्रतिनिधि नहीं हैं) तुरंत चाहिए। -प्रबंध संपादक  
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