Social Media : गांधी की पहनाई अहिंसा की चूड़ियां तोड़कर मानोगे क्या...? रज्जन चच्चा, चच्ची और आज के लिबरल / मीडियाकर्मी, राजनेता


आज के चुनिंदा पोस्ट्स, ट्वीट्स, वीडियो, कमेंट्स, वायरल...202206017   
- थानेदार समझदार था इसलिए उसने... 
हिन्दुओं अगर आप वाकई डरपोक नहीं हो..., 
Disclaimer : अभिव्यक्ति की... 
Pakistani Maulana saying this...  
- स्वयं कभी चूहा नहीं पकड़ा, लेकिन देते रहते हैं ब्रह्मांड का ज्ञान 
अग्निपथ केवल अनुशासित अग्निवीरों के लिए है ...प्रश्न और उत्तर
- #अग्निपथ जाने कैसे, कितना है लाभ
- #वाहमोदीजी_वाह... गांधी की पहनाई अहिंसा की चूड़ियां तोड़कर मानोगे क्या ?
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#सोशल_मीडिया ट्रेंड... #
- To be updated later 

रज्जन चच्चा, चच्ची और आज के लिबरल / मीडियाकर्मी, राजनेता
बचपन में हमारे मोहल्ले में एक रज्जन चच्चा रहा करते थे। चच्चा चरसी थे और अक्सर करके उनका किसी न किसी से झगड़ा हो जाय करता था। चच्चा के मुक़ाबिले चच्ची बहुत समझदार टाइप की थीं। वो हमेशा चच्चा को समझाती रहती थीं और मोहल्ले वालों को भी। उनके नशेड़ी होने की दुहाई देतीं और बतातीं कि किस तरह चच्चा अपने ही रिश्तेदारों के हाथों ज़मीन-जायदाद का मुक़दमा हार कर नशे की लत लगा बैठे हैं, अतः उन पर तरस किया जाए। जब कभी चच्चा किसी से मारपीट कर बैठते तो चच्ची दौड़ कर झगड़ा रुकवातीं और चच्चा को समझा-बुझा कर घर ले जातीं। अगले दिन चच्चा फ़िर किसी को मार बैठते। 

धीरे-धीरे मोहल्ले वालों को एक बात साफ़ हुई, कि चच्चा जब भी किसी से मारपीट करते हैं तो चच्ची बीचबचाव के दौरान हमेशा सामने वाले को पकड़ लेती थीं उससे लिपट जाया करतीं और समझाने लगतीं। इस का फायदा उठा कर चच्चा न सिर्फ सामने वाले को दो घूंसे और जड़ देते (क्यूंकि वो तो चच्ची के पकड़ने-लिपटने से बंधा हुआ होता), बल्कि मारकर मौके से गायब भी हो जाया करते थे। फ़िर शुरू होता चच्ची का रोना-पीटना-समझाने का दौर। एक पैटर्न नज़र आने लगा।

फ़िर एक दिन ऐसे ही एक झगडे के दौरान सामने वाले ने समझाने-लिपटने-चिपटने का प्रयास कर रही चच्ची को ही ठीक से कूट दिया। अगली बार जब चच्चा लड़े तो चच्ची प्रकट नहीं हुईं। चच्चा भी अच्छे से कूटे गए। उस दिन के बाद मोहल्ले में शांति हो गयी। चच्चा कितना भी नशे में होते, किसी से नहीं उलझते थे। 

वर्तमान में कुछ लिबरल/मीडियाकर्मी और राजनेता वही चच्ची का क़िरदार निभा रहे हैं। आतंक की किसी घटना के होते ही ये पहले तो आतंकवादी की मज़बूरिये-हालात बताने लगते हैं, उसके आतंकवादी बनने में सरकार और समाज का कितना दोष है समझाने लगते हैं, और फ़िर अपने वाक्जाल से मुल्क को ऐसा बांधते हैं की लोगों को आतंक की जड़ में खुद अपनी गलती समझ में आने लगती है। उधर आतंकवादी अपना अगला निशाना तय कर रहे होते हैं।   
कुल मिला कर चच्ची के पिटे बगैर चच्चा के सुधरने की कोई गुंजाइश नहीं है।
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थानेदार समझदार था इसलिए उसने... 
एक 35 साल के मुस्लिम लड़के ने एक 26 साल की हिन्दू लड़की को फंसा लिया और दोनों घर से भाग कर जाने के लिए रेलवेस्टेशन जा रहे थे !  पुलिस ने दोनों को पकड़ लिया और दोनों के परिवार वालो को थाने बुला लिया !
थाने में दोनों परिवारों ने बहुत हंगामा किया ! 
थानेदार समझदार था उसने दोनों परिवारों को समझा-बुझाकर घर भेज दिया और सुबह आने को कहा...
रात में थानेदार ने लड़की को अपने कमरे में बुलाया और समझाया लेकिन
लड़की किसी भी हालत में उस लड़के से अलग होने को तैयार नहीं थी ! तब थानेदार ने कहा, ठीक है सुबह हम तुझे उस लड़के के साथ भेज देंगे, लेकिन आज तुम हमारे और अपने होने वाले पति के लिए
अपने हाथ से खाना बना के खिलाओगी ! 
लड़की ख़ुशी-ख़ुशी यह बात मान गई !!!
थानेदार ने हवलदार को बुलाया और कुछ जरुरी सामान की लिस्ट देकर खाने का सामान लाने ले लिए भेज दिया !
जब सामान आ गया तो थानेदार ने लड़की से हा की रसोई में सामान आ गया है
तुम खाना पकाओ...
लड़की जैसे ही रसोई में गई उसकी चीख निकल गयी और वो उल्टियाँ करती हुई बाहर भाग आई ! 
थानेदार ने पूछा क्या हुआ बेटी ?
लड़की उल्टियाँ करती हुई 🐐🐓🐋🐗🐸

बोली वहाँ इतना खून, किसी जानवर का गर्दन से कटा हुआ सर  और मांस पड़ा हुआ है... मैं वहाँ एक पल नहीं ठहर सकती...

थानेदार बोला बेटी २ मिनट में ही घबरा गई ? अब तू जिसके साथ शादी कर रही है वहां तो तुझे जिन्दगी भर यही सब देखना और करना होगा और साथ में 8-10 बच्चे भी पैदा करके उनकी  देखभाल भी करनी होगी ! क्या तुम इस सब के लिए तैयार हो ?
दूसरे दिन सुबह होने से पहले ही लड़की अपने मॉ बाप के घर जाने की ज़िद करने लगी..

इस मैसज को आगे हिन्दुओं को भेजें। कोई भी हिन्दू लड़की अपने जन्म देने वाले और जीवनभर पालन-पोषण करने वाले माता-पिता के इज्जत को सरेआम न उछाले, उनको मौत आने तक का गम न दें !   
भागकर शादी न करे... जिसने आपको जन्म दिया, पालन किया, पढ़ाया और अपनी क्षमता के अनुसार आजीवन आपकी इच्छा पूरा किया, उसको दिल में ठोकर मारकर भला कैसे कोई खुश रह सकता हैं ? कभी नहीं... 
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हिन्दुओं अगर आप वाकई डरपोक नहीं हो..., 
अपने बच्चों के भविष्य की चिंता हैं, 
तो तस्लीमा नसरीन की लज्जा बुक पढ़ो,
हिंदुस्तान में तुम्हारे साथ क्या होने वाला है और तुम किसके लिए धन दौलत कमा रहे हो ?

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Disclaimer : अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अंतर्गत हमारा संविधान हमे अपनी बात या पक्ष कहने की अनुमति देता है इस कॉलम "आज के चुनिंदा पोस्ट्स, ट्वीट्स, कमेंट्स..." में कमेंट व पोस्ट SOCIAL MEDIA से ली गई है, यह जरूरी नहीं की सभी पोस्ट या पोस्ट की जानकारी अक्षरशः सत्य हों, हम यथासंभव हर पोस्ट की सत्यता परख कर इस कॉलम में लेते हैं, फिर भी हम सभी पोस्ट एवं उनकी सभी तथ्यों से पूर्ण सहमत नहीं हैं -सम्पादक 
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Pakistani Maulana saying this...  
Pakistani Maulana said it is clear from Nupur Sharma's clip that she was only giving rebuttable to what the other Muslim said taunting her religion. 
Arrest that Muslim first, he added.
Do listen 
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बहुत डरते हैं, इसलिए इकट्ठे होकर हमले करते हैं
सबसे ज्यादा लोग हैं ये लोग, इसलिए हमेशा इकट्ठे होकर करते हैं हमले, हिंसा 
 मुसलमान मरने से नहीं डरता है ?
एक तकिया कलाम चल पड़ा है कि मुसलमान मरने से नहीं डरता है।
हमने सद्दाम हुसेन को बंकर में छुपते देखा है।
कर्नल गद्दाफ़ी को पुलिया में छुपते देखा है।

ईदी अमीन को महिला के वेश में भागकर सउदी अरब में शरण लेते देखा है।
रोहिंग्याओं को वर्मा से भागते हुए देख रहे हैं। 
सीरिया में ISIS लड़ाकों को बुर्के में भागते देखा है। 

1971 में इमरान के चाचा जनरल नियाजी को भी जान बचाने के लिए सरेंडर करते हुए देखा है।
और तो और सिर्फ एक अल्लाह से डरने की नसीहत देने वाला जाकिर नाइक डर के मारे मलेशिया में छिपा बैठा है। अपने बाप के मैय्यत तक में आने की हिम्मत नहीं हुई।
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स्वयं कभी चूहा नहीं पकड़ा, लेकिन देते रहते हैं ब्रह्मांड का ज्ञान 
कुछ छुटभैये टाइप लोग फेसबुक ,ट्वीटर पर दद्दा बने हुवे है , कोई नैरेटिव बताने वाला एक्सपर्ट हो रखा है. स्वयं ने चाहे घर में एक चूहा तक नही पकड़ा हो, लेकिन ज्ञान ब्रह्मांड का दे देते हैं 😂
कह रहे है, मोदी हिंदुत्व वादी नही रहे, कहां है 56 इंच, कायर हो गए और न जाने क्या क्या !
एक राष्ट्र के प्रधानमंत्री को इन सब समस्याओं से कैसे निबटना है ये सिखाने वालों 
ये बताओ 
रांची में सरकार किसी की है, आपको पहले से पता था ,की अरबी शेखों को अपना बाप मानने वाली कौम तुम को कभी अपना नही मानती , तुम्हारे घरों पर पत्थर चलाने से कभी हिचकिचाती नही , घर के बाहर खड़ी तुम्हारी गाड़ियों को आग लगाने से बिलकुल गुरेज नहीं करती ,
तो क्या तुम लोगों ने अपने मोहल्लों को जलने से बचाने के लिए क्या किया ?
अगर हर मोहल्ले में वो लोग हजार , दो हजार की भीड़ बनकर आए ,तो भीड़ तो तुम भी बन सकते थे न , या कोई भीड़ बनकर आएगा ,तो तुम अपनी गाड़ी ,घर ,अपने परिवार के लोगों को जलाने के लिए उन्हें सौंप दोगे ?

दंगा महाराष्ट्र में हुआ , आंध्र में हुआ , बंगाल में, तेलंगाना में, झारखंड में ,पंजाब में भी हुआ, दिल्ली, बिहार और उत्तरप्रदेश में भी करने की कोशिश की, लेकिन बीजेपी शासित राज्यों में ज्यादा कुछ कर नही पाए ।

क्या आप लोग अपने अपने मंदिरों के बाहर ऐसी ही भीड़ दिखा सकते हो, सिर्फ हाथ में उन सभी मक्कारों की तस्वीर लेकर, जिन्होंने महादेव के शिवलिंग को फव्वारा कहा है ? 
बताओ, कौन-कौन अपने अपने मोहल्लों को बचाने की पहल में शामिल होगा ?
भारत के राजा सदैव ही ताकतवर थे ,लेकिन प्रजा कभी भी युद्ध का हिस्सा न बनी और न आज बनना चाह रही है ।
प्रजा आज भी चाहती है, कि राजा उनके घरों की रखवाली के लिए हर घर, हर मोहल्ले में सेना को तैनात कर दे और वो लोग बैठकर फेसबुक, वॉट्सएप पर राजा की वीरता ,या कायरता का विश्लेषण करें लेकिन हिंसक भीड़ के ऊपर मूक होकर चुप रहे, ना अपने घरों से निकलें ।
कमाल के लोग है मेरे देश में ।
वो लोग अनपढ़ जाहिल होकर भी, स्ट्रेटजी बनाना जानते है 
कि कैसे भीड़ की अगुवाई में बच्चो और महिलाओं को भी शामिल करना है ,ताकि पुलिस गोली न चला सके और चलाए तो यूनाइटेड नेशन तक नरसंहार जैसी खबरे वायरल कर देनी है ,सरकार के हाथ कैसे काटने हैं ये उनको पता है, लेकिन हमारे बड़े बड़े विद्वान इस जहर की काट नही निकाल पा रहे।
क्या हर शहर में हिंदू भी भीड़ की तरह अपने अपने मोहल्लों में खड़े हो जाते, तो वो भीड़ उनके मोहल्लों में पथराव कर पाती ?
पिछले जुम्मे पर कानपुर में 15 से 25 युवा लड़कों ने सैंकड़ो की भीड़ को पीछे धकेल कर अपने घर और गाड़ियों को जलने से बचा लिया था।
युद्ध में रणनीति नहीं बनाई, तो नुकसान पक्का है ।

भीड़ को सबसे पहले भीड़ बनकर अपनी ताकत दिखाइए, 
घरों में बैठकर अपनी गाडियां मत जलवाइए, अपने मंदिर मत तुड़वाइए।

भीड़ का मतलब हमला करना नही है 
लेकिन भीड़ को ये समझ आ जाना चाहिए ,की अब सामना करने के लिए सामने कोई खड़ा है ।

पुलिस में कितने लोग होते है जो इन दंगाइयों को रोकते है 
वो भी तो अपनी जान हथेली पर लिए होते है 

आपको उनकी ढाल बनना है,  
उनके साथ खड़े होंगे तो वो भी सुरक्षित होंगे ,आप और हम भी और हमारी संपत्ति भी 
और उनके साथ कानून अपना काम करेगा।
खुद को प्रजा नहीं प्रहरी बनाइए।

राष्ट्रवाद और हिंदुत्व वाद पर मोदी जी को कोई भी घेरे और ज्ञान दे, तो माफ कीजिए, उस ने मोदी जी को एक प्रतिशत भी नही समझा, ऐसे दद्दा बनने की बजाय सिर्फ मोदी पर रिसर्च कीजिए कुछ दिन।
बस इतना सोच लो
अगर योगी मोदी ना हों तो झेल लोगे क्या ?

मोदी जी का राष्ट्रवाद अंत्योदय के सिद्धांत और चीन ,पाकिस्तान ,अमेरिका सहित सभी देशद्रोहियों को लगातार नेस्तनाबूद कर देना है ,जो सबने देखा 
मोदी का हिंदुत्व, राम मंदिर, काशी, केदारनाथ, सोमनाथ, शंकराचार्य, रामेश्वरम, चार धाम, कैलाश मानसरोवर, मां गंगा और ज्ञानवापी, से लेकर कश्मीर के 50000 मंदिरों को पुनर्जीवित करना है 
मोदी जी के कारण पूरा विश्व गंगा की आरती देख रहा है 
पूरा विश्व और खासकर स्वाभिमानी हिंदू काशी विश्वनाथ में लाइव आरती से लेकर सम्पूर्ण पूजा को देख पाए, 
केदारनाथ, सोमनाथ, तिरुपति, वैष्णो देवी, अमरनाथ आदि सभी तीर्थों पर इनके अपने जुड़ाव को देख पाए और साथ में राष्ट्रवाद के तड़के में हर होली ,दिवाली और नए साल पर देश के वीर जांबाजों के साथ भारत के अलग अलग सीमाओं को सजीव जी पाए।
कोई पुण्य किए होंगे हिंदुओ ने जो ऐसा जुझारू, निडर, कर्मठ और जीवट नेता अपनी सम्पूर्ण उम्र भारत के स्वाभिमान को दे रहा है और हम उनके सानिध्य में भारत को विश्व शक्ति बनते देख रहे हैं।
अपना दृष्टिकोण (नजरिया) बदलिए... 
मोदी जी पर थोड़ा रिसर्च कीजिए।

इसे भी पढ़ें / देखें- 
..., ये देश पर बोझ हैं, मगर कैसे ? पाकिस्तान में 82% रेप घर में : पाकिस्तानी TV
http://www.dharmnagari.com/2022/06/Aaj-ke-selected-Posts-Tweets-Comments-Thursday-16-June.html
देश जस्टिस एमबी सोनी का भी है ऋणी..., अरे ! पादरी ने ये क्या कह दिया ?
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सप्ताह का एक दिन हो पत्थर वार...! पूरे देश में गिरफ्तार किए दंगाइयों के...
http://www.dharmnagari.com/2022/06/Aaj-ke-selected-Posts-Tweets-Comments-Saturday-11-June.html
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अग्निपथ केवल अनुशासित अग्निवीरों के लिए है... प्रश्न और उत्तर
बिहार में आने वाले विधान सभा चुनाव में बेरोजगारी का मुद्दा गर्माया रहे इसके लिए कुछ परिवारवादी भ्रष्ट नेताओं के बहकावे में आकर रेलवे इत्यादि राष्ट्रीय सम्पत्ति को हानि पहुंचाने वालों की  अनुशासनहीनता की हरकतें  सीसीटीवी में आ गयी है , ऐसे अनुशासनहीन युवाओ के लिए सेना में जगह होना भी नही चाहिए ....बाकि जोशीले आत्मविश्वासी देशभक्त युवाओ के मन मे जो प्रश्न है उनके उत्तर यहां देने का प्रयास किया है ... 

कुछ प्रश्न हैं-
Q. क्या सरकार सेना की सारी भर्ती की जगह अग्निवीर ही लेगी ?
#उत्तर - नहीं.... सेना की अन्य भर्तियाँ पहले की तरह ही रहेंगी... अग्निवीर बस एक नया Option है. आपको NDA, OTA करके अफसर बनना हो तो आप बन सकते हैं.... अग्निवीर एक एंट्री level का option है. हाँ  यह जरूर है कि पहले की तरह सीधी भर्ती की जगह अग्निवीर से होगी.

Q. क्या इस भर्ती में सेना के शारीरिक और अन्य मापदंडो का ध्यान रखा जाएगा ?
#उत्तर - जी बिल्कुल, जो भी शारीरिक, मानसिक, मेडिकल, पढ़ाई लिखाई के मापदंड आज हैं, वही सब इस भर्ती पर भी लागू होंगे.. उनमे कोई ढीलाई नहीं होगी.

Q. चार साल की सर्विस के बाद क्या होगा ?
#उत्तर - जो लोग चुने जाएंगे, उनका फिर से एक test जैसा होगा, उनकी पिछली 4 साल की performance को देख कर 25% जवानों को Permanent नौकरी मिलेगी, अन्य को एकमुष्ट राशि दे कर वापस भेज दिया जाएगा. इन जवानों को आगे शिक्षा के लिए उपयुक्त option मिलेंगे, CAPF में भर्ती में प्राथमिकता मिलेगी, राज्य पुलिस भर्ती में प्राथमिकता मिलेगी, और साथ ही प्राइवेट नौकरी और अपने व्यवसाय का option तो है ही.

Q. क्या यह योजना पेंशन का पैसा बचाने के लिए लायी गयी है ?
#उत्तर - पेंशन का पैसा बचाना एकमात्र उद्देश्य नहीं है.... योजना का उद्देश्य है बेहतर लोगों को भर्ती करना... और other Ranks में भी Short Service Commission जैसी व्यवस्था बनाना.... ताकि लोग सेना से जुड़ें, सेवा दें, कुछ समय बाद Permanent हो सकते हैं, अन्यथा बाहर option देख सकते हैं. सेना का उद्देश्य पेंशन बचाना नहीं है..... इतने लोग भर्ती होंगे, उनकी ट्रेनिंग का खर्च, उनकी सैलरी और एकमुष्ट राशि का खर्च भी आएगा ही... वो भी चार साल में, और उसके बाद हर साल.... उसे आप कैसे अनदेखा कर रहे हैं??

Q. भर्ती के बाद चार साल में से जवान 9 महीने तो छुट्टी पर रहेगा... ऐसे में वो क्या युद्ध लड़ने को तैयार होगा ?
#उत्तर - ये तो अभी के भर्ती में भी है ना ? सेना साल में 3 महीने की छुट्टी हर जवान और अफसर को देती है... अग्निवीरों को भी मिलेगी ही. कारगिल के युद्ध में कई जवान तो पहली पोस्टिंग में ही युद्ध के मैदान में उतर गए थे... क्या उन्होने कम बहादुरी दिखाई थी ?

सेना की ट्रेनिंग पर सवाल मत उठाईये, वो एक साधारण से लड़के को कुछ ही महीनों की ट्रेनिंग से एक महामानव बना देती है... अगर विश्वास नहीं तो कारगिल में बलिदान हुए और वीरता चक्र पाए लोगों की लिस्ट उठा कर देखिये..... सैकड़ो ऐसे थे जिनकी service 4 साल से कम थी.... गलवान में बहादुरी दिखाने वाले कई जवान तो 1-2 साल की service वाले ही थे.... उन्होने क्या कम बहादुरी दिखाई थी???

Q. 4 साल की service वाला जवान क्या युद्ध में उतनी प्रतिबद्धता दिखा पायेगा जो एक रेगुलर commission वाला जवान या अफसर दिखाता है ?
#उत्तर - यह बड़ा अजीब सा सवाल है.... और दुःख की बात है कि यह सेना के लोग ही उठा रहे हैं. वास्तव में युद्ध मे सामान्य देशभक्त नागरिकों की भी प्रतिबद्धता होती है ,यूक्रेन उदाहरण है ।1948 के युद्ध मे आरएसएस के स्वयंसेवको ने हवाई पट्टी बना दी थी 
इसी प्रकार , क्या एक अग्निवीर सैनिक, जो सीमा पर तैनात होगा... वो पाकिस्तान या चीन कि तरफ से गोली चलने पर वहाँ से भाग जायेगा?? या उसकी ऊँगली ट्रिगर नहीं दबा पाएगी?? या उसका निशाना नहीं लगेगा... क्योकि वो 4 साल की service वाला है?? या वो आतंकवादी पर गोली नहीं चलाएगा.... किसी mission पर नहीं जाएगा.... क्यूंकि वो 4 साल वाला है???

ऐसे ही सवाल Short Service Commission वाले और Territorial आर्मी वालों पर भी उठते हैं... लेकिन इन लोगों ने समय समय पर दिखाया है कि इनका योगदान रेगुलर commission वालों से कहीं कम नहीं है... अगर दुश्मन हमला करेगा तो अग्निवीर भी उसी बहादुरी से लड़ेगा जैसे अन्य लड़ेंगे.... उन पर सवाल उठा कर आप जवान या योजना की बेइज्जती नहीं कर रहे, बल्कि सेना की सीख और ट्रेनिंग को बदनाम कर रहे हैं.

Q. 4 साल की service के बाद जो लड़के वापस आएंगे, तो नक्सली या गैंगस्टर बन जाएंगे ?
#उत्तर - वैसे तो ऐसे सवाल उठाने वालों को जवाब नहीं, बल्कि  फटकार लगना चाहिए, लेकिन चलिए जवाब ही देते हैं. आपको ऐसा क्यों लगता है कि ये जवान नक्सली या गैंगस्टर बनेंगे ? क्या उनके साथ कोई अन्याय हो जायेगा ? क्या उन्हें सरकार बेवजह निकाल रही है, जो वो बदला लेने के लिए ऐसे कदम उठाएंगे ? पहले दिन से सबको पता है कि 75% लोग वापस जाएंगे... आप अच्छा प्रदर्शन नहीं करेंगे तो वापस जाना ही पड़ेगा. सेना की ट्रेनिंग के बाद देशभक्ति बढ़ती है।

और सबसे बड़ी बात... आज तक कितने सेना वाले नक्सली या गैंगस्टर बन गए हैं ? कोई data हो तो कृप्या share करें... अन्यथा ऐसे लोग अपनी चोंच बंद रखें।

Q. सेना को ऐसी योजना की क्या जरूरत है ?
#उत्तर - नयी global परिस्थिति, नये समीकरण, नये  तरह के challenges से लड़ने के लिए इस तरह की योजना की जरूरत है. हम 2.5 मोर्चे की लड़ाई की बात करते हैं... लेकिन ऐसी लड़ाई के लिए सेना को युवा रहना होगा, lean and mean रहना होगा... Cost Effective रहना होगा... ज्यादा से ज्यादा trained resource जल्दी से जल्दी उपलब्ध होने होंगे.....आधे मोर्चे से लड़ने के लिए देश के भीतर भी एक Resources की layer होनी जरूरी है... जो समय आने पर लड़ सके...

वहीं सेना एक अन्य समस्या से भी जूझ रही है... Service के दबाव और तनाव से जनित दुर्घटना और आत्महत्या जैसी प्रवृति का बढ़ना... ऐसी योजनाओं से कहीं ना कहीं यह दबाव कम ही होगा।

सबसे बड़ी बात... यह योजना युवाओ को सेना से जोड़ने की प्रक्रिया को आसान ही करेगी..... हर साल 40-45 हजार युवा सेना से जुड़ेंगे....10 साल में हमारे पास हमारी सेना का लगभग 30% का resource pool होगा... जो Army से trained होगा... बेशक़ वो कोई business कर रहा हो, पुलिस में हो, CAPF में हो... लेकिन Army की ट्रेनिंग और strategic सोच उसके साथ जिंदगी भर रहेगी..... ये लाखो लोग समाज और देश के लिए उपयोगी ही होंगे।

Q. चार साल के बाद अग्निवीर को सरकार बेसहारा छोड़ देगी ?
#उत्तर - ऐसा नहीं है. आप इसको एक अलग तरह के शिक्षा कोर्स की तरह समझिये. आज भी लाखो बच्चे हर साल इंजीनियरिंग, बीएड जैसे कोर्स में दाखिला लेते हैं... लाखों खर्च करते हैं.... Btech BE के चार साल, या बीएड के 2 साल बाद कितनो की नौकरी लगती है??? फिर वो बच्चे क्या करते हैं???

अग्निवीर बच्चो को ग्रेजुएशन  कराया जाएगा... ट्रेनिंग मिलेगी, army का माहौल और काम करने का अनुभव मिलेगा.... उच्च तकनीकी ज्ञान, strategic समझ, टीम management, stress management जैसा ज्ञान मिलेगा..... साथ में 4 साल सैलरी मिलेगी.... एकमुष्ट लाखों रूपए मिलेंगे... उसके बाद 25% को सेना रख लेगी... अन्य के लिए CAPF, राज्य पुलिस, प्राइवेट नौकरी और अपना बिज़नेस का विकल्प तो है ही....राज्य सरकारों ने अपनी कई भर्तियों में अग्निवीरों को प्राथमिकता देने की बात कही है ।
तो बताइये कौन बेसहारा हुआ ? लाखों रूपए फूंक का B.Tech कर 10-15 हजार की नौकरी करने वाला या अग्निवीर सैनिक ?

Q. अग्निवीर योजना से किसी ख़ास मजहब वालों को लाभ होगा ?
#उत्तर - ऐसे सवाल उठाने वालों की मूर्खता की कोई सीमा नहीं। इस योजना में आपके प्रदर्शन के हिसाब से एंट्री मिलेगी.. ना कि आपके धर्म या मजहब के हिसाब से.... ये कोई आरक्षण योजना नहीं है.... आप में दम है तो entrance निकालिये और भर्ती हो जाइये. बाकि ऐसे सवाल उठाने वालों से पहले data मांगा कीजिये.... जो वो कभी देंगे नहीं.

Q. मेरा army में जाने का सपना टूट गया, मुझे पेंशन नहीं मिलेगी तो मैं क्यों जाऊं ?
#उत्तर - कोई सपना नहीं टूटा है... आप मेहनत कीजिये, भर्ती हो जाइये... फिर चार साल जबरदस्त काम कीजिये, अपना josh जूनून दिखाइए, ताकि सेना आपको 25% लोगों में शामिल कर permanent कमीशन देने पर मजबूर हो जाए। फिर लीजिये पेंशन और अन्य लाभ, किसने रोका है आपको ?

#अग्निपथ जाने कैसे, कितना है लाभ 
जॉब आर्मी की है, रहना खाना, इलाज वगैरह सब फ्री है, मतलब जो उम्र नुक्कड़ों पर चाय सिगरेट में निकल जाती है, उन 4 सालों में 23 लाख 43 हज़ार 160 रुपये कमाने का सुनहरा अवसर है। हिन्दू भाइयों अधिकाधिक और शीघ्रता से ज्वाइन करें और अपने साथियों, मित्रों को भी प्रेरित करें। ध्यान रखें, हिन्दू हर बार सरकारी / प्रशासनिक योजनाओं का लाभ लेने में पिछड़ जाता है या आलस्य करता है. उसके बाद केवल आरोप लगता है या सरकार / अपने भाग्य को कोसता है या पछताता है - संपादक (राजेशपथक) 6261868110 धर्म नगरी / DN News 
समझें अग्निपथ के लाभ को-
 पहला साल- 21,000×12 = 2,52,000
दूसरा साल- 23,100×12  = 2,77,200
तीसरा साल- 25,580×12 = 3,06,960
चौथा साल- 28,000×12 = 3,36,000
              __________
           4 साल सैलरी    =    11,72,160 रुपए
          रिटायरमेंट पर   =    11,71,000 रुपए
              __________________________
                  Total        =    23,43,160 रुपए
आप 17 से 23 साल की उम्र के लड़के अग्निपथ योजना के तहत भारतीय सेना को ज्वाइन अवश्य कीजिए। समझिए आपको 4 साल आर्मी की ट्रेनिंग दी जाएगी, साथ मे पैसे भी, जॉब वैसे भी नहीं है, बारहवीं या ग्रेजुएशन करने के बाद सीधे अग्निपथ के रास्ते पर चले जाइए, यही आपका भविष्य है।
उसके बाद 24-25 की उम्र में रिटायरमेंट के बाद, इन पैसों से कोई बिजनेस शुरू कर लीजिएगा। लाइफ जैसी अभी चल रही है उससे बेहतर तय है।
सोचिए 24 की उम्र में zero से आर्मी ट्रेनिंग के साथ कुल मिला कर 11 लाख रूपये सैलरी के रूप में मिलने वाला पूरा पैसा अगर आप ख़त्म भी कर देते हैं, तो रिटायरमेंट के वक़्त मिलने वाला 11 लाख 71 हजार रुपए कम नहीं है। इसके अलावा M.P, UP, हरियाणा , और सेंट्रल फोर्स में भर्ती होने के लिए छूट मिलेगी।
अग्निपथ में भर्ती होने वाले 25% लोगो आर्मी में परमानेंट किया जाएगा।
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#वाहमोदीजी_वाह... 
गांधी की पहनाई अहिंसा की चूड़ियां तोड़कर मानोगे क्या ?

सिंहों की सन्तानों के मुँह खून लगाकर ही मानेगा मोदी..
एक बार फिर सिद्ध हुआ कि सन्यासी से सर्वश्रेष्ठ कोई राजा नहीं हो सकता....
 
गांधी के द्वारा पहनाई गई अहिंसा की चूड़ियां तोड़कर वो तुम्हें अपने दुश्मनों के प्रति हिंसक बनाकर ही मानेगा...

वो ऐसे तो तुम्हें व्यक्तिगत रूप से हथियार देने का कानून ला नहीं सकता था...
इसलिए उसने "अग्निपथ" का प्रण लिया...
4 वर्षों की अग्निवीर की सरकारी नौकरी....
4 वर्ष सैन्य नौकरी के बाद निवृत्ति के बाद शस्त्र लाइसेंस जारी किए जाएंगे, ताकि सैन्य प्रशिक्षण अनुभव के आधार पर विभिन्न क्षेत्रों में सुरक्षा गार्ड, प्राइवेट कमांडो व अन्य सुरक्षा एजेंसियों में एक सम्मानित नोकरी भी कर सकोगे और समय आने पर आपातकाल में स्वयं व परिवार की आत्मरक्षा के लिए हथियार चला भी सकोगे...
4 वर्ष बाद निर्धारित संख्या को स्थायी सैनिक की नियुक्ति दे दी जाएगी....
प्रशिक्षण के दौरान स्किल डेवलपमेंट के आधार पर अन्य सभी प्रकल्पों, मेकेनिकल, इंजीनियरिंग, आयुध, साइंस व अन्य प्रकार के प्रकल्पों का भी हुनर सिखाया जाएगा....
इस 4 वर्ष की नोकरी के दौरान वेतन में से एक निश्चित राशि काटी जाएगी और उस राशि के बराबर राशि मोदी सरकार आपके खाते में जमा करने के उपरांत 4 वर्ष बाद सैनिक, जो कि स्थायी नहीं हो पाया, या किसी कारणवश निवर्ति दी जाएगी ,
उसे उसके जमा राशि 5.2लाख रुपये के साथ इतनी ही राशि मोदी सरकार की ओर से मिलाकर   सिखाए गए हुनर को व्यवसाय में बदलने के लिए 10.4लाख रुपये एकमुश्त दिए जाएंगे.... तथा बैंक ऋण के अवसर प्रदान करने के लिए स्किल डेवलपमेंट प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा....

इस प्रकार से अनुशासन से आत्मनिर्भर बनाने का भागीरथी प्रयास मोदी के द्वारा किया जा रहा है...
4 वर्षों बाद प्रत्येक वर्ष लाखों युवाओं को एक खुला आसमान अपने सपने पूरे करने के लिए उपलब्ध कराने का काम मोदी जी के द्वारा किया जा रहा है...
डिग्रियों के भंवरजाल में उलझने से पहले ही 17.5 वर्ष से लेकर21वर्ष के युवाओं को उनके उज्ज्वल भविष्य की रोजगार सहित गारंटी देता हिन्दूराजा नरेंद्र मोदी.. भारत को पुनः विश्वगुरु बनाने की लाखों हिन्दूधर्मध्वजावाहकों की शसक्त फ़ौज खड़ी कर रहे हैं...
जो शांतिकाल में अर्थव्यवस्था मजबूत बनाने के लिए लोगों को रोजगार गारंटी भी देगी और युद्ध के समय फ़ौज की अस्थायी नोकरी में सीखे आत्मरक्षा के द्वारा अपनी सम्पति, परिजनों व स्वयं की सुरक्षा भी करेंगे...
वो जब लौटेंगे फ़ौज की 4 वर्षीय सेवा करने के बाद...
उनके हाथों में लाइसेंसी हथियार भी होंगे,
लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने वाले व्यवसायियों की फ़ौज खड़ी होगी...
अनुशासन सीखने के बाद हरामखोरी व रिश्वतखोरी पर भी लगाम लगेगी...
जब युवा अनुशासित जीवन जीने की कला सीख लेगा तो फिर आपके व मेरे भारत का भविष्य सुरक्षित भी बनेगा और उज्ज्वल भी होगा....

ये अच्छी तरह से जानता है कि संवैधानिक व्यवस्था के आधार पर काम करते हुए हिन्दूओं को कैसे मजबूत बनाने के प्रकल्प करने हैं....
🖋️ हिन्दूधर्मध्वजावाहक
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Coloum to be updated 
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