बुलडोज़र एक्शन की भर्त्सना करने वाले..., ये देश पर बोझ हैं, मगर कैसे ? पाकिस्तान में 82% रेप घर में : पाकिस्तानी TV
आज के चुनिंदा पोस्ट्स, ट्वीट्स, वीडियो, कमेंट्स, वायरल...202206016
- सावधान हिन्दुओं : 2024 की टुकड़े-टुकड़े गैंग की भयावह योजना
- UK में पैगंबर की बेटी_फातिमा पर बनी फ़िल्म "द_लेडीऑफ़हैवन" रिलीज को तैयार देखें
- नूपुर शर्मा : हैदराबाद में बड़े प्रोटेस्ट की तैयारी : 35 पार्टियां व धार्मिक संगठन
- बुलडोज़र एक्शन की भर्त्सना करने वाले अन्याय को "न्याय का जामा" पहना रहे हैं
- नेशनल हेराल्ड" केस क्या है, आसान शब्दों में जानिए
- Shocking 😱😱 पाकिस्तान में TV पर बता रहे- 82% रेप घरों में बच्चियों के बाप, चाचा, ताऊ, भाई और दूसरे रिश्तेदारों करते हैं
- यकीनन मुसलमान आज देश पर बोझ हैं...
2024 के लिए टुकड़े-टुकड़े गैंग की भयावह योजना
चूंकि मोदी जी, अमित शाह जी और योगी जी को तोड़ा या ब्लैकमेल नहीं किया जा सकता है, इसलिए टुकड़े-टुकड़े गैंग हिन्दूओं बीच एक खाई पैदा करने की साजिश रच रहा है...काम कर रहा है।
चूँकि, अब तक टुकड़े-टुकड़े गैंग को अच्छी तरह समझ में आ गया है कि आमने-सामने की लड़ाई में मोदी को हराना असंभव है। इसलिए साजिश ही एकमात्र रास्ता है। इसके लिए टुकड़े-टुकड़े गैंग फेमस यूट्यूबर्स, ट्विटर और फेसबुक पर स्वघोषित और कथित कट्टर हिंदुओं को अपने साजिश में शामिल कर रहा है। याद रखें... ये वही कथित कट्टर हिन्दू हैं, जो मोदी जी के कंधे पर बैठ कर फेमस हुए हैं।
बहुत संभव है कि आप इनमे से कइयों को सुनते और देखते भी होंगे।
अभी ये एक नेरेटिव बनाने में जुटे हैं, कि हिन्दूओं के लिए योगी जी मोदी से बेहतर हैं। ये ऐसा माहौल बना रहे हैं कि लोग बीजेपी को तभी वोट करें जब योगी जी प्रधानमंत्री उम्मीदवार हैं। नही तो वोट देने ही न जायें या अगर जाये भी तो अपना विरोध NOTA दबा कर करें। चूंकि, आरएसएस या बीजेपी द्वारा योगी जी प्रधानमंत्री उम्मीदवार नहीं होंगे, इसलिए टुकड़े-टुकड़े गैंग की इस साजिश का शिकार हिन्दू अपने आप को नीचा महसूस करेगा।
ऐसे लोग या तो मतदान नही करेंगे या करेंगे भी तो नोटा दबाएंगे। इससे बीजेपी का वोटिंग प्रतिशत गिर जाएगा और सीटों में भी गिरावट आएगी। और जैसे ही बीजेपी 272 से कम होगी, सारी पार्टियां (अभी जो साथ हैं वो भी... किसने सोचा था कि शिव सेना गद्दार निकल जायेगी) विपक्ष से हाथ मिलाकर सरकार बना लेंगी।
इस साजिश के शिकार वो लोग होंगे जिनकी उम्र 25 से कम हैं और ये करीब 20% वोट हैं। इस ग्रुप के लोग युवा होते हैं...जोश उफान पर रहता है...संयम की कमी होती है... जल्दीबाजी में होते हैं। इसलिए ये समूह साजिश में आसानी से फंस जाते हैं।
हिंदू ही क्यों ?
क्योंकि हिन्दू दुनिया का एकमात्र ऐसा समुदाय है जिसे आसानी से मूर्ख बना कर बांटा जा सकता है / अलग किया जा सकता है।
- याद करें 2004 का चुनाव... कंधार हाईजैक पर मीडिया ने ऐसा माहौल बनाया कि आम हिन्दू तब तक के सर्वश्रेष्ठ सरकार वाजपेई जी से विरक्त हो गया।
हिन्दू वोट देने निकला ही नहीं। बीजेपी हार गई। उस समय के युवा हिन्दूओं की गलती का नतीजा देश ने ₹15 लाख करोड के भ्रष्टाचार के रूप में चुकाई।
एक बार पुनः...'सावधान हिन्दू '
जागृत रहें और दूसरों को भी जागृत करें 🙏 🚩
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UK में पैगंबर की बेटी_फातिमा पर बनी फ़िल्म "द_लेडीऑफ़हैवन"
फ़िल्म रिलीज होने के लिए तैयार..
विरोध में मुस्लिम देशों मे जमकर बवाल... 📣📣📣
Trailer देखे-
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प्रोटेस्ट की तैयारी, हिन्दू धर्माचार्य क्यों हैं अबतक खामोश !
नूपुर शर्मा, हैदराबाद में बड़े प्रोटेस्ट की तैयारी : AIMIM को किया गया साइड, 35 पार्टियां व धार्मिक संगठन होंगे शामिल-
■ इस प्रोटेस्ट में पीएफआई, एसडीपीआई, टीआरएस, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी सहित तकरीबन 35 पार्टियां और धार्मिक संगठन हिस्सा लेंगे।
■ हैदराबाद में एक बड़े प्रोटेस्ट की तैयारी हो रही है आने वाले शनिवार को 10 लाख लोगों को जुटाने का प्लान बनाया जा रहा है।
■ जिन राजनैतिक दलों और संगठनों ने इस मिलियन प्रोटेस्ट मार्च का ऐलान किया है उसमें ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन यानि 'AIMIM' का नाम नहीं है।
■ तहरीक मुस्लिम शबान नाम की पार्टी ने इस मिलियन प्रोटेस्ट मार्च का ऐलान किया है।
■ शनिवार 18 जून को धरना चौक से एक मिलियन मार्च प्रोटेस्ट का आयोजन किया जाएगा।
■ AIMIM को इस प्रोटेस्ट में शामिल नहीं किया गया है क्योंकि वो समाज को तोड़ने के आरएसएस के एजेंडे पर काम कर रही है।
■ ऐसे में जहां कुछ संगठन पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी को लेकर नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल की गिरफ्तारी की मांग को लेकर सड़कों पर उतरने की प्लानिंग में जुटे है।
■ वहीं हैदराबाद की कुछ मुख्य जमातों और मौलानाओं का मानना है कि सड़क पर उतरकर विरोध करना सही तरीका नहीं है।
■ शहर के सभी अहम मौलानाओं ने एक बैठक के बाद कहा कि रसूल की शान में गुस्ताखी करने वालों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए सड़क पर उतरकर प्रोटेस्ट करने की बजाय अलग-अलग इलाकों में जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिए जाएंगे। जिला कलेक्टर के दफ्तर के बाहर धरना दिया जाएगा। #साभार https://www.indiatv.in/india
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सोशल मीडिया में वायरल एक बयान-
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बुलडोज़र एक्शन की भर्त्सना करने वाले
अन्याय को पहना रहे हैं "न्याय का जामा"
अभी टीवी पर देख रही हू्ं कि कुछ रिटायर्ड जज और नेता योगी जी के बुलडोज़र एक्श्न कीं भर्त्सना कर रहे हैं। उनके विचार में ये असंवैधानिक है, कोर्ट जाने का समय देना चाहिए। मैं उनसे पूछना चाहती हूँ, कि रोज़ हिन्दुओं के घर दुकान वाहन फूंके जा रहे हैं, पत्थरबाज़ी, पेट्रोल बमों से न केवल साधारण जनता, बल्कि पुलिस वालों की (जो अपने ऊपर हमले को भी जैसे मूकदर्शक और अपाहिज जैसे बर्दाश्त कर रहे हैं) मर रहे हैं , अस्पताल में पड़े हैं, क्या उन्हें किसी ने नोटिस दिया था, कि तुम्हारी दुकान मकान वाहन फूंके जायेंगे ?
ये जो बुलडोज़र एक्शन की भर्त्सना कर रहे हैं, ये अन्याय को न्याय का जामा पहनाने जैसा है।बुलडोज़र आज ही नहीं चला , लेकिन जिस क्रिया के ख़िलाफ़ पूरे विश्व में आवाज़ नहीं उठी, ये उसे आवाज़ दे रहे हैं। अभी तक जो बोल रहे है न, अभी तक उनके घरों में आग नहीं लगी, इसलिये आवाज़ निकल रही है। पाकिस्तान में जनता का हर आदमी, मोदी योगी, मोदी योगी गा रहा है, लेकिन हम उनको उखाड़ना क्यूँ चाह रहे हैं, जिन्होंने इस देश को सब कुछ दिया। उनको उखाड़ कर न ही आप उनके स्थान पर सत्तस्थित हो जाओगे और न हाँ उन जैसे पूजनीय बन पाओगे।
पाकिस्तान में रेपिस्ट भरे चौराहे पर सूली पर चढ़ाया जाता है, चोर के हाथ काट दिये जाते हैं। यहाँ (भारत) में पकड़े जाने पर भी, सालों साल उनकी सुरक्षा में पैसा खर्च किया जायेगा। वो बीसों साल सरकारी महकमानी करेगा और जब फ़ैसले का वख्त आयेगा, तो कोई होशियार वकील या क़ानूनी पेंच लगा कर शायद छूट ही जायेगा और तब जेल में से गैंग भी चलायेगा। इसलिये यहाँ अपराधियों के हौसले बुलंद हैं।
ये जज भी उसी व्यवस्था का अंग रहे हैं। ये अफ़सर हों या नेता जो इन अपराधियों के समर्थन में उतरते हैं , शायद वो सोचते हों कि इन वर्ग विशेष के अपराधियों का समर्थन करके हम उनके क़हर से बच जायेंगे। अगर सोच यही रही तो आपकी इस सोच का परिणाम भी, बहुत जल्द आपके सामने आ जायेगा।ईश्वर से डरो।
जिन बेक़सूरों के घर वाहन जल रहे हैं और जिनको निशाना बनाया जा रहा है, उनके लिये कोई दर्द नहीं और गुंडों के लिये हाहाकार। दो संत भेजे हैं, भगवान नें न्याय का डंका बजाने के लिये, उनका साथ दो, उनके हाथ मज़बूत करो कि कल तुम निशाना बनने से बच जाओ , तुम्हारे घर वाहन परिवार बच जायें। ये गुंडे किसी को नहीं छोड़ते। सामने ही रेप करते हैं माँ बहन बहुओं को। काश्मीर फ़ाइल्स देख लो, पता चल जायेगा । स्वार्थ में अन्धे न बनो कि अपना ही विनाश कर बैठो।
स्वार्थअन्ध नेताओं को समर्पित ।
जय श्रीराम जय श्रीकृष्ण। -पुष्पा रानी गोयल।
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Disclaimer : अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अंतर्गत हमारा संविधान हमे अपनी बात या पक्ष कहने की अनुमति देता है। इस कॉलम "आज के चुनिंदा पोस्ट्स, ट्वीट्स, कमेंट्स..." में कमेंट व पोस्ट SOCIAL MEDIA से ली गई है, यह जरूरी नहीं की सभी पोस्ट या पोस्ट की जानकारी अक्षरशः सत्य हों, हम यथासंभव हर पोस्ट की सत्यता परख कर इस कॉलम में लेते हैं, फिर भी हम सभी पोस्ट एवं उनकी सभी तथ्यों से पूर्ण सहमत नहीं हैं -सम्पादक
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नेशनल हेराल्ड" केस क्या है, आसान शब्दों में जानिए
★ नेहरू जी ने #नेशनल हेराल्ड नामक अखबार 1930 में शुरू किया। धीरे-धीरे इस अखबार ने 5000/- करोड़ की संपत्ति अर्जित कर ली। आश्चर्य की बात ये है कि इतनी संपत्ति अर्जित करने के बावजूद भी सन् 2000 में यह अखबार घाटे में चला गया और इस पर 90 करोड़ का कर्जा हो गया।
★ "नेशनल हेराल्ड" की तत्कालीन डायरेक्टर्स, सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी और मोतीलाल वोरा ने, इस अखबार को यंग इंडिया लिमिटेड नामक कंपनी को बेचने का निर्णय लिया। ★ अब मज़े की बात सुनो, यंग इंडिया के डायरेक्टर्स थे, सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी, ऑस्कर फेर्नाडीज़ और मोतीलाल वोरा।
★ डील यह थी कि यंग इंडिया, #नेशनल हेराल्ड के 90 करोड़ के कर्ज़ को चुकाएगी और बदले में 5000 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति यंग इंडिया को मिलेगी। ★ इस डील को फाइनल करने के लिए नेशनल हेराल्ड के डायरेक्टर मोती लाल वोरा ने "तत्काल" यंग इंडिया के डायरेक्टर मोतीलाल वोरा से बात की, क्योंकि वह अकेले ही, दोनों ही कंपनियों के डायरेक्टर्स थे।
★ अब यहाँ एक और नया मोड़ आता है। 90 करोड़ का कर्ज़ चुकाने के लिए #यंग इंडिया ने कांग्रेस पार्टी से 90 करोड़ का लोन माँगा।
★ इसके लिये कांग्रेस पार्टी ने एक मीटिंग बुलाई जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, कोषाध्यक्ष और कांग्रेस पार्टी के महासचिव शामिल हुए।
★ और यह वरिष्ठ लोग कौन थे.......? सोनिया, राहुल, ऑस्कर और मोतीलाल वोरा। ★ कांग्रेस पार्टी ने लोन देना स्वीकार कर लिया और इसको कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा ने पास भी कर दिया और #यंग इंडिया के डायरेक्टर मोतीलाल वोरा ने ले लिया और आगे #नेशनल हेराल्ड के डायरेक्टर मोतीलाल वोरा को दे दिया।
★ अभी कुछ और मज़ा बाकी था...★ अब कांग्रेस पार्टी ने एक मीटिंग और बुलाई जिसमें सोनिया, राहुल, ऑस्कर और वोरा साहब सम्मलित हुए। उन्होंने मिलकर यह तय किया कि #नेशनल हेराल्ड ने आज़ादी की लड़ाई में बहुत सेवा की है इसलिए उसके ऊपर 90 करोड़ के कर्ज़ को माफ़ कर दिया जाए और इस तरह 90 करोड़ का छोटा सा कर्ज माफ़ कर दिया गया।
★ और इस तरह से #यंग इंडिया जिसमें 36-36 प्रतिशत शेयर सोनिया और राहुल के हैं और शेष शेयर ऑस्कर और वोरा साहब के हैं, को, 5000 करोड़ की संपत्ति मिल गई...★ जिसमें, एक 11 मंज़िल बिल्डिंग जो बहादुर शाह जफ़र मार्ग दिल्ली में और उस बिल्डिंग के कई हिस्सों को अब पासपोर्ट ऑफिस सहित कई ऑफिसेस को किराये पर दे दिया गया है। इसको कहते हैं #राख के ढेर से महल# खड़ा कर लेना।
★ राहुल गाँधी और सोनिया गाँधी इसी #नेशनल हेराल्ड केस में #5000 करोड़ के घोटाले में जमानत पर हैं... ये शेयर कर सभी तक पहचायें ताकि इन गांधी परिवार का फर्जीवाड़ा और चरित्र सभी के सामने आए...
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Shocking 😱😱
पाकिस्तानी TV पर बताया जा रहा है 82% रेप पाकिस्तानी घरों में बच्चियों के बाप, चाचा, ताऊ ,भाई और दूसरे रिश्तेदारों द्वारा ही किया जाता है. यह बात सिर्फ पाकिस्तान की ही नही है, अलबत्ता अधिकतर मुस्लिम समाज की महिलाओं की यही त्रासदी है।
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यकीनन मुसलमान आज देश पर बोझ हैं..., मगर कैसे ?
देश में आज मुस्लिमों की आबादी है लगभग 30% पर इनके इस्लामिक नजरिये और दर्जन भर बच्चे पैदा करने के कारण...
प्राईवेट हॉस्पिटल में तो इनकी भर्ती है मात्र 4% पर मुफ्त के सरकारी अस्पतालों में मुस्लिम मरीज हैं लगभग 45% !
ये गैर-मुस्लिम का खून लेने के लिये तो तुरन्त लेट जाएंगे, पर जब देने की बारी आएगी तो आसमानी किताब का हवाला देकर अपने सगों को भी देने से भी पीछे हट जाएंगें !
रक्तदान शिविरों में इनकी उपस्थिति लगभग नगण्य ही होती है. अंगदान तो खैर इस्लाम में ही हराम है !
पुलिस में ये हैं मात्र 6% पर जेलों में हैं लगभग 32% !
ऑलंपिक और एशियाड के व्यक्तिगत-पदक विजेताओं में ये हैं आज लगभग शून्य.... पर अपराधों में ये हैं लगभग 44% !
इनकम टैक्स में इनका योगदान है मात्र 3% पर बिजली-पानी चोरी में ये हैं 61% !
नई कार खरीदी में ये हैं 6% पर पंचर बनाने जैसे कामों में हैं 67% !
समाजसेवा में इनकी महिलाएं हैं सिर्फ 2% पर कुल वेश्याओं में इनकी भागीदारी है 41% !
मंहगे मॉलों में ये मिलेंगें 4% पर सस्ते सब्सिडाइज्ड चिडियाघर में ये मिलेंगें 47% !
महंगे निजी स्कुलों में तो इनके बच्चे हैं लगभग 4% पर खैराती मदरसों मे हैं पूरे 100% !
सिमी जैसे देशविरोधी आतंकी संगठनों में तो ये हैं 100% पर इसरो और डीआरडीओ जैसे संस्थाओं में ये हैं महज 2% !
देशहित में नारे लगाने में ये हैं 1% पर देशद्रोह के कुल आरोपियों में ये हैं 95% !
फिर भी इनके मस्जिद और मदरसों को सरकारी सहायता मिलती है और मंदिरों का चढ़ावा सरकार ले लेती है !
उर्दू भाषा के ज्ञान की विद्दवता के आधार पर इनको आईएएस और आईपीएस बना दिया जाता है और संस्कृत का “सवर्ण” विद्वान भिक्षा का कटोरा लेकर दर-दर भटकता है।
हर हिन्दू इसको बढ़-चढ़ कर शेयर करें, ऐसी सच्ची बात बड़े दिनों के बाद किसी सच्चे हिन्दू ने लिखी है उसकी भावना सब तक पहुचनी ही चाहिए। #साभार
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डॉ. पीटर हेमंड की पुस्तक "Slavery, Terrorism and Islam"
डाक्टर पीटर हेमंड की पुस्तक "Slavery, Terrorism and Islam" मेरे पास है और मैंने इसे आद्योपांत पढ़ा है। यह पुस्तक उन्होंने बहुत शोध के बाद लिखा है। मुझे एक जर्मन मित्र ने भेंट की थी। डाक्टर पीटर हेमंड ने पूरे विश्व में इनके क्रिया कलापों का अध्ययन कर उसका सार इस प्रकार लिखा, जो भारत में हर युग में सच प्रमाणित हुआ है-
ये कोई धर्म नहीं है और न ही यह कोई पंथ है। यह एक (परजीवी) जीवन प्रणाली है। इसमें धार्मिकता के नाम पर कानूनी, राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक और सैन्य घटक बनाये गये हैं। किसी देश के इहलामीकरण का प्रारंभ उसी दिन से हो जाता है जब किसी देश में पहला मुसुरमान प्रवेश करता है परन्तु धार्मिक विशेषाधिकारों के लिए आंदोलन तब शुरू होता है जब इनकी संख्या पर्याप्त हो जाती है। राजनीतिक रूप से सही, सहिष्णु, और सांस्कृतिक रूप से विविध समाज अपने उदार धार्मिक नियमों के कारण इनके लिए उदारता दिखाते हुए इनकी मांगों से सहमत होने लगता है। विशेषाधिकार की मांग कैसे काम करता है यह समझिए-
जब तक किसी भी देश में इनकी आबादी 2% के आसपास या 2% से कम रहती है, तब तक ये अधिकांश भाग के लिए शांतिप्रिय और आदर्श नागरिक की तरह व्यवहार करते हैं। इस समय में निरीह अल्पसंख्यक बने रहते हैं, न कि अन्य नागरिकों के लिए खतरा। यह एक चाल होती है- (अलतकिया)। जैसे, संयुक्त राज्य अमेरिका 0.6%, ऑस्ट्रेलिया 1.5%, कनाडा - 1.9%, चीन - 1.8% इटली - 1.5%, नॉर्वे - 1.8%। इस समय में अपनी विश्वसनीयता स्थापित करते हैं।
2% से 5% पर, वे अन्य जातियों से धर्मांतरण करना शुरू कर देते हैं- अल्पसंख्यक, अपराधी, उपेक्षित और अप्रभावित समूहों से, अक्सर जेलों से और सड़क गिरोहों के बीच भर्ती। ये इन देशों में हो रहा है- डेनमार्क - 2%, जर्मनी - 3.7%, यूनाइटेड किंगडम - 2.7%, स्पेन - 4%, थाईलैंड- 4.6% 5% से, वे अपनी जनसंख्या के प्रतिशत के अनुपात में अत्यधिक प्रभाव डालते हैं। उदाहरण के लिए, वे हलाल (इस्लामिक मानकों द्वारा स्वीकार्य) भोजन की शुरूआत के लिए जोर देंगे, जिससे भोजन तैयार करने की नौकरियों को सुरक्षित किया जा सके, क्यों कि इसमें इन्हीं के लोग काम करते हैं। वे सुपरमार्केट चेन पर "हलाल" करने के लिए दबाव बढ़ाएंगे।
भारत में उदाहरण- पतंजलि के प्रोडक्ट्स पर "हलाल" प्रमाण पत्र पाने के लिए मोटी रकम दी गयी। इस समय वे सत्ताधारी सरकार में हिस्सा पाने के लिए काम करेंगे। फिर "स्वशासन" (शरिया कानून) की अनुमति फिर इहलामी कानून। इहलामवादियों का अंतिम लक्ष्य शरिया कानून स्थापित करना है पूरी दुनिया पर।
जब जनसंख्या 10% के पास पहुँचती हैं, तो उनकी प्रवृत्ति होती है कि उनकी स्थितियों के बारे में शिकायत, उनके साथ भेदभाव, उनके ऊपर अत्याचार, यानि विक्टिमहुड (victimhood) कार्ड खेलना। चूंकि यह victimization झूठा होता है जो कोई शासन ठीक नहीं कर सकता तो फिर इस बहाने से प्रदर्शन, पथराव, आगजनी, लूट हत्या का कार्यक्रम शुरू होता है और देश में अराजकता फैलने लगती है।
पेरिस, बर्लिन, दिल्ली इत्यादि में हम पहले से ही कारों को जलते हुए देख रहे हैं। कोई भी गैर मुहलिम कार्रवाई इनको ठेस पहुँचाती है, और इसके परिणामस्वरूप विद्रोह और धमकियाँ होती हैं। जैसे कि एम्स्टर्डम में, मोह- मद के कार्टूनों के विरोध में, भारत में नेतृ के सत्य वचन के विरोध मे। इस तरह के तनाव प्रतिदिन देखने को मिलते हैं।
20% तक पहुंचने के बाद बात-बात पर दंगों की उम्मीद कर सकते हैं। फिर "लिहाद" के लिए मिलिशिया गठन, चयनित हत्याएं, अन्य धर्मों के प्रतीकों पर आक्रमण।
30% पर अलग देश की मांग, देश विभाजन की मांग शुरू हो जाती है। यह इनका critical mass इसके बाद राष्ट्र-विभाजन रोकना असंभव हो जाता है
40% पर, राष्ट्रव्यापी नरसंहारों, आतंकी हमले, जातीय सफाई प्रारंभ होता है। याद करिए 1945- 15 अगस्त 1947 में क्या हुआ था ?
50% से ऊपर होने पर, अन्य सभी धर्मों (गैर-महलमानों यानि काफिरों पर) असनीय अत्याचार, सत्ता पर कब्जा, जातीय सफाई (नरसंहार), शरिया कानून लागू करना, जजिया कर लगाना, काफिरों पर लगाए गए कर और अन्य blasphemy कानूनों के माध्यम से उत्पीड़न। काफिरों की सम्पत्ति, बेटियां, भूमि छीनना आम बात। जबरन निकाह और धर्म परिवर्तन। उदाहरण: पाकिस्तान और बांग्लादेश।
80% के बाद राज्य (इहलामिक स्टेट) द्वारा संचालित जातीय सफाई, नरसंहार, काफिरों को खदेड़ना और अंततः 100% महलमान की ओर बढ़ते हैं। फिर स्थापित होता है दार-उल-इहलाम।
जागिए। 15% की कार्यवाही प्रारंभ हो चुकी है।
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- Coloum to be updated
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