Social Media : देश जस्टिस एमबी सोनी का भी है ऋणी..., अरे ! पादरी ने ये क्या कह दिया ?


आज के चुनिंदा पोस्ट्स, ट्वीट्स, वीडियो, कमेंट्स, वायरल...202206014   
ये देश भारत जस्टिस एमबी सोनी का भी है ऋणी (कर्जदार) 
- काली कमाई बॉलीवुड और....
- अरे ! ईसाई पादरी ने ये क्या कह दिया ?
- बहू नहीं, सास के गृह प्रवेश का वीडियो--
- देवासुर संग्राम का ऐलान हो चुका है...
- बेटी बेगम (बीबी) हो गई, बीबी सास बनी, बाप खुद का... 
- नेहरू को 
थप्पड़ मारने उठे हाथ ! तो शफीकुर रहमान को क्यों नही ?
- पाकिस्तान इस्लामिक एस्टेट, तो भारत हिन्दुराष्ट्र बनें 
- राज डंड का इक़बाल बुलंद रहना चाहिए...
- देश को बदनाम करने "ढपली गैंग" फिर हुआ सक्रिय देखें /पढ़ें
- हिन्दू न रोएं बेरोजगारी का रोना...! 
- #सोशल_मीडिया ट्रेंड... 
#We_Want_HinduRashtra & other 
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Coloum to be updated later 
बहुत सुंदर !
भारत के प्रत्येक जवान और किसान का बेटा हमारा हीरो है, लेकिन मीडिया का हीरो तैमूर ही रहेगा
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ये देश जस्टिस एमबी सोनी का भी है ऋणी (कर्जदार) 
ये कोई नहीं जानता कि ये देश जस्टिस एमबी सोनी का भी कर्जदार है !
आप भी जानें और अन्य को बताएं। 
नरेंद्र मोदी को जेल मे सडाने की प्लानिंग किसकी थी ?
कैसे नरेंद्र मोदी बच सके ? 
षड्यंत्र कितने खतरनाक !
आप अंदाज नहीं लगा सकते ! अगर वो सफल हो जाते !
तो हम क्या खो देते ?
तो नरेंद्र मोदी का हश्र क्या होता ?
कांग्रेस राज में कोई भी केस सुप्रीम कोर्ट में जाने के पहले ही सब कुछ मैनेज हो जाता था !
वो...कि केस किस जज की बेंच में जायेगा और वो जज क्या फैसला देंगे...!
कांग्रेस की 70 सालों की सफलता का यही सबसे बड़ा राज है, कि उसने मीडिया और न्यायपालिका सबको मैनेज करके अपना राज स्थापित किया ..
गुजरात हाईकोर्ट के रिटायर जज जस्टिस एमबी सोनी ने इसका खुलासा तब किया, जब उन्होंने पाया की गुजरात दंगो के सम्बन्धित कोई भी याचिका, जो तीस्ता सीतलवाड सुप्रीम कोर्ट में दायर करती है वो सिर्फ जस्टिस आफताब आलम के बेंच में ही क्यों जाती है, जबकि रोस्टर के अनुसार वो किसी और के बेंच में जानी चाहिए।
फिर उन्होंने और तहकीकात की तो पता चला, कि रजिस्ट्रार को ऊपर से आदेश था कि तीस्ता का केस जस्टिस आफ़ताब आलम के बेंच में भेजा जाए और इसके लिए मस्टर रोल और रोस्टर को बदल दिया जाये...
फिर उन्होंने और तहकीकात की तो पता चला, कि जस्टिस आफताब आलम की सगी बेटी अरुसा आलम, तीस्ता के एनजीओ सबरंग में पार्टनर है और उस समय के केबिनेट मंत्री और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल की पत्नी भी उसी NGO में हैं, 
यह सब जानकर उन्होंने ...इसके खिलाफ चीफ जस्टिस को पत्र भेजा, और.... जस्टिस आफ़ताब आलम, कांग्रेस नेता और हिमाचल के मुख्यमंत्री की बेटी (जस्टिस अभिलाषा कुमारी) के 10 फैसलों की बकायदा आठ हजार पन्नों में विस्तृत विबेचना करके भेजा .... और कहा कि इन लोगों ने खुलेआम न्यायव्यवस्था का बलात्कार किया है।
इसके बाद ही इस गैंग को... गुजरात के हर एक मामले से अलग किया गया।
...अगर जस्टिस एम बी सोनी नहीं होते" तो कांग्रेस सरकार नरेंद्र मोदी को दंगों के मामलों में फंसाने की पूरी प्लानिंग कर चुकी थी।
कभी आपने राहुल गाँधी, लालू यादव, सीताराम येचुरी, मायावती, अखिलेश, ममता, महबूबा, और विपक्ष के नेताओं को एक दूसरे को चोर बोलते सुना है ?
...नहीं !
जबकि इनमें से कुछ को ....सजा भी हो चुकी है, ...कोई जेल में है, ....कोई बेल पर है और ....कुछ पर कोर्ट में मुकदमे चल रहे हैं, मगर .... ये लोग एक दूसरे को चोर कभी नहीं बोलते !
परन्तु मोदी जिस पर... कोई भी आधिकारिक आरोप नहीं है, ....कोई FIR नहीं है, ....कोई मुकदमा भी नहीं चल रहा है और... किसी कोर्ट ने किसी जाँच का आदेश भी नहीं दिया, उसे ये सारे नेता चोर बोलते हैं !
यह देखकर आश्चर्य होता है... धन्य है इस तरह की बेहूदी समझ को, और देश के प्रति गैरजिम्मेदारी के भाव को... बल्कि लानत है ऐसे देशद्रोही समझ पर और लानत है इनके पीछे चलने वाले चमचों पर!!
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काली कमाई बॉलीवुड और....
ये फिल्म अभिनेता (या अभिनेत्री) ऐसा क्या करते हैं कि इनको एक फिल्म के लिए 25-50 करोड़ या अधिक रुपये मिलते हैं ?

जिस देश में शीर्षस्थ वैज्ञानिकों , डाक्टरों , इंजीनियरों , प्राध्यापकों , अधिकारियों इत्यादि को प्रतिवर्ष 10 लाख से 20 लाख रुपये मिलता हो, उस देश में एक फिल्म अभिनेता प्रतिवर्ष
10 करोड़ से 100 करोड़ रुपए तक कमा लेता है। आखिर ऐसा क्या करता है वह ?

देश के विकास में क्या योगदान है इनका ? आखिर वह ऐसा क्या करता है कि वह मात्र एक वर्ष में इतना कमा लेता है जितना देश के शीर्षस्थ वैज्ञानिक को शायद 100 वर्ष लग जाएं ?

आज जिन तीन क्षेत्रों ने देश की नई पीढ़ी को मोह रखा है, वह है- सिनेमा, क्रिकेट और राजनीति।
इन तीनों क्षेत्रों से सम्बन्धित लोगों की कमाई और प्रतिष्ठा सभी सीमाओं के पार है।

यही तीनों क्षेत्र आधुनिक युवाओं के आदर्श हैं, जबकि वर्तमान में इनकी विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह लगे हैं।

तो वह देश और समाज के लिए व्यर्थ ही है, क्योंकि...
बॉलीवुड में
ड्रग्स वा वेश्यावृत्ति,
क्रिकेट में मैच फिक्सिंग,
राजनीति में गुंडागर्दी - भ्रष्टाचार

इन सबके पीछे मुख्य कारक धन ही है और यह धन उन तक हम ही पहुँचाते हैं।
हम ही अपना धन फूँककर अपनी हानि कर रहे हैं। मूर्खता की पराकाष्ठा है यह।

70-80 वर्ष पहले तक प्रसिद्ध अभिनेताओं को सामान्य वेतन मिला करता था।
▪️30-40 वर्ष पहले तक क्रिकेटरों की कमाई भी कोई खास नहीं थी।
▪️30-40 वर्ष पहले तक राजनीति भी इतनी कलंकित नहीं थी।
धीरे-धीरे ये हमें लूटने लगे और हम शौक से खुशी-खुशी लुटते रहे।

हम इन माफियाओं के चंगुल में फँस कर अपने बच्चों का, अपने देश का भविष्य बर्बाद करते रहे।
50 वर्ष पहले तक फिल्में इतनी अश्लील और फूहड़ नहीं बनती थीं। क्रिकेटर और नेता इतने अहंकारी नहीं थे- आज तो ये हमारे भगवान बने बैठे हैं।

अब आवश्यकता है इनको सिर पर चढ़ें लोगों उठाकर पटक दें, ताकि इन्हें अपनी हैसियत पता चल सके।

एक बार वियतनाम के राष्ट्रपति हो-ची-मिन्ह भारत आए थे। भारतीय मंत्रियों के साथ हुई मीटिंग में उन्होंने पूछा- "आप लोग क्या करते हैं ?"
इन लोगों ने कहा- "हम लोग राजनीति करते हैं ।"
वे समझ नहीं सके इस उत्तर को।
उन्होंने दुबारा पूछा- "मेरा मतलब, आपका पेशा क्या है?"
इन लोगों ने कहा- "राजनीति ही हमारा पेशा है।"

हो-ची मिन्ह तनिक झुंझलाए, बोले-
"शायद आप लोग मेरा मतलब नहीं समझ रहे।
राजनीति तो मैं भी करता हूँ ; लेकिन पेशे से मैं किसान हूँ, खेती करता हूँ।
खेती से मेरी आजीविका चलती है। सुबह-शाम मैं अपने खेतों में काम करता हूँ।
दिन में राष्ट्रपति के रूप में देश के लिए अपना दायित्व निभाता हूँ।"

भारतीय प्रतिनिधिमंडल निरुत्तर हो गया, कोई जबाब नहीं था उनके पास।

जब हो-ची-मिन्ह ने दुबारा वही वही बातें पूछी, तो प्रतिनिधिमंडल के एक सदस्य ने झेंपते हुए कहा- "राजनीति करना ही हम सभी का पेशा है।"

स्पष्ट है, भारतीय नेताओं के पास इसका कोई उत्तर ही न था। बाद में एक सर्वेक्षण से पता चला कि भारत में 6 लाख से अधिक लोगों की आजीविका राजनीति से चलती थी। आज यह संख्या करोड़ों में पहुंच चुकी है।

कुछ महीनों पहले ही जब कोरोना से यूरोप तबाह हो रहा था, डाक्टरों को लगातार कई महीनों से थोड़ा भी अवकाश नहीं मिल रहा था, तब पुर्तगाल की एक डॉक्टरनी ने खीजकर कहा था-
"रोनाल्डो के पास जाओ न, जिसे तुम करोड़ों डॉलर देते हो।
मैं तो कुछ हजार डॉलर ही पाती हूँ।"

मेरा दृढ़ विचार है कि जिस देश में युवा छात्रों के आदर्श वैज्ञानिक, शोधार्थी, शिक्षा-शास्त्री आदि न होकर अभिनेता, राजनेता और खिलाड़ी होंगे, उनकी स्वयं की आर्थिक उन्नति भले ही हो जाए,

- देश की उन्नति कभी नहीं होगी। सामाजिक, बौद्धिक, सांस्कृतिक, रणनीतिक रूप से देश पिछड़ा ही रहेगा हमेशा। ऐसे देश की एकता और अखंडता हमेशा खतरे में रहेगी।
- जिस देश में अनावश्यक और अप्रासंगिक क्षेत्र का वर्चस्व बढ़ता रहेगा, वह देश दिन-प्रतिदिन कमजोर होता जाएगा।
- देश में भ्रष्टाचारी व देशद्रोहियों की संख्या बढ़ती रहेगी, ईमानदार लोग हाशिये पर चले जाएँगे व राष्ट्रवादी लोग कठिन जीवन जीने को विवश होंगे।

सभी क्षेत्रों में कुछ अच्छे व्यक्ति भी होते हैं। उनका व्यक्तित्व मेरे लिए हमेशा सम्माननीय रहेगा ।
आवश्यकता है हम प्रतिभाशाली,ईमानदार, कर्तव्यनिष्ठ, समाजसेवी, जुझारू, देशभक्त, राष्ट्रवादी, वीर लोगों को अपना आदर्श बनाएं।

नाचने-गाने वाले, ड्रगिस्ट, लम्पट, गुंडे-मवाली, भाई-भतीजा-जातिवाद और दुष्ट देशद्रोहियों को जलील करने और सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक रूप से बॉयकॉट करने की प्रवृत्ति विकसित करनी होगी हमें।

यदि हम ऐसा कर सकें तो ठीक, अन्यथा देश की अधोगति भी तय है। आप स्वयं तय करो सलमान खान, आमिर खान, शाहरुख, अमिताभ, धर्मेंद्र, जितेंद्र, हेमा, रेखा, जया देश के विकास में इनका योगदान क्या है ? हमारे बच्चे मूर्खों की तरह इनको आइडियल बनाए हुए है।
▶️जिसने भी लिखा है सोचने पर मजबूर कर दिया, सभी को पढ़ना चाहिए #साभार सोशल_मीडिया से
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अरे ! ईसाई पादरी ने ये क्या कह दिया ?   
क्या मुसलमानों की सारी हेकडी सिर्फ हिन्दुओं के लिए हैं ? यह ईसाई पादरी मोहम्मद साहब के लिए क्या कह रहा है ? इसके खिलाफ भी फतवा जारी करो #ABNetwork ( राष्ट्रवादी हिन्दुओं का गैर-राजनितिक नेटवर्क (संगठन नहीं) राष्ट्र एवं आने वाली पीढ़ियों के लिए) What did this "father" said about the Paigmbar !  
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Disclaimer : अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अंतर्गत हमारा संविधान हमे अपनी बात या पक्ष कहने की अनुमति देता है इस कॉलम "आज के चुनिंदा पोस्ट्स, ट्वीट्स, कमेंट्स..." में कमेंट व पोस्ट SOCIAL MEDIA से ली गई है, यह जरूरी नहीं की सभी पोस्ट या पोस्ट की जानकारी अक्षरशः सत्य हों, हम यथासंभव हर पोस्ट की सत्यता परख कर इस कॉलम में लेते हैं, फिर भी हम सभी पोस्ट एवं उनकी सभी तथ्यों से पूर्ण सहमत नहीं हैं -सम्पादक 
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बेटी बेगम (बीबी) हो गई, बीबी सास बनी, बाप खुद का दामाद  
जिहाद में फँसने से पहले इसे पढ़ें-
ये घटना तीन साल पुरानी है, लेकिन सच है, घटना बगाल के जलपाईगुड़ी की है, जहां अब्बा (बाप) ने अपनी बेटी के साथ निकाह किया, सब अल्लाह का करम है, समाचार टाइम्स ऑफ़ इंडिया में 29 जून 2019 को छपा था. इसे साभार Fb- एक भारत श्रेष्ठ भारत से Link- https://www.facebook.com/OneIndiaGreatIndia/photos/a.189308531229441/1223320141161603 से हमें भेजा गया है, आप भी पढ़ें और हिन्दुओं को सावधान करें-

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नेहरू को थप्पड़ मारने उठे हाथ! तो शफीकुर रहमान को क्यों नही ?
जब प्रधानमंत्री नेहरु को चांटा मारने का प्रयास हुआ !
भारत की चीन से हार के बाद अजमेर के एक कार्यक्रम मे PM नेहरू आए... वेद संस्थान द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए नेहरू ने कहा- "इस देश में हमेशा से ही शरणार्थियो का स्वागत किया गया हैं। यहां शक आए, हूण आए, मुस्लिम आए, अंग्रेज आए, आर्य आए और यहा की संस्कृति मे घुल-मिल गए।"

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मुख्य अतिथि आर्य संन्यासी स्वामी विद्यानन्द विदेह अपने मंच से उठे और नेहरू को जोरदार थप्पड जड़ दिया और माइक अपनी ओर करके संन्यासी बोले... "आर्य कही से आए नही, यही के मूल निवासी है। सबूत मे हूं... मेरे बाप-दादा सब यही पैदा हुए... उनके बाप- दादा सब यही पैदा हुए, लेकिन आप इस देश के मूल निवासी नही... आपकी रगो मे हिन्दुस्तानी नही अरबी ख़ून हैं। आपकी जगह पटेल प्रधनमंत्री होते तो हम चीन से हारते नहीं, वरन तिब्बत भी भारत का अभिन्न अंग होता।" (विदेह गाथा : एक आर्य संन्यासी की डायरी, पृष्ठ 637 संस्करण भाद्रपद 2037 विक्रमी...से साभार)

(बाद मे इन आर्य संन्यासी ने एक किताब लिखी "नेहरू : उत्थान और पतन" जो 1963 मे बैन हो गई थी।)
अब देखिए, क्या पार्लियामेंट में 542 सांसदो में से कोई एक भी योद्धा नही था, जो आर्य संन्यासी जैसा बसपा की ओर से लोकसभा सदस्य सफीकुर रहमान शपथ लेते वक्त कहा कि वन्दे मातरम एन्टी इस्लामिक है, काश कोई उनमे से एक उठकर उसके कान के नीचे मारता ! कम देखें
#साभार एक भारत श्रेष्ठ भारत 
 

संसद में सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने वंदेमातरम् का विरोध एक बार फिर (20 जून 2019) किया। इसके पीछे कारण भी था. घटना तीन साल पुरानी  है, लेकिन सदैव प्रासंगिक रहेगी, क्योंकि ये हमारे देश के सम्मान से सीधे-सीधे जुडी है।  संभल से 2019 के लोकसभा चुनाव में सांसद बने शफीकुर्रहमान ने वंदेमातरम् का विरोध कर मीडिया में कवरेज तो खूब पाया, लेकिन एकबार फिर साबित हो गया कि देशद्रोही कभी भी देश का नहीं हो सकता।  

बसपा सांसद रहते हुए बर्क ने 2013 में सदन में वंदे मातरम् का विरोध करते हुए संसद से वॉकआउट किया था. 1997 में स्वर्ण जयंती कार्यक्रम में भी ऐसा ही विरोध किया था। 

2019 के लोकसभा चुनाव में संभल लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी (सपा) के टिकट पर सांसद बने शफीकुर्रहमान बर्क (Shafiqur Rahman Barq) एक बार फिर चर्चा में हैं। 20 जून 2019 को सत्रहवीं लोकसभा के पहले सत्र के दूसरे दिन संसद में वंदेमातरम् को लेकर हंगामा हुआ। दरसअल, सपा सांसद शफीकुर्रहमान ने एक बार फिर संसद में वंदेमातरम् का विरोध किया, जिसके बाद जोरदार हंगामा हुआ।

शफीकुर्रहमान बर्क संसद में शपथ लेने के लए उठे, तो सदन में वंदे मातरम् के नारे लगने लगे। शपथ लेने के बाद सपा सांसद ने वंदे मातरम् का विरोध किया। उन्‍होंने वंदे मातरम् कहने से इंकार कर दिया। उन्‍होंने नारा लगाया, 'भारत का संविधान जिंदाबाद'। इतना ही नहीं उन्‍होंने कहा, वंदे मातरम् इस्लाम के खिलाफ है। हम इसे नहीं कह सकते हैं। बर्क की इस टिप्‍पणी के बाद भाजपा के कई सांसदों ने जोर-जोर से वंदे मातरम् के नारे लगाए। उन्‍होंने 'भारत माता की जय' और 'जय श्री राम' के नारे भी लगाए।


नेहरू की फोटो  की सच्चाई-
उक्त मैसेज सोशल_मीडिया में वायरल हैं, लेकिन इसकी सच्चाई को लेकर एक दूसरा मत भी है. कुछ मीडिया के अनुसार, दी गई थी कि एक सुरक्षाकर्मी ने प्रधानमंत्री नेहरू को कांग्रेस पार्टी की पटना में 1962 में हुई बैठक के समय की  है, जब नेहरू जी भीड़ से बचाने के लिए पकड़ा गया था। कुछ वर्षों बाद कम्युनिस्ट चीन के भारत हमले ने नेहरू को नई मुसीबत में डाल दिया। इससे लगता होता है,  यह फोटो भारत-चीन युद्ध के पहले का है। जनवरी 1962 की एक अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, यह फोटो कांग्रेस के पटना अधिवेशन की है, जो वर्ष 1962 में हुआ था। सभा में भीड़ बढ़ गई थी और अफरा-तफरी मच गई। इसी दौरान सुरक्षाकर्मियों ने भीड़ से बचाने के लिए पीएम नेहरू को पकड़ा।
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पाकिस्तान इस्लामिक एस्टेट, तो भारत हिन्दुराष्ट्र बनें  
सन 1947 जब विभाजन हुआ था, उस समय अधिकाँश सवर्ण पाकिस्तान छोड़कर भारत आ गए थे... उस समय जो 21% हिन्दू वहाँ बचे रह गए थे, उनमें अधिकाँश दलित बंधु थे, जो कि जोगेंद्रनाथ मण्डल की बेवकूफी की वजह से वहाँ रह गए...
अब पाकिस्तान की जनसंख्या में केवल 1% हिन्दू बचे हैं... यानी 20 % हिन्दू (अधिकाँश दलित बंधु) कहाँ गए ? ये सवाल भारत का एक भी दलित चिन्तक कभी नहीं पूछता... उल्टे यूपी-बिहार में जब कभी मुस्लिमों द्वारा दलितों की बेटियों के साथ दुराचार होता है, तब भी ये चुप्पी साध कर बैठे रहते हैं... उधर संसद में हैदराबाद के एक जेहादी नौटंकीबाज ने फिर से नारा लगाया... "जय भीम, जय मीम"... बस इतने भर से भारत के "कथित" दलित चिन्तक लहालोट हो गए... लेकिन फिर भी सबसे अधिक गाली कौन खाएगा ? जी हाँ ! "ब्राह्मण" #साभार 
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राज दंड का इक़बाल बुलंद रहना चाहिए...
एक मास्टर साहब थे। बहुत मरकट थे। पटक पटक कर मारते थे। स्कूल में छात्रों ने प्लान बनाया कि टीचर्स डे वाले दिन सेलेब्रेशन में फ़्लोर पर साबुन घिस दिया जाए, मास्टर साहब आएँगे फिसल कर गिरेंगे तगड़ा, ज़्यादा चोट लग जाए तो मज़ा आ जाए, छुट्टी मिले। हुआ भी ऐसा ही, मास्टर साहब आए, फिसले... क़िस्मत अच्छी थी, चोट नहीं आई।

पर उसके बाद फ़िर मास्टर साहब का वो तांडव चला कि पूछो मत। चुन चुन कर शैतान बच्चों की रगड़ रगड़ कर धुनाई हुई। पैरेंट्स बुलाए गए। सस्पेंशन तक हुए। वो दिन और स्कूल के बाद के तीन चार साल, उन मास्टर साहब से किसी ने कभी पंगा नहीं लिया।

कालांतर में मास्टर साहब ने किसी छात्र को बताया कि उन्हें पहले से ही खबर मिल गई थी कि फ़्लोर में साबुन लगाया गया है, इसलिए संभल कर गिरे। छात्र ने पूछा कि... "सर क्या ज़रूरत थी गिरने की"

उनका उत्तर था... "डंडे का इक़बाल बुलंद रहना चाहिए। मैं न गिरता तो तुम लोग फ़िर कुछ करते। उस दिन मैं गिर गया और फ़िर उसके बाद जो मार पड़ी तो तुम लोगों के सर से शैतानी का सारा भूत उतर गया। मार के आगे भूत भागता है।"

#UP में #कानपुर में कल सैकड़ों भाईजान सड़क पर आ गए। भावनाओं में बह गए। पत्थरबाज़ी भी की। क्षणिक जन्नती जोश में भूल गए थे कि UP का हेड मास्टर कौन है।

गिरफ़्तारी, मुक़दमे जो हुए सो हुए ही, पर डंडों से जो सुतैय्या हुई, वीडियो वाइरल हैं, सारा कीड़ा निकल गया, सारी ज़िंदगी याद रहेगी यह मरम्मत। ऊपर से #बुलडोजर अलग भेज दिए गए हैं। दोषियों की प्रॉपर्टी पर बुलडोजर भी चलेगा, फ़िर इन डंडों के टूटने का और बुलडोजर चलाने का खर्च भी वसूला जाएगा।

समय समय पर ऐसी छिट पुट घटनाएँ होती रहने से डंडे की ताक़त प्रैक्टिकल में दिखती रहती है। राज डंड का इक़बाल बुलंद रहना चाहिए।
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देश को बदनाम करने "ढपली गैंग" फिर हुआ सक्रिय 
देश में रहेंगे, हराम की सुविधाएं लेंगे और देश को दुनिया में बदनाम भी करेंगे...
जबरजस्त तरीके से फटाफट साजिश रचने में माहिर, "टुकड़े-टुकड़े गैंग" या "ढपली गैंग" ढपली लेकर गाने, 1-2 घंटे में पोस्टर कार्टून बनाकर देशद्रोही लोगों या देशविरोधी हरकतों को छिपाने या बढ़ाने या divert करने में माहिर हैं ये लोग, जिन की बराबरी (फर्जीबाड़े / नौटंकीबाजी में) राष्ट्रवादी या बिखरे हिन्दू नहीं कर पाते, उनके उनके ही तरीके से मुहतोड़ जवाब नहीं दे पाते, विश्वभर के हिन्दुओं को भारत के बहुसंख्यकों पर हो रहे अन्याय को रोकने / लड़ने हेतु संसाधन जुटाने हेतु आर्थिक सहयोग (financial help) करनी चाहिए - #ABNetwork  (अखण्ड भारत नेटवर्क- गैर-राजनीतिक प्रखर राष्ट्रवादी नेटवर्क, आने वाली हिन्दू पीढ़ी एवं राष्ट्र की सुरक्षा अखण्डता के लिए) संगठन नहीं, स्वस्फूर्त नेटवर्क। सहयोग के इच्छुक कृपया 6261868110 पर सम्पर्क करें। अब पढ़ें व्यंग, जो सोशल_मीडिया में खूब viral हो रहा है.... पहले देखें-  
 

प्रयागराज हिंसा के मास्टरमाइंड जावेद की बेटी के समर्थन में JNU डफ़ली गैंग का R@ रोना शुरू हो गया, यही वो हिंदू हैं जो गद्दार हैं, भारत के दुश्मन, चाइना का माल, यही हैं जिनको चाहिए ह्यूगो शावेज़ के वेनेजुएला की मुफ्तखोरी, इसलिए ये आम आदमी का नाटक करके किस ऑफ लव की आजादी मांगते हैं...

पाश्चात्य संस्कृति से लबालब, सिगरेट शराब, बीयर, व्हिस्की, गांजा, चरस जींस, टॉप वाली इस जनरेशन का डीएनए सही है, पर आरएनए खराब हो चुका है! और यही वजह है दुनिया की दो महान सभ्यताओं सोवियत रूस और अध्यात्म के शिखर पर विराजमान कंफ्यूसियस और महान आम आदमी, लाओत्से के चीन का विनाश करने वाला ये प्रोग्रेसिव, वामपंथी वायरस अब भारतीय बच्चों का दिमागी संतुलन बिगाड़ रहा है... और उन्हें वेब सीरीज के माध्यम से अब्राहमिक मौलाना और पादरियों की बीमारी का हैशटैग LGBST पढ़ा रहा है! महाराष्ट्र ही नहीं, केरल, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान ही नहीं हिंदुस्तान के अधिकांश राज्यों में ये पीडोफिलिक रैकेट सत्ता कब्जा कर चुका है, इनकी आध्यात्मिक विरासत एक है, पर्वर्ट सोच को भारत में लाने वाला अंग्रेजी सार्जेंट मेजर गांधी ?
न सरकार पर भरोसा, न सुप्रीम कोर्ट पर है भरोसा, फिर 
क्यों रहते हैं भारत में ? ऐसे मुल्क में जबरजस्ती क्यों रहते हैं ऐसे लोग !
सुनें- आफरीन फातिमा (के देशद्रोही विचार) प्रयागराज दंगे का साजिश करने वाले की बेटी, जिसका करेली (प्रयागराज) स्थित घर नोटिस के बाद नियमानुसार गिरा दिया गया   
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एनडीटीवी स्क्रिप्ट के साथ और स्क्रिप्ट के बिना...
सुनें / समझें (मीडिया के षड्यंत्र को)-   
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भूली बिसरी यादें (हकीकत बयान करती हुईं)-
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ये भी पढ़ें / देखें- 
रियलिटी शो, करोड़ों के सेटअप = गाँव का चूल्हा, गरीबी... मौलाना की बेटी का नूपुर शर्मा को समर्थन...
http://www.dharmnagari.com/2022/06/Aaj-ke-selected-Posts-Tweets-Comments-Sunday-12-June.html
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बहू नहीं, सास के गृह प्रवेश का वीडियो
बहू के गृह-प्रवेश का वीडियो तो आपने बहुत देखा, होगा परन्तु मां का नये घर मे गृह-प्रवेश का ऐसा संस्कारी वीडियो आज तक नही देखा होगा
You would have seen several videos of entry of new Bride in new house, but see this excellent video of entry in the newly construction house. 
देखें-
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देवासुर संग्राम का ऐलान हो चुका है...
यह केवल देश का मसला नहीं है, पूरी दुनिया का मसला है,
यह कोई धर्म और मजहब का मसला नहीं है यह सरहद और सीमा का मसला नहीं है, 
दुनिया में कयामत का दिन बिल्कुल निकट आता जा रहा है, इसीलिए तो ज्ञानवापी का मसला कयामत तक चलता रहेगा ऐसा "राक्षस" के मुंह में बातें निकल रही है बहुत सारे लोगों ने बोला है वह भी सही है कई लोग बोलते हैं कि न कलंक का दसवाँ अवतार  हो चुका है या तो हो रहा है या तो हो गया है यह भी सही है
     
फिर से देवासुर संग्राम शुरू हो चुका है यह सामान्य घटना नहीं है 
सावधान हो जाइए, यह युद्ध ⚔️ "मानव" और "दानव" के बीच में शुरू हो चुका है दुश्मन के पास मानवता का "घोर" अभाव है इसीलिए दुश्मन के पास "मानवता" की कोई अपेक्षा किए बगैर तुम्हें लड़ना होगा। यदि दुश्मन को "मानव" समझकर यदि आपने उनके साथ कोई व्यवहार किया, तो स्वयं आप अपने आपके साथ धोखा ही खा रहे हैं और खाओगे और धोखा खाते रहोगे सबका साथ सबका विकास के चक्कर में से बाहर निकलो

अपने आप को तैयार कर दो। यह युद्ध रुकने वाला नहीं है यह महायुद्ध है महा-युद्ध होगा पूरी दुनिया में जो भी समर्थन करेगा। जो असुरों का समर्थन करेगा, वो सब के सब "राक्षस" ही है और जो देश सुरो का समर्थन कर रहा है, वह ही देवता है यही "देवासुर" संग्राम हजारों लाखों साल से चल ही रहा है चलता ही रहेगा, बस। अभी सब शैतान जो मानवता के दुश्मन है, वह जाग चुका है 

दुनिया भर के "राक्षस" एक प्लेटफार्म पर आ रहा है "एकजुट" हो रहा है "एक ही इरादा" से मानवता के दुश्मन सभी "राक्षस" अपनी मनमानी कर रहा है पूरी दुनिया को करवा रहा है उनके लिए न कोई कोर्ट है न कचहरी है। ना तो कोई नियम है उनके लिए न देश है उनको सिर्फ और सिर्फ "राक्षस" समझकर ही उनको हैंडल किया करो

आप देवता है अब हमें देवत्व चाहिए अपने आप को सफल बनाने के लिए देवताओं से शक्ति अर्जित करनी पड़ेगी और देवताओं को भी शक्तिमान बनाना होगा तब जाकर तुम यह देवासुर संग्राम में विजय हासिल करोगे। इसीलिए देवत्व प्राप्त करने के लिए जो भी करना पड़े सनातन परंपरा के आधार पर जी जान से लगे रहो मचे रहो. सनातन शक्ति का जय जयकार किया करो. कड़ा संघर्ष के बाद "विजय" आपके पास होगा "विजय" आपके साथ होगा

हम जब हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं, राक्षस-भूत भाग जाया करते हैं और आज की स्थिति में हनुमान चालीसा सुनकर कौन भाग रहा है ? किस को परेशानी हो रही है ? आप समझ सकते हैं पूजा पाठ हनुमान चालीसा का पाठ इन राक्षसों से हम सब को बचा सकता है इसीलिए प्रत्येक मंगलवार काम छोड़कर ऑफिस छोड़कर एक साथ आइए, अपने आसपास के मंदिर में और अधिक संख्या में फिर देखिएगा, यह राक्षस कैसे आपके पास आते हैं अपनी एकता दिखाइए 
जैसे वह राक्षस अपनी एकता दिखा रहे हैं शुक्रवार के दिन इकट्ठे होकर
सत्य की जय हो, असत्य का नाश हो 
हिंदुओं में एकता हो भारत का कल्याण हो
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...और वे ईसाई होने से बच गए
(प्रार्थना से चंगाई – ईसाई समाज में प्रचलित अंधविश्वास का भंडाफोड़)
सत्य घटना पर आधारित
लुधियाना पंजाब के सबसे बड़े शहरों में से एक है। डॉ मुमुक्षु आर्य शहर के जाने माने ह्रदय रोग विशेषज्ञ के रूप में प्रसिद्द थे। आपकी धार्मिक विचारधारा स्वामी दयानंद से प्रभावित थी, वेद को आप शाश्वत ज्ञान मानते थे और धर्म के नाम प्रचारित किसी भी अन्धविश्वास से आप कोसों दूर थे।  एक शाम क्लिनिक बंद कर घर आप वापिस जा रहे थे तो एक चौराहे पर अपने भारी भीड़ देखी। आपने देखा की एक ईसाई व्यक्ति मंच से जोर-जोर से चिल्ला कर कह रहा था कि जिस जिस को अपनी वर्षों पुरानी कोई भी बीमारी को तुरंत ठीक करना हो तो प्रभु यीशु की शरण में आओ क्योंकि वही एक हैं जिनको पुकारने से सबके रोग, सबकी परेशानियाँ दूर हो जाती हैं। वही हैं जो चमत्कार दिखा कर अंधों को ऑंखें देते हैं, अपाहिजों को चलने लायक बना देते है, आओ प्रभु यीशु की शरण में आओ, तुम्हारा कल्याण होगा, तुम पर उपकार होगा।

 एक चिकित्सक होने के नाते डॉ मुमुक्षु की जिज्ञासा ज्यादा ही बढ़ गयी। उन्होंने इस तमाशे का बारीकी से जाँच करने का निर्णय किया। मंच पर उपस्थित वह व्यक्ति अब जोर-जोर से प्रार्थना करने लग गया। उसका कहना था की प्रार्थना के पश्चात वो व्यक्ति मंच पर आये जिनकी बीमारी दूर हो गयी हैं। मंच के बगल में 5-7 पुरुष और महिलाये इकट्ठे हो गए जो मंच पर यह कहने वाले थे की उनका क्या क्या रोग दूर हो गया हैं।  डॉ मुमुक्षु भी मौका देखकर उनके साथ जाकर खड़े हो गए और उनमें से एक के कान में खुसर-फुसर कर बोले तुम्हे मंच पर बोलने के लिए कितने रूपये दिए गए हैं। वह बोला की एक हज़ार और उसने डॉ मुमुक्षु से पूंछा और तुम्हे कितने मिले हैं ? डॉ मुमुक्षु बोले की मुझे भी एक हज़ार मिले हैं। 

एक-एक कर सभी मंच पर जाकर अपनी अपनी बिमारियों का बखान करने लगे और यह दावा करने लगे की प्रभु यीशु की प्रार्थना से हमारी सभी बीमारी ठीक हो गयी हैं। जब डॉ मुमुक्षु की बारी आई तो उन्होंने मंच पर जाकर माइक हाथ में लेकर तुरंत ही यह कहा- जो-जो व्यक्ति यहाँ पर मुझसे पहले आकर यह बोल कर गया हैं, कि मेरी बीमारी ठीक हो गयी हैं उन उनको यह सब बोलने के लिए एक-एक हज़ार रूपये दिए गए हैं।

मंच पर उपस्थित सभी लोग एक दम से भौचक्के रह गए। पूरी भीड़ ने जोर से तालियाँ बजा डाली। डॉ मुमुक्षु से माइक छीनने की कोशिश की, जाने लगी पर वे मंच पर घूमते-घूमते इस तमाशे की पोल खोलने लग गये। शहर के जाने-माने चिकित्सक होने के नाते लोगों पर उनके सत्य के मंडन और पाखंड के खंडन का बहुत अच्छा प्रभाव पड़ा। 

अंत में उन्होंने यह कह कर अपना कथन समाप्त किया, कि यह सब धर्म भीरु हिंदुओं को ईसाई बनाने का एक कुत्सित तरीका हैं। एक तरफ तो ईसाई समाज अपने आपको इतना पढ़ा लिखा प्रदर्शित करता हैं और दूसरी तरफ इस प्रकार के ढोंग रचता हैं, यह अत्यंत खेदजनक बात हैं।
 इस घटना के डॉ मुमुक्षु को शहर के सभी प्रतिष्ठित व्यक्ति मिलने आये और उन्हें इस वीरता पूर्ण कार्य के लिए धन्यवाद दिया। आज देश में जहाँ कहीं इस प्रकार की प्रार्थना से "चंगाई का ढोंग" आप जहा कही भी देखे, तो इस पाखंड का खंडन अवश्य करे और हिन्दू जाति की रक्षा करे।
- डॉ विवेक आर्य
BBC की एक रिपोर्ट- Link- https://www.bbc.com/hindi/india-48919716
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हिन्दू न रोएं बेरोजगारी का रोना...! 
कोई हुनर का काम सीखें, अस्थाई दुकान लगाएं
आप भी चौक, तिराहे, सड़क किनारे, किसी अच्छी लोकेशन पर दूकान खोलें, सब्जी-पहल से लेकर खाने-पीने के ठेले से लेकर विभिन्न समान की... स्थानीय हिन्दुओं से सहयोग लें, 
ध्यान रखें, मुसलमान कभी बेरोजगारी का रोना नहीं रोते
और उन्होंने हिन्दुओं के सभी हुनर वाले काम (कूलर AC बनाने से लेकर इलेक्ट्रिक का, बढ़ई या carpenter, बाल कटिंग (hair cutting), दो व चार पहिया गाडी रिपेयरिंग, वेल्डिंग या लोहारी, इलेक्ट्रॉनिक TV साउंड सिस्टम, मोबाइल रिपेयरिंग, दर्जी,  सब कुछ... 

वो (मुस्लिम) आत्महत्या जैसा कृत्य यह लोग ना के बराबर करते हैं, जबकि हिन्दुओं के बच्चे ही रोना रोते हैं बेरोजगारी का... इसमे हिन्दू समाज भी बराबर का दोषी है, जो दुकान लगाने (जैसे- अरे ! सब्जी की दूकान लगा रहा है..) पर मजाक उड़ाते है या सहयोग नहीं करते, 

कारण क्या है पढ़िये- 
उसका कारण बहुत साधारण है।
एक जीवंत उदाहरण मैं आपको बता रहा हूँ, 

पड़ोस का एक लड़का कल मेरे पास आया और बोला- भैया मैं बेरोजगार हूँ, कहीं नौकरी नहीं मिल रही है, बहुत परेशान हूँ। आप ही बताइये मोदी जी ने कहा था कि हर साल दो करोड़ युवाओं को रोजगार दूँगा, सात साल होने को जा रहे है, कुछ भी नहीं मिला। उसने अपनी अक्ल मुताबिक GDP की माँ बहन की सो अलग

मैंने उससे कुछ प्रश्न पूछे और सारे प्रश्नों का जबाब इस प्रकार रहा...
तुम तो टेलरिंग/कटिंग (दर्ज़ी) का काम कर लो ?
नहीं !
लेडीज़ ब्यूटी पार्लर पर काम करोगे ?
नहीं !
तो मर्दों के नाई (बार्बर) बन जाओ ?
नहीं !
लांड्री में काम करोगे ?
नहीं !
हलवाई का काम कर लो?
नहीं !
बढ़ई (कारपेंटर) का काम सीखोगे ?
नहीं !
लुहार के यहां काम करोगे ?
नहीं !
खराद मशीन पर काम करोगे ?
नहीं !
वेल्डिंग कर सकते हो?
नहीं !
ग्राफिक डिज़ाइन का कुछ काम आता है ?
नहीं !
कबाड़ी का काम कर लो ?
नहीं !
सब्जी/फ्रूट का धंधा कर लो ?
-नहीं !
जूस की दुकान पर काम करोगे ?
नहीं !
आटा चक्की पर काम करोगे?
नहीं !
चाय, पोहे, पकोड़े की दुकान पर काम करोगे ?
नहीं !
किराने की दुकान पर काम करोगे ?
-नहीं !
रंगाई पुताई कर लोगे ?
नहीं !
मेडिकल स्टोर के काम का कुछ ज्ञान है ?
नहीं !
कार, ट्रक आदि चला लोगे ?
नहीं !
बाइक रिपेरिंग आती है ?
नहीं !
कम्प्यूटर चलाना आता है ?
नहीं !
अकाउंट का काम आता है ?
नहीं !
प्लम्बिंग का काम कर सकते हो?
नहीं !
राज मिस्त्री के साथ काम कर सकते हो?
नहीं !
खेती बागवानी का काम करोगे ?
नहीं !
पंचर बना लोगे ?
नहीं !
होटल या रेस्टोरेंट में काम करोगे ?
नहीं !
बिजली रिपेरिंग, पंखा, AC, गीज़र, कूलर, वाशिंग मशीन रिपेरिंग कर लोगे ?
नहीं !
कपड़े की दुकान पर काम कर सकते हो ?
किराना दुकान पर काम कर सकते हो ?
नहीं !
सिलाई या टेलरीग का काम जानते हो ?
नहीं !
पान मसाला गुटखा बेचोगे ?
नहीं !
मजदूरी तो कर ही सकते हो ?
-नहीं !
फिर मैंने पूछा तुमको काम क्या आता है ?
वो बोला जी मैं पढ़ा लिखा हूँ, BA पास हूँ। ये सब काम मेरे लिए नहीं, मुझे तो बस सरकारी क्लर्क की नौकरी चाहिए। वर्ना मेरी शादी भी नहीं होगी। पढ़े लिखे होने के बाबजूद मुझे कोई काम नहीं मिल रहा है।
वो बोला मोदी जी ने हम जैसे अनेक युवाओं को बेरोज़गार कर दिया ।
तब से दिमाग़ खराब है मेरा...
ये वह लोग हैं जिनको मोदी तो क्या पूरी दुनिया में कोई नौकरी नहीं दे सकता। आज के युवा मेहनत करने के बजाए सरकार को गाली देना बेहतर विकल्प मानते हैं।

मैं बोला तुमको ही कुछ काम करना नहीं आता, कमी काम करने वालों की है काम की नहीं, काम चारों तरफ बिखरे पड़े हैं, और उनको मुस्लिम लड़के झपट रहे हैं । तुम लोग बस सरकारी या किसी 10k से 20k वाली नौकरी के इंतज़ार में बैठे हो, और बेरोज़गारी का रोना रो रो के मोदी का स्यापा कर रहे हो । मोदी के "स्किल इंडिया" का लाभ मुस्लिम लड़के उठा रहे हैं और हिन्दू लड़के सरकारी या गैर सरकारी परन्तु नौकरी के इंतज़ार में बैठे रहते हैं।

अपने बच्चों को शिक्षित करने के साथ ही हुनरमंद भी बनाइए...
अपने अंदर यह सोच हटा दीजिए कि "लोग क्या कहेंगे" या "लोग क्या सोचेंगे' क्योंकि लोग क्या कहेंगे यह सबसे खतरनाक वाक्य है जो हमें बर्बाद कर देता है

बच्चों को समझाइये कि कोई भी काम छोटा नहीं होता। धीरूभाई अंबानी ने पहले पैट्रोल पम्प पर भी नौकरी की थी, और शुरू शुरू में पुराने कपड़ों के खरीदने बेचने का व्यापार किया था। अगर वो सरकारी नौकरी का इंतज़ार करते रहते तो, किसी सरकारी विभाग में क्लर्क/मैनेजर बन कर ही रह जाते, और रिलायंस कम्पनी न बनती।

अटल बिहारी वाजपेई जी जब पाकिस्तान बस लेकर गए थे तब उनके साथ फिल्म अभिनेता देवानंद भी गए थे और देवानंद जो अपनी डिग्री पाकिस्तान से पलायन के समय नहीं ले पाए थे वह डिग्री जब उन्हें दी गई तब उन्होंने कहा कि आज मैं जो कुछ हूं अपनी इस छूटी हुई डिग्री के कारण हूं

क्योंकि मेरे भाई मुझे नेवी में क्लर्क की नौकरी दिलवा रहे थे क्योंकि मैं अपनी डिग्री पाकिस्तान ही भूल गया था इसीलिए मुझे वह क्लर्क की नौकरी नहीं मिली शुरू में मैं मायूस रहा कि संघर्ष किया और आज मैं इस मुकाम पर हूं

अगर मेरे पास यह डिग्री उस वक्त होती तो मैं आज नेवी का क्लर्क होकर मर जाता मुझे कोई नहीं पहचानता। बच्चों को हुनर सीखने की सीख दीजिये

हमें भी अपने समाज के बच्चों को पढ़ाई के अलावा' कुछ ना कुछ हुनर भी सीखने के लिए ध्यान अवश्य दिलाना चाहिए। समाज का हर व्यक्ति जब कुछ ना कुछ हुनर जानने वाला होगा, बेरोजगारी की समस्या तभी हल होगी ।
यह संदेश हिन्दू स्वजनों तक पहुँचायें- #ABNetword 
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#सोशल_मीडिया ट्रेंड...
India to become a Hindu Rashtra, every Hindu should give 1 hour & 1 Rupee per day. If families come together to discuss about Dharma, it would expedite the process of establishing the ‘Hindu Rashtra’ !
- Jagadguru Shankaracharya Swami Nischalanand Saraswati
#We_Want_HinduRashtra -@HJSKarnataka
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#ProphetMuhammad Row: Rally in support of #NupurSharma held in Hyderabad
This rally is a reply to the Violent Muslims who are protesting across the country against Nupur Sharma for simply telling a truth
 #We_Want_HinduRashtra Delhi Police #ArrestZubair -@ca_rajeevgupta
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#We_Want_HinduRashtra
There is only 1 solution to all problems of Hindu society & nation, i.e. the establishment of a #HinduRashtra
It is Akhil Bharatiy Hindu Rashtra Adhiveshan happening the last 10 years, due to which the discussion of #HinduRashtra has commenced everywhere -@vishwanathkul
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Hindus became a minority in 9 states
Each year,15 lakh Hindus are being converted
For d 8th time again 3000 Hindus have to flee from Kashmir
Where is the honor,equality, brotherhood,justice & freedom for #Hindus ? 
So that #We_Want_HinduRashtra 
@HinduJagrutiOrg  @singhppratap - @HJS_Convener
सुनें / Listen-
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#ArrestZubair because he's the real life example of .... -@byehoe_baeno
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Islamist @zoo_bear who incited muslim terrorists for violence against #NupurSharma is himself a rabid Hindu hater blasphemer. Shouldn't he be punished?
#ArrestZubair -@tweetmani0
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"I Respect Islam to the Same Extent that a Muslim Respects Hinduism."
"I Respect Allah as much as a Muslim Respects Lord Ram."
#ArrestZubair 
#We_Want_HinduRashtra
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No tax on Waqf Board & No Government interference
No tax on Church although its the largest private owner of lands
But only Hindu Temples are under government control & its funds diverted for other projects
#We_Want_HinduRashtra to get away with it
#10th_Hindu_Adhiveshan_Goa -@Sanatan_Prabhat
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WORLD,
Why #We_Want_HinduRashtra ?
1. World's most ancient civilization and its Dharma has no state protection. Shouldn't it enjoy that ?
2. There are 152 Christian, 57 Islamic and 1 Jew nation. Then isn't it just to have "one" Hindu nation?
@vikramsampath @Vishnu_Jain1  -@SanatanPrabhat
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The Halal economy is growing at a frantic pace and it all handled through Islamic private bodies. The government has absolutely no control over these bodies. This raises a serious question about how these funds are utilised.
#We_Want_HinduRashtra ✊ -@tejasppawaskar
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Say No To Pseudo Secularism
We Need Equal Rights For Hindus...
#We_Want_HinduRashtra #10th_Hindu_Adhiveshan_Goa -@archanatambade
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Weakup Hindus 
#We_Want_HinduRashtra -@RamanVe69039405
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#We_Want_HinduRashtra 
What is the exact definition of Secularism ??? 
After seeing this. ... it's true definition is it to appease a particular community ...
Must watch #10th_Hindu_Adhiveshan_Goa  -@VaidyaPoonamS
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Hindus are oppressed at all levels in their own Hindu Majority country - politically, religiously, economically & morally!
#We_Want_HinduRashtra -  Not a revolution, but an evolution that leads to the creation of an 'Ideal Nation' known as Ramrajya
#10th_Hindu_Adhiveshan_Goa  -@PremPrakashHJS
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