Social Media : जो कहा, वो किया नहीं, जो किया, वो बताया नहीं, जो बताया, वह था नहीं, जो था वह गलत था...

 
आज के चुनिंदा पोस्ट्स, ट्वीट्स, वीडियो, कमेंट्स, वायरल...202206028
अदभुत व्यंग्य... 1977 में 'शरद जोशी' ने व्यंग्य लिखा, पढ़ें उसके कुछ अंश-
शिव सेना के संजय राउत, उनकी पत्नी और घोटाला... 
- अपने mood को change करने सुनें/देखें... कोर्ट में पहुंचे एक केस  
- क्या आप जानते हैं भारत के किस नेता ने आतंकी यासर अराफात को सम्मानित किया ?
- Disclaimer :
- ...तो पी.चिदंबरम अपमानित हुए या Expose ?  
- आप भी करें हिन्दी बोलने, लिखने का प्रयास... अब इन शब्दों को लिखें और बोलें
- गौरक्षा...  देखें-
- विश्व में सनातन हिन्दू धर्म का प्रभाव बढ़ रहा है, इसलिए ये... 
देखें-
क्या बॉलीवुड हिंदू धर्म का अपमान करता ही रहेगा ? 
- कौन है तीस्ता जावेद सेतलवाड, जिसका अमिताभ से भी बड़ा है बंगला ? 
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पढ़ें / देखें #सोशल_मीडिया की कुछ चुनिंदा प्रतिक्रिया... to be updated later 

.धर्म नगरी / DN News
(W.app- 8109107075 -न्यूज़, कवरेज, विज्ञापन व सदस्यों हेतु)

अदभुत व्यंग्य...  45 साल पहले लिखा, जो आज भी पूर्ण सत्य है 
वर्ष 1977 में 'शरद जोशी' ने जो व्यंग्य लिखा था, उसके कुछ अंश पढ़िए-
तीस साल का इतिहास साक्षी है, कांग्रेस ने, हमेशा संतुलन की नीति को बनाए रखा।
जो कहा, वो किया नहीं, जो किया, वो बताया नहीं, जो बताया, वह था नहीं, जो था वह गलत था।
अहिंसा की नीति पर विश्वास किया और उस नीति को संतुलित किया लाठी और गोली से..।
सत्य की नीति पर चली, पर सच बोलने वाले से, सदा नाराज रही।
पेड़ लगाने का आन्दोलन चलाया, और ठेके देकर जंगल के जंगल, साफ़ कर दिए।
राहत दी, मगर टैक्स बढ़ा दिए।
शराब के ठेके दिए, दारु के कारखाने खुलवाए, पर नशाबंदी का समर्थन करती रही।
हिंदी की, हिमायती रही, अंग्रेजी को, चालू रखा।
योजना बनायी, तो लागू नहीं होने दी,
लागू की, तो रोक दिया,
रोक दिया तो, चालू नहीं की।
समस्याएं उठी, तो कमीशन बैठे, रिपोर्ट आई तो पढ़ा नहीं।
कांग्रेस का इतिहास ,निरंतर संतुलन का इतिहास है।
समाजवाद की समर्थक रही,
पर पूंजीवाद को शिकायत का मौका नहीं दिया।
नारा दिया, तो पूरा नहीं किया।
प्राइवेट सेक्टर के खिलाफ, पब्लिक सेक्टर को खड़ा किया, पब्लिक सेक्टर के खिलाफ, प्राइवेट सेक्टर को।
दोनों के बीच, खुद खड़ी हो गई। तीस साल तक खड़ी रही।
एक को बढ़ने नहीं दिया, दूसरे को घटने नहीं दिया।

आत्मनिर्भरता पर जोर देते रहे, विदेशों से मदद मांगते रहे।
‘यूथ’ को बढ़ावा दिया, बुढ्ढो को टिकट दिया।
जो जीता, वह मुख्यमंत्री बना, जो हारा, सो गवर्नर हो गया।

जो केंद्र में बेकार था उसे राज्य में भेजा, जो राज्य में बेकार था, उसे केंद्र में ले आए। जो दोनों जगह बेकार थे, उसे एम्बेसेडर बना दिया।
वह देश का प्रतिनिधित्व करने लगा।
एकता पर जोर दिया, आपस में लड़ाते रहे।
जातिवाद का विरोध किया,
मगर वोट बैंक का, हमेशा ख्याल रखा।
प्रार्थनाएं सुनीं और भूल गए।

आश्वासन दिए, पर निभाए नहीं।
जिन्हें निभाया, वे आश्वश्त नहीं हुए।

मेहनत पर जोर दिया, अभिनन्दन करवाते रहे।
जनता की सुनते रहे, अफसर की मानते रहे।

शांति की अपील की, भाषण देते रहे।
खुद कुछ किया नहीं, दुसरे का होने नहीं दिया।

संतुलन की इन्तहां यह हुई कि, उत्तर में जोर था, तब दक्षिण में कमजोर थे।
दक्षिण में जीते तो, उत्तर में हार गए।
तीस साल तक पूरे,
पूरे तीस साल तक,
कांग्रेस एक सरकार नहीं, एक संतुलन का नाम था।

संतुलन,
तम्बू की तरह तनी रही,
गुब्बारे की तरह, फैली रही,
हवा की तरह, सनसनाती रही,
बर्फ सी जमी रही, पूरे तीस साल।

शरद जोशी का परिचय- 
हिन्दी भाषा के महान व्यंग्यकार, साहित्यकार, रंगमंच पर गद्य को स्थापित करने वाले स्व. शरद जोशी जी का जन्म 21 मई 1931 को मध्यप्रदेश के उज्जैन में हुआ था। आपने सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और राजनीतिक विसंगतियों को उन्होंने अत्यंत पैनी निगाह से देखा। अपनी पैनी कलम से बड़ी साफगोई के साथ उन्हें सटीक शब्दों में व्यक्त किया। 

शरद जोशी के व्यंग्य में हास्य, कड़वाहट, मनोविनोद और चुटीलापन दिखाई देता है, जो उन्हें जनप्रिय और लोकप्रिय रचनाकार,  पाठकों के मन से जुड़ने वाला व्यंग्यकार बनाता है । उन्होंने टेलीविज़न में लगभग तीन दशक पहले प्रसारित धारावाहिक- ‘ये जो है ज़िंदगी’, 'विक्रम बेताल', 'सिंहासन बत्तीसी', 'वाह जनाब', 'देवी जी', 'प्याले में तूफान', 'दाने अनार के' और 'ये दुनिया गजब की' आदि धारावाहिक लिखे। बीते सालों में 'सब' चैनल पर उनकी कहानियों और हास्य-व्यंग्य पर आधारित 'लापतागंज शरद जोशी की कहानियों का पता' बहुत पसंद किया गया। 

आपके व्यंग्य में कड़वाहट, चुटीलापन, हास्य नजर आता है। जीप पर सवार इल्लियां, परिक्रमा, किसी बहाने, तिलस्म, यथा संभव, हम भ्रष्टन के भ्रष्ट हमारे, वोट ले दरिया में डाल, घाव करें गंभीर आदि महान रचनाएं आपके द्वारा रचित हैं। आपको 1990 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा आपके सम्मान में लेखन क्षेत्र में विशेष कार्य को ‘शरद जोशी सम्मान’ से सम्मानित किया जाता है। हिन्दी लेखन क्षेत्र में, विशेष रूप से व्यंग्य के क्षेत्र में महान योगदान देते हुए आपने 5 सितंबर 1991 को इस नश्वर जगत को छोड़ दिया।
शरद जोशी के प्रसिद्ध कथन-  
“वोट क्या है ?
वोट एक इंजेक्शन है जो पांच साल में एक बार लगता है। “
“राजनीति के चरित्र में एक ही खूबी है कि उसका कोई चरित्र नहीं है।”
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शिव सेना के संजय राउत, उनकी पत्नी और घोटाला...  
अलीबाग की जमीन पर "चॉल घोटाला" में संजय राउत आरोपी हैं। ये घोटाला 1034 करोड़ का है। इसमे राउत की पत्नी भी लिप्त है। घोटाला पुराना है और आज के घटनाक्रम से इसका कोई संबंध नहीं है। लेकिन अब राउत इसे भाजपा का षड्यंत्र बताएंगे। राउत की गिरफ्तारी आज नहीं तो कल होना ही है। जांच में उसका नाम आ गया है। ये विशुद्ध राजनीतिक प्रतिशोध नहीं है किंतु बनाया जा रहा है। आईटी सेल की जिम्मेदारी बनती है कि वह १०३४ करोड़ का घोटाला महाघोटाला करके बताए। इसलिए ही तो आईटी सेलियों को वेतन पर रखा हुआ है।
परसो 25 Jun ही किसी ने फेसबुक का एक लेख शेयर किया था जिसमे बताया गया था कि संजय राउत बहुत बोल रहा है अगला नंबर इसी का होगा।
केंद्रीय एजेंसियों का जितना अच्छा उपयोग भाजपा कर रही है, उसे देखकर कांग्रेस भी शर्म से पानी-पानी हो रही होगी।
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संरक्षक चाहिए- "धर्म नगरी" के विस्तार, डिजिटल  DN News के प्रसार एवं एक तथ्यात्मक सूचनात्मक व रोचक (factual & informative & interesting), राष्ट्रवादी समसामयिक साप्ताहिक मैगजीन हेतु "संरक्षक" या NRI / इंवेस्टर चाहिए। उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड सहित अन्य राज्यों में स्थानीय रिपोर्टर या स्थानीय प्रतिनिधि (जहाँ रिपोर्टर/प्रतिनिधि नहीं हैं) तुरंत चाहिए।  -प्रबंध संपादक  
अपनी प्रतिक्रिया सबसे नीचे कमेंट बॉक्स में अवश्य दें... 

इसे भी पढ़ें, देखें- 
उद्धव-शिंदे युद्ध में पवार की भूमिका सक्रिय क्यों है ? 
अटल जी ने सुनाई थी दर्दनाक दास्तां...
- राजनितिक ज्ञान की बातें, सोशल मीडिया से... अन्य पोस्ट / लेख भी... 
http://www.dharmnagari.com/2022/06/Atal-Bihari-told-painful-story-Vah-to-Modi-par-Mahakal-ki-kripa-The-great-finisher-Rahul-Gandhi.html
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अपने mood को change करने सुनें/देखें... 
कोर्ट में पहुंचे एक केस (किसी फ़िल्म का अंश), जिसे महाराष्ट्र का विवाद लिख लोग viral कर रहे हैं-

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क्या आप जानते हैं भारत के किस नेता ने आतंकी 
यासर अराफात को  सम्मानित किया ?
जब एक आतंकवादी यासर अराफात ने इजरायल के खिलाफ फिलिस्तीन मुस्लिम राष्ट्र घोषित किया, तो फिलिस्तीन को मान्यता देने वाला पहला देश कौन था....?

सऊदी अरब ?  नहीं !
पाकिस्तान ?  नहीं !
अफगानिस्तान ?  नहीं, नहीं !
इराक ? - नहीं, बिलकुल नहीं !
तुर्की ? - नहीं !

सोचिए, किस देश ने सबसे पहले फ़िलिस्तीन को मान्यता दिया होगा ?
भारत...?  जी हाँ !
इंदिरा गांधी ने ही पहले मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए फिलिस्तीन को मान्यता दी और यासर अराफात जैसे आतंकवादी को "नेहरू शांति पुरस्कार" भी दिया। राजीव गांधी ने उन्हें " इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय शांति पुरस्कार " दिया।

अधिक आश्चर्यजनक...
राजीव गांधी ने उन्हें दुनिया भर में घूमने के लिए एक बोइंग उपहार के रूप में दिया था
वही अराफात ने ओआईसी (इस्लामिक देशों के संगठन) में कश्मीर को "पाकिस्तान का एक अभिन्न अंग" बताया, और कहा कि जब भी पाकिस्तान चाहेगा, मेरे लड़के कश्मीर की आजादी के लिए लड़ेंगे।

इंदिरा गांधी ने उन्हें "नेहरू शांति पुरस्कार" दिया, जिसमें एक करोड़ रुपए नकद और दो सौ ग्राम सोने से बनी ढाल शामिल है !
सोचिए, 1988 में यानी 34 साल पहले, एक करोड़ रुपये की कीमत क्या होगी ? (डेढ़ अरब से ऊपर) अब ये कांग्रेस पार्टी मोदी जी को सिखा रही है "विदेश नीति कैसे होती है ?

आप सभी यह तय करने के लिए स्वतंत्र हैं- कि कौन देशद्रोही है और कौन देशभक्त...!
 जागो-जागो  नहीं तो भविष्य में यह राष्ट्र ना बचेगा और ना हमारा धर्म....!
जय हिंद - जय भारत    

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Disclaimer : अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अंतर्गत हमारा संविधान हमे अपनी बात या पक्ष कहने की अनुमति देता है इस कॉलम "आज के चुनिंदा पोस्ट्स, ट्वीट्स, कमेंट्स..." में कमेंट व पोस्ट SOCIAL MEDIA से ली गई है, यह जरूरी नहीं की सभी पोस्ट या पोस्ट की जानकारी अक्षरशः सत्य हों, हम यथासंभव हर पोस्ट की सत्यता परख कर इस कॉलम में लेते हैं, फिर भी हम सभी पोस्ट एवं उनकी सभी तथ्यों से पूर्ण सहमत नहीं हैं -सम्पादक 
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...तो पी.चिदंबरम अपमानित हुए या Expose ?  
रघुराम राजन की शिकायत के बारे में कल एक पत्रकार के सवाल का जवाब देने में असमर्थ पी चिदंबरम ने शो आधा रद्द कर दिया और चले गए।
साक्षात्कार के अंश-
रिपोर्टर : क्या आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने आपसे शिकायत की है कि आपने भारतीय रुपये की छपाई की मशीन पाकिस्तान को बेच दी है?
चिदंबरम : यह सच है जैसे ही मशीन का जीवन समाप्त हुआ हमने उस पर बोली लगाने के लिए निविदा दी पाकिस्तानी कंपनी ज्यादा बोली लगाने वाली थी हमने बेच दिया।

रिपोर्टर : क्या यह सही है कि आपने यह जानते हुए भी कि पाकिस्तान में हमारे भारतीय रुपये के नोट जाली हो रहे हैं, मशीन को पाकिस्तान को बेच दिया ?
चिदंबरम : मैं अनुमान के आधार पर प्रश्नों का उत्तर नहीं दे सकता, पाकिस्तान एक अच्छा देश है।

रिपोर्टर : रिजर्व बैंक ने जहां कहा है कि 500, 1000 रुपये के 99 फीसदी नोट बैंक को वापस कर दिए गए हैं वहीं आपने कहा है कि अगर कांग्रेस दोबारा सत्ता में आई तो हम पुराने रुपये के नोटों को वैध कर देंगे तो क्या यह सच है कि आपने पाकिस्तान में 5 लाख करोड़ रुपये के मूल्यवर्ग में जमा कर दिया, 500 और 1000 रुपए के रूप में गवर्नर ने कहा?

चिदंबरम : कांग्रेस को सत्ता में आने दो… वह उठा और गुस्से में चला गया, शो आधा हो चुका था।
तमिलनाडु से...  

रघुराम राजन का कबूलनामा 
"मुद्रा संकट के दौरान कुल 15 लाख करोड़ 500 और 1000 रुपये के नोटों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था सरकार ने घोषणा की कि वे सभी वापस आ गए हैं लेकिन वास्तव में केवल 10 लाख करोड़ ही वापस आए।  हमने झूठ बोलने का कारण यह है कि बाकी 5 लाख करोड़ का मालिक कौन है? और उनका अगला कदम क्या है ? इस पर नजर रखना है।

जब यह तथ्य सामने आया कि केंद्र सरकार और मेरे बीच संघर्ष की प्रवृत्ति ने एक आदर्श नाटक का कारण बना और मैंने रिजर्व बैंक के गवर्नर के पद से इस्तीफा दे दिया। मुझे पता चला है कि कुल पैसा कहां है ? अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो वे सब कुछ वैध नोट में बदल देंगे।

इतना ही नहीं पाकिस्तानी उग्रवादियों को पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम।
इसके लिए अकेले पी चिदंबरम को 10 करोड़ रुपये का तोहफा मिला है।

इस मशीन से उन्होंने पाकिस्तान से भारत में करीब 8 लाख करोड़ रुपए की भारतीय मुद्रा की तस्करी करने की योजना बनाई थी, मुझे गोपनीय जानकारी मिली और मैं इसे प्रधानमंत्री मोदी के पास ले गया और उन्हें बताया; इसके तुरन्त बाद उन्होंने 500 और 1000 रुपये के नोटों को अमान्य घोषित कर दिया... वह इतना तेज है कि कोई और सोच भी नहीं सकता।

अगर वह 8 लाख करोड़ रुपये देश में घुस गए होते, तो इस बार भारत सोमालिया बन गया होता।
देश के बाहर कुल 13 लाख करोड़ रुपए की जाली मुद्रा तैयार है अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो पूरा हिस्सा देश में वापस आ जाएगा गिरेगा देश।

सुप्रीम कोर्ट में ( को) मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुनवाई के दौरान
अंग्रेजी से हिंदी गूगल अनुवाद
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आप भी करें हिन्दी बोलने, लिखने का प्रयास...
ये वो उर्दू के शब्द जो आप प्रतिदिन प्रयोग करते हैं, 
इन शब्दों को त्याग कर मातृभाषा का प्रयोग करें...
      उर्दू                हिंदी
01 ईमानदार       - निष्ठावान
02 इंतजार         - प्रतीक्षा
03 इत्तेफाक       - संयोग
04 सिर्फ            - केवल, मात्र
05 शहीद           - बलिदान
06 यकीन          - विश्वास, भरोसा
07 इस्तकबाल    - स्वागत
08 इस्तेमाल       - उपयोग, प्रयोग
09 किताब         - पुस्तक
10 मुल्क            - देश
11 कर्ज़             - ऋण
12 तारीफ़          - प्रशंसा
13 तारीख          - दिनांक, तिथि
14 इल्ज़ाम         - आरोप
15 गुनाह            - अपराध
16 शुक्रीया          - धन्यवाद, आभार
17 सलाम           - नमस्कार, प्रणाम
18 मशहूर           - प्रसिद्ध
19 अगर             - यदि
20 ऐतराज़          - आपत्ति
21 सियासत        - राजनीति
22 इंतकाम          - प्रतिशोध
23 इज्ज़त           - मान, प्रतिष्ठा
24 इलाका           - क्षेत्र
25 एहसान          - आभार, उपकार
26 अहसानफरामोश - कृतघ्न
27 मसला            - समस्या
28 इश्तेहार          - विज्ञापन
29 इम्तेहान          - परीक्षा
30 कुबूल             - स्वीकार
31 मजबूर            - विवश
32 मंजूरी             - स्वीकृति
33 इंतकाल          - मृत्यु, निधन 
34 बेइज्जती         - तिरस्कार
35 दस्तखत          - हस्ताक्षर
36 हैरानी              - आश्चर्य
37 कोशिश            - प्रयास, चेष्टा
38 किस्मत            - भाग्य
39 फै़सला             - निर्णय
40 हक                 - अधिकार
41 मुमकिन           - संभव
42 फर्ज़                - कर्तव्य
43 उम्र                  - आयु
44 साल                - वर्ष
45 शर्म                 - लज्जा
46 सवाल              - प्रश्न
47 जवाब              - उत्तर
48 जिम्मेदार          - उत्तरदायी
49 फतह               - विजय
50 धोखा               - छल
51 काबिल             - योग्य
52 करीब               - समीप, निकट
53 जिंदगी              - जीवन
54 हकीकत            - सत्य
55 झूठ                  - मिथ्या, असत्य
56 जल्दी                - शीघ्र
57 इनाम                - पुरस्कार
58 तोहफ़ा              - उपहार
59 इलाज               - उपचार
60 हुक्म                 - आदेश
61 शक                  - संदेह
62 ख्वाब                - स्वप्न
63 तब्दील              - परिवर्तित
64 कसूर                 - दोष
65 बेकसूर              - निर्दोष
66 कामयाब            - सफल
67 गुलाम                - दास
68 जन्नत                -स्वर्ग 
69 जहन्नुम             -नर्क
70 खौ़फ                   -डर
71 जश्न                  -उत्सव
72 मुबारक             -बधाई/शुभेच्छा
73 लिहाजा़             -इसलीए
74 निकाह             -विवाह/शादि
75 आशिक            -प्रेमी 
76 माशुका             -प्रेमिका 
77 हकीम              -वैध
78 नवाब               -राजसाहब
79 रुह                  -आत्मा 
80 खु़दकुशी          -आत्महत्या 
81 इज़हार             -प्रस्ताव
82 बादशाह           -राजा/महाराजा
83 ख़्वाहिश          -महत्वाकांक्षा
84 जिस्म             -शरीर/अंग
85 हैवान             -दैत्य/असुर
86 रहम              -दया
87 बेरहम            -बेदर्द/दर्दनाक
88 खा़रिज           -रद्द
89 इस्तीफ़ा          -त्यागपत्र 
90 रोशनी            -प्रकाश 
91मसीहा             -देवदुत
92 पाक              -पवित्र
93 क़त्ल              -हत्या 
94 कातिल           -हत्यारा
95 मुहैया             - उपलब्ध
96 फ़ीसदी           - प्रतिशत
97 कायल           - प्रशंसक
98 मुरीद             - भक्त
99 कींमत           - मूल्य (मुद्रा में)
100 वक्त            - समय
101 सुकून        - शाँति
102 आराम       - विश्राम
103 मशरूफ़    - व्यस्त
104 हसीन       - सुंदर
105 कुदरत      - प्रकृति
106 करिश्मा    - चमत्कार
107 इजाद       - आविष्कार
108 ज़रूरत     - आवश्यक्ता
109 ज़रूर       - अवश्य
110 बेहद        - असीम
111 तहत       - अनुसार
इनके अतिरिक्त हम प्रतिदिन अनायास ही अनेक उर्दू शब्द प्रयोग में लेते हैं ! कारण है ये बोलिवुड और मीडीया जो एक इस्लामी षड़यंत्र के अनुसार हमारी मातृभाषा पर ग्रहण लगाते आ रहे हैं।
हिन्दी हमारी राजभाषा एवं मातृभाषा हैं इसका सम्मान करें।
भाषा बचाईये, संस्कृति बचाईये.
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गौरक्षा...   
ऐसा दृश्य आपने कभी फिल्मों में शायद देखा हो ! देखें कैसे गौरक्षको ने जान की बाजी पे 10 गौमाता को बचाया
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विश्व में सनातन हिन्दू धर्म का प्रभाव बढ़ रहा है, इसलिए ये...
बहुसंख्यक हिन्दू अपने व धर्म-राष्ट्र के अपमान के विरुद्ध भारत में तेजी जाग रहे हैं, तो हिन्दुत्व पूरी दुनिया में बहुत तेजी से फैलता जा रहा है... इसलिए उसका विरोध होना भी स्वाभाविक है, जैसे अमेरिका में, देखें वीडियो क्लिप- 
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क्या बॉलीवुड हिंदू धर्म का अपमान करता ही रहेगा ? 
कब तक ऐसी बकवास फिल्में हिन्दू देखते और थोड़े से #Boycottbollywood लिखते रहेंगे ! 

विलेन के माथे पर शिव त्रिपुंड तिलक, चोटी और नाम शुद्ध हिंदू वाला… हीरो का कोई धर्म नहीं...
एक बार पुनः बॉलीवुड हिंदू धर्म का अपमान करने पर उतर आया है,क्योंकि हिंदू क्षणिक जागरूकता पर अडिग होकर निठल्ला बन जाता है।

♦️ फिल्म के ट्रेलर में हीरो रणबीर कपूर कहता है कि ‘मेरा कोई धर्म नहीं है लेकिन विलेन को साफ तौर पर हिंदू दिखाया गया है। वाओ क्या कमाल की फिल्म है..बॉलीवुड में आज से नहीं बल्कि लंबे समय से हिंदू धर्म का मजाक बनाया जा रहा है। आज बड़ी बजट की फिल्मों में भी भगवान पर जोक है।


♦️ फिल्म का ट्रेलर देखने पर साफ पता चल रहा है कि फिल्म का विलेन बने संजय दत्त को जानबूझकर चोटी दिखाई गई है उसके माथे पर भगवान शिव का त्रिपुंड तिलक लगाया गया है और उसे शुद्ध सिंह नाम देकर शुद्ध हिंदू के तौर पर दिखाया गया है, जबकि हीरो बने रणबीर कपूर आदिवासी ट्राइबल हैं और उनका कोई धर्म नहीं है।

आखिर क्यों विलेन के माथे पर भगवान शिव का पवित्र त्रिपुंड तिलक दिखाया गया ? उसके मस्तिष्क पर चोटी दिखाई गई ? क्या इसके बिना विलन का रूप नहीं हो सकता था ? यह सारे वह सवाल हैं जो बॉलीवुड वालो की नापाक मंशा को जाहिर करते हैं।
अब बॉलीवुड का संपूर्ण बहिष्कार ही एकमात्र समाधान है।  
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कौन है तीस्ता जावेद सेतलवाड, जिसका अमिताभ से भी बड़ा है बंगला ? 
अंग्रेजो के नौकर जस्टिस "आगा हुसैन" ने भगत सिंह के पूरे केस की सुनवाई की थी और सजा लिखी थी, लेकिन सजा सुनाने के समय छुट्टी पर चले गए थे और सजा सुनाने का काम अंग्रेजों के एक और नौकर जस्टिस शादीलाल ने किया था जस्टिस आगा हुसैन और जस्टिस शादीलाल दोनों कांग्रेस से जुड़े हुए थे

इससे पहले वीर सावरकर को भी कालापानी की सजा किसी अंग्रेज ने नहीं, बल्कि अंग्रेजों के एक नौकर जस्टिस नारायण गणेश चंदावरकर खरे ने सुनाई थी, जो कांग्रेस का पूर्व अध्यक्ष था 
आप गूगल पर सर्च कर सकते हैं नारायण गणेश चंद्राकर की मूर्ति मुंबई यूनिवर्सिटी में लगी है

जब जलियांवाला बाग का आदेश देने वाले जनरल डायर पर पूरे विश्व की मीडिया में पूछ हुआ, तब अंग्रेजों ने जलियांवाला बाग़ की जांच के लिए एक "हंटर कमेटी" बनाई। लॉर्ड विलियम हंटर इस कमेटी के अध्यक्ष थे और इस कमेटी में केवल दो भारतीय थे पंडित जगत नारायण मूल्ला और दूसरे थे सर चिमनलाल हीरालाल सेतलवाड 

पं. जगत नारायण मुल्ला मोती लाल नेहरू के घनिष्ठ मित्र और उनके छोटे भाई नन्दलाल नेहरू के समधी थे। अंग्रेजों ने विश्व के सामने यह दिखाने के लिए दो भारतीयों पंडित जगत नारायण मुल्ला और सर चिमनलाल हीरालाल सेतलवाड को हंटर आयोग का सदस्य बनाया था, लेकिन यह दोनों अंग्रेजों के पाले हुए गुलाम थे। और जिसकी उम्मीद थी, वही हुआ यानी हंटर आयोग ने सर्वसम्मति से जनरल डायर को जलियांवाला बाग के से बरी कर दिया। इसका इनाम अंग्रेजों ने चमन लाल हीरा लाल सेतलवाड को सर की उपाधि देकर नवाजा

जगत नारायण मुल्ला तो नेहरु के सगे रिश्तेदार थे और सर चिमन लाल हीरा लाल सेतलवाड नेहरू के बहुत अच्छे मित्र थे
देश आजाद होने के बाद प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने उनके पुत्र एम. सी. सीतलवाड़ को भारत का पहला अटार्नी जनरल (1950 से 1963) बनाया था
 चिमन सीतलवाड़ तीस्ता चिमन सीतलवाड़ के सगे परदादा थे

एमसी सीतलवाड़ का बेटा था अतुल सेतलवाड, जो मुंबई हाई कोर्ट का वकील था और घोर सेकुलर था। इसी अतुल की बेटी है तीस्ता जावेद सेतलवाड। दरअसल इसके घर एक कट्टर जिहादी जावेद आनंद का आना जाना था और इस तरह से तीस्ता जावेद लव जिहाद में फंसकर इस्लाम कबूल कर ली और जावेद आनंद से निकाह कर ली।

मुंबई के पॉश एरिया जुहू में "निरान्त" बंगला   
जब आप मुंबई में मुंबई के पॉश एरिया जुहू में घूमेंगे तब जूहू तारा रोड पर अमिताभ बच्चन के बंगले के बाद 2-3 बड़े उद्योगपतियों के बंगले है फिर एक बहुत विशाल बंगला आपको दिखेगा, 
 जिसका नाम है निरान्त।

यह बंगला अमिताभ बच्चन के बंगले से भी 3 गुना बड़ा है इस बंगले में करीब 3 एकड़ का लॉन है और बेहद आलीशान बंगला है आप सोच में पड़ जाएंगे, कि आखिर यह किस उद्योगपति का मुंबई के जुहू जैसे पास एरिया में इतना आलीशान बंगला है... और यह बंगला तीस्ता जावेद सीतलवाड़ का है
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बंगाल में 68 लाख से ज्यादा राशन कार्ड रद किए गए 
फर्जी राशन कार्ड बनाने में बंगाल दूसरे नंबर पर  "दैनिक जागरण" 
ये सब कांग्रेस राज मे होता था कोई गरीब का राशन खा जाता था कोई गरीबों का हक अमीर को खिलाता था। अमीर को कभी सरम नही आई गरीब का हक खाने में जिस जिस ने गरीब का हक खाया उसको विनाश निश्चित है।

इसीलिए सारे चोर लुटेरे दिन रात बस एक ही सपना देखते हैं मोदी हटाओ लूट कर भाग जाओ।
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