जापान के पूर्व PM शिंजो आबे को कैमरे की शक्ल वाली गन से मारी गोली, पहली नहीं दूसरी गोली लगी जब वह पीछे मुड़े


भारत के सहयोगी थे, "पद्म विभूषण" से उनको सम्मानित किया था  
- जापान में हो रहे उच्च सदन के चुनाव के लिए कैंपेनिंग कर रहे थे 
आबे 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशेष रूप स्वर्गीय शिंजो आबे को स्मरण करते हुए लिखा-  
मेरे मित्र शिंजो आबे... (पूरा पढ़ें, देखें )
- #सोशल_मीडिया में चुनिंदा प्रतिक्रियाएं...  

जापान के पूर्व PM शिंजो आबे, हमले के बाद घटनास्थल का दृश्य (दाएं)
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धर्म नगरी / DN News
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- राजेश पाठक (अवैतनिक संपादक) 9752404020  
जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे पर हमला हुआ है। उन्हें गोली मारी गई है। शिंजो आबे पश्चिमी जापान के नारा शहर में भाषण दे रहे थे, इसी दौरान उन पर हमला हुआ। उनके सीने में गोली लगी है। गोली लगते ही वह सड़क पर गिर गए
। उनके शरीर से खून निकल रहा था। जापान में दमकल अधिकारी ने बताया, कि गोली लगने के बाद शिंजो आबे को विमान से अस्पताल ले जाते समय उनकी सांस नहीं चल रही थी, हृदय गति रुक गयी थी। वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आबे अत्यंत गंभीर रूप से घायल हैं। संदिग्ध हमलावर को सुरक्षाकर्मियों ने घटनास्थल से पकड़ लिया गया।  

कैमरे जैसा दिखने वाली गन जिससे शिंजो आबे पर गोली मारी गई Closer look of the weapon used
कैमरे जैसा दिखने वाली गन से शिंजो आबे पर हमला किया गया
 गन को स्वयं से बनाया गया (सेल्फ मेड) लगता है, क्योंकि विश्व के अत्यंत सुरक्षित देशों में एक जापान में हथियारों पर पूर्ण रूप से कठोरता से प्रतिबंध है। प्रायः जापान के लोग गन को नहीं जानते और अगर उन्हें गन दिख जाए, तो डर जाते हैं। जापान के एयरपोर्ट पर सिक्योरिटी इतनी कड़ी होती है, कि कोई भी व्यक्ति किसी तरह का हथियार नहीं ले जा सकता। यद्यपि जापान में छोटी-मोटी हमले की घटनाएं एक-दो बार हुई है, जिसमें मेट्रो में जहरीली गैस छोड़ने की घटना है, लेकिन ऐसे हमले संभवतः कभी नहीं हुए

भारत के साथ जापान के बहुत अच्छे संबंध हैं, जिसका बड़ा श्रेय शिंज़ो आबे को भी है जापान के साथ अत्यंत मैत्रीपूर्ण संबंध के कारण भी भारत की वैश्विक छवि बहुत अच्छी बनी बीते वर्ष 2021 में उन्हें भारत ने "पद्म विभूषण" से सम्मानित किया था वर्तमान में जापान का भारत में लगभग तीन लाख 20 हजार करोड़ रु का निवेश है 
देखें- (वीडियो #साभार)- 

 
शिंज़ो आबे पर हमला शुक्रवार (8 जुलाई 2022) को स्थानीय समयानुसार दिन में 11:30 बजे हुआ। आबे को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनकी स्थिति अत्यंत गंभीर बताई जा रही है। हमले के समय दो बार गोली चलने जैसी आवाज सुनी गई। 
गोली लगने के पश्चात सड़क पर गिरे पूर्व प्रधानमंत्री 
हमलावर को घटनास्थल से गिरफ़्तार कर लिया गया। घटनास्थल पर "NHK वर्ल्ड न्यूज" के एक रिपोर्टर ने कहा, कि आबे के भाषण के दौरान उन्हें लगातार दो धमाके की आवाज सुनाई दी। जापान टाइम्स के अनुसार, शिंजो आबे पर शुक्रवार को नारा की एक सड़क पर भाषण देने के दौरान पीछे से एक व्यक्ति ने हमला किया।

उल्लेखनीय है, जापान में उच्च सदन के चुनाव होने हैं, जिसके लिए शिंजो आबे रोड के किनारे प्रचार करते हुए भाषण दे रहे थे, जब उनपर पीछे से गोली मारी गई। हमले के बाद के कुछ वीडियो भी अब सामने आने लगे हैं। इसमें वहाँ भगदड़ की स्थिति साफ देखी जा सकती है। शिंजो आबे सबसे लंबे समय तक जापान के प्रधानमंत्री रहे। आबे ने अगस्त 2020 में खराब स्वास्थ्य के कारण पद छोड़ दिया था। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खास दोस्त हैं। कई मौकों पर पीएम और शिंजो एक-दूसरे को याद कर चुके हैं। पिछले साल ही भारत ने शिंजो आबे को पद्म विभूषण से सम्मानित किया था।

सेल्फ डिफेंस फोर्स का सदस्य है हमलावर-

हमलावर पकड़ा गया
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हमलावर ने पहली गोली चलाई, तो शिंज़ो आबे को नहीं लगी, उसकी आवाज सुनकर जब वह  पीछे मुड़े, उसी समय हत्यारे ने दूसरी गोली चला दी. उनके पीछे मुड़ने से उनका सीना (पीछे खड़ा) हमलावर के सामने हो गया. ठीक उसी समय उसने दुसरी गोली चलाई, जो आबे जी के सीना में लगी।चूँकि जापान में "गन कल्चर" बिल्कुल नहीं है, इसलिए पहली गोली चलने के समय पूर्व PM शिंजो आबे, उनके सिक्योरिटी गार्ड सही वहाँ उनके भाषण को सुनने के लिए उपस्थित लोग बहुत अधिक नहीं चौंके ।    
देखें...  

कल 9 जुलाई को राष्‍ट्रीय शोक की घोषणा 
राष्ट्र ने जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के निधन पर शोक व्यक्त किया। सरकार ने कल (9 जुलाई) एक दिन के राष्‍ट्रीय शोक की घोषणा की है। राष्‍ट्रपति राम नाथ कोविंद, उपराष्‍ट्रपति एम. वेंकैया नायडु और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिंजो आबे के निधन पर गहरा दुख व्‍यक्‍त किया है। श्री आबे को आज सुबह पश्चिमी जापान में एक चुनावी भाषण के दौरान गोली मार दी गई थी। जापानी मीडिया के हवाले से उनके निधन की पुष्टि की गई।
राष्‍ट्रपति ने कहा, श्री शिंजो एक महान राजनेता थे और वे इतने मिलनसार थे कि दुनियाभर में उन्‍हें पसंद किया जाता था। उनका निधन पूरी मानवता के लिए एक त्रासदी है।
उपराष्‍ट्रपति ने कहा, श्री शिंजो आबे ने भारत-जापान संबंधों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (8 जुलाई) नई दिल्‍ली में एक समारोह में कहा कि वे इस घटना से स्‍तब्‍ध हैं। उन्होंने कहा-
"...आज का दिन मेरे लिए अपूर्णीय क्षति और असहनीय पीडा का दिन है। मेरे घनिष्‍ठ मित्र और जापान के पूर्व प्रधानमंत्री श्री शिंजो आबे अब हमारे बीच नहीं रहे हैं। आबे जी मेरे तो साथी थे ही वो भारत के भी उतने ही विश्‍वसनीय दोस्‍त थे। उनके कार्यकाल में भारत-जापान में उनके जो राजनीतिक संबंध थे हमारे, उनको नई ऊंचाई तो मिली ही, हमने दोनों देशों की साझी विरासत से जुडे रिश्‍तों को भी खूब आगे बढाया। आज भारत की विकास की जो गति है, जापान के सहयोग से हमारे यहां जो कार्य हो रहे हैं, इनके जरिए शिंजो आबे जी भारत के जन-मन में सालों तक बसे रहेंगे। मैं एक बार फिर दु:खी मन से मेरे दोस्‍त को श्रद्धांजलि देता हूं।"

श्री मोदी ने बताया, कि श्री आबे के सम्‍मान में कल (9 जुलाई) भारत में एक दिन का राष्‍ट्रीय शोक रखा जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले कई वर्षों में गुजरात के मुख्‍यमंत्री के कार्यकाल के दौरान से ही उनके श्री आबे के साथ गहरे संबंध रहे और प्रधानमंत्री बनने के बाद भी यह मित्रता जारी रही है। श्री मोदी ने कहा कि अर्थव्‍यवस्‍था और अंतर्राष्‍ट्रीय मामलों में श्री आबे की गहरी समझ ने उन्‍हें प्रभावित किया।

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, कि भारत-जापान संबंधों को मजबूत करने के श्री आबे के प्रयास सदैव याद किए जाएंगे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत ने एक करीबी मित्र खो दिया है और श्री आबे को उनकी कूटनीति के लिए सदैव याद किया जाएगा। सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, श्री आबे भारत के सच्‍चे मित्र थे और दुनिया ने एक लोकप्रिय राजनेता को खो दिया।
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मेरे मित्र शिंजो आबे...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान के पूर्व PM स्वर्गीय शिंजो आबे को स्मरण करते हुए (अपने ट्वीट पर July 8, 2022 | 22:39 IST अटैच करते हुए विशेष-मैत्री special-camaraderie का उल्लेख करते हुए अपने मनोभव) लिखा-

शिंजो आबे न सिर्फ जापान की एक महान विभूति थे, बल्कि विशाल व्यक्तित्व के धनी एक वैश्विक राजनेता थे। भारत-जापान की मित्रता के वे बहुत बड़े हिमायती थे। बहुत दुखद है कि अब वे हमारे बीच नहीं हैं। उनके असमय चले जाने से जहां जापान के साथ पूरी दुनिया ने एक बहुत बड़ा विजनरी लीडर खो दिया है, तो वहीं मैंने अपना एक प्रिय दोस्त…।

आज उनके साथ बिताया हर पल मुझे याद आ रहा है। चाहे वो क्योटो में ‘तोज़ी टेंपल’ की यात्रा हो, शिंकासेन में साथ-साथ सफर का आनंद हो, अहमदाबाद में साबरमती आश्रम जाना हो, काशी में गंगा आरती का आध्यात्मिक अवसर हो या फिर टोक्यो की ‘टी सेरेमनी’, यादगार पलों की ये लिस्ट बहुत लंबी है।












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मैं उस क्षण को कभी भूल नहीं सकता , जब मुझे माउंट फूजी की तलहटी में में बसे बेहद ही खूबसूरत यामानाशी प्रीफेक्चर में उनके घर जाने का मौका मिला था। मैं इस सम्मान को सदा अपने हृदय में संजोकर रखूंगा।


शिंजो आबे और मेरे बीच सिर्फ औपचारिक रिश्ता नहीं था। 2007 और 2012 के बीच और फिर 2020 के बाद, जब वे प्रधानमंत्री नहीं थे, तब भी हमारा व्यक्तिगत जुड़ाव हमेशा की तरह उतना ही मजबूत बना रहा।
आबे सान से मिलना हमेशा ही मेरे लिए बहुत ज्ञानवर्धक, बहुत ही उत्साहित करने वाला होता था। उनके पास हमेशा नए आइडियाज का भंडार होता था। इसका दायरा गवर्नेंस और इकॉनॉमी से लेकर कल्चर और विदेश नीति तक बहुत ही व्यापक था। वे इन सभी मुद्दों की गहरी समझ रखते थे।

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उनकी बातों ने मुझे गुजरात के आर्थिक विकास को लेकर नई सोच के लिए प्रेरित किया। इतना ही नहीं, उनके सतत सहयोग से गुजरात और जापान के बीच वाइब्रेंट पार्टनरशिप के निर्माण को बड़ी ताकत मिली।
भारत और जापान के बीच सामरिक साझेदारी को लेकर उनके साथ काम करना भी मेरे लिए सौभाग्य की बात थी। इसके जरिए इस दिशा में अभूतपूर्व बदलाव देखने को मिला।


पहले जहां दोनों देशों के आपसी रिश्ते केवल आर्थिक संबंध तक सीमित थे, वहीं आबे सान इसे व्यापक विस्तार देने के लिए आगे बढ़े। इससे दोनों देशों के बीच राष्ट्रीय महत्त्व के मुद्दों पर न केवल तालमेल बढ़ा, बल्कि पूरे क्षेत्र की सुरक्षा को भी नया बल मिला।
वे मानते थे कि भारत और जापान के आपसी रिश्तों की मजबूती, न सिर्फ दोनों देशों के लोगों, बल्कि पूरी दुनिया के हित में है। वे भारत के साथ सिविल न्यूक्लियर एग्रीमेंट के लिए दृढ़ थे, जबकि उनके देश के लिए ये काफी मुश्किल काम था। भारत में हाई स्पीड रेल के लिए हुए समझौते को बेहद उदार रखने में भी उन्होंने निर्णायक भूमिका निभाई। न्यू इंडिया तेजी से विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है, तो उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि जापान कंधे से कंधा मिलाकर हर कदम पर भारत के साथ खड़ा रहेगा। भारत की आजादी के बाद इस सबसे महत्वपूर्ण कालखंड में उनका यह योगदान बेहद अहम है।
भारत -जापान संबंधों को मजबूती देने में उन्होंने ऐतिहासिक योगदान दिया, जिसके लिए वर्ष 2021 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।


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आबे सान को दुनियाभर की उथलपुथल और तेजी से हो रहे बदलावों की गहरी समझ थी। उनमें दूरदर्शिता भरी थी और यही वजह थी कि वे वैश्विक घटनाक्रमों का राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर होने वाला प्रभाव, पहले ही भांप लेते थे। ये समझ कि किन विकल्पों को चुनना है, किस तरह के स्पष्ट और साहसिक फैसले लेने हैं, समझौतों की बात हो या फिर अपने लोगों और दुनिया को साथ लेकर चलने की बात, उनकी बुद्धिमत्ता का हर कोई कायल था। उनकी दूरगामी नीतियों – आबेनॉमिक्स - ने जापानी अर्थव्यवस्था को फिर से मजबूत किया और अपने देश के लोगों में इनोवेशन और आंत्रप्रन्योरशिप की भावना को नई ऊर्जा दी।

उन्होंने जो मजबूत विरासत हम लोगों के लिए छोड़ी है, उसके लिए पूरी दुनिया हमेशा उनकी ऋणी रहेगी। उन्होंने पूरे विश्व में बदलती परिस्थितियों को न केवल सही समय पर पहचाना, बल्कि अपने नेतृत्व में उसके अनुरूप समाधान भी दिया।
भारतीय संसद में वर्ष 2007 के अपने संबोधन में उन्होंने इंडो-पेसिफिक क्षेत्र के उदय की नींव रखी, साथ ही ये विजन प्रस्तुत किया कि किस प्रकार ये क्षेत्र इस सदी में राजनीतिक, रणनीतिक और आर्थिक रूप से पूरी दुनिया को एक नया आकार देने वाला है।



इसके साथ ही वे इसकी रूपरेखा तैयार करने में भी आगे रहे। उन्होंने इसमें स्थायित्व और सुरक्षा के साथ शांत और समृद्ध भविष्य का एक ऐसा दृष्टिकोण अपनाया, जिसमें वे अटूट विश्वास रखते थे। ये उन मूल्यों पर आधारित था, जिसमें संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता सर्वोपरि थी। इसमें अंतर्राष्ट्रीय कानूनों-नियमों और बराबरी के स्तर पर शांतिपूर्ण वैश्विक संबंधों पर भी जोर था। इसमें आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देकर हर किसी के लिए समृद्धि के द्वार खोलने का अवसर था।
चाहे Quad हो या ASEAN के नेतृत्व वाला मंच, इंडो पेसिफिक ओशन्स इनिशिएटिव हो या फिर एशिया-अफ्रीका ग्रोथ कॉरिडोर या Coalition for Disaster Resilient Infrastructure, उनके योगदान से इन सभी संगठनों को लाभ पहुंचा है। इंडो-पेसिफिक क्षेत्र में उन्होंने घरेलू चुनौतियों और दुनियाभर के संदेहों को पीछे छोड़कर, शांतिपूर्ण तरीके से डिफेंस, कनेक्टिविटी, इंफ्रास्ट्रक्चर और सस्टेनेबिलिटी समेत जापान के सामरिक जुड़ाव में आमूलचूल परिवर्तन लाने का काम किया है। उनके इसी प्रयास के कारण यह पूरा क्षेत्र आज बहुत आशान्वित है और पूरा विश्व अपने भविष्य को लेकर कहीं अधिक आश्वस्त है।



मुझे इसी वर्ष मई में जापान यात्रा के दौरान आबे सान से मिलने का अवसर मिला। उन्होंने उसी समय जापान-इंडिया एसोसिएशन के अध्यक्ष का पदभार संभाला था। उस समय भी वे अपने कार्यों को लेकर पहले की तरह ही उत्साहित थे, उनका करिश्माई व्यक्तित्व हर किसी को आकर्षित करने वाला था। उनकी हाजिरजवाबी देखते ही बनती थी। उनके पास भारत-जापान मैत्री को और मजबूत बनाने को लेकर कई नए आइडियाज थे। उस दिन जब मैं उनसे मिलकर निकला, तब यह कल्पना भी नहीं की जा सकती थी कि हमारी यह आखिरी मुलाकात होगी।

वह हमेशा अपनी आत्मीयता, बुद्धिमत्ता, व्यक्तित्व की गंभीरता, अपनी सादगी, अपनी मित्रता, अपने सुझावों, अपने मार्गदर्शन के लिए बहुत याद आएंगे।

उनका जाना हम भारतीयों के लिए भी ठीक उसी प्रकार दुखी करने वाला है, मानो घर का कोई अपना चला गया हो। भारतीयों के प्रति उनकी जो प्रगाढ़ भावना थी, ऐसे में भारतवासियों का दुखी होना बहुत स्वभाविक है। वे अपने आखिरी समय तक अपने प्रिय मिशन में लगे रहे और लोगों को प्रेरित करते रहे। आज वे भले ही हमारे बीच में न हों, लेकिन उनकी विरासत हमें हमेशा उनकी याद दिलाएगी।

मैं भारत के लोगों की तरफ से और अपनी ओर से जापान के लोगों को, विशेषकर श्रीमती अकी आबे और उनके परिवार के प्रति हार्दिक संवेदनाएं व्यक्त करता हूं।
ओम शांति!

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Japan's former PM Shinzo Abe shot at
Japan's former Prime Minister Shinzo Abe was shot during an election speech on Friday (July 8) morning. The incident took place in Nara town, where he was addressing an election meeting ahead of Sunday's polling for the Upper House of the Parliament. 

According to media reports, Abe was shot in the heart leading to failure. He was airlifted from the site and admitted to a hospital. As per the aired footage, Abe collapsed on the street, with several security guards running toward him. Abe was holding his chest when he collapsed, with his shirt smeared with blood. 
Shinzo Abe Assassination Attempt Live
A close video for the moment that Japanese Former PM ShinzoAbe was shot. 

Local police saying that Abe was shot with a modified pistol/handgun.
Shinzo Abe, 67, was making a speech at the campaign event and “a man came from behind”, a young woman told. According to reports, Shinzo Abe collapsed after a second shot was fired. Several media reports said he appeared to have been shot from behind, possibly with a shotgun. 

A man in his 40s, who appeared to have shot Abe in the back, had been arrested for attempted murder and a gun had been confiscated from him.

Japan is a country with some of the strictest gun laws among leading economies and shootings are rare.
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#सोशल_मीडिया से कुछ चुनिंदा प्रतिक्रिएं... #Social_Media 
Deeply distressed by the attack on my dear friend Abe Shinzo. Our thoughts and prayers are with him, his family, and the people of Japan. -@narendramodi (Prime Minister, 11:12 AM · Jul 8, 2022)
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Shocked to hear the news of the attack on former PM of Japan, Shinzo Abe, who has been instrumental in deepening Indo-Japanese ties. - @RahulGandhi (MP, Congerss)
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चीन ने दी प्रतिक्रिया-
चीन के ग्लोबल टाइम्स न्यूज़ ने ट्वीट कर प्रतिक्रिया दी-  हमले का इस्तेमाल जापान के दक्षिणपंथी (right wing) भड़केगा। इस हमले का अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव होगा। शिंजे के उत्तराधिकारी हमले का इस्तेमाज करेंगे। हमले के पीछे राजनितिक कारण संभव है. 
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Former Japanese prime minister #ShinzoAbe... on Friday after apparently being shot at a campaign event in the Nara region, local media reported.
See- 
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#ShinzoAbe, Japan’s longest serving PM, was one one of the most consequential world leaders in the last 20 years. His strong foreign policy provided an effective counter to China, he supported Taiwan, and he sought to build broad coalitions to combat growing Chinese influence.
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Japan's Former P M Shinzo Abe in a roadshow & Ganga Aarti organised in #India. India always love you Shinzo and the people of #Japan -@DharmNagari 
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