Social Media : कैसी है ये राजस्थान की कांग्रेस सरकार ? 3 माह, 4 फसाद... हर बार खुफिया तंत्र फेल, हर बार अधूरी कार्यवाही
आज-कल के कुछ चुनिंदा पोस्ट्स, ट्वीट्स, वीडियो, कमेंट्स, वायरल...20220706
- क्या कोर्ट ने दे दिया कन्हैयालाल के निर्मम हत्यारों को क्लीन चिट ? - कुरान की चौबीस आयतें और उन पर दिल्ली कोर्ट का फैसला - #दैनिक जागरण
भक्तों के वेश में आए अधर्मियों ने पहले उनके चरणों में प्रणाम किया और फिर उन पर चाकू से कई वार किए। पेट और सीने में चाकू से वार कर मौके से फरार हो गए। घटना आज #कर्नाटक हुबली में घटी हैं। - (6:05 PM · Jul 5, 2022)
- मुस्लिमों को लेकर 10वे गुरु- गुरु गोविन्द सिंह जी ने क्या ? सुनें...
- विचारधारा चुने चुनाव में....स्थानीय हो या राष्ट्रीय स्तर का...- पता नहीं क्यों मीडिया से एक बड़ी महत्वपूर्ण ख़बर ग़ायब रही
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प्रसिद्ध वास्तु विशेषज्ञ चंद्रशेखर गुरुजी की हत्या भक्तों के वेश में आए अधर्मियों ने पहले उनके चरणों में प्रणाम किया और फिर उन पर चाकू से कई वार किए। पेट और सीने में चाकू से वार कर मौके से फरार हो गए। घटना आज #कर्नाटक हुबली में घटी हैं। - (6:05 PM · Jul 5, 2022)
देखें-
क्या कोर्ट ने दिया कन्हैयालाल के हत्यारों को क्लीन चिट ?
- सीनियर एडवोकेट मंजीत सिंह के माध्यम से नूपुर शर्मा ये अपील करने गई थीं कि पूरे भारत की कई अदालतों में उनके खिलाफ केस दायर किए गए हैं अगर उन केस की प्रकृति एक ही है तो उसे दिल्ली कोर्ट में ही ट्रांसफर कर दिया जाए क्योंकि मेरी जान को खतरा है ।
-सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ ऑर्डर में यही लिखा... प्ली डिस्मिस यानी याचिका खारिज। लेकिन जो ऑब्जरवेशन माननीय सुप्रीम कोर्ट ने दिए हैं वो संविधान में राइट टू इक्वेल प्रोटेक्शन और राइट टू लाइफ के मापदंडों पर सही नहीं ठहरते हैं ।
- नूपुर शर्मा के वकील की तरफ से अदालत को ये कहा गया कि अर्णब गोस्वामी के खिलाफ भी अलग अलग अदालत में मामले थे, लेकिन उसको एक जगह किया गया था। इस पर जस्टिस ने जवाब दिया कि वो एक पत्रकार हैं उनकी बात अलग है। हमारा सवाल ये है, कि क्या कोई पत्रकार स्पेशल सिटिजन होता है ? क्या किसी पत्रकार को संविधान ने आम इंसान से ज्यादा अधिकार दिए हैं ?
-इसके बाद नूपुर शर्मा के वकील की तरफ से ये तर्क दिया गया कि सत्येंद्र सिंह भसीन एक पत्रकार नहीं बिजनेसमैन थे उनके खिलाफ दर्ज तमाम केसों को भी आपने एक जगह क्लब करवाया था ? इस पर जस्टिस ने कहा कि उनकी अंतरात्मा नूपुर के केस को एक जगह क्लब करने के लिए राजी नहीं हो रही है । हमारा सवाल ये है कि क्या देश जस्टिस साहब की अंतरात्मा से चलेगा ? या फिर संविधान से चलेगा ? क्या माई लॉर्ड जो सोचेंगे वही देश का कानून मान लिया जाएगा ?
- जस्टिस ने एक और बात कही कि उदयपुर में जो हत्या हुई उसके लिए भी नूपुर शर्मा ही जिम्मेदार हैं ! अब तक क्रिमिनल लॉ के मुताबिक किसी भी क्राइम के लिए थर्ड पर्सन जिम्मेदार नहीं होता है । जिसने अपराध किया उसी को सजा मिलती है । जैसे अगर किसी कार से एक्सिडेंट हुआ तो सजा ड्राइवर को मिलेगा साथ में बैठी सवारी को नहीं । इसे प्रिंसिल ऑफ वायकेरियस रिस्पॉन्सिबिलिटी कहा जाता है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने क्या अब इस पुराने क्रिमिनल लॉ को खारिज कर दिया है ? ये उनको अब स्पष्ट करना चाहिए।
-जज साहब ने किसी भी जिहादी पर कोई टिप्पणी नहीं की। रहमानी के भड़काऊ बयानों के खिलाफ उनकी आवाज नहीं निकली। सड़कों पर सिर तन से जुदा के नारे लगाए गए। कलेक्टर के सामने पुलिस के सामने सिर काटने की धमकियां दी गईं। उस पर भी जज साहब कुछ नहीं बोले, बल्कि उन्होंने न्यूज चैनल के एंकर के खिलाफ बातें कहीं।
-जज साहब ने कहा कि जब काशी का मामला सबज्यूडिश है तो उस पर टीवी पर डिबेट क्यों करवाई जा रही थी ? तो अब सुप्रीम कोर्ट को ये भी साफ कर देना चाहिए कि क्या जो मामला सबज्यूडिस होगा उस पर अब देश में किसी भी बहस पर रोक लगा दी जाएगी ?
- ये सब बातें न्यूज चैनलों और अखबारों के माध्यम से जानकारी में आई हैं और इनको सुप्रीम कोर्ट का ऑब्जर्वेशन बताया गया है और ऊपर वर्णित विचार जयपुर डॉयलॉग्स यूट्यूब चैनल के संचालक संजय दीक्षित के हैं ।
- स्वयं अलकायदा ने नूपुर शर्मा को धमकियां दी थीं लेकिन उस पर भी सुप्रीम कोर्ट के द्वारा कोई नोटिस नहीं लिया गया और नूपुर शर्मा को जिहादियों की भीड़ के सामने फेंक दिया गया है।
- एक महिला जिसकी हत्या के लिए दुनिया भर से हत्या के फरमान निकाले जा रहे हैं और जिसका समर्थन के आरोप में एक शख्स की बेरहमी से हत्या कर दी गई। क्या उस महिला के प्रति जज साहब के हृदय में कोई भी सहानुभूति नहीं है ?
- ये वही अदालत है जो याकूब मेनन के लिए आधी रात में खुल जाती है। दिल्ली की जहांगीरपुरी में बुलडोजर एक घंटे में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा रोक दिया जाता है। जब निकिता तोमर पर गोली चली... वीडियो पूरे देश की मीडिया ने दिखाया... लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान नहीं लिया।
क्या पूरा देश ही कश्मीर बनने की तरफ अग्रसर नहीं हो रहा है ?
#BlackDayForIndianJudiciary
Govt received 1631 graft plaints against judges in last 5 years:
@KirenRijiju
Why no action is being taken on these Corruption complaints against Judges ?
@narendramodi -@RajeevGuptaCA
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75% आबादी मुस्लिमों की है इसलिए स्कूल में...
झारखंड के गढ़वा का ये वही स्कूल है जहाँ स्थानीय मुस्लिम वर्ग के लोगों ने प्रार्थना की पुरानी परंपरा को बदलवा दिया है। तर्क है, यहां 75% आबादी मुस्लिमों की है, इसलिए स्कूल में क्या प्रार्थना होगी ये भी मुस्लिम तय करेंगे। अब यहां बच्चे प्रार्थना में हाथ नहीं जोड़ेंगे।----------------------------------------------
Disclaimer : अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अंतर्गत हमारा संविधान हमे अपनी बात या पक्ष कहने की अनुमति देता है। इस कॉलम "आज-कल के चुनिंदा/वायरल पोस्ट्स, ट्वीट्स, कमेंट्स..." में कमेंट व पोस्ट SOCIAL MEDIA से ली गई है, यह जरूरी नहीं की सभी पोस्ट या पोस्ट की जानकारी अक्षरशः सत्य हों, हम यथासंभव हर पोस्ट की सत्यता परख कर इस कॉलम में लेते हैं, फिर भी हम सभी पोस्ट एवं उनकी सभी तथ्यों से पूर्ण सहमत नहीं हैं -सम्पादक
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कुरान की चौबीस आयतें और उन पर दिल्ली कोर्ट का निर्णय
BRIJESH PANDEY वन्दे मातरम्। 74 Posts31 Comments
श्री इन्द्रसेन (तत्कालीन उपप्रधान हिन्दू महासभा दिल्ली) और राजकुमार ने कुरान मजीद (अनु. मौहम्मद फारुख खां, प्रकाशक मक्तबा अल हस्नात, रामपुर उ.प्र. १९६६) की कुछ निम्नलिखित आयतों का एक पोस्टर छापा जिसके कारण इन दोनों पर इण्डियन पीनल कोड की धारा १५३ए और २६५ए के अन्तर्गत (एफ.आई.आर. २३७/८३यू/एस, २३५ए, १ पीसी होजकाजी, पुलिस स्टेशन दिल्ली) में मुकदमा चलाया गया।
1- ''फिर, जब हराम के महीने बीत जाऐं, तो 'मुश्रिको' को जहाँ-कहीं पाओ कत्ल करो, और पकड़ो और उन्हें घेरो और हर घातकी जगह उनकी ताक में बैठो। फिर यदि वे 'तौबा' कर लें 'नमाज' कायम करें और, जकात दें तो उनका मार्ग छोड़ दो। निःसंदेह अल्लाह बड़ा क्षमाशील और दया करने वाला है।'' (पा० १०, सूरा. ९, आयत ५,२ख पृ. ३६८)
2- ''हे 'ईमान' लाने वालो! 'मुश्रिक' (मूर्तिपूजक) नापाक हैं।'' (१०.९.२८ पृ. ३७१)
3- ''निःसंदेह 'काफिर तुम्हारे खुले दुश्मन हैं।'' (५.४.१०१. पृ. २३९)
4- ''हे 'ईमान' लाने वालों! (मुसलमानों) उन 'काफिरों' से लड़ो जो तुम्हारे आस पास हैं, और चाहिए कि वे तुममें सखती पायें।'' (११.९.१२३ पृ. ३९१)
5- ''जिन लोगों ने हमारी ''आयतों'' का इन्कार किया, उन्हें हम जल्द अग्नि में झोंक देंगे। जब उनकी खालें पक जाएंगी तो हम उन्हें दूसरी खालों से बदल देंगे ताकि वे यातना का रसास्वादन कर लें। निःसन्देह अल्लाह प्रभुत्वशाली तत्वदर्शी हैं'' (५.४.५६ पृ. २३१)
6- ''हे 'ईमान' लाने वालों! (मुसलमानों) अपने बापों और भाईयों को अपना मित्र मत बनाओ यदि वे ईमान की अपेक्षा 'कुफ्र' को पसन्द करें। और तुम में से जो कोई उनसे मित्रता का नाता जोड़ेगा, तो ऐसे ही लोग जालिम होंगे'' (१०.९.२३ पृ. ३७०)
7- ''अल्लाह 'काफिर' लोगों को मार्ग नहीं दिखाता'' (१०.९.३७ पृ. ३७४)
8- ''हे 'ईमान' लाने वालो! उन्हें (किताब वालों) और काफिरों को अपना मित्र बनाओ। अल्ला से डरते रहो यदि तुम 'ईमान' वाले हो।'' (६.५.५७ पृ. २६८)
9- ''फिटकारे हुए, (मुनाफिक) जहां कही पाए जाऐंगे पकड़े जाएंगे और बुरी तरह कत्ल किए जाएंगे।'' (२२.३३.६१ पृ. ७५९)
10- ''(कहा जाऐगा): निश्चय ही तुम और वह जिसे तुम अल्लाह के सिवा पूजते थे 'जहन्नम' का ईधन हो। तुम अवश्य उसके घाट उतरोगे।''
11- 'और उस से बढ़कर जालिम कौन होगा जिसे उसके 'रब' की आयतों के द्वारा चेताया जाये और फिर वह उनसे मुँह फेर ले। निश्चय ही हमें ऐसे अपराधियों से बदला लेना है।'' (२१.३२.२२ पृ. ७३६)
12- 'अल्लाह ने तुमसे बहुत सी 'गनीमतों' का वादा किया है जो तुम्हारे हाथ आयेंगी,'' (२६.४८.२० पृ. ९४३)
13- ''तो जो कुछ गनीमत (का माल) तुमने हासिल किया है उसे हलाल व पाक समझ कर खाओ'' (१०.८.६९. पृ. ३५९)
14- ''हे नबी! 'काफिरों' और 'मुनाफिकों' के साथ जिहाद करो, और उन पर सखती करो और उनका ठिकाना 'जहन्नम' है, और बुरी जगह है जहाँ पहुँचे'' (२८.६६.९. पृ. १०५५)
15- 'तो अवश्य हम 'कुफ्र' करने वालों को यातना का मजा चखायेंगे, और अवश्य ही हम उन्हें सबसे बुरा बदला देंगे उस कर्म का जो वे करते थे।'' (२४.४१.२७ पृ. ८६५)
16- ''यह बदला है अल्लाह के शत्रुओं का ('जहन्नम' की) आग। इसी में उनका सदा का घर है, इसके बदले में कि हमारी 'आयतों' का इन्कार करते थे।'' (२४.४१.२८ पृ. ८६५)
17- ''निःसंदेह अल्लाह ने 'ईमानवालों' (मुसलमानों) से उनके प्राणों और उनके मालों को इसके बदले में खरीद लिया है कि उनके लिए 'जन्नत' हैः वे अल्लाह के मार्ग में लड़ते हैं तो मारते भी हैं और मारे भी जाते हैं।'' (११.९.१११ पृ. ३८८)
18- ''अल्लाह ने इन 'मुनाफिक' (कपटाचारी) पुरुषों और मुनाफिक स्त्रियों और काफिरों से 'जहन्नम' की आग का वादा किया है जिसमें वे सदा रहेंगे। यही उन्हें बस है। अल्लाह ने उन्हें लानत की और उनके लिए स्थायी यातना है।'' (१०.९.६८ पृ. ३७९)
19- ''हे नबी! 'ईमान वालों' (मुसलमानों) को लड़ाई पर उभारो। यदि तुम में बीस जमे रहने वाले होंगे तो वे दो सौ पर प्रभुत्व प्राप्त करेंगे, और यदि तुम में सौ हो तो एक हजार काफिरों पर भारी रहेंगे, क्योंकि वे ऐसे लोग हैं जो समझबूझ नहीं रखते।'' (१०.८.६५ पृ. ३५८)
20- ''हे 'ईमान' लाने वालों! तुम यहूदियों और ईसाईयों को मित्र न बनाओ। ये आपस में एक दूसरे के मित्र हैं। और जो कोई तुम में से उनको मित्र बनायेगा, वह उन्हीं में से होगा। निःसन्देह अल्लाह जुल्म करने वालों को मार्ग नहीं दिखाता।'' (६.५.५१ पृ. २६७)
21- ''किताब वाले'' जो न अल्लाह पर ईमान लाते हैं न अन्तिम दिन पर, न उसे 'हराम' करते हैं जिसे अल्लाह और उसके रसूल ने हराम ठहराया है, और न सच्चे दीन को अपना 'दीन' बनाते हैं उनकसे लड़ो यहाँ तक कि वे अप्रतिष्ठित (अपमानित) होकर अपने हाथों से 'जिजया' देने लगे।'' (१०.९.२९. पृ. ३७२)
22- २२ ''.......फिर हमने उनके बीच कियामत के दिन तक के लिये वैमनस्य और द्वेष की आग भड़का दी, और अल्लाह जल्द उन्हें बता देगा जो कुछ वे करते रहे हैं। (६.५.१४ पृ. २६०)
23- ''वे चाहते हैं कि जिस तरह से वे काफिर हुए हैं उसी तरह से तुम भी 'काफिर' हो जाओ, फिर तुम एक जैसे हो जाओः तो उनमें से किसी को अपना साथी न बनाना जब तक वे अल्लाह की राह में हिजरत न करें, और यदि वे इससे फिर जावें तो उन्हें जहाँ कहीं पाओं पकड़ों और उनका वध (कत्ल) करो। और उनमें से किसी को साथी और सहायक मत बनाना।'' (५.४.८९ पृ. २३७)
24- ''उन (काफिरों) से लड़ों! अल्लाह तुम्हारे हाथों उन्हें यातना देगा, और उन्हें रुसवा करेगा और उनके मुकाबले में तुम्हारी सहायता करेगा, और 'ईमान' वालों लोगों के दिल ठंडे करेगा'' (१०.९.१४. पृ. ३६९)
उपरोक्त आयतों से स्पष्ट है, कि इनमें ईर्ष्या, द्वेष, घृणा, कपट, लड़ाई-झगड़ा, लूटमार और हत्या करने के आदेश मिलते हैं। इन्हीं कारणों से देश व विश्व में मुस्लिमों व गैर मुस्लिमों के बीच दंगे हुआ करते हैं।
उपरोक्त आयतों में स्पष्ट है कि इनमें ईर्ष्या, घृणा, कपट, लड़ाई-झगड़ा, लूटमार और हत्या करने के आदेश मिलते हैं। इन्हीं कारणों से देश व विश्व में मुस्लिमों व गैर-मुस्लिमों के बीच दंगे हुआ करते हैं।
मैट्रोपोलिटिन मजिस्ट्रेट श्री जेड़ एस. लोहाट ने ३१ जुलाई १९८६ को फैसला सुनाते हुए लिखाः ''मैंने सभी आयतों को कुरान मजीद से मिलान किया और पाया कि सभी अधिकांशतः आयतें वैसे ही उधृत की गई हैं जैसी कि कुरान में हैं। लेखकों का सुझाव मात्र है कि यदि ऐसी आयतें न हटाईं गईं तो साम्प्रदायिक दंगे रोकना मुश्किल हो जाऐगा। मैं ए.पी.पी. की इस बात से सहमत नहीं हूँ कि आयतें २,५,९,११ और २२ कुरान में नहीं है या उन्हें विकृत करके प्रस्तुत किया गया है।''
तथा उक्त दोनों महानुभावों को बरी करते हुए निर्णय दिया कि- ''कुरान मजीद'' की पवित्र पुस्तक के प्रति आदर रखते हुए उक्त आयतों के सूक्ष्म अध्ययन से यह स्पष्ट होता है कि ये आयतें बहुत हानिकारक हैं और घृणा की शिक्षा देती हैं, जिनसे एक तरफ मुसलमानों और दूसरी ओर देश के शेष समुदायों के बीच मतभेदों की पैदा होने की सम्भावना है।'' (ह. जेड. एस. लोहाट, मेट्रोपोलिटिन मजिस्ट्रेट दिल्ली ३१.७.१९८६)
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मुस्लिमों को लेकर 10वें गुरु : गुरु गोविन्द सिंह जी ने क्या कहा ?
मुस्लिमों को लेकर 10वे गुरु- गुरु गोविन्द सिंह जी ने विश्व प्रसिद्द "चमकौर युद्ध" के समय क्या कहा था, सुनें - (वीडियो विशेषकर सिख एवं पंजाबी भाइयों के लिए है)
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इसे भी पढ़ें, देखें-
जो कहा, वो किया नहीं, जो किया, वो बताया नहीं, जो बताया, वह था नहीं, जो था वह गलत था...
आज के चुनिंदा पोस्ट्स, ट्वीट्स, वीडियो, कमेंट्स, वायरल...202206028 ☟
http://www.dharmnagari.com/2022/06/Social-Media-se-Jo-Kaha-vo-kiya-nahi-Jo-Kiya-vo-bataya-nahi-Jo-Bataya-vah-tha-nahi.html
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विचारधारा चुनें... चुनाव में,
फिर चुनाव स्थानीय स्तर का हो या राष्ट्रीय स्तर का...
उम्मीदवार के साथ उसके पीछे किस विचारधारा को समर्थन करने वाली राजनैतिक पार्टी सम्मिलित है, विचार करें ! अन्यथा चंद मुफ्तखोरी एवं आपके व्यक्तिगत संबधो की लालच में भविष्य में इसके गंभीर परिणाम आपको एवं आपके परिवार को भुगतना पड़ सकते हैं....
देश के राजस्थान, दिल्ली, महाराष्ट्र, छतीसगढ़, केरल, पंजाब और प.बंगाल में हिंदू विरोधी मानसिकता की सरकारें हिंदू समाज को निशाना बना कर हिंदू मंदिरों पर हमले एवं निर्दोष हिंदुओं का कत्ल करने की घटनाएं हर प्रत्येक हिंदू के भविष्य के लिए प्रश्न चिंन्ह है।
आपका एक छोटे से छोटे और बड़े चुनाव में किया गलत वोट जि-हादी मानसिकता को समर्थन करने वाली राजनैतिक पार्टी को मजबूत बनाता है !!
चिंतन करें...एवं हर प्रत्येक चुनाव में राष्ट्रहित में समर्पित विचारधारा वाली राजनैतिक पार्टी को वोट देकर अपना एवं अपने परिवार का भविष्य सुरक्षित बनाऐं।
#NationFirst #VoteForNation #राष्ट्रहित में
कृपया राष्ट्रहित में ज्यादा से ज्यादा शेयर करें एवं अपना एवं अपने परिवार का भविष्य सुरक्षित करने के लिए अपना मतदान करें
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पता नहीं क्यों मीडिया से महत्वपूर्ण समाचार गायब कर दिया
पता नहीं क्यों मीडिया (प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया) से एक बड़ी महत्वपूर्ण ख़बर ग़ायब रही। ज़ाकिया जाफ़री की तरफ़ से पिटीशन फ़ाइल करने वाली तीस्ता सीतलवाड़ को सुप्रीम कोर्ट ने जमकर लताड़ा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है, कि तीस्ता सीतलवाड़ सिर्फ अपनी प्रसिद्धि और अपने स्वार्थ के लिए जाकिया जाफ़री की भावनाओं के साथ खेल रही है। पुलिस को और सरकार को पूरी जांच करनी चाहिए, कि आखिर तीस्ता सीतलवाड़ का इसमें क्या स्वार्थ है कि वह बार-बार गुजरात दंगा पीड़ितों की भावनाओं के साथ खेल रही है ?
कोर्ट ने आगे कहा, दुबारा तीस्ता सीतलवाड़ सुप्रीम कोर्ट में ऐसी कोई याचिका नहीं लगा सकती।
उल्लेखनीय है, तीस्ता सीतलवाड़ ने जाकिया जाफ़री की तरफ़ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गुजरात दंगों में क्लीनचिट दिए जाने के फ़ैसले के ख़िलाफ़ पिटीशन दाखिल की थी। कुछ लोगों का मानना है कि पूरा घटना क्रम इस तरह रहा होगा, ऐसे तो यह सामान्य जन कि सोच है इसलिए इसकी पुष्टि करना मुस्किल है!
काँग्रेस की एक और काली करतूत का खुलासा
👉 ये कोई नहीं जानता कि ये देश जस्टिस एम बी सोनी का भी कर्जदार है। आइए बताता हूँ
नरेंद्र मोदी को जेल में सडाने की प्लानिंग किसकी थी? कैसे नरेंद्र मोदी बच सके!! षड्यंत्र कितने खतरनाक थे! आप अंदाज भी नहीं लगा सकते! अगर वो सफल हो जाते!!!
तो हम क्या खो देते ? तो नरेंद्र मोदी का हश्र क्या होता!!? कांग्रेस राज में कोई भी केस सुप्रीम कोर्ट में जाने के पहले ही सब कुछ व्यवस्था हो जाती थी वो...कि केस किस जज की बेंच में जायेगा और वो जज क्या फैसला देंगे ... कांग्रेस की 70 सालों की सफलता का यही सबसे बड़ा राज है कि!!...उसने मीडिया और न्यायपालिका सबको खरीद कर अपना राज स्थापित किया..
गुजरात हाईकोर्ट के रिटायर जज जस्टिस एमबी सोनी ने इसका खुलासा तब किया, जब उन्होंने पाया कि गुजरात दंगो के सम्बन्धित कोई भी याचिका, जो तीस्ता सीतलवाड सुप्रीम कोर्ट में दायर करती है वो सिर्फ जस्टिस आफताब आलम के बेंच में ही क्यों जाती है, जबकि रोस्टर के अनुसार वो किसी और के बेंच में जानी चाहिए। ...फिर उन्होंने और तहकीकात की तो पता चला कि रजिस्ट्रार को ऊपर से आदेश था, तीस्ता का केस जस्टिस आफ़ताब आलम के बेंच में ही भेजा जाए और इसके लिए मस्टर रोल और रोस्टर को बदल दिया जाये ..फिर उन्होंने और जाँच की तो पता चला कि... जस्टिस आफताब आलम की सगी बेटी अरुसा आलम, तीस्ता के एनजीओ सबरंग में पार्टनर है और ... उस समय के केबिनेट मंत्री और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल की पत्नी भी उसी NGO में सदस्य हैं,.. यह सब जानकर उन्होंने ...इसके खिलाफ चीफ जस्टिस को पत्र भेजा, और.... जस्टिस आफ़ताब आलम, कांग्रेस नेता और हिमाचल के मुख्यमंत्री की बेटी (जस्टिस अभिलाषा कुमारी) के 10 फैसलों की बकायदा आठ हजार पन्नों में विस्तृत विबेचना करके भेजा... और कहा कि इन लोगों ने खुलेआम न्याय व्यवस्था का बलात्कार किया है। इसके बाद ही कांग्रेसियों के इस गैंग को .... गुजरात के हर एक मामले से अलग किया गया।
...अगर जस्टिस एम बी सोनी नहीं होते" तो कांग्रेस सरकार नरेंद्र मोदी को दंगों के मामलों में फंसाने की पूरी प्लानिंग कर चुकी थी।
सोचिए ! कभी आपने राहुल गाँधी, लालू यादव, सीताराम येचुरी, मायावती, अखिलेश, ममता, महबूबा और विपक्ष के नेताओं को एक दूसरे को चोर बोलते सुना है ?...नहीं ! जबकि इनमें से कुछ को सजा भी हो चुकी है, कोई जेल में है, कोई बेल पर है और कुछ पर कोर्ट में मुकदमे चल रहे हैं, मगर .... ये लोग एक दूसरे को चोर कभी नहीं बोलते। परन्तु मोदी जिस पर कोई भी आधिकारिक आरोप नहीं है, कोई FIR नहीं है, कोई मुकदमा भी नहीं चल रहा है और किसी कोर्ट ने किसी जाँच का आदेश भी नहीं दिया, उसे ये सारे नेता चोर बोलते हैं। यह देखकर आश्चर्य होता है .... लानत है ऐसे देशद्रोही समझ पर और लानत है इनके पीछे चलने वाले तुक्कड़जीवी चमचों पर!!
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सुशासन कैसे होता है, सीखना है तो जाएं उत्तर प्रदेश
पिछले जुम्मे में मेरठ, सहारनपुर सहित 8 जिलों में घोषणा कर दिया गया, कि अगर एक भी पत्थर थाने या पुलिस पर चला और पुलिस ने ऐसे दंगाइयों के हाथ पैर नहीं तोड़े, तो सीधा सीधा वहाँ के एसओ और सीओ साहब सस्पेंड होंगे। भाई ये है बाबा का इलाका👌👌👌😃😃----------------------------------------------
प्रिंट मीडिया में एक हेडिंग- "समुद्र से मिला मानव का समुद्र"
देखें विहंगम दृश्य-
देखें विहंगम दृश्य-
विश्व प्रसिद्ध पुरी रथयात्रा (आज एक जुलाई) ओडि़सा के जगन्नाथ पुरी में शुरू हुई। बारहवीं शताब्दी से चली आ रही इस यात्रा में हर वर्ष भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के विग्रह जगन्नाथ मन्दिर से गुंडिचा मन्दिर के लिए प्रस्थान करते हैं। उनके विग्रहों (मूर्ति) के दर्शन करने के लिए श्रद्धालु पवित्र शहर पुरी के श्री क्षेत्र पहुंचें। नौ दिन की यह यात्रा श्री जगन्नाथ मंदिर से दो किलोमीटर दूर स्थित श्री गुंडिचा मंदिर तक गई। यह यात्रा कोरोना महामारी के कारण दो वर्ष बाद हो रही है। श्रद्धालुओं में रथ को खींचने के लिए अपार उत्साह और उत्सुकता दिखा। भारी भीड़ को देखते हुए रथ यात्रा के सुचारू संचालन के लिए सुरक्षा के व्यापक रूप से व्यवस्था किए गए। सशस्त्र पुलिस की 180 टुकड़ियां सुरक्षा प्रबंधों में तैनात की गई। लगभग 50 सीसीटीवी कैमरों से निगरानी रखी गई।
गुजरात में, अहमदाबाद में भगवान जगन्नाथ की 145वीं रथ यात्रा पारम्परिक श्रद्धा और उल्लास के साथ आयोजित की गई। भगवान जगन्नाथ, बड़े भाई भगवान बलभद्र और बहन देवी सुभद्रा के रथ अपने पारम्परिक यात्रा मार्ग से गुंडिचा मंदिर तक पहुचें।
अहमदाबाद में ऐतिहासिक रथ यात्रा पुराने शहर के जमालपुर क्षेत्र में स्थित 400 साल पुराने भगवान जगन्नाथ मंदिर से आरंभ हुई। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सुबह भगवान जगन्नाथ मंदिर में अपने परिवार के सदस्यों के साथ मंगला आरती की। रथ यात्रा मंदिर में सोने की झाड़ू द्वारा प्रतीकात्मक रूप से मार्ग की सफाई की पारंपरिक "पहिंद" विधि के साथ शुरू हुई। तीन रथों का नेतृत्व 18 सजे-धजे हाथी ने किया, जबकि 101 ट्रक, 30 अखाड़े, 18 भजन मंडली और बड़ी संख्या में साधू-संत रथों के पीछे चल रहे थे। देर शाम तक मंदिर वापस आने से पहले रथ यात्रा अपने 18 किलोमीटर लंबे पारंपरिक मार्ग से होकर गुजरी। रथ यात्रा उत्सव की अवधि में कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए ड्रोन और बॉडीवियर कैमरों के साथ 25 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया।
----------------------------------------------गुजरात में, अहमदाबाद में भगवान जगन्नाथ की 145वीं रथ यात्रा पारम्परिक श्रद्धा और उल्लास के साथ आयोजित की गई। भगवान जगन्नाथ, बड़े भाई भगवान बलभद्र और बहन देवी सुभद्रा के रथ अपने पारम्परिक यात्रा मार्ग से गुंडिचा मंदिर तक पहुचें।
अहमदाबाद में ऐतिहासिक रथ यात्रा पुराने शहर के जमालपुर क्षेत्र में स्थित 400 साल पुराने भगवान जगन्नाथ मंदिर से आरंभ हुई। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सुबह भगवान जगन्नाथ मंदिर में अपने परिवार के सदस्यों के साथ मंगला आरती की। रथ यात्रा मंदिर में सोने की झाड़ू द्वारा प्रतीकात्मक रूप से मार्ग की सफाई की पारंपरिक "पहिंद" विधि के साथ शुरू हुई। तीन रथों का नेतृत्व 18 सजे-धजे हाथी ने किया, जबकि 101 ट्रक, 30 अखाड़े, 18 भजन मंडली और बड़ी संख्या में साधू-संत रथों के पीछे चल रहे थे। देर शाम तक मंदिर वापस आने से पहले रथ यात्रा अपने 18 किलोमीटर लंबे पारंपरिक मार्ग से होकर गुजरी। रथ यात्रा उत्सव की अवधि में कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए ड्रोन और बॉडीवियर कैमरों के साथ 25 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया।
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#सोशल_मीडिया में प्रतिक्रिया... उपरोक्त पोस्ट को लेकर
Message from #SupremeCourt
Even If someone provokes you, don't speak
Some1 killing your Hindu brother, dont see
Some1 speak against ur religion, dont hear
Just tolerate everything and die
#BlackDayForIndianJudiciary #NupurSharma
Hindu Gods नूपुर शर्मा सुप्रीम कोर्ट Impeachment -
राजस्थान के CM अशोक गहलोत के ट्वीट्स पर आक्रोशित हुए लोग
उदयपुर में युवक की हत्या के दोनों आरोपियों को राजसमंद से गिरफ्तार किया गया है। इस केस में अनुसंधान केस ऑफिसर स्कीम के तहत किया जाएगा एवं त्वरित अनुसंधान सुनिश्चित कर अपराधियों को न्यायालय कड़ी से कड़ी सजा दिलवाई जाएगी। मैं पुन: सभी से शान्ति बनाए रखने की अपील करता हूं। 8:11 PM · Jun 28, 2022· -@ashokgehlot51 (CM, Rajsthan)

#जागोहिन्दूजागो
कन्हैया के हत्यारों को (1 जुलाई) कोर्ट ले जाती पुलिस...
उदयपुर में युवक की हत्या के दोनों आरोपियों को राजसमंद से गिरफ्तार किया गया है। इस केस में अनुसंधान केस ऑफिसर स्कीम के तहत किया जाएगा एवं त्वरित अनुसंधान सुनिश्चित कर अपराधियों को न्यायालय कड़ी से कड़ी सजा दिलवाई जाएगी। मैं पुन: सभी से शान्ति बनाए रखने की अपील करता हूं। 8:11 PM · Jun 28, 2022· -@ashokgehlot51 (CM, Rajsthan)
...प्रतिक्रिया अपडेट की जाएगी
हम गाते रहे सूफी तराने और चादर पर सिक्के डालते रहे ।।
वो आये उन सिक्कों से चाकू खरीदकर हमारी गर्दन काट गए।।
#जागोहिन्दूजागो
जिसे "कश्मीर फाइल्स" झूठ लगती थी ..
वो उदयपुर का video देख लो,
और हां, इसे बनाने वाला कोई विवेक अग्निहोत्री नहीं है
वो उदयपुर का video देख लो,
और हां, इसे बनाने वाला कोई विवेक अग्निहोत्री नहीं है
उदयपुर में कन्हैया की गला काटकर निर्मम हत्या करने वाले करांची (पाकिस्तान) गया था, लेकिन राजस्थान पुलिस को पता ही नहीं, क्यों ? 17 जून को पुलिस को शिकायत की, लेकिन हत्या के दिन (28 जून) तक राजस्थान पुलिस क्या करती रही ? कैसी कार्यशैली है राजस्थान पुलिस की या राजस्थान पुलिस पर कैसा राजनितिक दबाव है प्रदेश की कांग्रेस सरकार का ? दक्षिण भारत के कुछ प्रदेशों के साथ उत्तर भारत में राजस्थान में ही क्यों हिन्दुओं पर बार-बार हमले हो गए हैं,चाहे वो हिन्दू नववर्ष पर शोभायात्रा या हनुमान जयंती, पत्थर चलाएंगे, हिंसा करेंगे क्यों ? अरे ! 1947 भारत का बटवारा ही मजहब / धर्म के आधार पर तुष्टिकरण का पोषण करने वाली कांग्रेस गाँधी-नेहरू ने करवाया, फिर क्यों रोक लिया देश का बटवारा करने वालों को ?
कन्हैया के हत्यारों को (1 जुलाई) कोर्ट ले जाती पुलिस...
रियाज़ IS आतंकी, यही ग्रुप जयपुर में करना चाहता था धमाके : दैनिक भास्कर
हत्यारों ने जी नारे का इस्तेमाल वीडियो में किया, वही नारा अजमेर में 17 जून को लगाया गया था
ये कैसी है कांग्रेस की सरकार राजस्थान में ?
3 माह, 4 फसाद... हर बार खुफिया तंत्र फेल, हर बार अधूरी कार्यवाही
1. It is an ASYMMETRIC WAR. We hope to fight with the State – Military, Police and Courts. But they fight EVERYWHERE and with EVERYTHING. We fight one faceted war. While they are fighting TOTAL WAR. That is what we need to understand.
#UdaipurHorror -@PankajSaxena84
#AshokGehlot #IslamicTerrorismInIndia
#JusticeForKanhaiyaLal #Nupur_Sharma #UdaipurHorror #zubairarrest #Udaipur
"Sar Tan Se Juda" by Gos Mohammad & Riyaz is what #Babasaheb #Ambedkar warned us on #Islam & Quran decades ago.
#JaiBhim -@dinesh_3007
'Sar Tan Se Juda'slogan should be treated as an act of terror because it is so.
This slogan is neither misused nor miguided.
The slogan itself is an open call to behead people. -@AskAnshul
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