G-20 हॉल में PM मोदी से मिले राष्ट्राध्यक्षों के दृश्य से क्या डोनाल्ड ट्रंप को ईर्ष्या हुई होगी !


मोदी ने 3 बड़ी वैश्विक चुनौतियां गिनाते हुए उसके हल का प्रस्ताव भी रखा
- अफ्रीका की धरती पर पहली बार हुआ G20 शिखर सम्मेलन 
G-20 के देशों की जनसंख्या विश्व का एक-तिहाई, व्यापार 75%
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(धर्म नगरी / DN News)
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संगमलाल त्रिपाठी 'आजाद'*

दक्षिण अफ्रीका के जोहानसबर्ग में G-20 शिखर सम्मेलन ने दुनिया की राजनीति में एक बार फिर हलचल मचा दी। सम्मेलन के केंद्र में रहे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। इस सम्मेलन में एक ओर दुनिया के बड़े-बड़े नेता एक-दूसरे से औपचारिक रूप से मिल रहे थे, वहीं दूसरी ओर पीएम मोदी की उपस्थिति ने पूरे हॉल उपस्थित राष्ट्राध्यक्षों का ध्यान आकर्षित किया। 

पीएम मोदी ज्यों ही G-20 हॉल में प्रवेश किया, माहौल अचानक बदल गया। अनेक देशों के शीर्ष नेता उन्हें देखते ही आगे बढ़ गए। पीएम मोदी को सब ने घेर लिया। किसी ने गले लगाया, किसी ने हाथ मिलाया, तो किसी ने कैमरे के सामने मुस्कुराकर बातचीत शुरू कर दी। 

मोदी ने 3 वैश्विक चुनौतियां गिनाई, समाधान भी बताया 
अफ्रीका में पहली बार सम्पन्न G20 शिखर सम्मेलन में दुनिया की बड़ी शक्तियों के नेता G-20 के प्रमुख हॉल में पहुंचे। इस बार अमेरिका की अनुपस्थिति में पहली बार नेताओं ने घोषणा-पत्र पर मुहर लगाया। दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा की सरकार ने अमेरिकी बहिष्कार और केवल एकतरफा वक्तव्य जारी करने के दबाव के बावजूद अन्य G20 सदस्यों का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया, एक घोषणा को अंतिम रूप दिया और अपनाया। रामाफोसा ने पहले कहा था- ‘हम डरेंगे नहीं।’ 

पीएम मोदी के सम्मेलन में पहुंचने पर दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने औपचारिक स्वागत किया। पीएम मोदी ने अपनी स्पीच के दौरान G-20 के मंच पर 3 बड़ी वैश्विक चुनौतियां गिनाते हुए उसके हल का प्रस्ताव भी रखा, जिसमें से एक आतंकवाद की रीढ़ तोड़ कर रख देगा।
उल्लेखनीय है, यह समिट ऐसे समय हो रहा है, जब वैश्विक अर्थव्यवस्था, जलवायु संकट और असमानता जैसे बड़े मुद्दों पर दुनिया किसी साझा समाधान की खोज में है और भारत की भूमिका इस बार भी अत्यंत महत्वपूर्ण मानी गई। G-20 प्रोटोकॉल के अनुसार भाषण प्रसारित नहीं होगा। इसीलिए जी-20 के आधिकारिक वीडियो फीड की आवाज बंद कर दी गई है।


I had a very fruitful meeting with Prime Minister Giorgia Meloni. The strategic partnership between India and Italy is strengthening more and more, with great benefits for our peoples. (“जोहानिसबर्ग में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर से मिलना बहुत अच्छा रहा। इस साल भारत-ब्रिटेन भागीदारी में नयी ऊर्जा आई है और हम इसे कई क्षेत्रों में आगे बढ़ाते रहेंगे।”) -@narendramodi (PM on 'X') 

ब्राजील के राष्ट्रपति लुइसियो लूला द सिलवा ने अपने दोस्त पीएम मोदी को अपनी बाहों में भी लिया। मोदी और सिलवा की गहरी दोस्ती को दुनिया ने देखा है। चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग हो या खाड़ी देशों के नेता, अन्य देशों के प्रमुखों ने खुलकर पीएम मोदी से मिले। 
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यह क्षण राजनीतिक औपचारिकता का ही नहीं था, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की बढ़ती प्रतिष्ठा का सीधा संकेत था। G-20 का सबसे चर्चित पल रहा इटली के प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलनी और पीएम मोदी की भेंट (ऊपर देखें)। दोनों नेता मुस्कुराते हुए आगे बढ़े। हल्की-फुल्की बातचीत हुई और कैमरे के सामने यह मुलाकात एक कूटनीतिक संदेश बन गई, कि भारत और इटली के रिश्ते तेजी से मजबूत हो रहे हैं। 

वैसे भी पीएम मोदी और मेलोनी की जोड़ी मेलडी के तौर पर सोशल मीडिया पर खूब छाई रहती है। इटली ने पिछले वर्षों में भारत के साथ कई स्ट्रेटेजिक सेक्टर में साझेदारी बढ़ाई है, रक्षा से लेकर तकनीकी तक और इस मुलाकात ने उस रिश्ते पर एक और सकारात्मक मोहर लगा दिया। 
G-20 सम्मेलन में राष्ट्राध्यक्ष
पीएम मोदी के साथ 
G-20 हॉल में मिले राष्ट्राध्यक्षों एवं नेताओं को लेकर सोशल मीडिया पर सर्वाधिक चर्चा इस बात पर रही, इस प्रश्न पर रही- क्या इन दृश्यों को देखकर डोनाल्ड ट्रंप अंदर ही अंदर जल-भुन रहे होंगे। यह चर्चा और प्रश्न इसलिए, क्योंकि इस समिट में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप  पहुंचना था, लेकिन उन्होंने से का बॉयकॉट कर दिया। यद्यपि, ट्रंप के बिना भी से चला और घोषणाएं भी हुए। 

उल्लेखनीय है, यह वही G-20 का मंच है, जहां कभी ट्रंप और मोदी की केमिस्ट्री दुनिया ने खुलकर देखा। हाउडी मोदी से लेकर नमस्ते ट्रंप तक दोनों नेताओं की बॉन्डिंग ने सुर्खियां बटोरी थी। लेकिन इस बार हर तरफ केवल मोदी हर कैमरे में, हर लेंस में मोदी रहे। यही बात कई अमेरिकी विश्लेषकों की दृष्टि में भारत की कूटनीतिक ताकत में नया अध्याय है। 

G-20 समिट में भारत की कूटनीतिक उपस्थिति क्यों इतनी मजबूत दिख रही है ? इसके पीछे कई बड़े कारण हैं-
भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था
ग्लोबल साउथ का नेतृत्व 
रूस यूक्रेन युद्ध पर भारत की संतुलित विदेश नीति
तकनीकी और रक्षा साझेदारियों में भारत का बढ़ता प्रभाव। 

दुनिया में जहां कई देशों का एक-दूसरे से मतभेद हैं, वहीं भारत सभी के साथ संवाद में सभी के साथ तालमेल में खड़ा है। "ना काहू से दोस्ती, ना काहू से बैर" वाली नीति ने भारत को दुनिया में सबसे अलग खड़ा किया है। यही कारण रहा, कि G-20 जैसे मंच पर भारत एक स्टेबल पावर सेंटर की तरह उभर रहा है। 

सम्मेलन में पीएम मोदी न केवल द्विपक्षीय बैठकों में सक्रिय रहे, बल्कि कई देशों के प्रतिनिधियों ने आगे बढ़कर भारत की नीतियों की सराहना भी की। भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था, स्टार्टअप इकोसिस्टम और G-20 के अध्यक्षता की अवधि में किए गए सुधार... सभी के केंद्र में रहे। जिस शैली में विदेशी नेता मोदी से मिल रहे थे, उससे यह स्पष्ट है- भारत की वैश्विक छवि (global image) अब केवल एक उभरती हुई शक्ति की नहीं, बल्कि एक निर्णायक नेतृत्व वाले देश की है। 

G-20 में पीएम मोदी की उपस्थिति से एक बार फिर प्रमाणित हो गया, कि वैश्विक मंच पर भारत का कद लगातार बढ़ रहा है और जब इतने बड़े नेता स्वयं आगे बढ़कर भारत के प्रधानमंत्री से मिलने आए, तो यह केवल एक दृश्य ही नहीं, बल्कि नई विश्व व्यवस्था का संकेत है। फिलहाल जहानसबर्ग की इन वायरल दृश्यों (वीडियो) और फोटो ने पूरी दुनिया का ध्यान भारत की ओर खींचा, बल्कि यह दिखा दिया कि भारत निकट भविष्य में दुनिया का नेतृत्व करने वाला है।  
भारत-इटली में बढ़ते संबंध
उल्लेखनीय है, इस वर्ष (11 अप्रैल 2025) को इटली की यूनिवर्सिटी और रिसर्च मंत्री अन्ना मारिया बर्निनी की नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से मुलाक़ात हुई। दोनों मंत्रियों ने विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में मिलकर काम करने के लिए एक मह्त्वपूण समझौते (MoU) पर हस्ताक्षर किए, जिसके अनुसार, दोनों देश मिलकर क्वांटम टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), बायोटेक्नोलॉजी और नई उभरती तकनीकों पर काम करेंगे। यह सहयोग मोदी-मेलोनी की G-20 बैठक में हुई बातचीत का परिणाम रहा, जिसके अंतर्गत 2025 से 2027 तक 10 साझा शोध परियोजनाएं और 10 नई खोज की पहलें शुरू होंगी। वहीं, अब तक दोनों देशों ने 150 से ज्यादा रिसर्च प्रोजेक्ट्स मिलकर पूरे किए हैं। डॉ. सिंह ने भारत के "डीप ओशन मिशन" की जानकारी भी दी, जिसमें भारत 6000 मीटर गहराई तक समुद्र में जाने की तैयारी कर रहा है। दोनों देशों ने आगे और क्षेत्रों जैसे ग्रीन हाइड्रोजन, नीली अर्थव्यवस्था, सांस्कृतिक धरोहर संरक्षण और क्लीन एनर्जी में मिलकर काम करने का संकल्प लिया।

G-20 देशों की जनसंख्या विश्व का एक-तिहाई, व्यापार 75%  
G-20 समूह विश्व के 20 विकसित और विकासशील देशों का ऐसा समूह है, जिनकी अर्थव्यवस्था विश्व की जीडीपी का कुल 80% है। जबकि विश्व होने वाले व्यापार का 75% से अधिक व्यापार इन देशों के बीच होता है। इन 20 देशों में ही विश्व की एक-तिहाई जनसंख्या रहती है। 

उल्लेखनीय है, नई दिल्ली में 9-10 सितंबर 2023 को संपन्न G-20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit 2023) की भारत ने अध्यक्षता करते हुए सम्मेलन का लोगो "कमल के फूल के साथ धरती" बनाया और थीम संस्कृत की सूक्ति "वसुधैव कुटुंबकम" को बनाया, जिसका अर्थ होता है- एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य। इस लोगो के साथ ही देश का नाम भारत भी लिखा था।  
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संगमलाल त्रिपाठी "आजाद" 
निदेशक- संवाद मीडिया, नई दिल्ली 
(संपर्क- 9212093511) 
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प्रयागराज माघ मेला-2026 विशेषांक   
शिविर का आयोजन एवं माघ मेले पर केंद्रित "धर्म नगरी माघ मेला-2026" के चार विशेषांक निकाले जाएंगे। विशेषांकों का वितरण मेले में शिविरों में (सन्तों धर्माचार्यों आदि को), मेला क्षेत्र में स्थित विभिन्न कार्यालयों, सरकारी एवं निजी प्रदर्शनियों आदि को फ्री या "सौजन्य से..." होगा। इसके साथ मेला क्षेत्र में कार, बस आदि निजी वाहनों से आने वाले तीर्थयात्रियों, श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को दिया जाएगा, जिस प्रकार प्रयागराज महाकुंभ-2025 पर "धर्म नगरी" के तीन विशेषांकों को बांटा या सम्मान के साथ दिया गया।
विशेषांक में आप भी संगम क्षेत्र के आयोजित 
अपने शिविर (कैम्प) की जानकारी, शिविर में होने वाले कार्यक्रम (यदि कोई हो) प्रकाशित करवा सकते हैं। अथवा अपनी शुभकामना आदि के साथ अपने नाम से विशेषांक बटवा सकते हैं (देखें ऊपर बायीं कोने में)। यदि आप इच्छुक हों, तो संपर्क करें +91 8109107075 वाट्सएप ईमेल- dharm.nagari@gmail.com 
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