#WinterSession2025 : सत्तापक्ष-विपक्ष गतिरोध समाप्त करने पर सहमत, सदन सुचारू रूप से चलने की आशा


वंदे मातरम पर सदन में होगी दस घंटे की विशेष चर्चा

धर्म नगरी / DN News)
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विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के मुद्दे पर गतिरोध जारी रहने से संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही कल (3 दिसंबर) तक के लिए स्थगित कर दी गई। SIR पर चर्चा की विपक्ष की मांग के बाद, लोकसभा का कार्यवाही को दो बार स्थगित किया गया। फिर दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया।
दूसरी बार स्थगित होने के बाद जब लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे आरंभ हुई, तो विपक्षी सदस्य पुनः सदन के बीच में आ गए और SIR के खिलाफ नारे लगाने लगे। बार-बार अपील के बावजूद, विपक्ष ने विरोध जारी रखा। इसके कारण सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।

देखें-
विपक्षी सांसद “SIR पर चर्चा करो” और “डाउन डाउन” के नारे लगाते रहे। लोकसभाध्यक्ष ओम बिरला ने कई बार सदस्यों से शांत रहने की अपील की, लेकिन नारेबाज़ी जारी रही। इसी के चलते लोकसभा की कार्यवाही (2 दिसंबर) दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई।

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महाकुंभ प्रयागराज-2025 का दूसरा विशेषांक-  

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"संचार साथी" ऐप पर यूजर डेटा चोरी पर उठे सवाल का DoT ने दिया जवाब, "संचार साथी" क्या है ?
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वहीं, पहली बार स्थगित होने के बाद दोपहर 2 बजे राज्यसभा 
की कार्यवाही आरंभ हुई, तो संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने दोहराया कि सरकार चुनावी सुधारों पर चर्चा के लिए तैयार है, जिसकी मांग विपक्षी पार्टियां कर रही हैं। सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, SIR के मुद्दे पर नियम-267 के अंतर्गत प्राथमिकता के आधार पर चर्चा की जा सकती है। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, डीएमके और अन्‍य विपक्षी सांसदों ने SIR को लेकर नारेबाजी शुरू कर दी और वॉकआउट कर दिया।

बाद में, राज्यसभा ने मणिपुर वस्‍तु और सेवा कर (दूसरा संशोधन) विधेयक-2025 को पारित कर लौटा दिया। यह अक्‍तूबर में जारी मणिपुर वस्‍तु और सेवा कर (दूसरा संशोधन) अध्‍यादेश-2025 का स्‍थान लेगा। विधेयक पारित करने के बाद राज्‍यसभा ने विशेष उल्‍लेख पर विचार किया जहां सदस्‍यों ने तत्‍काल महत्‍व के मुद्दे उठाए। कामकाज सम्‍पन्‍न होने के बाद सभापति ने सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्‍थगित कर दी।

सरकार-विपक्ष में गतिरोध समाप्त 
संसद में दो दिन से सरकार और विपक्ष के बीच चल रहा गतिरोध समाप्त हो गया है। दोनों पक्ष राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् की 150वीं वर्षगांठ और चुनावी सुधारों पर चर्चा के लिए सहमत हो गए हैं। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला की अध्यक्षता में हुई व्यवसाय सलाहकार समिति की बैठक में 8 दिसंबर को दोपहर 12 बजे से वंदे मातरम् पर विशेष चर्चा कराने की सहमति बनी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस चर्चा की शुरुआत करने की संभावना है। बैठक में 9-10 दिसंबर को लोकसभा में चुनावी सुधारों पर 10 घंटे की चर्चा आयोजित कराने का भी निर्णय लिया गया। इससे पहले कल (2 दिसंबर) 9 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण के मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्षी सांसद लगातार सदन में नारेबाजी करते रहे, जिससे कई बार सदन की कार्यवाही बाधित हुई।

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वंदे मातरम पर दस घंटे की विशेष चर्चा
SIR विवाद पर चर्चा की विपक्ष की मांग पर गरमाई सियासत के बीच राष्ट्रगीत वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने पर संसद में शीतकालीन सत्र में इस सप्ताह विशेष चर्चा होगी। चर्चा के लिए पूरे दस घंटे निर्धारित किए गए हैं। दस घंटे तक चलने वाली इस विशेष बहस में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी राष्ट्रगीत की ऐतिहासिक यात्रा व उसके सांस्कृतिक महत्व पर बोलने की संभावना है।
        सरकार ने लोकसभा की कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में SIR पर चर्चा की विपक्ष की मांग पर स्वीकृति नहीं दी, लेकिन मगर वंदे मातरम् को प्राथमिकता देते हुए चर्चा का प्रस्ताव दे दिया। सरकार ने वन्दे मातरम पर चर्चा को राष्ट्रीय एकता और स्वतंत्रता संग्राम की प्रेरक धरोहर को स्मरण करने का अवसर बताते हुए इसे राष्ट्रीय स्मृति की दृष्टि से मील का पत्थर बता रही है। वहीं, कांग्रेस ने SIR और चुनावी सुधारों पर व्यापक बहस की मांग दोहराई। विपक्षी दलों ने आरोप लगाया, कि सरकार वन्दे मातरम की आड़ में मतदाता सूची से जुड़े सवालों से ध्यान बंटाना चाहती हैं। हालांकि, तृणमूल ने इस विशेष चर्चा का समर्थन करते हुए कहा, कि राष्ट्रगीत पर बहस संसद के लिए गौरव का विषय होना चाहिए। वंदे मातरम् पर यह संसदीय विमर्श ऐसे समय हो रहा है, जब इसकी 150वीं वर्षगांठ पर केंद्र सरकार देशभर में कार्यक्रम चला रही हैं।
        उल्लेखनीय है, इसी माह दिल्ली में संस्कृति मंत्रालय के आयोजन में प्रधानमंत्री मोदी ने समारोहों की औपचारिक शुभारंभ किया था। इस दौरान उन्होंने 1937 में कांग्रेस कार्यसमिति द्वारा मूल गीत के कुछ पद हटाए जाने की आलोचना भी की थी। उनके इस बयान पर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, कि प्रधानमंत्री इतिहास को तोड़-मरोड़ रहे हैं और उन्होंने कांग्रेस व रवींद्रनाथ टैगोर दोनें का अपमान किया है।
राष्ट्रीय आंदोलन की पृष्ठभूमि से जुड़ाव
राष्ट्रगीत वन्दे मातरम की पृष्ठभूमि भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन से गहराई से जुड़ी है। बंकिम चंद्र चटर्जी ने इसे 1870 के दशक में संस्कृतनिष्ठ बांग्ला में रचा। सात नवंबर, 1875 को "बंग दर्शन" पत्रिका में इसका प्रकाशन हुआ। फिर इसे उनके प्रसिद्ध उपन्यास "आनंदमठ" में सम्मिलित किया गया। 1950 में संविधान लागू होने पर इसे औपचारिक रूप से राष्ट्रगीत का स्तर मिला। स्वतंत्रता संग्राम के काल में यह गीत विदेशी शासन के विरुद्ध प्रतिरोध और राष्ट्रीय चेतना का प्रतीक बना। केंद्र ने इस अवसर पर स्मारक सिक्का और विशेष डाक टिकट भी जारी किया।
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"संसदीय लोकतंत्र में चुनाव प्रक्रिया अत्यंत महत्वपूर्ण है। सभी दल चर्चा के लिए सहमत हो गये हैं। मीटिंग अच्‍छी तरह से हुई है। और सहमति हो पाया है, कि मंडे को लोकसभा में वन्‍दे मातरम् के 150 साल पूरे होने पर हम विशेष चर्चा करेंगे। उसके बाद मंगलवार को लोकसभा में इलेक्‍शन रिफार्म्स को लेकर हम दिन भर चर्चा करेंगे। मैं सब पार्टी के नेताओं को फिर से अपील करना चाहता हूं। हम सब चाहते हैं कि पार्लियामेंट हाउस अच्‍छी तरह से चले।" किरेन रिजिजू (संसदीय कार्य मंत्री) 
सुनें- 

अटल पेंशन योजना में 8.34 करोड़ लोग जुड़े

अटल पेंशन योजना में आठ करोड़ 34 लाख से अधिक लोग जुड़ चुके हैं। इनमें 48 प्रतिशत महिलाएं हैं। मई 2015 में शुरू इस योजना का उद्देश्‍य नागरिकों, विशेषकर असंगठित क्षेत्र के कामगारों को सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा प्रणाली के माध्‍यम से सशक्‍त बनाना है। योजना 18 से 40 वर्ष के उन नागरिकों के लिए है, जिनका बैंक या डाकघर में बचत खाता है। लाभार्थी, 60 वर्ष की उम्र बाद पेंशन लाभ प्राप्‍त कर सकता हैं। वर्ष 2035 से ये लाभ मिलने शुरू होने की संभावना है।

        सरकार और पेंशन निधि नियामक तथा विकास प्राधिकरण की अनेक पहलों से योजना के बारे में जागरूकता में तेज़ी लाई है।  नाबार्ड, एनसीएफई, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन और राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन सहित कई संस्थानों ने भी जागरूकता अभियानों का समर्थन किया है। यह योजना डाक विभाग और बैंकों के एक विस्तृत नेटवर्क के माध्यम से कार्यान्वित की जा रही है। इसमें सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, निजी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, लघु वित्त बैंक और सहकारी बैंक शामिल हैं। -निर्मला सीतारमण, वित्‍त मंत्री (लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में)

दो विधेयकों पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने मिला और समय

दिवालियापन कानून और जन विश्वास प्रावधान संशोधन विधेयकों से संबंधित दो संसदीय समितियों को इन विधेयकों पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने लोकसभा ने (सोमवार को) अतिरिक्त समय दे दिया। यह निर्णय उस समय लिया गया जब विपक्ष SIR पर हंगामा कर रहा था। 
लोकसभा ने इंसाल्वेंर्स एंड बैंकरप्सी कोड (संशोधन) विधेयक-2025 पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए समिति को शीत-सत्र के अंतिम दिन तक का समय दिया हैं। यह विधेयक 12 अगस्त को निचले सदन में प्रस्तुत किए जाने बाद समिति की भेजा गया था। इसमें दिवालियापन कानून में कई संशोधनों का प्रस्ताव हैं। लोकसभा ने जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) विधेयक-2025 संबंधी एक अन्य संसदीय समिति को रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए शीतकालीन सत्र के दूसरे सप्ताह के अंतिम दिन तक समय दिया है।
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प्रयागराज माघ मेला-2026 विशेषांक 
विशेषांक देशभर में तीन बार भोपाल से भेजा जाएगा एवं मेले में स्थित शिविरों में (सन्तों धर्माचार्यों आदि को), मेला क्षेत्र में स्थित विभिन्न कार्यालयों, सरकारी एवं निजी प्रदर्शनियों आदि को फ्री या "सौजन्य से..." होगा। इसके साथ मेला क्षेत्र में कार, बस आदि निजी वाहनों से आने वाले तीर्थयात्रियों, श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को दिया जाएगा, जिस प्रकार प्रयागराज महाकुंभ-2025 पर "धर्म नगरी" के तीन विशेषांकों को बांटा या सम्मान के साथ दिया गया। 
प्रयागराज माघ मेला-2026 के विशेषांको में आप भी संगम क्षेत्र के आयोजित 
अपने शिविर (कैम्प) की जानकारी, शिविर में होने वाले कार्यक्रम (यदि कोई हो), सारगर्भित लेख, अपने आश्रम मठ की गतिविधियां आदि प्रकाशित करवा सकते हैं। अथवा अपनी शुभकामना आदि के साथ अपने नाम से विशेषांक बटवा सकते हैं (देखें ऊपर बायीं कोने में)। यदि आप इच्छुक हों, तो संपर्क करें +91 8109107075 वाट्सएप ईमेल- dharm.nagari@gmail.com 
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